डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है

ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर है। यहां पर यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि लेजर क्या है? दरअसल, लेजर एक ऐसा बुक है जो कि ऐसे एकाउंट रखता है जहाँ डेबिट्स और क्रेडिट्स ट्रांसक्शन्स पोस्ट होते हैं। उस बुक से जहाँ कि ओरिजनल एंट्री होते हैं।
वेब 3.0 क्या है ?
इंटरनेट का उपयोग महामारी के दौरान बहुत ज़्यादा हुआ है क्योंकि लोग कईं महीनो तक अपने घरों में बंद थे। 1980 डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है में वेब 1.0 हुआ करता था उसके बाद वेब 2.0 आया और अब 3.0 आ चूका है। आज हम जानेंगे की डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है वेब 3.0 क्या है ?
वेब 3.0 क्या है ?
वेब 3.0 को डिसेंट्रलाइज़्ड वेब भी कहा जाता है। इस संस्करण में वेबसाइट के फीचर के ऊपर कोई भी बात को सुनिश्चित नहीं किया जाएगा। इसके बजाय इसका मेजर एलिमेंट डिसेंट्रलाइजेशन होगा।
वेब 3.0 को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पावर देगी जिसे क्रिप्टोकरेन्सी में भी इस्तेमाल किया जाता है।
ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में कोई भी डाटा किसी एक कम्प्यूटर या सर्वर पर नहीं होता बल्कि दुनिया भर के विभिन्न कम्यूटर पर होता है जिस कारण किसी भी हैकर का इसे हैक कर लेना नामुमकिन सा है।
वेब 3.0 पूरी तरह ओपन होगा और यह वेब के पुराने सभी वर्ज़न से कईं कदम आगे होगा। इस वेब में हमारी पूरी वेब सिक्योरिटी सिक्योर रहेगी।
वेब 3.0 पुराने दोनों वेब वर्ज़न को सुधरने के इरादे से बनाया गया है जिसमे हमारा पूरा डाटा सिक्योर रहेगा।
वेब 3.0 पर किसी एक व्यक्ति का कंट्रोल नहीं होगा इसका कन्ट्रोल थोड़ा-थोड़ा सबके पास होगा और आप इससे यह समझ सकते हैं की इसका कंट्रोल किसी के पास भी नहीं होगा। इसी कारण किसी हैकर का इसे हैक करना नामुमकिन हो जाएगा।
जानिये, Metaverse Crypto क्या होता है और कैसी होगी फ्यूचर की वर्चुअल दुनिया!
Metaverse का मतलब एक ऐसी नेस्ट लेवल की दुनिया से है, जो सोच से परे हो। यह एक आभासी लेकिन असली (Virtual Reality) दुनिया है, जहां आप अपना घर छोड़े बिना दुनिया घूम सकेंगे, काम पर जा सकेंगे, स्कूल जा सकते हैं और साथ में खेल सकेंगे और बहुत कुछ कर सकते हैं।
मतलब इस ‘मेटावर्स टेक्नोलॉजी’ से हमारी असली दुनिया और आभासी दुनिया (Virtual world) एक दुसरे से कनेक्ट हो जाएगी, जिससे की हम आभासी दुनिया में भी असली दुनिया जैसा अनुभव कर और जी सकते है। यह इंटरनेट का अगला दौर है, जहाँ डिसेंट्रलाइज्ड प्लेटफार्म, ऑनलाइन 3D आभासी वातावरण का इस्तेमाल होता है।
जहाँ अभी तक हम केवल फ़ोन या विडियो कॉल तक ही सिमित थे वही मेटावर्स इसको एक कदम आगे ले जाता है। इससे हम उस इंसान से वर्चुअली मुलाकात कर पायेंगे जिससे हमें अभी तक फ़ोन पर या विडियो कॉल पर बात होती थी। जैसा की बहुत सारे साइंस फिक्शन सिनेमा में दिखाया भी गया है।
ऐसे मेटावर्स के कुछ उदाहरण है जैसे- Decentraland, Upland, Sandbox आदि जो मेटावर्स पर काफी समय से कार्य कर रहे है
मेटावर्स क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
जिस प्रकार सभी देशो की अलग-अलग करेंसी चलती है, उसी प्रकार डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है मेटावर्स की वर्चुअल दुनिया में जो भी लेनदेन होंगे वे ‘Crypto-currency’ में होंगे। Metaverse प्लेटफॉर्म में यूजर्स वर्चुअल लैंड और दूसरे डिजिटल सम्पति को एक खास क्रिप्टोकरेंसी से खरीदते हैं, जिसे ‘मेटावर्स क्रिप्टोकरेंसी’ कहते है। ऐसे काफी सारे मेटावर्स क्रिप्टोकॉइन है जैसे- Decentraland (MANA), Sandbox (SAND) आदि।
Decentraland क्या है?
