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दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी

दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी
एक कॉन्फ्रेंस में फाइनेंशियल मार्केट्स में फ्रॉड के बारे में पूछने पर, Left ने कहा, "मुझे लगता है कि क्रिप्टोकरेंसीज पूरी तरह फ्रॉड हैं." हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्रिप्टोकरेंसीज में उनका इनवेस्टमेंट है या नहीं. Reuters ने पिछले वर्ष दिसंबर में रिपोर्ट दी थी कि अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने हेज फंड्स और Citron Research सहित रिसर्च फर्मों की ओर से शॉर्ट सेलिंग की एक आपराधिक जांच शुरू की है. इस जांच के बारे में Left ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस को एक दिन यह पता चलेगा कि शॉर्ट सेलर्स मौजूद नहीं हैं."

दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी

नई दिल्ली. दुनियाभर में किप्‍टोकरेंसी का व्‍यापार तेजी से बढ़ रहा है. भारत में भी क्रिप्‍टोकरेंसी लोगों को खूब आकर्षित कर रही है. क्रिप्‍टो में बढ़ते निवेश को देखते दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी हुए क्रिप्टो सुपर ऐप क्रिप्टोवायर ने देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक IC15 लॉन्च किया है.

IC15 इंडेक्‍स दुनियाभर के प्रमुख क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज पर कारोबार करने वाली बड़ी क्रिप्‍टोकरेंसी पर नजर रखेगा. इसके लिए कारोबारियों, डोमेन एक्‍सपर्ट और शिक्षाविदों को शामिल कर एक कमेटी बनाई गई है. ये कमेटी टॉप 15 क्रिप्‍टोकरेंसी का चयन करेगी और उनके बारे में गहराई से जानकारियां जुटायेगी. आईसी15 इंडेक्‍स में बिटकॉइन, एथेरियम, एक्सआरपी, लाइटकॉइन, बिनांस कॉइन, सोलाना, टेरा और चेनलिंक जैसी लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीज़ शामिल हैं. कमेटी मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में पहले टॉप 400 कॉइन्‍स को चुनेंगी. इनमें से फिर टॉप 15 कॉइन्‍स का चुनाव होगा.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखेगा IC15, क्रिप्टोवायर ने लॉन्च किया गया देश का पहला क्रिप्टो इंडेक्स

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखेगा IC15, क्रिप्टोवायर ने लॉन्च किया गया देश का पहला क्रिप्टो इंडेक्स

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया

Updated on: Jan 06, 2022 | 5:35 PM

भारत में तेजी से क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ता जा रहा है. नुकसान की परवाह किए बगैर देश दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी के करोड़ों निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में जमकर पैसा लगा रहे हैं. जहां एक तरफ निवेशकों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी एजेंसियां इसे लेकर लगातार सख्ती दिखा रही हैं. सरकार क्रिप्टो दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी का क्रेज खत्म करना चाहती है तो वहीं क्रिप्टो एक्सचेंज इसके क्रेज को बनाए रखने के लिए जबरदस्त प्रमोशन में जुटी हुई हैं. लिहाजा, देश दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर टैक्स के रूप में शिकंजा कसा जा रहा है. इसी बीच क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखने के लिए देश का पहला इंडेक्स लॉन्च कर दिया गया है.

क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखेगा IC15

सुपरऐप क्रिप्टोवायर ने देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी इंडेक्स को लॉन्च किया है. इस क्रिप्टो इंडेक्स को IC15 नाम दिया गया है. IC15 प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज पर लिस्टेड सबसे दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी ज्यादा कारोबार करने वाली शीर्ष 15 क्रिप्टोकरेंसी के प्रदर्शन की निगरानी करेगा. IC15 की लॉन्चिंग के बाद कंपनी ने दावा किया है कि उनके प्रोडक्ट से क्रिप्टो बाजार में पारदर्शिता आएगी.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख्त दिखाई दे रही केंद्र सरकार क्रिप्टो एक्सचेंज से टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही है. बताते चलें कि DGGI (Directorate General of GST Intelligence) ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारा है. इन एक्सचेंजों पर टैक्स की चोरी करने की आशंका है.

RBI के बाद SEBI भी हुआ सख्त

बताते चलें कि RBI दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी पहले से ही क्रिप्टो को लेकर काफी सख्त है. और अब SEBI ने भी क्रिप्टो के खिलाफ कठोर कदम उठाया है. सेबी ने म्यूचुअल फंड के क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े प्रोडक्ट लाने पर रोक लगा दी है. शेयर बाजार नियामक ने साफ कर दिया है कि कोई भी म्यूचुअल फंड किसी क्रिप्टोकरेंसी प्रोडक्ट में निवेश नहीं कर सकता है.

बताते चलें कि सेबी ने खुद क्रिप्टो से जुड़े एक न्यू फंड ऑफर (NFO) को मंजूरी दी थी. लेकिन अब सेबी चाहता है कि जब तक सरकार कानून नहीं बना देती, तब तक क्रिप्टो से जुड़ा कोई NFO न आए.

