ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश

चीनी सामान को जल्द मात देगा स्वदेशी उत्पाद, छोटे ट्रेडर्स ने की तैयारी, 10 जून से शुरू होगा अभियान
नई दिल्ली . देश में बढ़ते कोरोना (Covid-19) संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ‘आत्म निर्भर भारत’ के निर्माण की बात कहते ही देश में विदेशी सामान की बिक्री पर लगाम लगाने लगी है. कई छोटे व्यापारियों ने स्वेदश निर्मित उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए तियारी शुरू कर दी है. चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) बुधवार यानी 10 जून से एक बड़ा अभियान शुरू करने का फैसला लिया गया है. हालांकि इस मुहिम में बड़े ट्रेडर्स का नजरिया थोड़ा अलग है.
10 जून से शुरू होगा छोटे ट्रेडर्स का अभियान
चीनी सामान के बहिष्कार को लेकर कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) बुधवार यानी 10 जून से एक अभियान शुरू करने जा रहा है. जिसके तहत 7 करोड़ से भी ज्यादा छोटे खुदरा व्यापारी विदेशी उत्पादों का मौजूदा स्टॉक खत्म होने के बाद नया इम्पोर्ट नहीं करेंगे. CAIT ने चीन द्वारा उत्पादित 3000 सामान की लिस्ट तैयार ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश की है जिसमें साबुन, टूस्थपेस्ट, होम एप्लायंस, खिलौने आदि शामिल हैं. कैट की ओर से कहा गया है कि हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2021 तक चीनी सामानों के आयात में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए कम कर दिए जाएं.
बड़े उद्योगपतियों का ‘वोकल फॉर लोकल’ को लेकर ये है मानना
अब अगर बड़े उद्योगपतियों की बात की जाए तो उनका मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल, FMCG कटैगरी के देशी प्रोडक्ट मार्केट में नहीं है और जो हैं उनकी मार्केट वैल्यू कम है. इस सेगमेंट में जो विदेशी प्रोडक्ट हैं उनकी मैन्युफैक्चरिंग का काम देश में ही होता है और उन्हीं की डिमांड भी ज्यादा है. ऐसे में किसी प्रोडक्ट को पूरी तरह बॉयकॉट करना बेहद मुश्किल है. बड़े रिटलर्स डिमांड के हिसाब से आयात के पक्ष में है.
सब्जियों की बढ़ी कीमत, मुख्यमंत्री नाराज
कोलकाता : सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री ने नवान्न में टास्क फोर्स की बैठक कर तुरंत कीमतों पर लगाम लगाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में बिचौलियों और जमाखोर अगर इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. नवान्न में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कृषि विपणन, कृषि, पंचायत, मत्स्य, पुलिस, एसटीएफ, सीआइडी व ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
बैठक के बाद सुश्री बनर्जी ने स्वीकार किया कि चक्रवाती तूफान बुलबुल के कारण सब्जियों की कीमत बढ़ने लगी है. कुछ समाज विरोधी लोग किसान से सब्जी खरीद रहे हैं और उन्हें चार गुना अधिक कीमत पर बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि चक्रवात में कुछ सब्जियां नष्ट हो गयी हैं. प्याज की किल्लत है. केंद्र सरकार बाहर से प्याज आयात कर रही है. राज्य सरकार का नाफेड के साथ समझौता हुआ था. इसमें 25 रुपये की दर से प्याज बिक्री की बात हुई थी, लेकिन वह समझौता उल्लंघन कर रहा है.
सुफल बांग्ला से प्याज प्रति किलोग्राम 59 रुपये की दर से बेची जा रही है. सुफल से प्याज की बिक्री और बढ़ायी जायेगी. उन्होंने कहा कि आलू किसान 13 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम बेच रहे हैं. कई लोग ज्यादा दाम ले हैं. रिटेल मार्केट पर पुलिस नजर रखेेंगे. प्रवर्तन निदेशालय व पुलिस को नजरदारी करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि सात-आठ दिनों में स्थिति स्वाभाविक हो जायेगी. स्टॉक में 14 लाख मीट्रिक टन आलू है. तीन लाख मीट्रिक टन बीज के लिए इस्तेमाल होगा. बाकी 11 लाख टन को बेचा जायेगा. दो माह तक कोई समस्या नहीं होगी.
