सीमाएँ आदेश

धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर रात के अंधेरे में खालिस्तान के झंडे लगाने वाली कायरतापूर्ण घटना की मैं निंदा करता हूं।
म्यांमार सीमाएँ आदेश शरणार्थी : मणिपुर सरकार ने खाना और शरण न देने का आदेश लिया सीमाएँ आदेश वापस
मणिपुर सरकार ने अपने उस पुराने आदेश को वापस ले लिया है जिसमें स्थानीय प्रशासन को म्यामांर में तख्ता पलट के कारण अशांति के हालात के चलते भारत की सीमा में प्रवेश करने वाले इस देश के नागरिकों को खाद्य पदार्थ और आश्रय नहीं देने की बात कही गई थी. गौरतलब है कि यह आदेश 26 मार्च को जारी किया गया था और इसमें 'रक्षा अधिकारियों' से भारत में शरण सीमाएँ आदेश लेने की कोशिश करने वाले म्यांमारी लोगों को विनम्रता से वापस लौटाने की बात कही गई थी.
सीमाएँ आदेश
34 यहोवा ने मूसा से बात की। उसने कहा, 2 “इस्राएल के लोगों को यह आदेश दोः तुम लोग कनान देश में आ रहे हो। तुम लोग इस देश को हराओगे। तुम लोग पूरा कनान देश ले लोगे। 3 दक्षिणी ओर तुम लोग एदोम के निकट सीन मरुभूमि का भाग प्राप्त करोगे। तुम्हारी दक्षिणी सीमा मृत सागर की दक्षिणी छोर से आरम्भ होगी। 4 सीमाएँ आदेश यह बिच्छूदर्रे (स्कार्पियन पास) के दक्षिण से गुजरेगी। यह सीन मरुभूमि से होकर कादेशबर्ने तक जाएगी, और तब हसरद्दार तथा तब यह अस्मोन से होकर जाएगी। 5 अस्मोन से सीमा मिस्र की नदी तक जाएगी और इसका अन्त भूमध्य सागर पर होगा। 6 तुम्हारी पश्चिमी सीमा भूमध्य सागर होगी। 7 तुम्हारी उत्तरी सीमा भूमध्य सागर पर आरम्भ होगी और होर पर्वत तक जाएगी। लबानोन में 8 होर पर्वत से यह लेबोहामात को जाएगी और तब सदाद कहो। 9 तब यह सीमा जिप्रोन को जाएगी और तथा यह हसेरनान पर समाप्त होगी। इस प्रकार यह तुम्हारी उत्तरी सीमा होगी। 10 तुम्हारी पूर्वी सीमा एनान पर आरम्भ होगी और यह शापान तक जाएगी। 11 शापान से सीमा ऐन के पूर्व रिबला तक जाएगी। किन्नरेत सागर गलील के सागर के साथ की पहाड़ियों के साथ सीमा चलती रहेगी। 12 तब सीमा यरदन नदी के साथ—साथ चलेगी। इसका अन्त मृत सागर पर होगा। तुम्हारे देश के चारों ओर की सीमा यही है।”
13 मूसा ने इस्राएल के लोगों को आदेश दियाः “यही वह देश है जिसे तुम प्राप्त करोगे। तुम लोग नौ परिवार समूहों और मनश्शे परिवार समूह के आधे लोगों के लिए भूमि बाँटने के लिए उनके नाम गोटें डालोगे। 14 रूबेन, गाद और मनश्शे के आधे परिवार के लोगों के परिवार समूहों ने पहले ही अपना प्रदेश ले लिया है। 15 उस ढाई परिवार समूह ने यरीहो के निकट यरदन नदी के पूर्व अपना प्रदेश ले लिया है।”
16 तब यहोवा ने मूसा से बात की। उसने कहा, 17 “ये लोग हैं जो भूमि बाँटने में तुम्हारी सहायता करेंगेः याजक एलीआज़ार, नून का पुत्र यहोशू 18 और हर एक परिवार समूह से तुम एक नेता चुनोगे। ये लोग भूमि का बँटवारा करेंगे। 19 नेताओं के नाम ये हैं:
यहूदा के परिवार समूह से, यपुन्ने का पुत्र कालेब;
20 शिमोन के परिवार समूह से, अम्मीहूद का पुत्र शमूएल।
21 बिन्यामीन के परिवार समूह से, किसलोन का पुत्र एलीदाद।
22 दान सीमाएँ आदेश के परिवार समूह से, योग्ली का पुत्र बुक्की।
23 मनश्शे (यूसुफ का पुत्र) के परिवार समूह से, एपोद का पुत्र हन्नीएल।
24 एप्रैम (यूसुफ का पुत्र) के परिवार समूह से, शिप्तान का पुत्र कमूएल।
25 जबूलून के परिवार सीमाएँ आदेश समूह से, पर्नाक का पुत्र एलीसापान।
26 इस्साकार के परिवार समूह से, अज्जान का पुत्र पलतीएल।
27 आशेर के परिवार समूह से, शलोमी का पुत्र अहीदूद।
28 सीमाएँ आदेश नप्ताली के परिवार समूह से, अम्मीहूद का पुत्र पदहेल।”
29 यहोवा ने इन पुरुषों को इस्राएल के लोगों में कनान की भूमि बाँटने के लिये चुना।
'खालिस्तान' मुद्दे पर हिमाचल की सीमाएँ सील, बढ़ाई गई सुरक्षा
