कारक विश्लेषण

कारक विश्लेषण की लाभप्रदता - एक सबसे उपयोगी तरीकों का विश्लेषण
मुनाफे की गणना की फर्म है बहुत ही महत्वपूर्ण कदम के मूल्यांकन में वित्तीय स्थिति. इन संकेतकों की अनुमति न्याय करने के लिए क्षमता के बारे में. हालांकि, क्रम में करने के लिए किसी भी निष्कर्ष आकर्षित, एक साधारण गणना इन संकेतकों के लिए पर्याप्त नहीं है । गणना के बाद संकेतकों का विश्लेषण करने की आवश्यकता द्वारा एक विशेष विधि है । एक के सबसे लोकप्रिय तकनीक है, कारक विश्लेषण के उद्यम की लाभप्रदता है, इसलिए इस पर हम और बंद हो जाएगा.
के रूप में आप नाम से बता सकते हैं, इस प्रकार के विश्लेषण का निर्धारण करने के लिए पर प्रभाव जिसके परिणामस्वरूप सूचकांक, इस मामले में – लाभप्रदता के कुछ कारकों. एक महान योगदान के विकास के लिए इस विधि द्वारा किए गए फर्म ड्यूपॉन्ट, जो विशेषज्ञों को विकसित किया है एक विशेष सूत्र के लिए अनुमति देता है कि आसान विश्लेषण के मुनाफे की संपत्ति और खुद की राजधानी. इन सूत्रों पर आधारित कर रहे हैं की विधि निरपेक्ष मतभेद के लिए लागू किया कुछ बदल गणितीय मॉडल है । परिवर्तन पर विचार किया जा करने के लिए उत्पादन करने के लिए एक कारक विश्लेषण के मुनाफे की ये सूत्र.
के साथ शुरू करते हैं संपत्ति पर वापसी है, जो द्वारा निर्धारित किया जाता है शुद्ध लाभ का अनुपात के लिए औसत से अधिक कारक विश्लेषण की अवधि में इन परिसंपत्तियों के मूल्य. गुणा है कि अमेरिका और भाजक के इस सूत्र के लिए राजस्व. अब आप सूचना हो सकता है कि जिसके परिणामस्वरूप अंश प्रतिनिधित्व किया जा सकता है के रूप में उत्पाद के दो भागों, जिनमें से प्रत्येक है एक आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण सूचक है: संपत्ति के कारोबार और बिक्री पर लौटने. इस प्रकार हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि इस कारकों के संयोजन को प्रभावित करता है, संपत्ति पर वापसी.
का आयोजन किया गुणात्मक विश्लेषण के वित्तीय और आर्थिक पहलुओं के कामकाज के लिए एक उद्यम बनाने के लिए मदद करता आकलन का काम किया और सही ढंग से की भविष्यवाणी परिवर्तन करने के लिए सबसे अधिक लाभ मिलता है. इस प्रक्रिया के लिए, के रूप.
पर संगठनात्मक और कार्यात्मक आधार के जोखिम को गड़बड़ी में प्रकट कर रहे हैं कार्य: योजना, आयोजन, प्रेरित और नियंत्रण. इस समूह के जोखिम के लिए संदर्भित करता है निरपेक्ष संबंध में लक्षित करने के लिए समारोह उद्यम के नामकरण उत्पादों के प्रकार के और रूपों म.
समारोह की योजना बना के प्रबंधन के निर्धारण की विभिन्न समस्याओं के कामकाज और विकास के उद्यम और उन्हें प्राप्त करने के तरीके. किसी भी संगठन की योजना बना आवश्यक है, क्योंकि हम चर्चा कर रहे हैं कई प्रबंधकीय निर्णय:• आवंटित स.
