म्युचुअल फंड

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 23, 2021 15:46 IST
म्युचुअल फंड वितरकों के मुकाबले म्युचुअल फंड बीमा एजेंटों की संख्या है ज्यादा
म्युचुअल फंड उद्योग एक बार फिर बीमा कंपनियों से पिछड़ गया है। यहां बात हो रही है म्युचुअल फंड वितरकों और बीमा एजेंटों की, जो उनकी योजनाएं आम निवेशक तक पहुंचाते हैं। बीमा नियामक आईआरडीएआई की 2017-18 की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि वैयक्तिक बीमा एजेंटों की संख्या 21 लाख थी, जो म्युचुअल फंड वितरकों की कुल संख्या के मुकाबले 10 गुना है।
उद्योग के अनुमान के मुताबिक, अभी म्युचुअल फंड वितरकों की संख्या 2,20,217 है। पिछले साल वैयक्तिक बीमा एजेंटों की संख्या 20 लाख थी, जो म्युचुअल फंड वितरकों की संख्या 2,65,000 के मुकाबले आठ गुना है। एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के मुख्य कार्याधिकारी राधिका गुप्ता ने कहा, कई नियामकीय बदलाव के कारण म्युचुअल फंड वितरकों के लिए वर्ष चुनौतीपूर्ण रहा है। छोटे वितरकों के लिए कारोबार की म्युचुअल फंड व्यवहार्यता चुनौतीपूर्ण बन गई क्योंकि एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के लिए अग्रिम कमीशन खत्म कर दिया गया है।
पर्सनल फाइनेंस: म्युचुअल फंड में निवेश करने का बना रहे हैं प्लान तो इन 7 बातों को रखें ध्यान, नहीं तो हो सकता है नुकसान
निवेशकों में म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी इसमें निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो निवेश करने से पहले इसकी कुछ बातों को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है। अगर किसी एजेंट के द्वारा आप म्युचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो हो सकता है वो आपको पूरा जानकारी न दे। कई बार देखने में आता है कि नए निवेशक को इसके बारे में अधूरी जानकारी होती है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने और बेहतर रिटर्न पाने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान म्युचुअल फंड रखना चाहिए।
म्युचुअल फंड में निवेश के जोखिम
किसी भी व्यक्तिगत संपत्ति में म्युचुअल फंड निवेश करने की तुलना में म्यूचुअल फंड में निवेश करना कम जोखिम भरा माना जाता है। लोग आम तौर पर दुर्भाग्य से म्यूचुअल फंड में निवेश के जोखिमों को पूरी तरह से अनदेखा करते हैं, और इसे जोखिम-मुक्त निवेश के रूप में लेना शुरू करते हैं जो बेहद खतरनाक हो सकता है।
हर निवेशक को किसी भी परिसंपत्ति में निवेश करने से पहले जोखिम का पता होना चाहिए। इस लेख में, हम म्यूचुअल फंड में शामिल कुछ जोखिमों के बारे में चर्चा करेंगे।
डेब्ट म्युचुअल फंड जोखिम
डेब्ट म्यूचुअल फंड निवेश एक निश्चित आय वाला साधन होता है। वे निवेशक के लिए नियमित आय उत्पन्न करते हैं और अन्य प्रकार के म्यूचुअल फंडों की तुलना में आमतौर पर सुरक्षित माने जाते हैं। एकमुश्त (या एसआईपी) राशि इस परिसंपत्ति वर्ग में जमा की जाती है और यह क्वाटर्ली, छमाही या वार्षिक आधार पर निवेशक के जमा राशि पर ब्याज का भुगतान करती है। डेट फंड आमतौर पर कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड, कमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल, आदि में अपना कोष निवेश करते हैं।
म्युचुअल फंड के लिए शुरुआती गाइड
इस कोर्स में म्युचल फंड के बारे विस्तार से बताया गया है। साथ ही म्युचल फंड के संबंधी जरूरी सारे प्वाइंट को कवर किया गया है। यह भी बताया गया है कि म्युचल फंड कितने प्रकार के होते है । इसी के साथ इस कोर्स में कम पैसे की लागत पर और कम रिस्क के साथ किन- किन म्युचल फंड में निवेश किया जा सकता है यह भी बताया गया है।
About the Trainer
Prasad Lendwe’s journey has been about learning from experience and dispensing the same to the masses and people around him. He pursued a Diploma in Electrical Engineering from Veermata Jijabai Technological Institute, Mumbai and later on a B.E in Electrical Engineering. He is a self taught person who has learned and is still learning from real life experiences and resources at hand. Talking about the nuances of stock market investment with the tinge of his personal experience his community (FinnovationZ India) grew exponentially, and now is a family of 1.5 million subscribers who love him for his simple and effective explanation about the nitty gritty of the finance world. His journey and efforts have been voluntarily covered म्युचुअल फंड म्युचुअल फंड by “bloomberg” “NDTV” “Quartz” “Startup Info” to name a few.