कोलकाता. बुलबुल चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार आगे आये. इस बाबत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगायी है. उन्होंने कहा कि केंद्र के आर्थिक पक्षपात के कारण चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद करने में राज्य सरकार को दिक्कत आ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय कर वसूली में कमी के कारण राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है.
चालू वित्त वर्ष के अक्टूबर महीने में इस मद में 640 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा केंद्र सरकार के पास राज्य का 17 हजार करोड़ रुपये बकाया है. इस आर्थिक दिक्कत के कारण चक्रवात से प्रभावित लोगों लोगों की मदद करने में राज्य सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके वह उम्मीद करती हैं कि इस मद में केंद्र सरकार की ओर से उन्हें मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रतिनिधि दल को वह स्थिति की समीक्षा करने के लिए आमंत्रित कर रही हैं. इस चक्रवात में राज्य के 15 लाख हेक्टेयर जमीन पर फसल बर्बाद हुई है. लिहाजा लोगों के राहत कार्य को लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं हो, इसकी वह सभी से अपील कर रही हैं.
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प्याज की कीमतें नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 15 दिसंबर तक दी आयात नियमों में ढील
सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए और कीमतों पर लगाम लगाने के लिए 15 दिसंबर तक आयात के नियमों में ढील देने का फैसला किया है. इसके साथ ही बफर स्टॉक से ज्यादा प्याज बाजार में आपूर्ति करने का भी फैसला किया गया है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 22 Oct 2020 12:42 PM (IST)
लखनऊ में प्याज की चोरी
प्याज का भाव लगातार बढ़ रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद सब्जी मंडियों में प्याज की बढ़ी हुई कीमत एक बार फिर आम आदमी को रूलाने को तैयार है. ऐसे में प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार भी हरकत में आ गई हैं. सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए और कीमतों पर लगाम लगाने के लिए 15 दिसंबर तक आयात के नियमों में ढील देने का फैसला किया है.
मंडियों में 37 लाख टन की खरीफ की प्याज पहुंचने की संभावना
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि, 37 लाख टन की खरीफ की प्याज जल्द ही मंडियों में पहुंचेगी. इससे बाजार शांत करने में मदद मिलेगी. मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 10 दिनों में प्याज की कीमतों में 11.56 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है. इससे इसकी औसत राष्ट्रीय खुदरा भाव 51.95 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है. जो पिछले साल कीमत से 12.13 प्रतिशत ज्यादा है. गौरतलब है कि भारतीय उच्च आयोगों को भी निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित देशों में व्यापारियों से संपर्क कर देश में अधिक प्याज आयात के लिए प्रेरित करें.
पिछले महीने निर्यात पर लगा दी गई थी रोक
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बता दें कि देश में प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है. नासिक में इस समय प्याज 66 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है. वहीं पिछले साल इसी वक्त प्याज 35 रुपये प्रति किलो पर बेचा जा रहा था. प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए और देश की मंडियों में प्याज की आपूर्ति को बेहतर करने के उद्देश्य से पिछले महीने ही सरकार ने ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश इसके निर्यात पर भी रोक लगा दी थी.
आसमान छू रही हैं प्याज की कीमतें
प्याज की कीमतों में तेजी हाल के दिनों में ही देखने को मिली है. मंगलवार को चेन्नई में प्याज की खुदरा कीमतें 73 रुपये किलों पर पहुंच गई तो वहीं दिल्ली में प्याज 50 रुपये प्रति किलो पर बेचा जा रहा है. कोलकाता में प्याज की कीमत 65 रुपये प्रति किलो है तो मुंबई में 67 रुपये प्रति किलों प्याज बेचा जा रहा है. वहीं विशेषज्ञों और ट्रेडर्स के मुताबिक दक्षिण और पश्चिमी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सप्लाई में बाधा पहुंची है और खरीफ फसल की आवक भी प्रभाविक हुई है जो कि आने वाले सप्ताह में शुरू होनी हैं.
