चैनल संकेतक

Updated Thu, 03 Mar 2022 11:38 PM IST
मुख्य सचिव ने सड़क सुरक्षा को लेकर की बैठक
लखनऊ। सड़क सुरक्षा के संबध में शनिवार को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में गठित कोष प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मंजूरी प्रदान की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सड़क निर्माण एजेंसियों के साथ एक सप्ताह का अभियान चलाया जाये।
अभियान के दौरान सड़कों पर साइनेज, ट्रैफिक कांबिंग मेजर्स, लेन मार्किंग, जेब्रा क्रॉसिंग, स्पीड लिमिट के साइनेज का मौके पर सत्यापन कर रिपोर्ट तैयार करें। जिसके आधार पर सुधार की कार्रवाई की जाये। चैनल संकेतक सड़कों के किनारे अवैध ढाबा के संचालन के लिए रेगुलेशन पॉलिसी बनाएं।
उन्होंने कहा कि नगर निकायों में जेब्रा क्रासिंग, यातायात संकेतक बोर्ड व मार्गों पर प्रकाश की व्यवस्था की जाये। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये सभी जिलों में चिन्हित ब्लैक स्पॉट तथा मरम्मत योग्य अथवा पुनर्निर्माण योग्य संकीर्ण पुलों के सुधारीकरण के कार्य में तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों, सोशल मीडिया एवं रेडियो चैनल के विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाये।
इसके अलावा त्रैमासिक सड़क सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों में पोस्टर, निबंध, भाषण, रंगोली, डिजिटल कोलाज, क्विज के माध्यम से जागरूक करें। यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिये एनसीसी कैडट्स, एनएसएस, स्काउट गाइड्स, रेंजर रोवरस स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है।
बैठक में यूपीएसआरटीसी की 10 हजार बसों में रेट्रोरेफलेक्टिव टेप एवं 12 पब्लिसिटी वैन में आउटडोर एलईडी स्क्रीन लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त ड्रंकन ड्राइविंग के प्रभावी प्रवर्तन हेतु 116 प्रवर्तन दल के लिए प्रति दल ब्रेथ एनालाइजर तथा 19 संभागों में प्रति संभाग 2 इण्टरसेप्टर ब्रेथ एनालाइजर एवं स्पीड लेजर गन सहित चैनल संकेतक क्रय करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया।
इसके अलावा वर्ष 2022-23 के लिए यातायात निदेशालय के लिए ब्रेथ एनालाइजर विद प्रिण्टर, स्मार्ट फोन, बैरियर आयरन, फोल्डिंग बैरियर आयरन, फ्लोरोसेण्ट सेफ्टी जैकेट, सोलर डेलीनेटर, रेनकोट, हेल्मेट, मास्क, स्प्रिंग पोस्ट क्रय करने के लिये 8 करोड़ 50 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण एवं यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार, जनपदों में यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार के लिए रिफ्लेक्टिव साइनेज बोर्ड, मोबाइल में इण्टरनेट की व्यवस्था, यातायात उपकरणों की एएमएसी, ई-चालान व्यवस्था के संचालन के लिए पेपर, कार्टेज व अन्य के लिए 2 करोड़ 50 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, एडीजी ट्रैफिक एवं रोड सेफ्टी अनुपम कुलश्रेष्ठ, सचिव लोक निर्माण अजय चौहान सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे।
कोरोना को सड़क हादसों ने पछाड़ा, छीन ली दोगुनी जिंदगी
कानपुर ब्यूरो
Updated Thu, 03 Mar 2022 11:38 PM IST
इटावा। कोरोना को लेकर जनता जागरूक है लेकिन यातायात नियमों को लेकर नहीं। नतीजा यह है कि पिछले दो सालों में कोरोना से 296 मौत हुई जबकि इससे दोगुनी मौतें सड़क हादसों में हुई हैं। वर्ष 2020 और 2021 दो सालों में सड़क दुर्घटना में 578 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में सबसे अधिक बाइक चालक हैं। सड़क दुर्घटना में बाइक सवारों की मौत होने का सबसे बड़ा कारण यातायात नियमों की अनदेखी को माना जा रहा है।
