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ट्रेडिंग का एक नया

ट्रेडिंग का एक नया
Zee Business हिंदी 17-11-2022 ज़ीबिज़ वेब टीम

शेयर डीमेट खाता और आनलाइन शेयर ट्रेडिंग में बरते सावधानी: धोखाधड़ी आम बात

भारत में 1999 में शेयर की फिजिकल ट्रेडिंग बंद करते हुए पूरी प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिक रूप दिया गया, जिसमें फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखना भी शामिल था और इसके लिए डीमेट खाता बनाया गया.

हम आप आज के समय शेयर को भी बैंकों में जमा पैसे की तरह डीमेट खाते से उपयोग कर सकते हैं. नेट बैंकिंग की तरह डीमेट खाता भी लाग इन आईडी और पासवर्ड से चलता है और इसी तरह हमारा शेयर ट्रेडिंग आकंउट भी चलता है.

डिजिटल रुप में सहुलियत तो बहुत है लेकिन उतनी सावधानी भी जरूरी है.

कोविड काल में शेयर बाजार में भारी उछाल और निवेश के विकल्पों की कमी के कारण लोगों का शेयर बाजार की तरफ आकर्षित होना स्वाभाविक ही था.

और शेयर बाजार ने भी इसका भरपूर फायदा उठाते हुए कई कंपनियों को पैसे उगाहने में मदद की, साथ ही लाखों नए डीमेट खाते और शेयर ट्रेडिंग आकंउट खुल गए. न केवल लोग अपनी जमा पूंजी का निवेश शेयर बाजार में जमकर करने लगे, बल्कि कई शेयर एक्सपर्ट, ट्रेडिंग, ब्रोकर और डीमेट की दुकानें आनलाइन सोशल मीडिया पर खुल गई.

यही से शुरू हुआ शेयर बाजार में एक नए तरीके से धोखाधड़ी का कारोबार.

शेयर बाजार में धोखाधड़ी कोई नई बात नहीं है, इससे पहले भी हमने अनुभव किया है कि फर्जी डिमेट खातों के माध्यम से निवेश का घोटाला, फिर हाल में ही एक प्रतिष्ठित ब्रोकर कंपनी द्वारा डीमेट खाते में रखे शेयर को बिना शेयरधारकों से पूछे गिरवी रख देना. आज भी शेयरधारक अपने शेयर वापसी और नुकसान भरपाई की सालों बाद भी राह देख रहे हैं.

यह देश की विडम्बना ही तो है कि इतने सारे नियम कानून, नियामक एजेंसियों, सरकारी हस्तक्षेप के बावजूद व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी हो रही है और लोगों के पास निवेश के विकल्प नहीं है.

हाल में ही देश की सबसे बड़ी ब्रोकिंग फर्म जेरोधा के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ ने ब्लॉग में लिखा है, “जब हमें नुकसान होता है तब हम किसी की भी सलाह मान लेते हैं. बाजार में बहुत सारे सलाहकार हैं जो निवेशक की मदद करते हैं. इनके बीच ही ऐसे कई धोखेबाज भी हैं जो सोशल मीडिया पर मार्केट एक्सपर्ट होने का दावा करते हैं और किसी निवेशक का शिकार करने की फिराक में रहते हैं.”

*मार्केट एक्सपर्ट या सलाहकार बनकर ये धोखेबाज आपकी मदद के नाम आपके डीमैट अकाउंट का लॉग-इन डिटेल्स ले लेंगे.*

इसके बाद ये आपके अकाउंट में गैर-वास्तविक ट्रेड्स का उपयोग करके एक नुकसान पैदा कर देते हैं और आपके पैसे को किसी अन्य ट्रेडिंग अकाउंट में भेज देते हैं.

शेयर डीमेट खाता और आनलाइन शेयर ट्रेडिंग में बरते सावधानी धोखाधड़ी आम बात

इससे आपके लिए यह पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है कि आपके अकाउंट में घोटाला हो चुका है.

सावधानी और ध्यानपूर्वक काम करना ही बचने का तरीका

1. निवेशक इसलिए ठगे जाते हैं, क्‍योंकि वे अपने अकाउंट का लॉग इन डिटेल्‍स दूसरों को दे देते हैं.

2. निवेशक के ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे निकालने के लिए इलिक्विड ऑप्शंस या पेनी स्टॉक का इस्तेमाल करके फर्जी नुकसान दिखाया जा सकता है.

3. जैसे अपने बैंक खाते से जुड़े लॉगिन डिटेल्स हम किसी के साथ शेयर नहीं करते, वैसे ही अपने ट्रेडिंग खाते के लॉग-इन पासवर्ड भी शेयर नहीं करने चाहिए.

