बिटकॉइन की खोज

दावा: एलन मस्क ने सतोशी नाकामोतो के रहस्य से उठाया पर्दा, इस शख्स को बताया क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन का निर्माता
Elon Musk Reveals Satoshi Nakamoto Mystery: अभी तक माना जाता है कि दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की खोज सतोशी नाकामोतो ने की थी। अब दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इस रहस्य से पर्दा उठाया है और निक सजाबो नामक व्यक्ति को बिटक्वाइन का निर्माता बताया है।
सतोशी नाकामोतो नाम से आज हर कोई परिचित है। दरअसल, अभी तक ऐसा माना जाता है कि दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की खोज इसी शख्स ने की थी। हालांकि, नाम के अलावा इनके बारे में और कोई जानकारी नहीं है। अब दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इस रहस्य से पर्दा उठाया है और निक सजाबो नामक व्यक्ति को बिटक्वाइन का निर्माता बताया है।
अब तक पहचान को लेकर कई बड़े दावे
गौरतलब है कि विश्वभर में सतोशी नाकामोतो की पहचान को लेकर कई बड़े-बड़े दावे कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी की भी पुष्टि नहीं हो सकती है। अब एलन मस्क ने सतोशी नाकामोतो के बारे में जो खुलासा किया है वो चर्चा का विषय बना हुआ है। मस्क ने कहा कि कंप्यूटर साइंटिस्ट और क्रिप्टोग्राफर निक सजाबो ने संभवत: बिटक्वाइन की खोज की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने दावा किया कि निक सजाबो के सिद्धांत खासतौर पर 'स्मार्ट कांटैक्स' और डिजिटल करंसी 'बिट गोल्ड' बिटकॉइन के निर्माण में आधार साबित हुए हैं।
सजाबो कर चुके हैं इससे इनकार
स्पेसएक्स और टेस्ला के मालिक मस्क ने कहा है कि निक सजाबो ने सतोशी नाकामोतो होने से भले ही इनकार किया है, लेकिन किसी अन्य की तुलना में बिटक्वाइन के विकास को लेकर उनकी दावेदारी दूसरे दावा करने वाले लोगों से कहीं ज्यादा मजबूत नजर आती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिटकॉइन के बनाने वाले की पहचान करना ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है।
सतोशी नाकामोतो का संक्षिप्त परिचय
31 अक्तूबर, 2008 को सातोशी नाकामोतो ने क्रिप्टोग्राफरों के एक ग्रुप को नौ पेज का एक पेपर भेजा था। इस पेपर में बिटक्वाइन नाम के इलेक्ट्रॉनिक कैश के एक नए फॉर्म की रूपरेखा तैयार की गई थी। उस समय किसी को भी नाकामोतो की पहचान से कोई लेना-देना नहीं था। उस समय ग्रुप के ज्यादातर लोगों को बिटकॉइन के आइडिया पर ही संदेह था। रिपोर्ट के मुताबिक, हैल फिने, निक स्जाबो, डेविड चाउम और वेई दाई जैसे क्रिप्टोग्राफर और डेवलपर्स एक दशक से ज्यादा समय से कैश के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को डेवलप करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, वे सभी कई तरह के कारणों के चलते इसमें नाकाम रहे।
2009 में लॉन्च हुआ बिटक्वाइन नेटवर्क
9 जनवरी 2009 को, नाकामोतो ने बिटकॉइन नेटवर्क लॉन्च किया। फिन्नी उन कुछ लोगों में से एक थे, जो इसे लेकर उत्सुक थे और शुरुआती हफ्तों में दोनों ने नेटवर्क को चलाने के लिए दूर से काम किया। पहला बिटकॉइन ट्रांजैक्शन नाकामोतो से मिस्टर फिन्नी के पास ही गया था। लगभग दो वर्षों तक, जैसे-जैसे बिटकॉइन धीरे-धीरे बढ़ता गया, नाकामोतो ने मैसेज बोर्ड्स पर लिखा और डेवलपर्स के साथ निजी तौर पर ईमेल के जरिए बातचीत की। दिसंबर 2010 में, नाकामोतो ने सार्वजनिक रूप से पोस्ट करना बंद कर दिया और 2011 में डेवलपर्स के साथ बातचीत भी बंद कर दी। नाकामोतो ने एक सॉफ्टवेयर डेवलपर गेविन एंड्रेसन को इस प्रोजेक्ट की कमान सौंप दी थी।