Citron Research के फाउंडर Crypto को मानते हैं 'फ्रॉड'

Citron Research के फाउंडर Crypto को मानते हैं

कई देशों में क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर रेगुलेशंस बनाने की मांग उठी है

खास बातें

  • Left ने अपने ब्रांड को प्रमुख शॉर्ट सेलर्स में से एक बनाया है
  • केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसीज पर एक कंसल्टेशन पेपर तैयार किया है
  • इसके लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स और इंस्टीट्यूशंस से इनपुट लिए गए हैं

दुनियाभर में जहां क्रिप्टो एडॉप्शन तेजी से बढ़ रहा है, कॉरपोरेट रिसर्च फर्म Citron Research के फाउंडर Andrew Left ने क्रिप्टोकरेंसीज को एक 'फ्रॉड' बताया है. Left ने अपने ब्रांड को प्रमुख शॉर्ट सेलर्स में से एक बनाया है. हालांकि, पिछले वर्ष उन्होंने घोषणा की थी कि Citron Research गड़बड़ी वाली कंपनियों के बारे में रिपोर्ट दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी को पब्लिश करना बंद करेगी और ऐसी कंपनियों के बारे में बताएगी दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी जिनके शेयर्स खरीदे जा सकते हैं. हालांकि, वीडियो गेम रिटेलर GameStop के शेयर का प्राइस अधिक होने की जानकारी देने के बाद Left को नाराजगी का सामना करना पड़ा था.

क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी से डरिए मत, युवाओं को ऑनलाइन सेवाओं के विस्तार का लाभ लेने दीजिए

चित्रण प्रज्ञा घोष | दिप्रिंट

कोविड के बाद की दुनिया ग्लोबल डिजिटल सेवाओं के विस्फोट से रू-ब-रू है और इस बार बात केवल सॉफ्टवेयर इंजीनीयरों की नहीं है. दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा व्यवसाय, घर और संस्थाएं अब डिजिटल अर्थव्यवस्था के किसी-न-किसी पहलू से जुड़ रहे हैं. महामारी के बाद, योग की कक्षाओं से लेकर हिसाब-किताब रखने के मामले उन सेवाओं की मांग काफी बढ़ गई है जो दुनिया के किसी भी कोने से दी जा सकती है.

अब सवाल यह है कि नीति निर्माता यह व्यवस्था कैसे करते हैं कि भारत की श्रम शक्ति और अर्थव्यवस्था को डिजिटल माध्यम से आपस में जुड़ी वैश्विक सेवाओं के बाज़ार के विस्तार से किस तरह फायदा दिलाते हैं. इस नई दुनिया में भारत के लिए लाभ उठाने की बड़ी संभावनाएं हैं. उसके पास दुनिया की सबसे युवा और सबसे विशाल श्रम शक्ति मौजूद है.

भारत को बढ़त

चीन ने बड़े पैमाने पर मैनुफैक्चरिंग से निर्यात में वैश्विक वृद्धि की लहर का फायदा उठाया जबकि इसमें चूक
गया. प्रारंभिक स्थितियों के लिहाज से भारत के पास बेहतर क्षमता है कि वह सेवाओं के क्षेत्र में विस्तार के
कारण जो अगली लहर आ रही है उसका लाभ उठा सके.

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इस विस्तार के कई पहलू हो सकते हैं. पारंपरिक सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात से लेकर कानून, मेडिकल,
अकाउंटिंग, शिक्षा और सेहत जैसे नए क्षेत्रों में जो वैश्विक वृद्धि होगी वह भारत के लिए सामाजिक और
सांस्कृतिक रूप से अधिक मुफीद होगी.

नीतिगत ढांचा

भारत में आर्थिक सुधारों का एजेंडा आमतौर पर इस पर केन्द्रित नहीं रहा है कि सरकार क्या करे बल्कि इस
पर रहा है कि किन प्रतिबंधों को हटाना ज़रूरी है. इसलिए, अंतरराष्ट्रीय व्यापार संधियां भारतीय फ़र्मों को कानूनी, मेडिकल, अकाउंटिंग और सॉफ्टवेयर आदि की सेवाओं का निर्यात करने की छूट दे सकती हैं लेकिन सीमा पार डिजिटल भुगतान पर प्रतिबंध लोगों को उपलब्ध अवसरों का पूरा फायदा लेने से रोक सकते हैं.

सीमा पार डिजिटल भुगतान को घरेलू डिजिटल भुगतान जितना आसान बनाने से छोटे व्यवसायों, व्यक्तियों और
परिवारों को वैश्विक व्यापार करने में मदद मिलेगी.

अमेरिका और यूरोप में जो बड़े वित्तीय पैकेज दिया गए उन्होंने परिवारों की ओर से मैनुफैक्चर्ड माल की मांग
बढ़ा दी. राजनीतिक मोर्चे पर, मुख्य ज़ोर उस मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार बचाने पर रहा है जो चीन चला
गया. मजदूर संघ और मतदाता मांग कर रहे हैं कि कारखानों को वापस अमेरिका लाया जाए. परिवारों की ओर
सेवाओं के लिए मांग भी बढ़ी है और अधिक बढ़ सकती है. अमेरिका और यूरोप की कंपनियों के लिए यह
गुंजाइश बढ़ रही है कि दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी वे लोगों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ वाली व्यवस्था के तहत काम पर रखें.

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