के मामले में पूंजी पर प्रतिफल के मालिक परिवर्तनों की है करने के लिए एक छोटे से अधिक. गणना सूत्र इस सूचक के, गुणा और विभाजित करके राजस्व और संपत्ति. की एक श्रृंखला के बाद साधारण परिवर्तनों निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि डिग्री के उपयोग की दक्षता की पूंजी के मालिक पर निर्भर है, एक ही कारक है कि प्रभावित की संपत्ति पर वापसी (का एक उपाय उनके कारोबार और मुनाफे की बिक्री), के रूप में अच्छी तरह से के रूप में सूचक के वित्तीय निर्भरता है ।
कारक विश्लेषण के मुनाफे में किया जाता है, एक से थोड़ा अलग तरीका है. मॉडल परिवर्तित किया जा सकता है, खोलने और बाहर बिछाने की बारीकियों दर के लाभ में अंश और लागत में भाजक है । इस प्रक्रिया के बाद करने के लिए प्राप्त गणितीय मॉडल को लागू किया जा सकता है विधि की चेन प्रतिस्थापन. विधि का उपयोग करने के लिए निरपेक्ष मतभेद, इस मामले में असंभव है, के रूप में गणितीय मॉडल होगा एक से अधिक चरित्र है ।
जाहिर है, की क्षमता बनाने के लिए एक कारक विश्लेषण की लाभप्रदता पर निर्भर करता है की उपलब्धता के बारे में जानकारी के कारकों में से कई समय से अधिक, कम से कम दो. पसंदीदा स्रोत डेटा, मध्यवर्ती और अंतिम परिणाम में पेश करने के लिए टेबल. बेशक, यदि संभव हो तो, का उपयोग करने के लिए स्वचालन उपकरण, यानी कंप्यूटर और विशेष सॉफ्टवेयर है । विश्लेषण यह निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए जो कारकों में था सबसे बड़ा सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, और क्या कारकों उपेक्षित किया जा सकता । बाद में प्रबंधन के निर्णय के लिए योगदान देना चाहिए मजबूत बनाने के सकारात्मक प्रभाव को कमजोर और नकारात्मक ।
इस प्रकार के विश्लेषण है केवल एक ही नहीं कर रहे हैं, जो संकेतकों की लाभप्रदता. अधिक से अधिक बार के लिए विश्लेषण का उपयोग विधि की तुलना. तुलना बनाया जा सकता है के संकेतक के साथ एक ही उद्यम के लिए पिछले अवधि (क्षैतिज विश्लेषण, विश्लेषण के समय में), के रूप में अच्छी तरह के रूप में इसी तरह के संकेतकों से अन्य कंपनियों (विश्लेषण अंतरिक्ष) के साथ औसत स्तर है.
Astro Tips: कपड़ों से भी जुड़े हैं किस्मत के तार, नए कपड़े खरीदने और पहनने से पहले इन बातों को जान लें
Astro Tips: कपड़े खरीदने और पहनने के सही समय और काल की उचित जानकारी ना होने की वजह से इसका असर हमारी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा पर तो पड़ता ही है, बल्कि आर्थिक नुकसान होने की भी आशंका बनी रहती है.
Written by Rohit Rai December 4, 2022
नए कपड़े और ज्योतिष शास्त्र
Astro Tips: माना जाता है कि कपड़ों का संबंध ना केवल व्यक्ति के आत्मविश्वास से है, बल्कि बदलते दौर में आज कपड़े ही उसकी पहचान का कारक भी बनते जा रहे हैं. एक जमाना था जब कपड़े तन ढकने का माध्यम हुआ करते थे, लेकिन आज बदलते दौर में फैशन के नए-नए चलन देखने को मिल रहे हैं.
समाज में कपड़ों को लेकर एक अलग तरह की प्रतिस्पर्धा भी देखने को मिलती है. ऐसे में लोग अपने मन के मुताबिक किसी भी समय और दिन कपड़े खरीदने लगे हैं. एक समय था जब पुराने लोग हर चीज के लिए एक शुभ मुहूर्त और काल देखा करते थे. यहां तक कि नए कपड़े कब पहनना चाहिए और कब नहीं पहनना चाहिए उन्हें इस बात की जानकारी भी रहती थी.
