तकनीकी विश्लेषण कैसे काम करता है

चार्ट पैटर्न:
तकनिकी विश्लेषण - Technical Analysis
तकनीकी विश्लेषण एक ऐसी पद्धति है जो बाजार के आंकड़ों का उपयोग करके निर्णय खरीदती है और बेचती है। इसमें मुख्य रूप से विश्लेषण किए जा रहे चार्टी का अध्ययन करने वाले चार्ट का अध्ययन करना शामिल है और जो भी सुरक्षा का विश्लेषण किया जा रहा है।
यह कैसे काम करता (उदाहरण): तकनीकी विश्लेषण करने के लिए, निवेशक उन चारों से शुरू होते हैं जो किसी विशेष सुरक्षा या इंडेक्स (उदाहरण के लिए, डॉ जोन्स इंडस्ट्रियल औसत) के मूल्य और व्यापार वॉल्यूम इतिहास को दिखाते हैं
और साथ ही अन्य सांख्यिकीय उपायों की मेजबानी करते हैं जैसे मूविंग एवरेज, मैक्सिमम्स और मिनिमम्स, और प्रतिशत परिवर्तन।
विचार उन प्रवृत्तियों में रुझानों और परिवर्तनों की पहचान करने के लिए चार्ट का उपयोग करना है। कई प्रकार के रुझान और पैटर्न हैं, कुछ असामान्य नामों के साथ आयतों, त्रिकोण, बोलिंगर बैंड उलटा सिर और कंधे, candlesticks, एमएसीडी हिस्टोग्राम, stochastics, और बहुत आगे कुछ तकनीकी विश्लेषकों ने व्यापार डेटा की व्याख्या करने के लिए संकेतक और ऑसीलेटर का भी उपयोग किया है। यह क्यों मायने रखता है:
तकनीकी विश्लेषण और इसके लाभों के बारे में जानें
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चाहे आप ट्रेडिंग के लिए नए हैं या कुछ समय से ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो निश्चित रूप से आपका परिचय ‘तकनीकी विश्लेषण’ शब्द से हुआ होगा। तकनीकी विश्लेषण कैसे काम करता है जब आप किसी भी परिसंपत्ति वर्ग या बाजार में निवेश कर रहे होते हैं, तो ट्रेड को समझने के लिए आपको आसान जानकारी की आवश्यकता होगी। आपको दो प्रकार के विश्लेषणों की आवश्यकता होगी: मौलिक और तकनीकी विश्लेषण।
जबकि मौलिक विश्लेषण में बैलेंस शीट को देखना, उद्योग और कंपनी की पुस्तकों का अध्ययन करने के रूप में सूक्ष्म कारकों की समझ शामिल है, उदाहरण के लिए, तकनीकी विश्लेषण पूरी तरह से चार्ट, पैटर्न, और सांख्यिकीय उपकरण है कि मदद एक ट्रेडर बाजार की प्रवृत्ति को समझने के बारे में है। यह एक ट्रेडर चार्ट, लाइनों, और पैटर्न की मदद से एक निश्चित स्टॉक का आकलन करने में मदद करता है। यह चार्ट पर विशिष्ट परिसंपत्ति के इतिहास के आधार पर मूल्य के उतार-चढ़ाव को देखने में मदद करता है। भविष्यवाणियों के लिए, अतीत में परिसंपत्ति की कीमत और मात्रा का ध्यान रखा जाता है।
तकनीकी विश्लेषण क्या है?
