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दैवीय अनुपात

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यही है भारतीय संस्कार,
यही है भारतीय परंपरा। माननीय पीएम श्री @narendramodi जी ने अपने चप्पल उतारकर माता अमृतानंदमयी “अम्मा” जी का सम्मान किया। pic.twitter.com/uq4DkkS71J — Jitendra Lal (@Jitulaljamnagar) August 24, 2022

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VIDEO: कौन हैं सबको गले लगाने वाली 'अमृतानंदमयी माता'? जिनके सामने पीएम मोदी ने झुकाया सिर और लिया आशीर्वाद

पीएम मोदी फरीदाबाद में माता अमृतानंदमयी मठ की ओर से संचालित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे

PM Modi Video: पीएम मोदी हरियाणा के फरीदाबाद में माता अमृतानंदमयी मठ की ओर से संचालित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने पहले जूते उतारे और फिर माता अमृतानंदमयी को माला पहनाकर, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया. सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद पीएम मोदी के व्यवहार की काफी तारीफ हो रही है और लोग माता अमृतानंदमयी के बारे में भी जानना चाह रहे हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 24, 2022, 20:34 IST

हाइलाइट्स

माता अमृतानंदमयी मठ दैवीय अनुपात की ओर से संचालित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का शुभारंभ
उद्घाटन के लिए पहुंचे थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सिर झुकाकर लिया 'अम्मा' का आशीर्वाद

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान माता अमृतानंदमयी के पैर छूकर उन्हें प्रणाम किया. इस प्रोग्राम का यह वीडियो काफी वायरल हो रहा दैवीय अनुपात है. दरअसल पीएम मोदी हरियाणा के फरीदाबाद में माता अमृतानंदमयी मठ की ओर से संचालित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने पहले जूते उतारे और फिर माता अमृतानंदमयी को माला पहनाकर, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया.

सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद पीएम मोदी के व्यवहार की काफी तारीफ हो रही है और लोग माता अमृतानंदमयी के बारे में भी जानना चाह रहे हैं. दरअसल अमृतानंदमयी माता ने कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं और पीएम मोदी का माता से पुराना संबंध रहा है.

यही है भारतीय संस्कार,
यही है भारतीय परंपरा।

माननीय पीएम श्री @narendramodi जी ने अपने चप्पल उतारकर माता अमृतानंदमयी “अम्मा” जी का सम्मान किया। pic.twitter.com/uq4DkkS71J

— Jitendra Lal (@Jitulaljamnagar) August 24, 2022

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Vinod Hindi Blogs

A blog about Spirituality, Religion, History, Motivation, Sports and Health Which can be very very helpful for your daily दैवीय अनुपात life.

18 June, 2020

भारत का अद्भुत स्थान है पराशर झील और मंदिर, दिखाई देते है दैवीय शक्ति के प्रमाण

 Vinod hindi blogs


पराशर झील का इतिहास (Parashar Jhil History)
पराशर झील कहाँ पर है
पराशर झील हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला मुख्यालय से तकरीबन 56 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है। यह झील मंडी जिले के बागी गांव से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर है।

पराशर झील का निर्माण
कहा जाता है कि पाराशर झील का निर्माण ऋषि पराशर ने जमीन पर अपना गुर्ज दे मारा था जिससे इसका निर्माण हुआ है। पराशर झील के निर्माण के ठोस सबूत तो नहीं है लेकिन यह माना जाता है कि जब से सृष्टि का निर्माण हुआ है तभी से यह झील बनी हुई है।

पराशर झील की ऊंचाई
पराशर झील 9100 पेट की ऊंचाई पर बनी हुई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इतनी ऊंचाई में बनी इस झील में पानी का आगमन और निकास कहां है, यह किसी को नहीं पता है। इस झील में पानी कहां से आता है और कहां चला जाता है, यह किसी को पता नहीं है और यहां पानी भरा हुआ भी नहीं रहता है।

पराशर झील की गहराई
पराशर झील की गहराई अभी तक कोई नहीं ना आप पाया है।विज्ञान के लिए यह खोज का विषय भी है लेकिन कोई भी वैज्ञानिक अभी तक इस स्थान तक नहीं पहुंच पाए हैं। इतिहासकारों के अनुसार बताया जाता है कि सदियों पूर्व में यहां के दैवीय अनुपात एक राजा ने झील की गहराई को रस्सियों से नापने की कोशिश की थी लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। ऐसा भी बताया जाता है कि कुछ दशक पूर्व एक विदेशी महिला ने इसे नापने की कोशिश की और ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर इस झील की गहराई में भी गई थी लेकिन उस समय उसके साथ अंग्रेजी में बात करने वाला कोई नहीं था जिस कारण यह मालूम नहीं हो सका कि वह झील में कितने नीचे तक गई है और इसके अंदर के क्या रहस्य है।