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हिमाचल प्रदेश के विधानसभा भवन पर खालिस्तानी झंडे लगाए जाने और नारे लिखने का मामला सामने आने के बाद राज्य में रविवार रात से सुरक्षा बढ़ा दी गई। अंतरराज्यीय सीमाओं को भी सील कर दिया गया है। होटलों जैसी जगहों पर कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया गया है। दरअसल, इतनी चौकसी इसलिए की जा रही है कि विधानसभा भवन के बाहर जो नारे लिखे थे उसके साथ ही 'खालिस्तान' जनमत संग्रह का आह्वान किया गया था। इस मामले में अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून पर आतंकवाद विरोधी क़ानून यूएपीए और अन्य दंडात्मक अपराधों के सीमाएँ आदेश तहत मामला दर्ज किया गया।
रिपोर्ट है कि प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे ने घोषणा की है कि वह छह जून को हिमाचल प्रदेश में 'खालिस्तान' जनमत संग्रह कराएगा। हिमाचल में 'खालिस्तान' का यह मुद्दा सामने आने पर रविवार देर रात को सुरक्षा चौकसी बढ़ी हुई दिखी।
अंतरराज्यीय सीमाओं पर पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि बम निरोधक इकाइयों को हाई अलर्ट पर सीमाएँ आदेश रखा गया है और राज्य के महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार डीजीपी ने स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट, बम निरोधक दस्ता और क्विक रिएक्शन टीम को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। इन्हें बस स्टेशनों, टाउन, सरकारी इमारतों और राष्ट्रीय इमारतों की सुरक्षा पुख्ता करने का आदेश दिया गया है।
आदेश की प्रति में पड़ोसी राज्यों में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों से जुड़ी कई हालिया घटनाओं का भी ज़िक्र है।
राज्य सरकार का यह आदेश रविवार रात को सामने तब आया जब रविवार सुबह ही धर्मशाला में विधानसभा भवन के द्वार पर खालिस्तानी झंडे लगाए हुए मिले थे। धर्मशाला के बाहरी इलाक़े में स्थित विधानसभा परिसर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे भी लिखे थे।
जयराम ठाकुर ने उस घटना तुरंत बाद रविवार सुबह ही ट्वीट किया, 'धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाने की कायराना हरकत की निंदा करता हूँ।" उन्होंने आगे कहा कि इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र होने और इसी वजह से कम सुरक्षा व्यवस्था होने का फायदा उठाकर कायराना हरकत की गई है। मुख्यमंत्री ने चेताया था कि यदि ऐसी हरकत करने वालों की हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएँ।
धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर रात के अंधेरे में खालिस्तान के झंडे लगाने वाली कायरतापूर्ण घटना की मैं निंदा करता हूं।
इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है इसलिए यहां सीमाएँ आदेश अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) May 8, 2022एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 26 अप्रैल को जारी एक खुफिया अलर्ट ने ऐसी घटना की चेतावनी दी थी। अलर्ट में दावा किया गया है कि सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र जारी कर कहा था कि शिमला में भिंडरावाले और खालिस्तान का झंडा फहराया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश ने भिंडरावाले और खालसीतानी झंडे ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे एसएफजे आंदोलन कर रहा था। संगठन ने घोषणा की थी कि वह 29 मार्च को खालिस्तानी झंडा फहराएगा लेकिन भारी सुरक्षा के कारण वह ऐसा नहीं कर सका था।
सार्वजनिक खरीद में बोली लगाने संबंधी नियमों में सख्ती
हाल ही में भारत सरकार सीमाएँ आदेश ने सामान्य वित्तीय नियमावली, 2017 (General Financial Rules 2017) में संशोधन करते हुए भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों के निवेशकों की ओर से सार्वजनिक खरीद में बोली लगाने पर कुछ प्रतिबंध अधिरोपित किये हैं।