देखा जाए तो कपड़े खरीदने और पहनने के सही समय और काल की उचित जानकारी ना होने की वजह से इसका असर हमारी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा पर तो पड़ता ही है, बल्कि आर्थिक नुकसान होने की भी आशंका बनी रहती कारक विश्लेषण है.
ज्योतिषाचार्य जितेंद्र कुमार तिवारी कहते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में नए कपड़े और पहनावे के लिए चंद्रमा को कारक माना गया है. इसलिए जब हम अलग-अलग नक्षत्रों में वस्त्र धारण करते हैं तो उसके और चंद्रमा के मेल से कई तरह के शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ते हैं.
बात करें नक्षत्रों की तो वस्त्र धारण करने के लिए ऐसे नक्षत्र जोकि अत्यंत शुभ है उनकी संख्या 11 है, जबकि 16 नक्षत्र काल ऐसे हैं जब वस्त्रों के धारण करने पर उसके नकारात्मक असर पड़ने की कारक विश्लेषण आशंका रहती है.
कौन से नक्षत्र होते हैं शुभ
अश्वनी और चित्रा नक्षत्र ऐसे हैं कि अगर आप इस काल में नए कपड़े पहनते हैं तो उन कपड़ों के अलावा और भी नए वस्त्र मिलने की संभावना बनी रहती है. इसके अलावा रोहिणी, पुष्य, उत्तरी फाल्गुनी, हस्त और स्वाति नक्षत्र में वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है.
विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र और धनिष्ठा नक्षत्र के अलावा रेवती नक्षत्र में वस्त्र धारण करने से धन लाभ की संभावना बनी रहती है. दिवाली के समय पुष्य नक्षत्र में कपड़े खरीदने की परंपरा रही है.
ये नक्षत्र होते हैं अशुभ
भरणी, कृतिका और मृगसीरा नक्षत्र में कपड़े लेने से उनके नष्ट होने की संभावना बनी रहती है. इसके अलावा पुनर्वसु, आद्रा और अश्लेषा नक्षत्र में भी नए कपड़े नहीं लेना चाहिए. पूर्वाफाल्गुनी और जेष्ठा नक्षत्र में नए वस्त्र लेने पर कार्यों में विघ्न बाधा आ सकती है तो कारक विश्लेषण पूर्वाषाढ़, उत्तरासाढ़ और बाकी बचे हुए नक्षत्रों में भी वस्त्र लेने और पहनने को ज्योतिष के अनुसार सही नहीं माना जाता है.
Astro Health: शनि 'कब्ज' तो सूर्य देता है 'नेत्र' रोग, कुंडली में बैठे ग्रह भी देते हैं गंभीर रोगों की जानकारी
Astro Health: किसी भी इंसान के पास रुपया-पैसा, धन-दौलत, गाड़ी, बंगला, नौकर-चाकर, बैंक बेलेंस सब कुछ कारक विश्लेषण हो लेकिन स्वास्थ्य (Health) अच्छा ना हो तो ये सभी सुविधाएं व्यर्थ लगती हैं.
By: पंडित सुरेश श्रीमाली | Updated at : 22 Nov 2022 04:12 PM (IST)
ज्योतिष शास्त्र और सेहत
Astrology, Health: 'हेल्थ इज वेल्थ' यानि स्वास्थ्य ही सम्पति है और यह बात सच है. अगर इंसान का दिगाम स्वस्थ्य होगा, शरीर स्वास्थ्य होगा तभी वह अलग अलग सुविधाओं का प्रयोग कर पायेगा अन्यथा कोई लाभ नहीं है. मगर आज के इस प्रदूषित वातावरण में पूरी उम्र बिना किसी समस्या और हेल्दी बॉडी बहुत ही भाग्यशाली लोगों को ही मिलती है.