Metaverse के सबसे अच्छे उदाहरण में एक ‘Decentraland’ है। यह फरवरी 2020 मैं लॉन्च हुआ जो कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक 3D वर्चुअल रियलिटी गेमिंग प्लेटफार्म है।
Free Fire या PUBG जैसी गेम जिनको आप अभी तक केवल अपने मोबाइल फ़ोन में खेल पाते थे, सोचिये कैसा लगेगा जब अगर आप इन गेम्स को गेम के अंदर जाकर खेले। यही है ‘डीसेंट्रललैंड मेटावर्स’ जहाँ हम एक खास VR हेडसेट या AR लेंस की मदद से उस वर्चुअल दुनिया में एंट्री ले पायेंगे। ये बिलकुल ऐसा अहसास दिलाएगा जैसे वास्तव में हम उस जगह पर मौजूद है।
Decentraland (MANA) क्या है?
यह एक ‘Metaverse Cryptocurrency’ ही है जिसे Decentraland नामक गेमिंग प्लेटफॉर्म में यूजर्स द्वारा वर्चुअल लैंड और दूसरे डिजिटल सम्पति की खरीद-बिक्री करने के लिये इस्तेमाल किया जाता है। डीसेंट्रललैंड एथेरियम ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा ही संचालित होते हैं।
मेटावर्स का भविष्य (Metaverse future)
हाल के समय दुनिया भर में Blockchain, Crypto, NFT के बारे में खूब चर्चा हो रही है। खासकर जबसे Facebook के साथ Meta नाम जुड़ी है, लोग कल्पना कर पा रहे है की Metaverse कैसा होने वाला है और हम इसमें क्या क्या कर सकते है। इसकी संभावनाएं अनंत हैं।
मेटावर्स क्रिप्टोकरेंसी के नाम (Metaverse crypto list):
- Axie Infinity AXS
- Decentraland MANA
- The Sandbox SAND
- Enjin Coin ENJ
- StarLink STARL
- UFO Gaming UFO
- Render Token RNDR
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
मेटावर्स लैंड या प्लाट क्या है?
Metaverse के आभासी दुनिया में वो सबकुछ होती है जो असली दुनिया में है, मतलब जमीन, पहाड़, नदी आदि। इसमें 3D (थ्री डायमेंशनल) स्थान या लैंड होते है, जिसमें वर्चुअल शॉपिंग मॉल से लेकर घर और खेल का मैदान और स्मारक तक सब कुछ शामिल है – ये स्थान मेटावर्स लैंड (Metaverse Land) कहलाते है और ये एक उभरता हुआ रियल एस्टेट बाजार भी बन चूका है।
ब्लॉकचेन (Blockchain) क्या है?
ब्लॉकचैन नेटवर्क एक डिजिटल बही खाता होता है जो क्रिप्टो-ग्राफी द्वारा 100% सिक्योर्ड हैं। इस नेटवर्क में डेटा कई Blocks में स्टोर रहते है और एक ब्लाक कई दुसरे ब्लाक से जुड़े होते हैं। इस तरह यह डेटा या ब्लाक का चेन बनाते हैं, इसीलिए इस नेटवर्क को ‘Blockchain’ कहते हैं.
