प्रवृत्ति पर व्यापार

< 14 >आर्थिक विकास में तेजी :- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण प्राकृतिक साधनों के विदोहन को प्रोत्साहन, बड़े पैमाने पर उत्पत्ति तथा विस्तृत बाजार और उत्पादनों के व्यापार आदि से आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होता है । अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण उत्पादन, उपभोग एवं व्यापार में वृद्धि से आर्थिक विकास में तेजी आती है । उत्पादन, रोजगार, आय तथा उपभोग बढ़ता है ।
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का उपयोग, लाभ एवं महत्त्व / Uses, Advantages & Importance of International Trade
सभी राष्ट्रों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का सामान महत्त्व नहीं है, फिर भी उन राष्ट्रों के लिए जिनकी अर्थव्यवस्था विदेशी व्यापार प्रधान है या जो अपनी उत्पत्ति का एक चौथाई से अधिक भाग निर्यात करते हैं, औद्योगिक निर्मित माल निर्यात कर कच्चे माल का आयात करते हैं । अपने देश में श्रम-विभाजन का लाभ उठाने के लिए विशिष्टीकरण अपनाते हैं । अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से सभी राष्ट्रों को लाभ मिलता है । केवल मात्रा में अन्तर हो सकता है । सामान्यतः निम्न लाभ मिलते हैं :-
< 1 >प्राकृतिक साधनों का पूर्ण उपयोग :- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार द्वारा ही सब राष्ट्र अपने प्राकृतिक प्रवृत्ति पर व्यापार साधनों का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं, तुलनात्मक लाभ का स्वरूप बहुत-कुछ प्राकृतिक साधनों की उपलब्धि पर निर्भर है, जैसे - भारत में अभ्रक का पूरा उपयोग न होने पर भी विदेशों में निर्यात कर उसका लाभ लेने की चेष्टा की जा रही है । प्रत्येक देश प्रायः उन उद्योगों में ही विशिष्टीकरण अपनाता है, जिसके प्राकृतिक साधन देश में उपलब्ध हैं और कम लागत पर वस्तुओं का उत्पादन करते हैं । इससे साधनों का पूरा-पूरा उपयोग होता है ।
युवा उद्यमशीलता: भारत में उभरती प्रवृत्ति Reading Time : 7 minutes -->
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रवृत्ति पर व्यापार कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की स्थापना युवाओं को कुशल बनाने और उन्हें न केवल स्व-नियोजित बनाने बल्कि दूसरों के लिए रोजगार सृजित करने की कुशलता विकसित करने की दृष्टि से की है।
आंकड़ों के अनुसार हमारी 54 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है और प्रति वर्ष लगभग 15 मिलियन कामगार हमारे देश के कार्यबल में शामिल होते हैं। इतनी बड़ी संख्या के लिए पर्याप्त रोजगार सृजित करने का केवल एक ही तरीका है कि सतत रूप से नवीनता भरी उद्यमशीलता के लिए एक वातावरण तैयार किया जाए। नवोन्मेषी युवा, जिन्हें हम अपने आस-पास देखते हैं, के साहस के साथ-साथ और सरकार तथा उद्योग की पहलें जो नवीनता और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए है, की बदौलत भारत वैश्विक उद्यमशीलता रैंकिंग में जल्द ही अधिक ऊपर आ जाएगा।
रविवार का राशिफल
मेष राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। व्यापार को विकसित करने की ओर अधिक ध्यान देंगे। नई योजनाएं और विचारधारा की नवीनता से व्यापार प्रगति की दिशा में अग्रसर होने लगेगा। फिर भी कार्य में सफलता मिलने में विलंब हो सकता है। मध्याह्न के बाद व्यापार के अनुकूल वातावरण सर्जित होगा। इसी कार्य के लिए कहीं बाहर जाने की संभावनाएं भी उपस्थित हो सकती हैं। पदोन्नति के योग हैं। आपकी कार्यपद्धति से उच्च अधिकारी भी आप पर प्रसन्न रहेंगे। पिता और बड़ों से लाभ की आशा है।