किसी दुश्मन की तुलना में रोग रूपी दुश्मन भी हमेशा इंसान को घेरा ही रहता है. एक रोग ठीक हुआ नहीं कि दूसरा लग जाता है. यह दुशमन तो अन्य सभी दुश्मनों से ज़्यादा भयंकर है और तो और हमे सबसे पहले इसी दुश्मन को ही मारना चाहिए. सबसे पहले हम इस बात से जागरुक होने चाहिए कि किन ग्रहों से कौन-कौनसी बीमारियां हो सकती हैं. ग्रहों के अनुसार अलग अलग रोग यह होते हैं -
- सूर्य (Surya): डिप्थीरिया, नेत्र रोग, अपच, गठिया, ब्लड प्रेशर, स्नायु-दुर्बलता.
- मंगल (Mangal): दुर्घटना, अंगों की शिथिलता (Organ Dysfunction), हृदय संबंधी समस्याएं, रक्तचाप (Blood Pressure).
- बुध (mercury): त्वचा रोग (Skin Diseases), मांसपेशियों की कमजोरी (Muscle Weakness), तनाव (Tension), कमजोरी, मानसिक समस्याएं (Mental Problems),
- गुरु (Guru): त्वचा रोग (Skin Diseases), दाद-खाज, खुजली (Itching), प्रमेह, सेप्टिक, पित्त-प्रकोप, शूल रोग, उद्वेग, गुप्तेन्द्रिय शैथिल्य, भोग से अरूचि, रक्त संबंधी समस्या, गैस.
- शुक्र (Venus): फेफड़े संबंधित रोग, धातु क्षीणता, मांसपेशियों की कमजोरी, छाती की कमजोरी, मूत्र रोग (Urine Disease), कफजनित रोग,सर्दी (Cold).
- शनि (Shani): वायु रोग, गठिया (Arthritis), शरीर क्षीणता, नजर दोष, कमजोर हृदय, रक्त की कमी, कब्ज, ब्लड प्रेशर, कुष्ठ रोग,गंजापन, नाक-कान में पीड़ा.
एक सवाल ये भी है कि स्वास्थ्य समस्या का हल करते समय किन-किन भावों का विश्लेषण करना चाहिए. यदि आपकी कुंडली है तो इस प्रश्न का उत्तर जानना काफी हद तक आसान हो जाता है. क्योंकि कुंडली के 12 भाव और उसमें बैठे ग्रह सम्पूर्ण देह का प्रतिनिधित्व करते हैं. जैसे कुंडली का छठा भाव रोग, आठवां भाव आयु का है.
News Reels
लग्नाधिपति, षष्ठेश, अष्टमेश की स्थिति और इन भावों पर दृष्टि, भावेश पर अन्यान्य ग्रह की दृष्टि, रोग कारक ग्रह तथा ग्रह-युति का विश्लेषण किया जाता है.इसके साथ ही कुंडली में ग्रहों की दशा, अन्तरदशा का अध्ययन भी जरूरी है. साथ ही साथ मारकेश, दुर्योग, केम्द्रुम योग, पापकर्त्तरी योग, साढ़ेसाती आदि का अच्छी तरह अध्ययन करना चाहिए. इसके बाद ग्रहों के गोचर की स्थिति का भी अध्ययन करना आवश्यक है.
सेहत संबंधी परेशानी (Health Issues)
कुछ सेहत संबंधी दिक्कतें अलग अलग ग्रहों के संयोग से भी होती हैं. जैसे की - अगर सूर्य के साथ चंद्रमा का संयोग हो जाए तो जलोदर रोग (Ascites Disease) होता है. अर्थात् पेट में पानी भर जाता है.
- सूर्य-चंद्र युति: हृदय संबंध परेशानी होती है.
- चंद्रमा-केतु युति: ग्रहण योग बनाता है, और सूर्य-दृष्टि पडऩे से भैंगापन आ जाता है.
- सूर्य- शुक्र युति: गुप्तेन्द्रिय रोग होता है. शुक्र जहां भोग 'सेक्स’का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं सूर्य उन्हें जलाने का गुण अपने में समेटे रहता है. सूर्य हड्डियों का प्रतिनिधित्व करता है तथा मंगल टूटने यानि दुर्घटना (Accident) का प्रतिनिधित्व करता है.