वर्ष 2020 में एक जनवरी से 31 दिसंबर तक सड़क हादसे में 278 लोगों की मौत हुई थी। इनमें 249 पुरुष और 29 महिलाएं हैं। वर्ष 2021 में एक जनवरी से 31 दिसंबर तक सड़क दुर्घटना में कुल 300 मौतें हुईं। इनमें 266 पुरुष और 34 महिलाएं हैं। दूसरी ओर कोरोना के कारण मई 2020 में अभी तक कुल 296 मौतें हुई हैं।
यातायात को सुगम बनाने के लिए आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का निर्माण हुुुुआ था। इस एक्सप्रेस में चैनल नंबर 104 फूड प्लाजा के पास सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। यहां पर महीने भर में पांच से छह दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
जानकारों की मानें तो यहां दुर्घटना होने का सबसे बड़ा कारण है हाईवे पर अत्यधिक ढलान होना। हाईवे पर पहले से ही वाहन तेज चलते हैं। ढलान समझ में नहीं आता और वाहन ढलान पर आते ही स्पीड बढ़ जाती है।
कई बार चालक वाहनों पर संतुलन नहीं रख पाते और दुर्घटना हो जाती है। फूड प्लाजा कट के कारण भी हादसे होते हैं।
सड़क पर संकेतक न होना भी वजह
शहर में सड़क दुर्घटना होने का कारण मार्गों पर यातायात नियमों का संकेतक न लगा होना है। भरथना इटावा मार्ग पर कई जगहों पर अक्सर छोटे-बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं।
यहां रास्ते में कहीं पर भी संकेतक नहीं लगे हैं और न किसी चौराहे पर ट्रैफिक लाइट लगी है। यह मार्ग भी सिंगल है। जिस कारण यहां हमेशा आमने-सामने भिड़ंत हो जाती है।
यहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं रात में होती हैं। इसका कारण इस मार्ग पर कई जगहों पर स्ट्रीट लाइट का न लगा होना है।
चालकों की थकान बनती कारण
आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर अधिक दुर्घटना होने कारण वाहन चालकों में थकावट का होना है। लंबे रूट के चालक कई घंटे तक लगातार वाहन चलाते रहते हैं। जिस कारण कई चैनल संकेतक बार रास्ते में उन्हें झपकी आ जाती है।
इस दौरान चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे वह हादसे का शिकार हो जाते हैं। एक्सप्रेस वे पर सर्वाधिक दुर्घटनाएं चालक को नींद आना अथवा थकान होना पाया गया है।
ग्वालियर-इटावा मार्ग दुर्घटना बहुल क्षेत्र
ग्वालियर इटावा मार्ग पर सिंगल लाइन होने के कारण यहां पर भी हमेशा हादसे होते रहते हैं। इस मार्ग पर मध्य प्रदेश से मौरंग लाद कर ट्रक और डंपर निकलते हैं।
इससे इस मार्ग पर जगह-जगह पर चैनल संकेतक बड़े गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों में हमेशा दो पहिया वाहन चालक फंसकर गिर जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। वहीं मौरंग लाद कर आने वाले वाहन सिंगल लाइन होने बाद भी ओवरटेक करते हैं।
इस वजह से भी हादसे होते हैं। यह मार्ग पर दुर्घटना बहुल क्षेत्र में गिना जाता है।
इटावा। कोरोना को लेकर जनता जागरूक है लेकिन यातायात नियमों को लेकर नहीं। नतीजा यह है कि पिछले दो सालों में कोरोना से 296 मौत हुई जबकि इससे दोगुनी मौतें सड़क हादसों में हुई हैं। वर्ष 2020 और 2021 दो सालों में सड़क दुर्घटना में 578 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में सबसे अधिक बाइक चालक हैं। सड़क दुर्घटना में बाइक सवारों की मौत होने का सबसे बड़ा कारण यातायात नियमों की अनदेखी को माना जा रहा है।