आज के समय में एक रहस्य है नाकामोतो
पब्लिक मैसेज में और यहां तक कि बाद में जारी किए गए पर्सनल मैसेज में भी, नाकामोतो ने कभी भी किसी व्यक्तिगत बात के बारे में कोई जिक्र ही नहीं किया। नाकामोतो ने न कभी अपने बारे में, न कभी मौसम के बारे में या स्थानीय स्तर पर होने वाली बातों या घटनाओं के बारे में कुछ भी नहीं कहा। जो भी बातचीत हुई, सिर्फ बिटकॉइन और उसके कोड लेकर ही की गई। नाकामोतो ने बातचीन के लिए दो ईमेल एड्रेस और एक वेबसाइट का इस्तेमाल किया। उन्हें रजिस्टर करने वाले की पहचान भी ब्लॉक कर दी गई थी। इसके बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। जिस युग में गुमनाम रहना बेहद मुश्किल है, नाकामोतो अब भी एक रहस्य बना हुआ है।
विस्तार
सतोशी नाकामोतो नाम से आज हर कोई परिचित है। दरअसल, अभी तक ऐसा माना जाता है कि दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की खोज इसी शख्स ने की थी। हालांकि, नाम के अलावा इनके बारे में और कोई जानकारी नहीं है। अब दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इस रहस्य से पर्दा उठाया है और निक सजाबो नामक व्यक्ति को बिटक्वाइन का निर्माता बताया बिटकॉइन की खोज है।
अब तक पहचान को लेकर कई बड़े दावे
गौरतलब है कि विश्वभर में सतोशी नाकामोतो की पहचान को लेकर कई बड़े-बड़े दावे कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी की भी पुष्टि नहीं हो सकती है। अब एलन मस्क ने सतोशी नाकामोतो के बारे में जो खुलासा किया है वो चर्चा का विषय बना हुआ है। मस्क ने कहा कि कंप्यूटर साइंटिस्ट और क्रिप्टोग्राफर निक सजाबो ने संभवत: बिटक्वाइन की खोज की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने दावा किया कि निक सजाबो के सिद्धांत खासतौर पर 'स्मार्ट कांटैक्स' और डिजिटल करंसी 'बिट गोल्ड' बिटकॉइन के निर्माण में आधार साबित हुए हैं।
सजाबो कर चुके हैं इससे इनकार
स्पेसएक्स और टेस्ला के मालिक मस्क ने कहा है कि निक सजाबो ने सतोशी नाकामोतो होने से भले ही इनकार किया है, लेकिन किसी अन्य की तुलना में बिटक्वाइन के विकास को लेकर उनकी दावेदारी दूसरे दावा करने वाले लोगों से कहीं ज्यादा मजबूत नजर आती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिटकॉइन के बनाने वाले की पहचान करना ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है।
सतोशी नाकामोतो का संक्षिप्त परिचय
31 अक्तूबर, 2008 को सातोशी नाकामोतो ने क्रिप्टोग्राफरों के एक ग्रुप को नौ पेज का एक पेपर भेजा था। इस पेपर में बिटक्वाइन नाम के इलेक्ट्रॉनिक कैश के एक नए फॉर्म की रूपरेखा तैयार की गई थी। उस समय किसी को भी नाकामोतो की पहचान से कोई लेना-देना नहीं था। उस समय ग्रुप के ज्यादातर लोगों को बिटकॉइन के आइडिया पर ही संदेह था। रिपोर्ट के मुताबिक, हैल फिने, निक स्जाबो, डेविड चाउम और वेई दाई जैसे क्रिप्टोग्राफर और डेवलपर्स एक दशक से ज्यादा समय से कैश के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को डेवलप करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, वे सभी कई तरह के कारणों के चलते इसमें नाकाम रहे।