दूसरी ओर, तकनीकी विश्लेषण, एक पद्धति है जो किसी शेयर या बाजार में सक्रिय शेयर की भविष्य की कीमत की भविष्यवाणी करने तकनीकी विश्लेषण कैसे काम करता है में मदद करती है। यह सभी भविष्यवाणी स्टॉक के पिछले प्रदर्शन के आंकड़ों पर आधारित है।
और, इस विशिष्ट उद्देश्य के लिए, स्टॉक के मूल्य परिवर्तन को यह समझने के लिए सुनिश्चित किया जाता है कि आने वाले दिनों में मूल्य कैसे बदलेगा। यदि तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कर रहे हैं, तो तीन सुनहरे नियम हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना होगा, जैसे:
- कीमतोंछूट हर जानकारी जो जनता के लिए उपलब्ध है
- मूल्य में उतार-चढ़ाव यादृच्छिक नहीं होगा, और तकनीकी उपकरणों की मदद से कीमत के कार्यों के पीछे के रुझान को लागू किया जा सकता है
- मूल्य रुझान खुद को दोहरा सकते हैं
मौलिक विश्लेषण और तकनीकी विश्लेषण के बीच महत्वपूर्ण अंतर:
आप बुनियादी विश्लेषण और तकनीकी विश्लेषण के अंतर को आसानी से निकाल सकते हैंआधार नीचे दिए गए औचित्य के बारे में:
मौलिक विश्लेषण सुरक्षा का आकलन करने का एक तरीका है जिससे दीर्घकालिक निवेश के अवसरों के लिए इसके आंतरिक मूल्य को समझा जा सके। इसके विपरीत, तकनीकी विश्लेषण वर्तमान के साथ-साथ पिछली कीमत और लेन-देन की मात्रा के आधार पर सुरक्षा की भविष्य की कीमत का मूल्यांकन और भविष्यवाणी करने का एक तरीका है। यह भी यह समझने का एक महत्वपूर्ण तरीका है कि भविष्य में स्टॉक कैसे काम करेगा।
शॉर्ट टर्म ट्रेडों के लिए उपयोग किए जाने वाले तकनीकी विश्लेषण की तुलना में, मौलिक विश्लेषण स्टॉक का विश्लेषण करने के लिए अधिक विस्तारित अवधि का उपयोग करता है। इस प्रकार, यह रणनीति ऐसे निवेशकों द्वारा एकीकृत की जाती है जो उन शेयरों में निवेश करना चाहते हैं जिनकी कुछ वर्षों में वृद्धि हुई मूल्य होने की अधिक संभावना है।
तकनीकी विश्लेषण कैसे काम करता है
पैसे की पाठशाला
अक्सर लोग शेयर बाजार से डरते हैं, लेकिन वास्तव में हर वह काम खतरनाक है जिसे आपको करना नहीं आता। अगर आपने कार चलाना नहीं सीखा और कार चलाने लगे तो क्या होगा? जब आप किसी भी ऐसे कारोबार में पैसा लगाते हैं, जिसकी आपको अच्छी जानकारी नहीं है, तो आप अपनी सारी पूँजी गँवा सकते हैं।
अक्सर लोग शेयर बाजार को एक निवेश या कारोबार मानते ही नहीं, वे इसे सट्टा बाजार की तरह देखते हैं। अगर आप इसे सट्टा बाजार मान कर सौदे करेंगे तो उसके परिणाम भी सट्टे की तरह ही आयेंगे। बिना जानकारी के हर कारोबार एक सट्टा ही है। लोग कुछ सीखे बिना, समय दिये बिना 100% कमाई की इच्छा रखते हैं। यह कैसे मुमकिन है? जब नजरिया ही गलत हो तो नुकसान होगा ही। लेकिन लोग इस नुकसान का दोष शेयर बाजार को देते हैं।
कैसे समझें किसी शेयर या कमोडिटी को?