इसके प्लेटफॉर्म पर ना सिर्फ डिजिटल-करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है।
अगर आपके पास कोई प्रश्न है, तो निचे Comment करें। यदि आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं, तो इसे दूसरों के साथ Share करें।
डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है
यदि आप आप इन्टरनेट की दुनिया से जुड़े रहते होंगे और यदि आप में कुछ नया सीखते रहने की जिज्ञासा होगी तो आपके मन में क्रिप्टो करेंसी से जुड़े कई सवाल मन में आते होंगे, जिसका जवाब हमने अपने ब्लॉग पर दे रखा है आप उसे जाकर पढ़ सकते हैं।
आज हम बात करेंगे ब्लाकचेन तकनीक की,किस प्रकार ब्लॉकचेन तकनीक नें इन्टरनेट की दुनिया को एक नया आयाम दिया है और आने वाले समय में एक तकनीक का क्या महत्व होने वाला है इसी विषय को आज हम विस्तार से जानेंगे।
पिछले कुछ महीने से Digital Currency यानी क्रिप्टो करेंसी के बारे में हमें बहुत कुछ देखने और सुनने को मिल रहा है। क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे इसकी कीमत में भारी उछाल देखने को मिलता है और किस प्रकार CRYPTO NETWORK काम करता है इसको समझने के लिए हमे इसके पीछे की तकनीक को समझना होगा जिसे ब्लॉकचेन तकनीक के नाम से जाना जाता है।
आज से लगभग 10 साल पहले जिस प्रकार इन्टरनेट के आने से हमारी कार्यशैली में बदलाव आया उसी प्रकार अब BLOCKCAHIN हमारे जीवनशैली में बड़ा प्रभाव डालने वाला है। हालाँकि ब्लॉकचेन तकनीक नई नहीं है फिर भी चर्चा में न रह पाने के कारण अब तब लोग जान नहीं पाए , लेकिन हम आपको इसके विषय में विस्तार से समझायेंगे।
ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर है। यहां पर यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि लेजर क्या है? दरअसल, लेजर एक ऐसा बुक है जो कि ऐसे एकाउंट डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है रखता है जहाँ डेबिट्स और क्रेडिट्स ट्रांसक्शन्स पोस्ट होते हैं। उस बुक से जहाँ कि ओरिजनल एंट्री होते हैं।
Blockchain in Hindi ब्लॉकचेन तकनीक क्या है?
ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता है। यहां पर यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि डिजिटल बहीखाता क्या है? दरअसल, डिजिटल बहीखाता एक ऐसा बुक है जो कि ऐसे एकाउंट रखता है जहाँ डेबिट्स और क्रेडिट्स ट्रांसक्शन्स पोस्ट होते हैं। उस बुक से जहाँ कि ओरिजनल एंट्री होते हैं। डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है या फिर यूँ कहें कि ओरिजनल बुक से एंट्री इस लेजर में अपडेट होते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ब्लॉकचेन एक डिजिटाइज्ड, डिसेंट्रलाइज्ड, पब्लिक लेजर होती है, जहां किसी भी प्रकार का हिसाब-किताब उसके मूल स्रोत तक का उल्लेख करते हुए सरलता पूर्वक रखा जाता है।
उदाहरणतया, यह मान लीजिये कि आपके पास एक फ़ाइल ऑफ ट्रांसक्शन्स ए “नोड“ जो कि आपके कंप्यूटर ए “लेजर” में है। दो गवर्नमेंट एकाउंट्स, जिन्हें हम “मैनर्स” कहते हैं, के पास भी वही समान फ़ाइल उनके सिस्टम में हैं। इसलिए ये “डिस्ट्रिब्यूटेड“ हैं। जैसे ही आप एक ट्रांसक्शन्स करते हैं, आपका कम्प्यूटर उन दोनों अकाउंटेंट को ई-मेल करता है, उन्हें इन्फॉर्म करने के लिए। इन दोनों में से जो भी पहले चेक करता है और आखिरकार उसे वैलिडेट कर “रिप्लाई आल” प्रेस करता है, वहीं इसके साथ वो अपनी लॉजिक को भी अटैच कर देता है, उस ट्रांसक्शन्स को वेरीफाई करने के लिए और इसे ही “प्रूफ ऑफ वर्क” कहा जाता है।