2009 में लॉन्च हुआ बिटक्वाइन नेटवर्क
9 जनवरी 2009 को, नाकामोतो ने बिटकॉइन नेटवर्क लॉन्च किया। फिन्नी उन कुछ लोगों में से एक थे, जो इसे लेकर उत्सुक थे और शुरुआती हफ्तों में दोनों ने नेटवर्क को चलाने के लिए दूर से काम किया। पहला बिटकॉइन ट्रांजैक्शन नाकामोतो से मिस्टर फिन्नी के पास ही गया था। लगभग दो वर्षों तक, जैसे-जैसे बिटकॉइन धीरे-धीरे बढ़ता गया, नाकामोतो ने मैसेज बोर्ड्स पर लिखा और डेवलपर्स के साथ निजी तौर पर ईमेल के जरिए बातचीत की। दिसंबर 2010 में, नाकामोतो ने सार्वजनिक रूप से पोस्ट करना बंद कर दिया और 2011 में डेवलपर्स के साथ बातचीत भी बंद कर दी। नाकामोतो ने एक सॉफ्टवेयर डेवलपर गेविन एंड्रेसन को इस प्रोजेक्ट की कमान सौंप दी थी।
आज के समय में एक रहस्य है नाकामोतो
पब्लिक मैसेज में और यहां तक कि बाद में जारी किए गए पर्सनल मैसेज में भी, नाकामोतो ने कभी भी किसी व्यक्तिगत बात के बारे में कोई जिक्र ही नहीं किया। नाकामोतो ने न कभी अपने बारे में, न कभी मौसम के बारे में या स्थानीय स्तर पर होने वाली बातों या घटनाओं के बारे में कुछ भी नहीं कहा। जो भी बातचीत हुई, सिर्फ बिटकॉइन और उसके कोड लेकर ही की गई। नाकामोतो ने बातचीन के लिए दो ईमेल एड्रेस और एक वेबसाइट का इस्तेमाल किया। उन्हें रजिस्टर करने वाले की पहचान भी ब्लॉक कर दी गई थी। इसके बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। जिस युग में गुमनाम रहना बेहद मुश्किल है, नाकामोतो अब भी एक रहस्य बना हुआ है।
क्या है यह बिटकॉइन: दुनियाभर में चर्चित और खबरों की सुर्खियां में रहती है यह
कुछ साल पहले अचानक बिटकॉइन मुद्रा चर्चा में आई। यह एक ऑनलाइन मुद्रा है जो कि क्रिप्टोग्राफी प्रोग्राम पर आधारित है।
इस मुद्रा के प्रसार में काफी तेज उछाल भी आया है। हाल ही में बैटरी चलित वाहन बनाने वाली कंपनी टेस्ला के मुखिया एलन मस्क की वजह से भी यह काफी सुर्खियों में रही है। आपको बता दें कि बिटकॉइन की प्रीमियम लागत का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बिटकॉइन मूल्य तथा रुपये-डॉलर विनिमय दर पर निर्भर करता है।
स्वर्ण (सोना) की तरह बिटकॉइन को भी डॉलर के जोखिमों से बचाव के लिए एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया जाता है। हालांकि पिछले कुछ सप्ताह में बिटकॉइन में निवेश करने वालों का मुनाफा घटा भी है। पिछले कुछ समय से भारत तथा चीन ने अपनी स्वर्ण मांग में भारी कमी की है। चीन ने स्वर्ण के आयात एवं व्यापार को सख्त करने के उद्देश्य से अनौपचारिक नियंत्रण स्थापित किया है।
शुरुआती दौर में बिटकॉइन संदेह के घेरे में रही थी। लेकिन जैसे-जैसे ई-कॉमर्स के कार्य क्षेत्र में प्रसार होता गया, इसका प्रसार और उपयोग बढ़ता गया। भारत में अधिकतर बिटकॉइन मुद्रा का प्रसार चीन से होता है। हालांकि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक बयान में साफ तौर पर कहा जा चुका है कि बिटकॉइन एक करेंसी अथवा मुद्रा नहीं है।
जोखिम एवं नियम