किसी शेयर या कमोडिटी में निवेश और सौदे करने के लिए दो तरह से विश्लेषण किया जाता है - बुनियादी बातों (फंडामेंटल) और तकनीकी विश्लेषण (टेक्निकल एनालिसिस) के आधार पर। तकनीकी विश्लेषण किसी शेयर या कमोडिटी में आने वाली मांग और आपूर्ति को को समझने का तरीका है। जब भी किसी शेयर में एक सौदा होता है तो उसमें एक लेने वाला और तकनीकी विश्लेषण कैसे काम करता है एक बेचने वाला होता है। तकनीकी विश्लेषण खरीदारों और बेचने वालों की संख्या और उससे मूल्य पर होने वाले असर को समझने का तरीका है। हम सब जानते हैं कि जब मांग ज्यादा होती है तो मूल्य उपर जाता है और जब आपूर्ति ज्यादा होती है तो मूल्य नीचे आता है।
तकनीकी विश्लेषण का मनोविज्ञान
तकनीकी विश्लेषण में मनोविज्ञान की खास भूमिका है। हम जब बुनियादी तरीके से किसी कंपनी का आकलन करते हैं तो उसकी आर्थिक स्थिति, उसके कारोबार और लाभ-हानि वगैरह को देखा जाता है। लेकिन तकनीकी विश्लेषण में शेयर या कमोडिटी के केवल मूल्य के व्यवहार को देखा जाता है। इसमें यह माना जाता है कि किसी भी कंपनी के बारे में जो भी जानकारियाँ उपलब्ध हैं, उनका असर उसके शेयर के मूल्य में पहले ही आ चुका है। मतलब यह कि एक शेयर का मूल्य हर उपलब्ध जानकारी को पहले ही दर्शा रहा है।
किसी भी शेयर के मूल्य में उतार-चढ़ाव के तमाम बुनियादी कारण होते हैं, जैसे उस कंपनी की आमदनी, विश्व अर्थव्यवस्था की हालत, घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत, ब्याज दरें, मौसम, राजनीति, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, शेयर बाजार में आने-जाने वाली नकदी (लिक्विडिटी) की हालत वगैरह। इन सब कारणों से बाजार में काम करने वाले निवेशकों और कारोबारियों के उत्साह पर असर होता है और इसी वजह से शेयरों के मूल्य में तकनीकी विश्लेषण कैसे काम करता है छोटी अवधि में भी लगातार उतार-चढ़ाव चलता रहता है। छोटी अवधि में शेयरों के मूल्य पर बुनियादी बातों से कहीं ज्यादा असर धारणा और उत्साह का होता है।
लोगों के मन पर जो धारणाएँ सबसे ज्यादा असर डालती हैं, वे हैं डर और लालच। किसी भी चीज को लेने वाले के मन में लालच यह रहता है कि सस्ता मिल रहा है और डर यह रहता है कि कल यह इतना सस्ता नहीं मिलेगा। उसी समय बेचने वाले में लालच यह रहता है कि आज महंगा बिक रहा है और डर यह रहता है कि कल इस भाव पर नहीं बिकेगा। दोनों में ये भावनाएँ एक साथ काम करती हैं, जिससे एक सौदा हो जाता है। दोनों में से एक में भी डर या लालच नहीं हो तो वह सौदा नहीं हो सकता। इस सौदे के होने से भाव में उपर या नीचे की ओर जो भी बदलाव आता है, उसी के उतार चड़ाव को तकनीकी विश्लेषण में समझा जाता है। सीधे-सीधे यह किसी चीज के भाव के व्यवहार का विश्लेषण है।
कैसे काम करता है तकनीकी विश्लेषण?
सवाल है कि जो भाव निकल चुका है, उसका विश्लेषण करके क्या मिलेगा? दरअसल तकनीकी विश्लेषण इस सोच पर टिका है कि इतिहास अपने आपको दोहराता है। बाजार में भाव ऊपर-नीचे होने से भाव की कुछ खास तरह की संरचनाएँ (प्राइस पैटर्न) बनती हैं और ये संरचनाएँ बार-बार अपने आप को दोहराती हैं। अगर कभी कोई खास संरचना बनने पर भाव गिर तकनीकी विश्लेषण कैसे काम करता है जाता है तो अगली बार किसी और शेयर में वैसी ही संरचना बनने पर उसका भी भाव गिर जाने की काफी संभावना होती है।