वृषभ राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। खान-पान पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। नकारात्मक विचारों को मन से निकाल देने पर हताशा से उबर पाएंगे। अनैतिक और अप्रमाणिक कार्य विपत्ति में डाल सकता है, इसलिए संभव हो तो उससे दूर रहें। आकस्मिक प्रवास का योग है। मध्याह्न के बाद अच्छी समय अच्छा बीतेगा। लेखन या साहित्यिक प्रवृत्ति में विशेष रुची रहेगी। व्यापार में विकास होने से नई योजनाएं भी अमल में आएंगी। वाद-विवाद से बचें।
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मिथुन राशि :- आज का दिन सामान्य रहेगा। किसी के साथ भावनात्मक संबंध से बंध सकते हैं और उस संबंध में आज कुछ अधिक भावनाशील रहेंगे। आनंद-प्रमोद तथा मनोरंजक प्रवृत्ति से मन प्रफुल्लित रहेगा। इस प्रवृत्ति में मित्रों का सहकार मिलने से मनोरंजन का आनंद दुगुना हो जाएगा। मध्याह्न के बाद स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। क्रोध पर संयम रखें। वाणी उग्र न हो जाए, इसका भी ध्यान रखें। नए कार्य को प्रारंभ करने के लिए समय अच्छा नहीं है।
कर्क राशि :- आज का दिन अच्छा रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा और आर्थिक लाभ होगा। व्यापार के विस्तार की नई योजनाएं शुरू कर सकते हैं, जिनमें सफलता मिलेगी। धन प्राप्ति का प्रबल योग है। नौकरी में पदोन्नति हो सकती है और आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। अच्छे वस्त्र और अच्छे खान-पान से मन प्रफुल्लित रहेगा। मनोरंजक प्रवृत्ति से मन प्रफुल्लित रहेगा। छोटे प्रवास या पर्यटन पर जा सकते हैं। सेहत का ध्यान रखें।
भारत में विदेशी व्यापार की विशेषताएँ | आर्थिक विकास में विदेशी व्यापार की भूमिका
भारत में विदेशी व्यापार की विशेषताएँ
(1) निर्यात में वृद्धि
योजनाकाल में देश के निर्यातों में निरन्तर वृद्धि की प्रवृत्ति हो रही हैं। 1950-51 में हमारा निर्यात 608 करोड़ रूपये था जो बढ़कर 1970-71 में 1535 करोड़ रूपये 1997-98 में 126286 करोड़ और 2000-2001 में 203571 करोड़ रूपये हो गया।
निकारागुआ
कॉर्डोबा कॉर्डोबा निकारागुआ प्रवृत्ति पर व्यापार में कानूनी उपयोग की मुद्रा इकाई है और इसे संक्षिप्त प्रवृत्ति पर व्यापार एनआईओ है; इसे 100 सेंट में विभाजित किया गया है और इसका प्रचलन उस देश के सेंट्रल बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
सिक्के का नाम स्पेनिश विजेता, कैप्टन फ्रांसिस्को हर्नांडेज़ डी कोर्डोबा के दूसरे उपनाम के सम्मान में आता है, जिन्होंने ग्रेनेडा और लियोन के शहरों की प्रवृत्ति पर व्यापार प्रवृत्ति पर व्यापार भी स्थापना की थी।
कॉर्डोबा को 25 अगस्त, 1908 को तत्कालीन राष्ट्रपति एडोल्फो डिआज़ के जनादेश के तहत पेश किया गया था, जिन्होंने 10 कॉर्डोबा का सिक्का जारी किया और पेसो को बदल दिया। उस समय नई मुद्रा में 5 कॉर्डोबा प्रति पाउंड स्टर्लिंग का मूल्य था।
13 नवंबर, 1931 को, कोर्डोबा ने 1.10 कॉर्डोबा प्रति अमेरिकी डॉलर की समता दर पर व्यापार करना शुरू किया, लेकिन कई अवमूल्यन के बाद यह 1946 और अप्रैल 1979 के बीच बढ़कर 7 अमेरिकी डॉलर प्रति अमेरिकी डॉलर हो गया।