बिटकॉइन की सबसे बड़ी समस्या इसका ऑनलाइन होना हैं, क्योंकि संपूर्ण व्यवस्था ऑनलाइन होने के कारण इसकी सुरक्षा एक बहुत बड़ी समस्या बनी रहती है। दरअसल, इसी वजह से इसके हैक होने का खतरा बना रहता है। दूसरी सबसे बड़ी समस्या इसके नियंत्रण एवं प्रबंधन की है। विशेषज्ञों के अनुसार, इंटरनेट के अविष्कार के बाद तकनीकी रूप से यह 21वीं सदी की दूसरी सबसे बड़ी क्रांतिकारी खोज है। हालांकि, बहुत से आर्थिक विशेषज्ञों ने इससे दूरी बनाए रखने यानी बिटकॉइन के अंतर्गत निवेश न करने की सलाह भी दी है।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टो-करेंसी है, जो तत्काल भुगतान को सक्षम बनाती है। बिटकॉइन को वर्ष 2009 में दुनिया के सामने पेश किया गया था। यह एक ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल पर आधारित है और इसे किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है।
बिटकॉइन की उत्पत्ति को लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। कई लोग मानते हैं कि वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के बाद सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह द्वारा बिटकॉइन के रूप में पहली क्रिप्टो-करेंसी विकसित की गई थी, हालांकि सातोशी नाकामोतो के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।
विस्तार
इस मुद्रा के प्रसार में काफी तेज उछाल भी आया है। हाल ही में बैटरी चलित वाहन बनाने वाली कंपनी टेस्ला के मुखिया एलन मस्क की वजह से भी यह काफी सुर्खियों में रही है। आपको बता दें कि बिटकॉइन की प्रीमियम लागत का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बिटकॉइन मूल्य तथा रुपये-डॉलर विनिमय दर पर निर्भर करता है।
स्वर्ण (सोना) की तरह बिटकॉइन को भी डॉलर के जोखिमों से बचाव के लिए एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया जाता है। हालांकि पिछले कुछ सप्ताह में बिटकॉइन में निवेश करने वालों का मुनाफा घटा भी है। पिछले कुछ समय से भारत तथा चीन ने अपनी स्वर्ण मांग में भारी कमी की है। चीन ने स्वर्ण के आयात एवं व्यापार को सख्त करने के उद्देश्य से अनौपचारिक नियंत्रण स्थापित किया है।
शुरुआती दौर में बिटकॉइन संदेह के घेरे में रही थी। लेकिन जैसे-जैसे ई-कॉमर्स के कार्य क्षेत्र में प्रसार होता गया, इसका प्रसार और उपयोग बढ़ता गया। भारत में अधिकतर बिटकॉइन मुद्रा का प्रसार चीन से होता है। हालांकि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक बयान में साफ तौर पर कहा जा चुका है कि बिटकॉइन एक करेंसी अथवा मुद्रा नहीं है।
जोखिम एवं नियम
बिटकॉइन की सबसे बड़ी समस्या इसका ऑनलाइन होना हैं, क्योंकि संपूर्ण व्यवस्था ऑनलाइन होने के कारण इसकी सुरक्षा एक बहुत बड़ी समस्या बनी रहती है। दरअसल, इसी वजह से इसके हैक होने का खतरा बना रहता है। दूसरी सबसे बड़ी समस्या इसके नियंत्रण एवं प्रबंधन की है। विशेषज्ञों के अनुसार, इंटरनेट के अविष्कार के बाद तकनीकी रूप से यह 21वीं सदी की दूसरी सबसे बड़ी क्रांतिकारी खोज है। हालांकि, बहुत से आर्थिक विशेषज्ञों ने इससे दूरी बनाए रखने यानी बिटकॉइन के अंतर्गत निवेश न करने की सलाह भी दी है।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टो-करेंसी है, जो तत्काल भुगतान को सक्षम बनाती है। बिटकॉइन को वर्ष 2009 में दुनिया के सामने पेश किया गया था। यह एक ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल पर आधारित है और इसे किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है।