पराशर ऋषि की तपोभुमी है
पुराणों के अनुसार इस स्थान पर ऋषि पराशर ने तप किया था, यह ऋषि पराशर की तपोभुमी है। इस स्थान पर ऋषि पराशर के तप के कारण यहाँ का वातावरण बहुत ही ऊर्जावान और चमत्कारी है। इस स्थान पर कई ऐसे प्राचीन प्रमाण मौजूद है जो यहाँ दैवीय चमत्कार होने का आभास करते है।

पराशर ऋषि का मंदिर (Parashar Rishi Mandir)

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इस स्थान पर ऋषि पराशर का शानदार मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर 14वी और 15वी शताब्दी में मंडी रियासत के तत्कालीन राजा बानसेन ने बनवाया। यह मंदिर मंडी क्षेत्र के देवता को समर्पित एक प्राचीन पगौड़ा शैली में बना हुआ मंदिर है। कहा जाता दैवीय अनुपात है कि इस मंदिर का निर्माण लगभग 12 साल में हुआ था और केवल एक ही देवदार पेड़ के उपयोग से बनाया गया था।
मंदिर के कक्ष में ऋषि पराशर, भगवान विष्णु, महादेव और महिषासुर मर्दिनी माँ दुर्गा की मूर्तियां स्थापित है।

पास ही है गणेश मंदिर
मंदिर से कुछ किलोमीटर दूरी पर भटवाड़ी नामक स्थान पर गणेश जी का मंदिर है। इस क्षेत्र में यदि बारिश नही होती है तो पुरानी परम्परा के अनुसार गणेश जी की वंदना की जाती है। यह वंदना बहुत ही पुरानी है जो राजा के समय भी करवाई जाती थी और आज सेकड़ो वर्षो बाद भी हो रही है।

पराशर में तैरने लगा जमीन का टुकड़ा

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प्राकृतिक रूप से निर्मित झील पराशर झील में तैरता हुआ एक भूखंड या जमीन का टुकड़ा दिखाई देता है। पाराशर मंदिर के मुख्य पुजारी अमर सिंह के अनुसार अक्सर यह जमीन का टुकड़ा झील में तैरता रहता है। यह भूखंड पहले बहुत ही कम घूमता हुआ या गतिमान होता हुआ दिखाई देता था। कभी-कभी तो साल में एक दो बार ही ऐसा होता था लेकिन इन दिनों यह भूखंड अधिक गतिमान हो गया है और कभी-कभी तो यह दिन में तीन चार बार पूरी झील में चक्कर लगाते हुए दिख जाता है।

दैवीय शक्ति का प्रमाण है पराशर झील में
पराशर झील के मध्य में एक भूखंड है जो यहां किसी देवी शक्ति के होने का प्रमाण देता है और एक प्रकार से पृथ्वी के अनुपात को भी दर्शाता है। यह भूखंड एक स्थान पर नहीं रह कर चलता रहता है पराशर मंदिर कमेटी के प्रधान बलवीर ठाकुर और वहां के मुख्य पुजारी अमर सिंह बताते हैं कि वर्षों पहले यह भूखंड सुबह पूर्व की तरफ होता था और शाम को चलकर पश्चिम की तरफ आ जाता था। यह भूखंड कभी कुछ महीनों के लिए एक ही स्थान पर रुक जाता है तो कभी चलने लग जाता है।

पराशर झील पर बर्फबारी (Snowfall on Parashar Lake)

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सर्दियों के दिनों में पराशर झील व यहां के आसपास इलाकों में बर्फबारी भी होती है, यहां पर बर्फबारी होने से यह झील जम जाती है। इस झील का नजारा देखकर यहां हर कोई आकर्षित हो जाता है। हालांकि कभी-कभी भारी बर्फबारी होने के कारण यहां पर सेवाएं बाधित हो जाती है जिससे यहां आने जाने के लिए पर्यटकों को मौसम सही होने पर ही आने दिया जाता है।

खूबसूरत होने के साथ ही भरपूर एडवेंचर (Beautiful place for Adventures)

किसी भी मौसम में जाने पर पराशर झील और
मंदिर का नजारा अद्भुत दिखाई देता है। तीनो ही ऋतु में यहाँ का दृश्य बहुत ही मनभावन लगता है।
पराशर झील और यहां की सुंदरता को देखने का अपना एक अलग ही एहसास और अनुभव है। इस झील में तैरता हुआ एक वृत्ताकार भूखंड झील की खूबसूरती में ओर भी चार चांद लगा देता है। पैगोडा शैली में यहां बना हुआ तीन मंजिला भव्य मंदिर यहां की खूबसूरती को बढ़ा देता है वही मंदिर के बाहरी और स्तंभों की नक्काशी बहुत ही काबिले तारीफ है जो उस समय की कला के अद्भुत नमूने को पेश करती है। पराशर झील एक पसंदीदा पिकनिक स्थान भी है जहां पर साल भर आपको लोगों की भीड़ मिल जाएगी। सर्दियों के मौसम में तो यहां की ट्रैकिंग बहुत ही एडवेंचर होती है क्योंकि उस दौरान यह झील पूरी तरह से जम जाती है। इस स्थान पर एक विश्रामगृह भी है जहां आप रुक कर इन हसीन वादियों का नजारा कैद कर सकते दैवीय अनुपात दैवीय अनुपात हैं।

