फिजिकल शेयरों को डीमैट में कैसे बदलें?

अपनी म्यूचुअल फंड यूनिटों को डीमैट में कैसे रखें?
सबसे पहले इसके लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट से एक कंवर्जन रिक्वेस्ट फॉर्म प्राप्त करना होगा.
-डीपी आर्इडी और क्लाइंट आर्इडी
-होल्ड की गर्इ यूनिटों की संख्या
फंड हाउस या डीपी से आर्इएसआर्इएन प्राप्त किया जा सकता है. सभी डीमैट खाताधारकों को फॉर्म पर हस्ताक्षर करना पड़ता है.
किन दस्तावेजों की होगी जरूरत?
कंवर्जन रिक्वेस्ट फॉर्म के साथ खाते का विवरण भी देना होगा. जिन म्यूचुअल फंड यूनिटों को डीमैट फॉर्मेट में बदलना है, उनका नाम खाते के विवरण में शामिल होता फिजिकल शेयरों को डीमैट में कैसे बदलें? है.
क्या है प्रक्रिया?
यूनिटों को डीमैट फॉर्मेट में बदलने के लिए दस्तावेजों के साथ भरे हुए फॉर्म को डीपी के पास जमा करना पड़ता है. वेरिफिकेशन के बाद डीपी फॉर्म को एएमसी/आरटीए को भेज देता है. एएमसी/आरटीए सत्यापन करने के बाद कंवर्जन रिक्वेस्ट की पुष्टि करते हैं. इसके बाद निवेशक के डीमैट खाते में यूनिटें क्रेडिट कर दी जाती हैं.
नया निवेश करने में ध्यान में रखें
म्यूचुअल फंड में नया निवेश करने पर निवेशक को बस यह बताना पड़ता है कि यूनिटों को डीमैट फॉर्मेट में रखा जाना है. उसे निवेश करते वक्त एप्लिकेशन फॉर्म में डीपी आर्इडी और क्लाइंट आर्इडी का उल्लेख करना पड़ता फिजिकल शेयरों को डीमैट में कैसे बदलें? है.
इन बातों का भी रखें ध्यान
1. यूनिटों को डीमैट फॉर्मेट में बदलने के लिए डीमैट खाते और म्यूचुअल फंड फोलियो में होल्डिंग फिजिकल शेयरों को डीमैट में कैसे बदलें? का तरीका एक होना चाहिए.
2. लॉक-इन और फ्री यूनिटों के लिए अलग-अलग कंवर्जन रिक्वेस्ट फॉर्म भरने होंगे.
इस पेज का कंटेंट सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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बिना नॉमिनी खाताधारक की मौत हो जाए तो शेयरों का ट्रांसफर कैसे होता है?
नॉमिनेशन आपके ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट पर लागू होता है. शेयरों या प्रतिभूतियों का ट्रांसफर करने के लिए नॉमिनी का अपॉइंट किया जाना जरूरी है.
जेरोधा के अनुसार, ऑनलाइन अकाउंट खोलने वाले नॉमिनी नहीं जोड़ पाते हैं क्योंकि फिजिकल शेयरों को डीमैट में कैसे बदलें? इसमें फिजिकल सिग्नेचर की जरूरत होती है.
नॉमिनेशन आपके ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट पर लागू होता है. शेयरों या प्रतिभूतियों का ट्रांसफर करने के लिए नॉमिनी का अपॉइंट किया जाना जरूरी है. इसके लिए सेंट्रल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (सीएसडीएल) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) जैसे डिपॉजिटरीज ने नियम बना रखे हैं. स्टॉकब्रोकर इन नियमों का पालन करते हैं.
नॉमिनी न बनाए जाने की स्थिति में अगर अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है तो गजटेड अधिकारी से अटेस्ट किए हुए ओरिजनल डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है. एक बार यह सुनिश्चित किए जाने के बाद फिजिकल शेयरों को डीमैट में कैसे बदलें? कि आवेदन सही है, स्टॉकब्रोकर दावेदार के खाते में शेयरों को ट्रांसफर करते हैं.
शेयरों की वैल्यू 5 लाख रुपये से कम होने फिजिकल शेयरों को डीमैट में कैसे बदलें? पर कानूनी वारिस को कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ते हैं. इनमें डेथ सर्टिफिकेट, नोटरी का लेटर, हलफनामा, सभी वारिसों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट, फैमिली सेटलमेंट डीड की प्रति शामिल हैं.
अगर शेयरों का मूल्य 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो कानूनी वारिसों को सक्सेशन सर्टिफिकेट, खाताधारक की वसीयत की प्रति आदि भी दिखाने की जरूरत पड़ती है. यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि नॉमिनी अकाउंट होल्डर के एसेट का केवल कस्टोडियन होता है. वहीं, कानूनी वारिस वास्तविक हकदार होते हैं. लिहाजा, अच्छा होगा कि नॉमिनी फिजिकल शेयरों को डीमैट में कैसे बदलें? के तौर पर कानूनी वारिस को अपॉइंट किया जाए. इससे विवाद की गुंजाइश कम रह जाती है.
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