बिटकॉइन की उत्पत्ति को लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। कई लोग मानते हैं कि वर्ष बिटकॉइन की खोज 2008 के वित्तीय संकट के बाद सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह द्वारा बिटकॉइन के रूप में पहली क्रिप्टो-करेंसी विकसित की गई थी, हालांकि सातोशी नाकामोतो के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।
Bitcoin में बिकवाली हो सकती है रिस्क का संकेत
क्रिप्टो मार्केट में प्राइसेज का मूवमेंट हैरान करने वाला है और इससे गिरावट पर खरीदने करने का मौका खोज रहे ट्रेडर्स के लिए रिस्क भी बढ़ा है
बिटकॉइन का प्राइस मंगलवार को गिरकर 29,731 डॉलर तक हो गया
खास बातें
- पिछले सप्ताह बिटकॉइन में लगभग 12 प्रतिशत की गिरावट आई थी
- फेडरल रिजर्व ने पिछले सप्ताह रेट में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी
- Ether का प्राइस सोमवार को गिरकर लगभग 2,360 डॉलर हो गया था
मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin पर इंटरेस्ट रेट्स के बढ़ने का बड़ा असर हो सकता है. इससे ऐसे इनवेस्टर्स के लिए रिस्क बढ़ सकता है जो बिटकॉइन में गिरावट का फायदा उठाकर इसमें खरीदारी करना चाहते हैं. यह क्रिप्टोकरेंसी टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयर्स जैसे अन्य रिस्क वाले एसेट्स के साथ गिरी है. इसके पीछे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से पिछले सप्ताह रेट्स में बढ़ोतरी करना एक बड़ा कारण है.
फेडरल रिजर्व की ओर से तीन वर्ष पहले तक रेट्स में बढ़ोतरी करने का बिटकॉइन पर असर नहीं पड़ा था. इसके अलावा शेयर्स में गिरावट से भी इसके मूवमेंट का जुड़ाव नहीं था. क्रिप्टो मार्केट में प्राइसेज का मूवमेंट हैरान करने वाला है और इससे गिरावट पर खरीदने करने का मौका खोज रहे ट्रेडर्स के लिए रिस्क भी बढ़ा है. बिटकॉइन का प्राइस मंगलवार को गिरकर 29,731 डॉलर तक हो गया. यह पिछले 10 महीनों में इसका सबसे निचला लेवल है. पिछले सप्ताह बिटकॉइन में लगभग 12 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जो इस वर्ष की शुरुआत से इसका सबसे अधिक साप्ताहिक नुकसान था.
क्रिप्टो प्लेटफॉर्म Stack Funds के COO Matt Dibb ने कहा, "यह पहली बार नहीं है कि जब बिटकॉइन इस लेवल पर है. पिछले एक वर्ष में गिरावट पर बिटकॉइन को खरीदने के लिए अच्छा मौका था लेकिन स्थिति इस बार अलग है. अगले कुछ महीनों या वर्षों में इन्फ्लेशन और रेट्स बढ़ने से फाइनेंशियल मार्केट्स के लिए सेंटीमेंट कमजोर हो सकता है. इसका असर बिटकॉइन पर भी पड़ने की आशंका है." फेडरल रिजर्व ने पिछले सप्ताह रेट में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जो 22 वर्षों में सबसे अधिक है. जून और जुलाई में भी रेट में इतनी ही बढ़ोतरी होने की संभावना है.
इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिना इंटरेस्ट के फंड मिलने का दौर समाप्त हो चुका है. इनवेस्टर्स अपने तरीकों में बदलाव कर रहे हैं. दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस सोमवार को गिरकर लगभग 2,360 डॉलर हो गया था. यह फरवरी के बाद से इसका लो लेवल है. अन्य ऑल्टकॉइन्स में भी काफी बिकवाली हुई है जिससे इनके प्राइसेज घट गए हैं. कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख्ती होने का असर भी इस मार्केट पर हो सकता है.