- सूर्य-मंगल युति: इस युति के कारण प्राय: एक्सीडेंट होते देखा गया है, अथवा यह युति जोडों में दर्द, पीड़ा देती है.
- बुध-राहु युति: से संयोग करे और सूर्य से बुध-राहु प्रभावी हों तो जातक आंत्र रोग (Bowel Disease) से अवश्य पीडित होगा.
शनि वायु रोग प्रधान है, सूर्य-पुत्र होकर भी प्रबल शत्रु है. फलस्वरूप इनके योगा से वायु रोग पीडि़त जातक कष्ट अवश्य पाता है. सूर्य-राहु के कारण हार्ट से जुड़ी समस्या होती है. सूर्य-बुध-शनि संयोग से दमा, श्वास, रोग होने की संभावना रहती है. यदि सूर्य-बुध-चंद्रमा संयोग कुंडली में बने तो मानसिक पीड़ा, नर्वसनेस, मस्तक रोग होता है. वहीं सूर्य यदि शनि-राहु से संयोग कर ले तो पोलियो जैसा खतरनाक रोग हो सकता है.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Published at : 22 Nov 2022 04:12 PM (IST) Tags: Astrology Disease Kundli Shani Dev Astro Health हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ कारक विश्लेषण हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, कारक विश्लेषण follow: Astro News in Hindi
स्वास्थ्य व देखभाल कार्यों में महिलाएँ अधिक, लेकिन पुरुषों की तुलना में 24% कम वेतन
उत्तरी कश्मीर में एक स्वास्थ्यकर्मी, कंपकपाती ठण्ड और बर्फ़बारी का सामना करते हुए, भारत के दूरदराज़ के इलाक़ों के लोगों को टीका लगा रही हैं.
स्वास्थ्य व देखभाल कार्यों में महिलाएँ अधिक, लेकिन पुरुषों की तुलना में 24% कम वेतन
संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएँ, अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत कम आय अर्जित करती हैं – जो कि अन्य आर्थिक क्षेत्रों की तुलना में वेतन में एक बड़ा लैंगिक अन्तर है.
‘स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में लैंगिक वेतन अन्तर: कोविड-19 के समय का एक वैश्विक विश्लेषण’ (The gender pay gap in the health and care sector: a global analysis in the time of COVID-19) नामक यह रिपोर्ट, अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रकाशित की है.
इसमें लगभग 20 प्रतिशत अंकों के लैंगिक वेतन अन्तर का आलेखन किया गया है, जिसमें तब 24 प्रतिशत अंक का उछाल आ जाता है, जब उम्र, शिक्षा और कामकाज के समय जैसे कारकों को भी ध्यान में ले लिया जाता है.
भेदभाव एक कारक
हालाँकि इस अन्तर की अधिकांश वजह अस्पष्ट है, एजेंसियों का मानना है कि शायद इसकी वजह महिलाओं के प्रति भेदभाव हो सकता है. ध्यान रहे कि महिलाएँ दुनिया भर कारक विश्लेषण में स्वास्थ्य और देखभाल कर्मियों का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हैं.
रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि अन्य क्षेत्रों की तुलना में स्वास्थ्य और देखभाल में वेतन समग्र रूप से कम है, जो इस निष्कर्ष के अनुरूप है कि अक्सर महिला प्रमुख क्षेत्रों में वेतन कम दिया जाता है.
इसके अलावा, महामारी और संकट के दौरान स्वास्थ्य और देखभाल कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, 2019 और 2020 के बीच वेतन समानता में केवल मामूली सुधार ही हुआ है.
ILO में कामकाज की शर्तों और समानता विभाग की निदेशक मैनुएला टोमेई ने कहा, “स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र ने सामान्य तौर पर कम वेतन, विकराल लैंगिक वेतन अन्तराल और बेहद कठिन कामकाजी परिस्थितियों का सामना किया है."