4. डीमैट ट्रेडिंग का एक नया अकाउंट से छेड़छाड़ का एक दूसरा तरीका फिशिंग फ्रॉड है.

5. आप आधिकारिक ब्रोकर वेबसाइटों और ऐप के अलावा कहीं भी लॉग इन डिटेल्स न भरें.

6. कभी भी अपने लॉगिन डिटेल्स किसी के साथ शेयर ना करें.

7. अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग नहीं समझते हैं, तो उसमें कभी ट्रेड न करें, भले ही कोई आपसे कुछ भी कहे.

8. यदि आपको ऑप्‍शंस की समझ है, तो यह जान लें कि जब इलिक्विड ऑप्शंस का ट्रेज होता है, तो आप उसकी फेयर वैल्यू इम्प्लॉइड वोलैटिलिटी का इस्तेमाल करके लिक्विड स्ट्राइक और उसकी अंडरलाइंग को बदल सकते हैं और यहीं धोखाधड़ी होती है.

9. अगर आपने किसी ऐसे व्यक्ति को अपने खाते की डिटेल्स दी है, जिसने इस तरह से आपका नुकसान किया है तो इसकी शिकायत आप पुलिस से कर सकते हैं.

10. आखिर में सावधानी ही सुरक्षा है और बिना आपकी जानकारी के कोई भी लेनदेन अमान्य होगा. साथ ही पैसे लेनदेन की सीमा जरूर तय करें ताकि कोई भी अधिकृत व्यक्ति आपके खाते में एक तय सीमा से ज्यादा का लेनदेन न कर सकें.

डिजिटल युग में हम आनलाइन कार्यों से नहीं बच सकते लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं होना चाहिए कि हम अपनी जमापूंजी आनलाइन फ्राड में लुटवाते रहे और सिस्टम को कोसते रहे.

हजारों बेरोजगार लोग आनलाइन हम और हमारे लेनदेन पर नजर रख रहे हैं और छोटी सी असावधानी हमारे लिए नुकसान कारक हो सकती है.

पेपर ट्रेडिंग कैसे करें | बेस्ट प्लेटफॉर्म 2022

जब कोई व्यक्ति स्टॉक मार्केट में नया आता है तो वह अपनी ट्रेडिंग की शुरुआत पेपर ट्रेडिंग करके करता है क्योंकि यहां पर जो आपको पैसे मिलते हैं वह वर्चुअल पैसे होते हैं जिनका इस्तेमाल आप ट्रेडिंग करने के लिए कर सकते हैं जब आपको अच्छे से अपने ऊपर विश्वास हो जाए तब आप रियल मनी के साथ में कैद कर सकते हैं तो चलिए आज के इस लेख में आप जानने वाले हैं की ट्रेडिंग का एक नया पेपर ट्रेडिंग कैसे करें और पेपर ट्रेडिंग करने के लिए बेस्ट प्लेटफार्म कौन सा है

पेपर ट्रेडिंग कैसे करें

पेपर ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक ऐसा वर्चुअल सॉफ्टवेयर होना जरूरी होता है जो आपको एक वर्चुअल पैसा दे सके जिसके माध्यम से आप मार्केट ट्रेडिंग का एक नया में ट्रेडिंग कर सकते हैं पेपर ट्रेडिंग के लिए कौन सा प्लेटफार्म सही है इसके बारे में मैंने आपको नीचे और ज्यादा विस्तार से बता रखा है अब इसके साथ ही पेपर ट्रेडिंग के फायदे और पेपर ट्रेडिंग के नुकसान के बारे में भी बता रखा है

Paper Trading Software क्या है

पेपर ट्रेडिंग जिसे वर्चुअल ट्रेडिंग भी कहा जाता है एक नए ट्रेडर को बाजार में अनुभव करने के लिए पेपर ट्रेडिंग करने की सलाह दी जाती है क्योंकि पेपर ट्रेडिंग के अंदर आपके पास Real money से ट्रेडिग नहीं होती है

जिसके कारण आपको अगर नुकसान भी होता है तो उससे आपको कोई नुकसान नहीं होता है पेपर ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर एक प्रकार का ऐसा प्लेटफार्म होता है जहां पर कोई भी व्यक्ति अपना खाता बनाकर वर्चुअल पैसों के साथ में ट्रेडिग करना शुरू कर सकता है