तो क्या बिटकॉइन बन सकता है ज़ीरो-एमिशन नेटवर्क?
परोपकारी डैनियल बैटन ने अपनी एक बिटकॉइन (BTC) माइनिंग रिपोर्ट में दावा किया है कि बिटकॉइन एक शून्य-उत्सर्जन नेटवर्क (Bitcoin zero-emission network) बन सकता है.
Cointelegraph की जानकारी के आधार पर, रिपोर्ट बीटीसी के समग्र कार्बन पदचिह्न पर कार्बन-नकारात्मक ऊर्जा स्रोतों के प्रभाव पर एक विचार प्राप्त करने के लिए बिटकॉइन माइनिंग काउंसिल के डेटा पर आधारित है. परिणामों की जांच के बाद, यह उम्मीद की जाती है कि संपूर्ण बिटकॉइन नेटवर्क एक शून्य उत्सर्जन नेटवर्क बन जाएगा. कथित तौर पर, कार्बन-नकारात्मक नेटवर्क तकनीक का मतलब वातावरण में रिलीज होने के बजाय, बीटीसी को मीथेन गैस का दहन करना है. अध्ययन के तहत यह पाया गया है कि यह प्रक्रिया नेटवर्क के उत्सर्जन को 63% तक कम कर देती है.
कॉइनटेलीग्राफ के अनुसार, अध्ययन अलग-अलग भड़कीले गैस बीटीसी खनिकों के डेटा का उपयोग करता है, जिसमें कोलोराडो में Crusoe energy, व्योमिंग में Jai energy और ब्राजील में Arthur mining शामिल हैं. अध्ययन स्लोवाकिया जैसे जानवरों के कचरे से अपशिष्ट गैसों का उपयोग करने वाले खनिकों पर भी ध्यान केंद्रित करता है, यह दिखाने के लिए कि मीथेन गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लिए बिटकॉइन खनन पर्यावरण पर प्रभाव डाल सकता है.
इसके अलावा, कॉइनटेलीग्राफ ने उल्लेख किया कि जब केंद्रीय बैंकर और मीडिया बिटकॉइन की ऊर्जा गहन खनन प्रक्रिया के बारे में बहस करना जारी रखते हैं, तो यह अनुमान लगाया जाता है कि खनन उत्सर्जन में कटौती करने में मदद कर सकता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, मीथेन उत्सर्जन को कम करने से अगले 25 वर्षों में जलवायु परिवर्तन को धीमा करने में मदद मिल सकती है. गैस की चमक या जानवरों के अपशिष्ट बायोगैस उत्सर्जन को हटाकर, वैश्विक स्तर पर बिटकॉइन खनिक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम कर रहे हैं.
उत्तरी आयरिश किसान ओवेन, जिन्होंने बिटकॉइन माइनिंग का परीक्षण शुरू किया, ने एक आयरिश कंपनी Scilling Digital Mining के साथ भागीदारी की, जो बिटकॉइन माइनिंग के लिए उपयोग करने के लिए अक्षय ऊर्जा (renewable energy) की तलाश करती है.
स्किलिंग के मैनेजिंग डायरेक्टर मार्क मॉर्टन ने कहा, "डैनियल [बैटन] ने बिटकॉइन माइनिंग की मीथेन कैप्चर क्षमता का प्रदर्शन करते हुए काम किया है. इन ऊर्जा उपभोक्ताओं बिटकॉइन की खोज के लिए प्रशंसा अभी शुरुआत है, और आयरलैंड के किसान इस तकनीक को अपनाने वाले अगले हो सकते हैं."
आज के इस दौर में, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिए एक विशेष GPU या एक Application-Specific Integrated Circuit (ASIC) माइनर की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, माइनिंग रिग में GPU को हर समय एक विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा जाना चाहिए. प्रत्येक क्रिप्टो माइनर को एक ऑनलाइन क्रिप्टो माइनिंग पूल का भी सदस्य होना आवश्यक है.