सोलो ट्रैवलिंग के लिए परफेक्ट स्थान (Perfect place for solo Travelling)
यह स्थान सोलो ट्रैवलिंग के लिए एक परफेक्ट स्थान है जो बहुत ही खूबसूरत और एडवेंचर्स है। जब भी यहां आने का प्लान बनाएं तो दिसंबर से फरवरी के बीच ही बनाएं क्योंकि इस समय यह पराशर झील बर्फ से ढकी हुई होती है जिससे आप सोलो ट्रैकिंग का भरपूर आनंद ले पाएंगे। अप्रैल से मई महीने में भी यहां आकर आप जमकर मस्ती कर सकते हैं और आनंद उठा सकते हैं।

St. Francis Xavier University

St Francis Xavier student holding a lobster

एंटिगोनिश , एन . एस . ((Antigonish, N.S) के छोटे से शहर में स्थित , सेंट फ्रांसिस जेवियर मुख्य रूप से कला , विज्ञान , व्यवसाय और शिक्षा में पूर्व – स्नातक की शिक्षा प्रदान करती है। कक्षा के छोटे आकार दैवीय अनुपात छात्रों को गंभीर रूप से सोचने और कक्षा चर्चा में योगदान करने के लिए चुनौती देते हैं। छात्र अपने प्रोफेसरों , कर्मचारियों और एक दूसरे के साथ जो संबंध बनाते हैं , वे प्रगति के रूप में जबरदस्त समर्थन प्रदान करते हैं।

अध्यक्ष एंडी हाकिन (Andy Hakin) कहते हैं , “StFX में पेश किया गया इमर्सिव , डेस्टिनेशन अनुभव छात्रों , उनके शैक्षणिक कार्यक्रमों और व्यापक समुदाय के बीच मजबूत संबंध बनाता है। ” “StFX के पूर्व छात्रों के नेटवर्क की दैवीय अनुपात ताकत कनाडा के बाहर भी है — यह पूर्व स्नातकों को उनके जीवन भर के लिए सहायता प्रदान करती है। ” सामाजिक न्याय और समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता की भावना छात्रों को कक्षा से परे जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। स्थानीय और दुनिया भर के समुदायों में वास्तविक दुनिया के मुद्दों पर काम करते हुए लगभग 30 प्रतिशत छात्र , कार्य करके सीखने के कार्यक्रम के माध्यम से पाठ्यक्रम – आधारित और इमर्शन एक्सपीरियंस में भाग लेते हैं।

कैंपस अपनी आइवी लीग – शैली की वास्तुकला , चूना पत्थर के निवास स्थान और पैदल चलने के अनुकूल लेआउट के लिए जाना जाता है। ब्रायन मुलरोनी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नमेंट (Brian Mulroney Institute of Government) सार्वजनिक नीति में एक स्नातक कार्यक्रम पेश करता है ; नए मुलरोनी हॉल में कक्षाएं , अनुसंधान और अध्ययन स्थान और एक सभागार हैं। स्वस्थ जीवन के लिए पुनर्निर्मित अमेलिया सपुतो केंद्र (Amelia Saputo Centre for Healthy Living) में एथलेटिक्स और मनोरंजन , इंस्ट्रक्शन लैब , फिजीकल और एथलेटिक थैरेपी , और बहुत कुछ है। StFX में एक प्रसिद्ध परंपरा स्नातक छात्रों को X – रिंग्स ( बीच में एक बड़े काले X के साथ एक आयताकार सोने की अंगूठी ) सौंपना है। कई लोगो में गर्व और अपनेपन की भावना विकसित करती हैं – जिन्हें X फैक्टर के रूप में भी जाना जाता है।

असाधारण कार्यक्रम
सार्वजनिक नीति और शासन : छात्र गहरी समझ प्राप्त करते हैं और नेतृत्व कौशल का निर्माण करते हैं कि सार्वजनिक संस्थान कैसे कार्य करते हैं और समाज की समस्याओं के समाधान पर विचार करते हैं। विविध इंटर्नशिप शामिल हैं।
एप्लाइड फोरेंसिक मनोविज्ञान : आपराधिक न्याय और मानसिक स्वास्थ्य प्रणालियों के भीतर मनोविज्ञान का अध्ययन करने के लिए छात्र पाठ्यक्रम कार्य और व्यावहारिक प्लेसमेंट पर आकर्षित होते हैं।
जलवायु और पर्यावरण : छात्रों को हमारे पर्यावरण के वैज्ञानिक और सामाजिक पहलुओं पर एक अंतःविषय ज्ञान प्राप्त होता है।