आप किसी किसान से पूछें कि बारिश आने वाली है या नहीं तो वह सरल तरीके से आसमान में देखेगा और बादलों को देख कर, या हवा में नमी को महसूस करके आपको लगभग सही-सही बता देगा कि बारिश आने वाली है या नहीं। वह किसान भी एक तरह से तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल कर रहा है, भले ही उसे इसका नाम तक नहीं पता। उस किसान का अनुभव उसे बताता है कि बारिश होने से पहले बादल कैसे होते हैं, हवा की गति कैसी होती है, हवा में नमी कैसी होती है। वह अनुभव उसे मिलता है सालों से बार-बार बारिश के पहले की संरचनाओं को समझ कर।
ऐसे ही आप किसी तकनीकी विश्लेषक से किसी शेयर के बारे में पूछेंगे तो वह उसकी कीमत का चार्ट देखेगा और उसमें बनती संरचनाओं के आधार पर आगे का अनुमान लगायेगा। मतलब यह है कि तकनीकी विश्लेषण किसी शेयर या कमोडिटी की कीमतों के पिछले व्यवहार को पैमाना बना कर भविष्य का अंदाजा लगाने के एक सुविचारित अध्ययन का नाम है।
जिंदगी में हर जगह है तकनीकी विश्लेषण
यह कोई ऐसी चीज नहीं है जिसका आपका इस्तेमाल न करते हों। सिर्फ आपको इसका नाम नहीं पता। एक पति अपनी पत्नी के ऐतिहासिक व्यवहार को पैमाना बना कर ही उससे आज व्यवहार करता है। वह जानता है कि पिछली बार किसी खास परिस्थिति में किसी बात का परिणाम क्या हुआ था। अगर वैसी ही परिस्थिति आज फिर आयी है तो अपने पुराने अनुभव से वह जानता है कि आज क्या करना है! वह भी ऐतिहासिक व्यवहार को आधार बना कर भविष्य का अनुमान लगा रहा है, यानी एक तरह से तकनीकी विश्लेषण का ही सहारा ले रहा है।
बच्चे अपने माँ-बाप के साथ, अधिकारी अपने अधीन काम करने वालों के साथ, प्रेमी प्रेमिका के साथ, गुरु शिष्य के साथ, खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी के साथ, हर समय इसी का इस्तेमाल करते हैं। वे एक-दूसरे के ऐतिहासिक व्यवहार का विश्लेषण करके भविष्य की संभावनाओं का अंदाजा लगाते हैं। समय के साथ उनका विश्लेषण सटीक होता जाता और उसके साथ ही उनका अंदाजा सही होने लगता है। कभी-कभी आपकी सोची हुई संभावना के हिसाब से काम नहीं होता। तब आपको लगता है कि आपका अंदाजा गलत हो गया और आप उसके हिसाब से अपना व्यवहार बदल लेते हैं। तकनीकी विश्लेषण में यही बात घाटा काटने के स्तर (स्टॉप लॉस) की तरह से दिखती है।
चतुर पैसे के पैरों की छाप
यह मान कर चलें कि जिस समय आप बाजार में खरीद-बिक्री कर रहे होते हैं, बिल्कुल तकनीकी विश्लेषण कैसे काम करता है उसी समय आपसे कहीं ज्यादा चतुर और ज्यादा बड़ी पूँजी ले कर चलने वाला निवेशक भी इस बाजार में मौजूद होता है। उस चतुर निवेशक या चतुर पैसे (स्मार्ट मनी) की जानकारी, सूचनाओं और पूँजी का स्तर आपसे कहीं ज्यादा है। उस चतुर पैसे का आकर इतना बड़ा होता है कि उसकी आने और जाने के पदचिह्न देखे जा सकते हैं। अगर आप उसके पैरों की छाप को पहचानते हैं तो उस चतुर पैसे का भावों पर असर साफ देख सकते हैं। आप कई बार देखते हैं कि जब किसी कंपनी के नतीजे अच्छे नहीं आते तो उसके शेयर का भाव नतीजे आने से पहले ही गिर चुका होता है। चतुर पैसे को पहले से यह अहसास होता है कि नतीजे अच्छे नहीं आने वाले, इसलिए वह उस शेयर से पहले ही बाहर निकल जाता है।