तो क्या बिटकॉइन बन सकता है ज़ीरो-एमिशन नेटवर्क?
परोपकारी डैनियल बैटन ने अपनी एक बिटकॉइन (BTC) माइनिंग रिपोर्ट में दावा किया है कि बिटकॉइन एक शून्य-उत्सर्जन नेटवर्क (Bitcoin zero-emission network) बन सकता है.
Cointelegraph की जानकारी के आधार पर, रिपोर्ट बीटीसी के समग्र कार्बन पदचिह्न पर कार्बन-नकारात्मक ऊर्जा स्रोतों के प्रभाव पर एक विचार प्राप्त करने के लिए बिटकॉइन माइनिंग काउंसिल के डेटा पर आधारित है. परिणामों की जांच के बाद, यह उम्मीद की जाती है कि संपूर्ण बिटकॉइन नेटवर्क एक शून्य उत्सर्जन नेटवर्क बन जाएगा. कथित तौर पर, कार्बन-नकारात्मक नेटवर्क तकनीक का मतलब वातावरण में रिलीज होने के बजाय, बीटीसी को मीथेन गैस का दहन करना है. अध्ययन के तहत यह पाया गया है कि यह प्रक्रिया नेटवर्क के उत्सर्जन को 63% तक कम कर देती है.
कॉइनटेलीग्राफ के अनुसार, अध्ययन अलग-अलग भड़कीले गैस बीटीसी खनिकों के डेटा का उपयोग करता है, जिसमें कोलोराडो में Crusoe energy, व्योमिंग में Jai energy और ब्राजील में Arthur mining शामिल हैं. अध्ययन स्लोवाकिया जैसे जानवरों के कचरे से अपशिष्ट गैसों का उपयोग करने वाले खनिकों पर भी ध्यान केंद्रित करता है, यह दिखाने के लिए कि मीथेन गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लिए बिटकॉइन खनन पर्यावरण पर प्रभाव डाल सकता है.
इसके अलावा, कॉइनटेलीग्राफ ने उल्लेख किया कि जब केंद्रीय बैंकर और मीडिया बिटकॉइन की ऊर्जा गहन खनन प्रक्रिया के बारे में बहस करना जारी रखते हैं, तो यह अनुमान लगाया जाता है कि खनन उत्सर्जन में कटौती करने में मदद कर सकता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, मीथेन उत्सर्जन को कम करने से अगले 25 वर्षों में जलवायु परिवर्तन को धीमा करने में मदद मिल सकती है. गैस की चमक या जानवरों के अपशिष्ट बायोगैस उत्सर्जन को हटाकर, वैश्विक स्तर पर बिटकॉइन खनिक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम कर रहे हैं.
उत्तरी आयरिश किसान ओवेन, जिन्होंने बिटकॉइन माइनिंग का परीक्षण शुरू किया, ने एक आयरिश कंपनी Scilling Digital Mining के साथ भागीदारी की, जो बिटकॉइन माइनिंग के लिए उपयोग करने के लिए अक्षय ऊर्जा (renewable energy) की तलाश करती है.
स्किलिंग के मैनेजिंग डायरेक्टर मार्क मॉर्टन ने कहा, "डैनियल [बैटन] ने बिटकॉइन माइनिंग की मीथेन कैप्चर क्षमता का प्रदर्शन करते हुए काम किया है. इन ऊर्जा उपभोक्ताओं के लिए प्रशंसा अभी शुरुआत है, और आयरलैंड के किसान इस तकनीक को अपनाने वाले अगले हो सकते हैं."
आज के इस दौर में, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिए एक विशेष GPU या एक Application-Specific Integrated Circuit (ASIC) माइनर की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, माइनिंग रिग में GPU को हर समय एक विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा जाना चाहिए. प्रत्येक क्रिप्टो माइनर को एक ऑनलाइन क्रिप्टो माइनिंग पूल का भी सदस्य होना आवश्यक है.