Paper Trading App

Trading View – आपको यह प्ले स्टोर पर मिल जाएगा इसके माध्यम से आप विश्व के किसी भी मार्केट में आसानी से पेपर ट्रेडिंग कर सकते हैं ट्रेडिंगव्यू ऐप के अंदर आपको $100000 का वर्चुअल करेंसी मिलता है जिससे आप आसानी से अपने शेयर मार्केट के अनुभव को बढ़ा सकते हैं

Neostox – यह एक वेबसाइट है जहां पर जाकर आपको अपना एक खाता बनाने की आवश्यकता पढ़ती है यहां पर आप भारतीय शेयर मार्केट के अंदर लाइव ट्रेडिंग कर सकते हैं इसके साथ ही आप यहां पर ऑप्शन ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग भी कर सकते हैं शेयर मार्केट में आने वाले नए लोगों के लिए यह वेबसाइट सबसे अच्छा ट्रेडिंग का एक नया पेपर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है

Paper Trading protfolio क्या है

यदि आप का स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग ना करके निवेश करना चाहते हैं तो भी आप पेपर ट्रेडिंग के माध्यम से निवेश कर सकते हैं इसमें आपका पैसा नहीं लगेगा और अगर कभी घाटा हुआ तो मैं भी आपकी जेब से नहीं जाएगा पेपर ट्रेडिंग का इस्तेमाल करके आप निवेश करना सीख सकते हैं

paper trading क्या है

पेपर ट्रेडिंग एक प्रकार की सॉफ्टवेयर ट्रेडिंग होती है जो शेयर मार्केट में नए लोगों को खुद के पैसे लगाए बिना ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग सीखने समझने में मदद करता है ऑनलाइन पेपर ट्रेडिंग करवाने वाली वेबसाइट और सॉफ्टवेयर आपको बिल्कुल वैसा ही अनुभव देते हैं जैसा कि आप ट्रेडिंग का एक नया किसी प्रकार के साथ में ट्रेडिंग करते हैं

पेपर ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

जब आप पेपर ट्रेडिंग करते हैं तो आपको पैसा खोने का डर नहीं रहता है क्योंकि वहां पर आपके जेब से पैसे नहीं लगे हुए रहते हैं जिसके कारण आप वहां पर कोई भी फैसला लेने से पहले बिल्कुल भी नहीं सोचते हैं

वहीं अगर आप रियल मार्केट में कैद करते हैं तो वहां पर आपको हमेशा अपने पैसे खोने का डर बना रहता है साथ ही आप वहां पर डर और लालच के हिसाब से अपने फैसले लेते हैं

कोई भी व्यक्ति पेपर ट्रेडिंग करके अपने आपको एक अच्छा ट्रेडर नहीं मान सकता है क्योंकि पेपर ट्रेडिंग में और रियल ट्रेडिंग में बहुत बड़ा फर्क होता है ट्रेडिंग का असली अनुभव आपको खुद के पैसे लगाकर ट्रेनिंग करने पर ही आता है

निष्कर्ष – Conclusion

आज के इस लेख में आपने सीखा की पेपर ट्रेडिंग कैसे करें पेपर ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान और साथ ही पेपर ट्रेडिंग करने के लिए सबसे अच्छा प्लेटफार्म कौन सा है यदि आपको इसलिए संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव देना है तो आप वह कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं इस लेख पेपर ट्रेडिंग कैसे करें को अंतत पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें

एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें

आप ना केवल मूल्य में वृद्धि होने पर अभी तो मूल्य में गिरावट आने पर भी कमा सकते हैं। यदि शेयर का प्राइस गिर रहा है और आपको लगता है कि यह और गिरेगा तो इस स्थिति में आप शेयर बेचकर करके पैसे कमा सकते हैं।

निम्नलिखित कदमों का उपयोग करके आप इंट्राडे में स्टॉक्स बेचकर कमाई कर सकते हैं:

  • अपने एंजल ब्रोकिंग ऐप से सर्च आइकन को क्लिक कीजिए तथा उस स्टॉक को ढूंढिए जिसमें आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं। सबसे पहले रिजल्ट पर क्लिक कीजिए। आप यदि यह सोचते हैं की मूल्य पहले से ही बहुत अधिक है और निश्चित ही इनमें गिरावट आएगी तो Sell बटन को दबाइए।
  • Quatity फील्ड में जितने शेयर आप बेचना चाहते हैं उनकी संख्या लिखिए और उसके बाद यह निश्चित कीजिए की क्या आप मार्केट ऑर्डर प्लेस करना चाहेंगे या लिमिट ऑर्डर (मैं ऊपर समझा चुका हूं)।
  • Intraday को Product Type के रूप में चुने।
  • बाकी बचे दो फील्ड्स को ना छुएं और सेल ऑर्डर को प्लेस करने के लिए Sell बटन को दबाएं।
  • अपने सेल आर्डर के विवरण को कंफर्म करने के लिए Confirm को क्लिक करें।
  • आपका ऑर्डर एग्जीक्यूट हो जाएगा और आप तभी कमा पाएंगे यदि मूल्य में गिरावट आती है तथा आपको हानि होगी यदि मूल्य में वृद्धि होती है।
  • होने वाली हानि को सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर को प्लेस करना ना भूलें।
  • तय किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद एग्जिट करें और अपने स्टॉप लॉस ऑर्डर को कैंसिल करें।