कूल पाठ्यक्रम
सुपरहीरो और सुपरनैचुरल : सुपरहीरो की कहानियों में थीम और कल्पना का दैवीय अनुपात अन्वेषण करें और सुपरहीरो दैवीय प्राणियों के रूप में कैसे कार्य करते हैं।
स्वास्थ्य नवाचार : छात्र परामर्श परियोजनाओं पर काम करते हैं , सामान्य बीमारियों के लिए स्वयं – स्क्रीनिंग ऐप्स जैसे नवाचारों का अध्ययन करते हैं और एमरजेंसी रूम पेशेंट फ्लो को प्रबंधित करने के लिए प्रौद्योगिकी और स्क्रीनिंग टूल का उपयोग करते हैं।

ट्यूशन (अनिवार्य सहायक शुल्क सहित)
$9,303 ($10,586 प्रांत के बाहर के छात्र )
न्यूनतम प्रवेश ग्रेड
कला ( आर्ट्स ): 69% · विज्ञान : 70.4% · कामर्स : 70% · इंजीनियरिंग : 70%
छात्र संगठन
पूर्व – स्नातक : फुल टाईम : 3,941 · पार्ट टाईम : 504
स्नातक : फुल टाईम : 27 · पार्ट टाईम : 441
अंतराष्ट्रीय विद्यार्थी : प्रथम – साल : 5.4% स्नातक : 33.3%
पुरुष – स्त्री अनुपात : 36 से 64
आवास तथ्य
COVID-19 के कारण आवास के अवसर कम हो गए
निवास स्थान : 1,551 ( पिछले दैवीय अनुपात साल 1,745; पहले आओ , पहले पाओ ) निवास लागत : भोजन के साथ सिंगल रूम $12,465 to $14,910 · अपार्टमेंट – शैली : $7,665

'द किंग ऑफ डांस' किसका चित्रण है?

Key Points

  • शिव हिंदू धर्म के ब्रह्मांड के भीतर दिव्य ऊर्जा के एक शक्तिशाली त्रय का एक हिस्सा हैं।
  • नृत्य के भगवान के रूप में कांस्य शिव ("नटराज" -नाता का अर्थ नृत्य या प्रदर्शन, और राजा का अर्थ राजा या स्वामी), एक पवित्र वस्तु है जिसे इसके मूल संदर्भ से बाहर कर दिया गया है।
  • महानगर संग्रहालय का शिव नटराज ग्यारहवीं शताब्दी में दक्षिण भारत में चोल वंश (9वीं-13वीं शताब्दी ई.) के दौरान बनाया गया था, जो अब तमिलनाडु राज्य है।
  • दक्षिण भारत के सबसे लंबे समय तक चलने वाले साम्राज्यों में से एक, चोल राजवंश ने अन्वेषण, व्यापार और कलात्मक विकास के स्वर्ण युग की शुरुआत की थी।
  • चोल काल की कलाओं के भीतर नवाचार का एक बड़ा क्षेत्र धातु के काम, विशेष रूप से कांस्य मूर्तिकला के क्षेत्र में था।
  • इस अवधि के दौरान एक नई तरह की मूर्तिकला बनाई जाती है, जो कि पत्थर के मंदिर की नक्काशी के अभिव्यंजक गुणों को कांस्य कास्टिंग(ढलाई) में समृद्ध प्रतीकात्मकता के साथ जोड़ती है।
  • शिव की यह छवि दृश्य चित्रण के प्राचीन भारतीय मैनुअल(नियमावली), शिल्पा शास्त्रों (मूर्तिकला के विज्ञान या दैवीय अनुपात नियम) से ली गई है, जिसमें दैवीय आकृति के अंगों और अनुपात के लिए माप और आकार का एक सटीक सेट(समुच्चय) शामिल है।
  • बाँस के डंठल के समान भुजाएँ लंबी, चाँद की तरह गोल चेहरे, और बादाम या कमल के पत्तों के आकार की आँखें होती है।

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Last updated on Sep 21, 2022

UPSC CAPF AC interview for 2021 cycle postponed until further notice. The interviews of the shortlisted candidates were scheduled to take place from 31st October to 22nd November 2022. The revised interview dates will be announced later. The recruitment of Assistant Commandants is also ongoing through the 2022 cycle. The UPSC CAPF Result for the same was released on 16th September 2022. The selection process comprises of a Written Exam, Physical Test, and Interview/Personality Test. The finally appointed candidates will get a salary in the range of Rs. 56100 - Rs. 177500.

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