तकनीकी विश्लेषण की मदद से आप जान सकते हैं कि वह चतुर पैसा किधर जा रहा है और कहाँ से बाहर हो रहा है। अगर आप उस चतुर पैसे के पीछे चलेंगे तो नुकसान का जोखिम कम होगा।
उस चतुर पैसे का कोई नाम नहीं है। वह कोई म्यूचुअल फंड, कोई बैंक, कोई बीमा कंपनी, कोई हेज फंड, कोई बड़ा निवेशक, कोई विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) - कोई भी हो सकता है। तकनीकी विश्लेषण में उसका नाम जानने की जरूरत भी नहीं है। लेकिन उसका काम दिखाई देता है।
उस चतुर पैसे के बहाव की दिशा को देख कर आप बाजार की चाल का अंदाजा लगा सकते हैं। वह चतुर पैसा जब किसी शेयर में निवेश करता है या उससे बाहर निकलता है तो उस शेयर के भाव पर एक बड़ा असर छोड़ जाता है। उस भाव का विश्लेषण करके एक तकनीकी विश्लेषक उस शेयर को खरीदने या बेचने का फैसला कर सकता है।
नौसिखियों के लिए मूविंग एवरेज इंडिकेटर
Olymp Trade प्लेटफॉर्म पर, तकनीकी विश्लेषण के ट्रेंड इंडिकेटर खंड में पहले तीन इंडिकेटर मूविंग एवरेज हैं। ये हैं सिंपल मूविंग एवरेज (SMA), एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA), और वेटेड मूविंग एवरेज (WMA) और विभिन्न तरीकों को दर्शाता है कि कैसे औसत (एवरेज) की गणना की जाती है।
Olymp Trade प्लेटफॉर्म पर इंडिकेटर साइडबार में तीन मूविंग एवरेज
मूविंग एवरेज इंडिकेटर का उपयोग करने के सबसे आसान तरीके क्या हैं?
ट्रेंड की दिशा का पूर्वानुमान
यदि मूविंग एवरेज बढ़ता है, तो एक अपट्रेंड आ सकता है, और एक अप ट्रेड खोलना उचित होता है।
यदि मूविंग एवरेज गिरता है, तो एक डाउनट्रेंड बन सकता है, और डाउन ट्रेड को खोलना उपयुक्त होता है।
MA के साथ उपयोग किए जाने वाले अन्य इंडिकेटर के संयोजन से बाजार में प्रवेश और निकास बिंदुओं की सबसे बेहतर समझ मिलती है।
ट्रेंड रिवर्सल की पहचान करना
प्रस्तुत है, मूविंग एवरेज का एक तर्क:
यदि MA ऊपर की ओर रिवर्स करता है, और कीमत बढ़ जाती है, एक अपट्रेंड बन सकता है।
यदि MA नीचे की ओर रिवर्स करता है, और कीमत गिर जाती है, एक डाउनट्रेंड बन सकता है।
प्रस्तुत है, दो मूविंग एवरेज का उपयोग करते समय का तर्क:
यदि छोटी अवधि MA नीचे की ओर बड़ी अवधि MA को पार करती है, तो एक डाउनट्रेंड आने वाला है।
सीखने के लिए और भी बहुत कुछ है
सहायता केंद्र अन्य इंडिकेटर सहित उपयोगी ट्रेडिंग सुझावों से परिपूर्ण है।
ऑसिलेटर्स एक अलग स्क्रीन पर चार्ट किए गए इंडिकेटर होते हैं जो अक्सर यह दिखाते हैं कि क्या इंस्ट्रूमेंट की कीमत ओवरबॉट या ओवरसोल्ड क्षेत्र में है।
सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) एक तकनीकी विश्लेषण इंडिकेटर है जो लगातार अपडेट की गई औसत कीमत बनाकर मूल्य डेटा को सहज बनाता है।
EMA वेटेड मूविंग एवरेज का एक प्रकार है जो हालिया आंकड़ों को सबसे अधिक महत्व देता है।
वेटेड मूविंग एवरेज हालिया आंकड़ों पर अधिक महत्व देता है।
सपोर्ट स्तर कई लो (न्यून) द्वारा बनाई गई रेखा है जो कीमत को गिरने के विरुद्ध "समर्थन" करती है।
रेज़िस्टेंस स्तर कई उच्च (हाई) द्वारा बनाई गई रेखा है जो ऊपर की ओर कीमत का "प्रतिरोध" करती है।
टीम में पेशेवर लेखक, विश्लेषक और विशेषज्ञ ट्रेडर शामिल हैं जो ट्रेडिंग और जानकारी साझा करने की विशेषज्ञता दोनों का जुनून रखते हैं।