वर्ष 2020 में एक जनवरी से 31 दिसंबर तक सड़क हादसे में 278 लोगों की मौत हुई थी। इनमें 249 पुरुष और 29 महिलाएं हैं। वर्ष 2021 में एक जनवरी से 31 दिसंबर तक सड़क दुर्घटना में कुल 300 मौतें हुईं। इनमें 266 पुरुष और 34 महिलाएं हैं। दूसरी ओर कोरोना के कारण मई 2020 में अभी तक कुल 296 मौतें हुई हैं।
यातायात को सुगम बनाने के लिए आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का निर्माण हुुुुआ था। इस एक्सप्रेस में चैनल नंबर 104 फूड प्लाजा के पास सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। यहां पर महीने भर में पांच से छह दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
जानकारों की मानें तो यहां दुर्घटना होने का सबसे बड़ा कारण है हाईवे पर अत्यधिक ढलान होना। हाईवे पर पहले से ही वाहन तेज चलते हैं। ढलान समझ में नहीं आता और वाहन ढलान पर आते ही स्पीड बढ़ जाती है।
कई बार चालक वाहनों पर संतुलन नहीं रख पाते और दुर्घटना हो जाती है। फूड प्लाजा कट के कारण भी हादसे होते हैं।
सड़क पर संकेतक न होना भी वजह
शहर में सड़क दुर्घटना होने का कारण मार्गों पर यातायात नियमों का संकेतक न लगा होना है। भरथना इटावा मार्ग पर कई जगहों पर अक्सर छोटे-बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं।
यहां रास्ते में कहीं पर भी संकेतक नहीं लगे हैं और न किसी चौराहे पर ट्रैफिक लाइट लगी है। यह मार्ग भी सिंगल है। जिस कारण यहां हमेशा आमने-सामने भिड़ंत हो जाती है।
यहां सबसे अधिक दुर्घटनाएं रात में होती हैं। इसका कारण इस मार्ग पर कई जगहों पर स्ट्रीट लाइट का न लगा होना है।
चालकों की थकान बनती कारण
आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर अधिक दुर्घटना होने कारण वाहन चालकों में थकावट का होना है। लंबे रूट के चालक कई घंटे तक लगातार वाहन चलाते रहते हैं। जिस कारण कई बार रास्ते में उन्हें झपकी आ जाती है।
इस दौरान चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे वह हादसे का शिकार हो जाते हैं। एक्सप्रेस वे पर सर्वाधिक दुर्घटनाएं चालक को नींद आना अथवा थकान होना पाया गया है।
ग्वालियर-इटावा मार्ग दुर्घटना बहुल क्षेत्र
ग्वालियर इटावा मार्ग पर सिंगल लाइन होने के कारण यहां पर भी हमेशा हादसे होते रहते हैं। इस मार्ग पर मध्य प्रदेश से मौरंग लाद कर ट्रक और डंपर निकलते हैं।
इससे इस मार्ग पर जगह-जगह पर बड़े गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों में हमेशा दो पहिया वाहन चालक फंसकर गिर जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। वहीं मौरंग लाद कर आने वाले वाहन सिंगल लाइन होने बाद भी ओवरटेक करते हैं।
इस वजह से भी हादसे होते हैं। यह मार्ग पर दुर्घटना बहुल क्षेत्र में गिना जाता है।
अपर्णा पोपट: पार्क ताए-सांग की कोचिंग ने काम किया तो सिंधु का प्रदर्शन सबसे अच्छा संकेतक होगा
पोपट ने Olympics.com से कहा, "वह मूल रूप से सही समय पर चोटी पर जा रही है और विश्व चैम्पियनशिप पदक जीता है। वह वर्षों में इस शिखर पर पहुंची है। उन्होंने वर्ल्ड टूर फ़ाइनल भी जीता और कुछ बड़े खिलाड़ियों को हराया है। इतना ही नहीं उन्होंने अलग-अलग टूर्नामेंट में अलग तरह से खेल दिखाया है। विश्व चैंपियनशिप में वह हमला कर रही थी और रियो ओलंपिक में अलग स्ट्रोक खेल रही थी, वह मूल रूप से अपने आप को बदल रही थी और अपने विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब दे रही थी।"
उन्होंने कहा, "तो, यह सब इस बात पर होगा कि उनका अभ्यास कैसा है, उनकी फिटनेस कैसी है और टोक्यो 2020 में कोर्ट की स्थिति कैसी है, लेकिन जब यह मायने रखता था, तो उन्होंने बाहर जाकर कई बड़े मैच जीते हैं। विश्व चैंपियन होना अविश्वसनीय है।"