यदि इसी बीच वो दूसरा अकाउंटेंट भी एग्री हो जाता है, तब सभी अपने फाइल्स ऑफ ट्रांसक्शन्स को अपडेट्स कर लेते हैं। इसी पूरे प्रोसेस या कॉन्सेप्ट को “ब्लॉकचेन” टेक्नोलॉजी कहा जाता है। इसलिए ब्लॉकचेन एक ऐसा इंकॉररूपटैब्ल डिजिटल लेजर ऑफ ट्रांसक्शन्स है जिसे कि प्रोग्राम्ड किया जाता है, वर्चुअली सभी चीज़ों को रिकॉर्ड करने के लिए। सभी लिस्ट ऑफ रिकॉर्ड जो कि ब्लॉकचेन में होते हैं, उन्हें “ब्लॉक” कहा जाता है। इसलिए ये ब्लॉकचेन हमेशा कॉन्टिनुअसली ग्रोइंग लिस्ट ऑफ रिकार्ड्स है जो कि लिंक्ड और सिक्योरड होते हैं।
आसान भाषा में ब्लॉकचेन का उदहारण-
मान लीजिये दो खिलाडी कबड्डी खेल रहे हों और वहां पर एक रेफरी हो जो उन दोनों खिलाडियों के अंक गिन रहा हो।
अब यहाँ पर दो स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, पहली स्थिति यह कि रेफरी को दोनों खिलाडियों के अंक याद हों जिसके आधार पर खेल के अंत में वह त्रुटिरहित निर्णय लेते हुए किसी एक अधिक अंक पाए हुए खिलाडी को विजेता घोषित करे।
दूसरी स्थिति यह हो सकती है कि किसी कारणवश रेफरी को खिलाडियों का अंक याद न रह जाये और खेल के अंत में वो गलत निर्णय दे दे।
दूसरी वाली स्थिति से बचने के लिए खिलाडियों को यह चाहिए कि वे अपने अपने अंक खुद भी याद रखें जिससे यदि किसी एक व्यक्ति से भूल भी हो तो निर्णय गलत न होने पाए।
बिलकुल इसी प्रकार ब्लॉकचेन में भी यही प्रक्रिया होती है, यदि हम एक वॉलेट से दुसरे वॉलेट को कोई भी क्रिप्टो करेंसी भेजते हैं तो ब्लॉकचेन द्वारा वह ट्रांसजैकशन पूरी दुनिया के तमाम सर्वर पर ENCRYPTED रूप में रिकॉर्ड हो जाता है, जिससे धोखाधड़ी और इसके हैक होने की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाती है।
हमें आशा है कि आपको हमारा लेख पसंद आया होगा, तकनीक और क्रिप्टो से जुड़े लेख हम इसी प्रकार आपके लिए लाते रहेंगे।
Digital Rupee Explained: कैसे काम करेगी भारत की पहली वर्चुअल करेंसी?
वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने वित्त वर्ष 2022-23 के Budget भाषण में Digital Rupee को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री के मुताबिक, Digital Rupee को Reserve Bank of India (RBI) की तरफ से जारी किया जाएगा. आपको बता दें, वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने अपने Budget भाषण के दौरान कहा, कि “वित्त वर्ष 2022-23 की शुरुआत में RBI की डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया जाएगा और यह डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को एक बूस्ट प्राप्त होगा”.
Digital Rupee ब्लॉकचेन समेत अन्य टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल करेंसी होगी. वैसे तो, हम सब डिजिटल या वर्चुअल करेंसी को Bitcoin, Dogecoin के रूप में जानते हैं, लेकिन इन डिजिटल करेंसी को RBI की तरफ से कोई मान्यता प्राप्त नहीं है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि Digital Rupee पहली वर्चुअल करेंसी होगी, जिसे RBI की ओर से जारी किया जाएगा और Central Bank Digital Currency (CBDC) इसे रेगुलेट करेगी. आइए डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है जानते हैं, कि आखिर Digital Rupee कैसे काम करेगी, और यह बाकी प्राइवेट डिजिटल करेंसी से कैसे अलग होगी?