"कोविड-19 महामारी ने इस स्थिति को स्पष्ट रूप से उजागर करते हुए यह दिखा दिया है कि यह क्षेत्र एवं उसके कार्यकर्ता, परिवारों, कारक विश्लेषण समाजों व अर्थव्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिये कितने महत्वपूर्ण हैं.”
कामकाजी माताओं की कठिनाई
रिपोर्ट में विभिन्न देशों में लैंगिक वेतन अन्तर में व्यापक भिन्नता भी पाई गई, जो यह दर्शाता है कि ये अन्तराल अपरिहार्य नहीं हैं और इस अन्तर को पाटने के लिये बहुत कुछ किया जा सकता है.
देशों के भीतर भी, उन उच्च वेतन श्रेणियों में लैंगिक वेतन अन्तर ज़्यादा होता है, जहाँ पुरुषों का प्रतिनिधित्व अधिक होता है, जबकि महिलाओं को अधिकतर निम्न वेतन श्रेणियों में रखा जाता है.
स्वास्थ्य और देखभाल के क्षेत्र में काम करने वाली माताओं को भी अतिरिक्त दण्ड भुगतना पड़ता है. एक महिला के प्रजनन वर्षों के दौरान यह लैंगिक वेतन अन्तराल और बढ़ जाता है और फिर शेष कामकाजी जीवन में भी बराबर बना रहता है.
रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं के बीच पारिवारिक कर्तव्यों के समान बँटवारे से, महिलाओं को कामकाज के बेहतर विकल्प मिल सकते हैं.
यह विश्लेषण उन कारकों की भी जाँच करता है जो स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में लैंगिक वेतन अन्तराल को बढ़ा रहे हैं.
सोमालिया की राजधानी मोगादीशू स्थित एक अस्पताल में एक स्वास्थ्यकर्मी, कोविड-19 वैक्सीन का टीका तैयार करते हुए.
सम्वाद और कार्रवाई
उम्र, शिक्षा और कामकाज के समय में अन्तर, साथ ही सार्वजनिक या निजी क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं की भागीदारी में अन्तर, समस्या का केवल एक हिस्सा ही दिखाते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रम बाज़ार कारक विश्लेषण में समान भूमिकाओं वाले पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम मेहनताना दिये जाने का कारण, श्रम बाज़ार के कारकों में काफ़ी हद तक स्पष्ट नहीं है.
मैनुएला टोमेई ने आशा व्यक्त की कि यह रिपोर्ट, सम्वाद और नीतिगत कार्रवाई को बढ़ावा देगी क्योंकि महामारी के बाद समावेशी, सहनसक्षम व स्थाई पुनर्बहाली, एक मज़बूत स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र के बिना सम्भव नहीं होगी.
उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य और देखभाल कर्मियों के लिये बेहतर व निष्पक्ष कामकाजी परिस्थितियों के बिना, हमें बेहतर गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य एवं देखभाल सेवाएँ नहीं मिल सकती हैं, जिनमें ज़्यादातर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है."
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के स्वास्थ्य कार्यबल के निदेशक जिम कैम्पबेल ने कहा कि रिपोर्ट में अनेक देशों की सफलता की कहानियाँ शामिल की गई हैं, जिनमें वेतन वृद्धि और बोनस का भुगतान करने के लिये राजनैतिक प्रतिबद्धता शामिल है, जो भविष्य का रास्ता इंगित करती हैं.
उन्होंने कारक विश्लेषण कहा, "स्वास्थ्य और देखभाल के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है, फिर भी बहुत से देशों में प्रणालीगत पूर्वाग्रहों के परिणामस्वरूप, उन्हें हानिकारक वेतन अन्तर का सामना करना पड़ रहा है."
उन्होंने कहा, "इस अभूतपूर्व रिपोर्ट के साक्ष्य और विश्लेषण से सरकारों, नियोक्ताओं एवं श्रमिकों को प्रभावी कार्रवाई का निर्णय लेने के लिये प्रेरित होना चाहिये."