सिंधु दक्षिण कोरियाई कोच पार्क ताए-सांग के संरक्षण में काम कर रही हैं, जिन्होंने 2004 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था। किम जी ह्यून को व्यक्तिगत कारणों से ओलंपिक से अपना नाम वापस लेना पड़ा था, उसके बाद सितंबर 2019 से ताए-सांग ने सिंधु को कोचिंग देना शुरू किया।
पोपट ने कहा, "हमने हाल ही में उनका खेल नहीं देखा है, लेकिन खिलाड़ी का आराम महत्वपूर्ण है। अगर वह खुश है (नए कोच के तहत) तो यह सबसे अच्छी स्थिति है जिसकी हम उम्मीद कर सकते हैं। वह कैसे खेलेगी यह इस बात का सबसे बड़ा संकेतक होगा कि नए कोच ने अपना काम किया है या नहीं।"
सिंधु को ग्रुप J में रखा गया है, जहां उन्हें दुनिया की 134 नंबर रैंकिंग वाली हांगकांग की चेउंग नगन यी और इस्राइल की केसिया पोलिकारपोवा के साथ रखा गया है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों के खिलाफ उनका 100 प्रतिशत जीत का रिकॉर्ड है।
संभावना है कि अगर सिंधु ग्रुप चरण से आगे बढ़ती है तो क्वार्टर फाइनल में जापान की अकाने यामागुची से भिड़ सकती है। पोपट ने बताया कि अन्य प्रतियोगियों की तुलना में सिंधु के लिए दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी का सामना करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।
हालांकि, सिंधु ने इस साल की शुरुआत में ऑल इंग्लैंड ओपन में यामागुची को हराया था, लेकिन जापानी स्टार ने दिसंबर 2019 में BWF वर्ल्ड टूर फाइनल में भारतीय को मात दी थी।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उसे शुरुआती चरण में ठीक होना चाहिए, कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वह उच्च वरीयता प्राप्त है। समूह के माध्यम से प्राप्त करना ठीक रहेगा। मुझे लगता है कि कुल मिलाकर सिंधु के लिए यह एक बड़ा ड्रा है क्योंकि वह बाद के चरणों में (अकाने) यामागुची का सामना कर सकती है।"
उन्होंने समझाया, "एक बार जब आप चैनल संकेतक क्वार्टर फाइनल में पहुंच जाते हैं, तो हर कोई एक कठिन प्रतियोगी होगा। मुझे लगता है कि यामागुची बाद के चरणों में उसके लिए दूसरों की तुलना में सबसे अच्छा संभव ड्रा होगा। यामागुची उसके लिए नॉक-आउट चरण में दूसरों से खेलने की तुलना में थोड़ी कम मुश्किल होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि रक्षात्मक पक्ष पर उसकी खेलने की शैली थोड़ी अधिक है और यह सिंधु को उतना परेशान नहीं कर सकती है।"
टोक्यो 2020 कब शुरू होगा पीवी सिंधु का अभियान?
सिंधु महिला एकल ग्रुप J में अपने अभियान की शुरुआत 25 जुलाई रविवार को पोलिकारपोवा केन्सिया के खिलाफ करेंगी।
चैनल संकेतक
भारत को 2022 में रेमिटेंस में चैनल संकेतक रिकॉर्ड 100 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक प्राप्त होगा: वर्ल्ड बैंक ब्रीफ
वर्ल्ड बैंक ने अपने 37वें माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ 2022 में ‘रेमिटेंस ब्रेव ग्लोबल हेडविंड्स, स्पेशल फोकस: क्लाइमेट माइग्रेशन’ शीर्षक से कहा कि भारत को 2022 में वार्षिक प्रेषण में 100 बिलियन(bn) अमरीकी डालर से अधिक प्राप्त होने के लिए तैयार है।
- इसका मतलब है कि बढ़ती कीमतों जैसी वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, भारत के प्रवासी श्रमिक 2022 में रिकॉर्ड 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर अपने देश (भारत) भेजेंगे।
- यह पहली बार है जब किसी एक देश को वार्षिक प्रेषण में 100 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक प्राप्त होगा।
ब्रीफ की मुख्य विशेषताएं:
i. भारत प्रेषण का दुनिया का शीर्ष प्राप्तकर्ता बना हुआ है।