इस प्रकार, एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे में बेचकर आप कमाई कर सकते हैं।

अस्वीकरण: इस पोस्ट में उपलब्ध सूचना केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। कृपया किसी भी सुझाव को निवेश की सलाह के रूप में ना लें। ट्रेडिंग जोखिम से संबंधित होती है इसीलिए इसे ध्यानपूर्वक करें।

इनसाइडर ट्रेडिंग पर और सख्त हुआ SEBI, पहली बार शुरू किया कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन

Zee Business हिंदी लोगो

Zee Business हिंदी 17-11-2022 ज़ीबिज़ वेब टीम

Insider Trading: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी की तरफ से इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) को और सख्त नियम लाए जा सकते हैं. सेबी की ओर से इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सख्ती और बढ़ गई है. इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए सेबी ने एक बड़ा कदम उठाया है. ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, आज तक इंटरमीडिएट्री और एक्सचेंजों का फिजिकल इंस्पेक्शन होता था ट्रेडिंग का एक नया लेकिन अब सेबी (SEBI) ने कंपनियों को भी फिजिकल इंस्पेक्शन करना शुरू कर दिया है. सेबी (Securities Exchange Board of India) ने पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन करने का फैसला किया है.

इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सेबी सख्त

2020 में सेबी एक नया रेगुलेशन लेकर आई थी, जिसनें UPSI सूचना को स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस के तौर पर रखने की बात कही गई थी. अब स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस (SDD) की जांच के लिए स्टॉक एक्सचेंजों को फिजिकल इंस्पेक्शन का निर्देश दिया गया है. अब सेबी की तरफ से BSE-NSE दोनों ही एक्सचेंजों को लगभग टॉप 200 कंपनियों के स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस की जांच करने का आदेश दिया गया है और ये काम इस साल के दिसंबर महीने तक पूरा करना है.

✨#ZBizExclusive | इनसाइडर ट्रेडिंग पर SEBI की सख्ती

🔸SEBI ने पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन शुरू किया

🔸स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस की जांच के लिए स्टॉक एक्सचेंजों को फिजिकल इंस्पेक्शन का निर्देश

जानिए पूरी खबर तरूण शर्मा से@talktotarun #InsiderTrading @SEBI_India pic.twitter.com/QIvbhMhhRA

— Zee Business (@ZeeBusiness) November 17, 2022

मार्च तक 400 कपनियों की करनी है जांच

इसके अलावा टॉप 400 कंपनियों की जांच का टारगेट अगले साल मार्च महीने तक के लिए दिया गया है. बता दें कि देश के एक बड़े होटल की जांच पहले ही हो चुकी है. बता दें कि इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाने के लिए सेबी की ओर से ये कदम उठाया गया है.

सेबी ने क्यों लिया ये फैसला?

मार्केट रेगुलेटर सेबी ये जानना चाहता है कि कंपनियों की ओर से SDD कलेक्शन सही से हुआ है या नहीं. इसके लिए सेबी पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन कर रहा है ताकि इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे फ्रॉड पर रोक लगाई जा सके.

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SDD (स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस) क्यों जरूरी?

सेबी की ओर से ये प्रक्रिया शुरू हो चुकी है क्योंकि दिसंबर तक टॉप 200 कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन करना है. बीएसई-एनएसई के अधिकारी ये काम कर रहे हैं. बता दें कि UPSI की सूचना जिसके साथ भी शेयर की जा रही है, उसका एक डाटा रखना होता है. 2020 के रेगुलेशन को कंपनियां कितनी गंभीरता के साथ ले रही हैं, इस पर कंपनियों से बात करके ही जानकारी मिल सकती है.

UPSI मतलब अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसेटिव इन्फॉर्मेशन. ऐसी सूचना, जो अभी तक पब्लिक डोमेन में नहीं आई है और ये कुछ ही लोगों को पता है. इतना ही नहीं ये सूचना प्राइस सेंसेटिव है, यानी कि इससे शेयर की कीमत पर असर पड़ सकता है.

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