Published at : 22 Oct 2020 12:42 PM (IST) Tags: domestic supply Onion price hike import Price onion PM Modi हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
महाराष्ट्र आबकारी विभाग ने की शराब दुकानों के स्टाक की जांच
जलगांव. लॉकडाउन में शराब की दुकानों से चोरी छिपे तरीके से शराब बिक्री की अफवाहें जोरों पर हैं.ऐसी चर्चा पर लगाम लगाने के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर आबकारी विभाग ने शनिवार को विभाग के अधिकारियों ने शराब की दुकान में रखे स्टॉक का रजिस्टर से मिलान किया है. आबकारी विभाग की इस कार्रवाई से शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया है.
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 25 मार्च से देश में लाकडाउन लागू कर दिया गया. इसके बाद शराब के सभी दुकानों के शटर गिर गए. इस दौरान चोरी छिपे शराब की बिक्री की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया. चर्चाएं रहीं कि कई अनुज्ञप्ति धारक मनमाने दाम पर शराब की बिक्री कर रहे ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश हैं. इस तरह की शिकायत राष्ट्रवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष स्वप्निल नेमाडे, कुणाल पवार ने प्रशासन को ज्ञापित कर सभी शराब दुकानों की रजिस्ट्रर मिलाने की मांग प्रशासन से की थी.जिलाधिकारी अविनाश ढाकने ने शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के बावजूद बड़े पैमाने पर शराब बिक्री की शिकायतें आने पर आबकारी विभाग को शराब की दुकानों की गोदामों के स्टॉक को रजिस्टर से मिलाने का आदेश दिया था.
शराब माफियाओं में मचा हड़कंप
शनिवार दोपहर 12 बजे शुरू ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश हुआ अभियान शुरू हुआ.आबकारी विभाग ने एक ही समय में सोनी ट्रेडर्स, नशिराबाद, विनोद वाइन्स, नीलम वाइन्स, विजय वाइन्स, राज वाइन्स इन छह शराब की दुकानों की अधिकारियों ने जांच की. 23 मार्च को जिस दिन लॉकडाउन की घोषणा हुई थी, उसके बाद रजिस्टर में शराब का स्टाक बराबर हैं की नहीं .यह भी जांच की गई कि आखिरी बार दुकान बंद हुई उस दिन एक्साइज ड्यूटी का भुगतान हुआ है या नहीं.आबकारी विभाग ने दुकान के स्टॉक में गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.इससे शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया है.
प्याज के भाव पर काबू पाने के लिए आयात नियमों में सरकार ने दी राहत
प्याज की बढ़ती महंगाई के बीच इसकी आपूर्ति बढ़ाने और लोगों को राहत देने के मकसद से इसके आयात को आसान बनाने के लिए नियमों में ढील दी गई है.
खुदरा दुकानों में प्याज के भाव 80-100 रुपये किलो के करीब पहुंच गए हैं और यह लोगों की जेब पर भारी पड़ने लगा है. केंद्र सरकार ने प्याज की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर लगाम लगाने के लिए 15 दिसंबर तक आयात के नियमों में राहत देने का फैसला किया है.
केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक आदेश के मुताबिक, प्याज के भाव पर अंकुश लगाने के लिए बफर स्टॉक से ज्यादा प्याज बाजार में आपूर्ति करने का फैसला किया गया है, केंद्र सरकार ने यह जानकारी दी है.
हाल के कुछ दिनों में प्याज के भाव में काफी तेजी आई है. मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि अगले कुछ वक्त में करीब 37 लाख टन की खरीफ की फसल मंडियों में पहुंचने की संभावना है. पिछले 10 दिनों में प्याज के भाव में 11.56 रुपये प्रति किलोग्राम तक की तेजी देखने को मिली है.
भारतीय प्याज की खुदरा कीमत 51.95 रुपये प्रति किलोग्राम तय की गई है, जो पिछले साल की कीमत से 12.13 फीसदी अधिक है. भारतीय उच्चायोग को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित देशों में व्यापारियों से संपर्क कर देश में अधिक प्याज निर्यात के लिए प्रेरित करें.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज 50 रुपये प्रति किलो, कोलकाता में 65 रुपये प्रति किलो और मुंबई में 67 रुपये प्रति किलो पर बिक रही है. कमोडिटी विशेषज्ञ और ट्रेडर्स का मानना है कि दक्षिण और पश्चिमी क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से प्याज की आपूर्ति बाधित हुई और खरीफ फसल की आवक प्रभावित ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश हुई है. आने वाले हफ्तों में खरीफ प्याज की आवक शुरू होने वाली है.
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