ii. वैश्विक प्रेषण प्रवाह की वृद्धि 2022 में 4.9% होने की उम्मीद है।
iii. भारत में प्रेषण प्रवाह 12% बढ़ जाएगा जो चीन, मेक्सिको और फिलीपींस से आगे है।
iv. 2022 में दक्षिण एशिया में प्रेषण अनुमानित 3.5% बढ़कर 163 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
- हालांकि, देशों में एक बड़ी असमानता है। भारत के लिए, यह 12% की दर से बढ़ने का अनुमान है, लेकिन नेपाल के लिए यह 4% की वृद्धि है।
- क्षेत्र के शेष देशों के लिए, 10% की कुल गिरावट है।
v. 2022 में यूरोप और मध्य एशिया में प्रेषण प्रवाह 10.3% बढ़कर 72 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।
vi. प्रेषण प्रवाह में वृद्धि लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के लिए 9.3%, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में 2.5% और पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 0.7% अनुमानित है।
vii. निम्न और मध्यम आय वाले देशों (LMIC) के लिए प्रेषण अनुमानित 5% बढ़कर 626 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है जो 2021 में 10.2% की वृद्धि से कम है।
viii. वर्ल्ड बैंक की ग्राउंडस्वेल रिपोर्ट का अनुमान है कि धीमी गति से शुरू होने वाले जलवायु प्रभावों के कारण 2050 तक आंतरिक जलवायु प्रवासन 216 मिलियन लोगों तक पहुंच सकता है।
भारत को भेजे जाने वाले धन में वृद्धि के पीछे कारण
i. संयुक्त राज्य अमेरिका (US) और अन्य आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ( OECD ) देशों में वेतन वृद्धि और एक मजबूत श्रम बाजार द्वारा भारत में प्रेषण बढ़ाया गया था।
ii. खाड़ी सहयोग परिषद के गंतव्य देशों में, सरकारों ने प्रत्यक्ष समर्थन उपायों के माध्यम से कम मुद्रास्फीति सुनिश्चित की, जिसके परिणामस्वरूप प्रवासियों की विप्रेषण क्षमता में वृद्धि हुई।
i. वर्ल्ड बैंक के रेमिटेंस प्राइस वर्ल्डवाइड डेटाबेस के अनुसार, 2022 की Q2 में LMIC को 200 डॉलर भेजने की वैश्विक औसत लागत 6% थी।
ii. विकासशील देश क्षेत्रों में, लागत दक्षिण एशिया में सबसे कम 4.1% थी, जबकि उप सहारा अफ्रीका में उच्चतम औसत लागत लगभग 7.8% थी।
iii. मोबाइल ऑपरेटरों (3.5%) के माध्यम से भेजने की लागत सबसे सस्ती है, लेकिन एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग / आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के नियमों के अनुपालन के बोझ के कारण डिजिटल चैनल कुल लेनदेन की मात्रा का 1% से भी कम खाते हैं।
माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ प्रवास से संबंधित SDG (सतत विकास लक्ष्य) संकेतकों में रुझानों का विश्लेषण करता है: सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में प्रेषण की मात्रा में वृद्धि, प्रेषण लागत को कम करना और भर्ती लागत को कम करना है।
हाल के संबंधित समाचार:
i. सितंबर 2022 में, वर्ल्ड बैंक(WB) के कार्यकारी निदेशक मंडल ने पंजाब को अपने वित्तीय संसाधनों के प्रबंधन और सार्वजनिक सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए 150 मिलियन अमरीकी डालर (लगभग 1,200 करोड़ रुपये) के ऋण को मंजूरी दी।
ii. वर्ल्ड बैंक पूर्वी एशिया और प्रशांत आर्थिक अद्यतन अक्टूबर 2022 के अनुसार: रिकवरी के लिए सुधार, विकासशील पूर्वी एशिया और प्रशांत (समग्र रूप से) में विकास 2023 में 4.6% तक बढ़ने से पहले 2021 में 7.2% से 2022 में 3.2% तक धीमा होने का अनुमान है।
वर्ल्ड बैंक (WB) के बारे में:
राष्ट्रपति – डेविड मलपास
मुख्यालय – वाशिंगटन D.C, संयुक्त राज्य अमेरिका (US)
सदस्य – 189 सदस्य देश
स्थापना– 1944