क्या है CBDC और कौन करेगा लॉन्च
आपको बता दें, कि आगामी वित्त वर्ष में CBDC को लॉन्च करेगी. CBDC एक लीगल टेंडर है, जिसे सेंट्रल बैंक एक डिजिटल रूप में जारी करती है. यह कागज में जारी एक फिएट मुद्रा के समान है और किसी भी अन्य फिएट मुद्रा के साथ लेनदेन करने योग्य है. वहीं, अगर लीगल टेंडर को समझा जाए तो, हम लीगल टेंडर को भारतीय मुद्रा के रूप में समझ सकते हैं, जिसे लेने से कोई मना नहीं कर सकता. इसी प्रकार Digital Rupee एक लीगल टेंडर है, जिसे RBI जारी करेगी. यह अन्य प्राइवेट डिजिटल करेंसी के जैसी नहीं है. साथ ही आपको बता दें, कि CBDC को नोट के साथ बदला भी जा सकेगा.
क्या होती है Cryptocurrency
Cryptocurrency एक ऐसी करेंसी है, जिसे हम महसूस या देख नहीं सकते, यानी यह एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है जिसे ऑनलाइन वॉलेट में ही रखा जा सकता है. लेकिन इसे भारत समेत कई अन्य देशों में मान्यता प्राप्त नहीं है. Digital Rupee जारी करने के बाद निश्चित तौर पर सरकार का अगला कदम दूसरी अन्य प्रकार की डिजिटल करेंसी पर रोक लगाना ही होगा. Digital Rupee भी एक वर्चुअल करेंसी की तरह ही काम करेगी और इसे देश में लेनदेन के लिए कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त होगी.
क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में डाटा ब्लॉक्स मौजूद होते हैं, इन ब्लॉक्स में करेंसी को डिजिटली रूप में रखा जाता है. यह सारे ब्लॉक्स आपस में एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए होते हैं. जिससे डेटा की एक लंबी चेन बन जाती है, जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि इन डाटा ब्लॉक्स में सारी लेन-देन की जानकारी डिजिटल रूप में सुरक्षित रहती है, और साथ ही प्रत्येक ब्लॉक एंक्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित होते हैं.
आपको बता दें, कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी होती है. अगर इसे आसान भाषा में समझा जाए, तो करेंसी की कीमत को कम या ज्यादा नहीं किया जा सकता. ऐसे में Digital Rupee में मुनाफे की गुंजाइश ज्यादा मानी जा रही है.
Digital Rupee बाकी वर्चुअल करेंसी की तुलना में कैसे है अलग?
Digital Rupee बाकी वर्चुअल करेंसी से अलग होगी, क्योंकि Digital Rupee को RBI जारी करेगी और यह करेंसी CBDC के तहत काम करेगी. बता दें, कि CBDC को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है. ऐसे में Digital Rupee में निवेश करना बाकी वर्चुअल करेंसी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है.
कितने तरह की होती हैं डिजिटल करेंसी ?
वर्तमान में बाज़ार में कई तरह की डिजिटल करेंसी मौजूद है. लेकिन मुख्यतः डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है. पहली रिटेल डिजिटल करेंसी, जिसे आम लोग और कंपनियों के लिए जारी किया जाता है. दूसरी होलसेल डिजिटल करेंसी, जिसका इस्तेमाल वित्तीय संस्थानों द्वारा किया जाता है.
भारत सरकार द्वारा Digital Rupee को लेकर एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है. इसकी पूरी प्रक्रिया होने में अभी समय लगेगा. RBI, भले ही इसे जारी करने के लिए तैयार है, लेकिन यह तब तक संभव नहीं है, जब तक संसद में डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है क्रिप्टो कानून पारित नहीं हो जाता. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत, मुद्रा को लेकर जो मौजूदा प्रावधान हैं, वह भौतिक मुद्रा रूप को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं. जिसके परिणामस्वरूप सिक्का अधिनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट में भी संशोधन की आवश्यकता होगी.