Objective
इस कोर्स के द्वारा जनसामान्य को म्युचल फंड के बारे में समझाने का प्रयास किया गया है। ताकि लोग जान सके कि म्युचल फंड में किस तरीके काम करता है और आम सेविंग के हिसाब से किस तरीके से बेहतर है।
इस कोर्स की सहायता से एक सामान्य नागरिक भी जान सकेगा कि वह किस प्रकार आसानी से पैसों की सेविंग कर सके। साथ ही जान पाएं कि म्युचल फंड में कौन-कौन से टर्म्स उपयोग में आते है।
Topics Covered
इस कोर्स में म्युचल फंड , एसआईपी, टाइप ऑफ म्युचल फंड, एक्सपेंस रेशियो, सेव कमशिन इन म्युचल फंड , म्युचल फंड कोट्स, एसआईपी & Lump sum इनवेस्टिंग, और इंडिया के बेस्ट म्युचल फंड के बारे में बताया गया है।
कोई व्यक्ति या graduate जो कि finance में करियर बनाना चाहता है। चाहे वह इंजीनियरिंग और अन्य टेक्नोलॉजी बैकग्राउंड से हो, वह इस कोर्स के जरिए finance में नए opportunity को देख सकता है। उनके skill के base पर finance field में यह कोर्स करियर का selection करने में फायदेमंद साबित होगा
म्यूचुअल फंड यूनिट भुनाने की यह है प्रक्रिया
अगर आप म्यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। अगर आप खुद जाकर यह काम करना चाहते हैं तो आपको म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट से पहले ट्रांजैक्शन स्लिप डाउनलोड कर लीजिए और उसे अच्छी तरह भर लीजिए। इय रिडेंप्शन अप्लिकेशन को आप म्यूचुअल फंड कंपनी के आधिकारिक कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। आप चाहें तो म्यूचुअल फंड कंपनियों की ऑनलाइन सुविधा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। कई म्यूचुअल फंड कंपनियां अपनी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन रिडेंप्शन (म्यूचुअल फंड यूनिट भुनाने) की सुविधा उपलब्ध कराती हैं। अगर आपने ऑनलाइन पोर्टल के जरिए निवेश किया है तो आप ऑनलाइन फैसिलिटी का इस्तेमाल करते हुए अपने यूनिट भी भुना सकते हैं।
अगर आपने लिक्विड या डेट ओरिएंटेड म्यूचुअल फंडों में निवेश किया हुआ है तो आपको एक से दो दिनों में पैसे मिल जाएंगे। इक्विटी फंडों का पैसा 4-5 दिनों में निवेशकों के पास आ जाता है। हां, ध्यान रखने लायक बात यह है कि अगर आपने इक्विटी फंडों में निवेश किया हुआ है और यूनिट खरीदने के 365 दिनों के भीतर उसे भुना रहे हैं तो आपको एक फीसदी का एक्जिट लोड देना पर सकता है। लिक्विड फंड, अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स आदि पर कोई एक्जिट लोड नहीं लगता है।