समर्थन क्या है

परिभाषा समर्थन
लैटिन में यह वह जगह है जहाँ अब शब्द का समर्थन करने वाले शब्द की व्युत्पत्ति हमें मिली है। और यह उस भाषा के दो शब्दों के मिलन का परिणाम है:
• उपसर्ग "उप-", जो "नीचे" का पर्याय है।
• क्रिया "चित्र", जिसका अनुवाद "कैरी" के रूप में किया जा सकता है।
एक समर्थन कुछ है, चाहे वह भौतिक हो या प्रतीकात्मक, जो निर्वाह या सहारा का काम करता है। इसलिए, समर्थन का उपयोग किसी चीज़ को रखने या बनाए रखने के लिए किया जाता है । उदाहरण के लिए: "हमें नए टेलीविजन को स्थापित करने के लिए एक समर्थन खरीदना होगा", "मेरी पत्नी इन कठिन समय में मेरा समर्थन रही है", "नगरपालिका ने घोषणा की कि वह जल्द ही आखिरी तूफान में टूटने वाले पोस्टर समर्थन की मरम्मत करेगी" ।
एक भौतिक वस्तु के रूप में, सहायता एक सहायक या एक संरचना हो सकती है जो किसी निश्चित स्थान पर किसी वस्तु का पता लगाने की अनुमति देती है। एक स्टैंड के साथ, आप एक संभावना का नाम देने के लिए, एक दीवार पर माइक्रोवेव ओवन लटका सकते हैं।
वर्तमान में एक प्रकार का समर्थन है जिसने दुनिया भर में महान विकास का अनुभव किया है। हम सेल्फी के लिए लाठी का जिक्र कर रहे हैं। ये कैन हैं जो एक छोर पर कैमरा या मोबाइल फोन रखने की संभावना देते हैं, जिसका स्पष्ट उद्देश्य किसी को भी अपनी छवि प्राप्त करना आसान बनाता है।
इन उपकरणों का निर्माण और विस्तार इस तथ्य के कारण है कि पिछले कुछ महीनों में उस तरह की सेल्फी एक वास्तविक फैशन बन गई हैं, और यह सब अलग-अलग हॉलीवुड अभिनेताओं के परिणामस्वरूप, जैसे कि एंजेलिना जोली या ब्रैड पिट को बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया। ऑस्कर की प्रस्तुति के दौरान।
सटीक रूप से उस प्रकार के स्नैपशॉट ने उनके लिए अन्य अद्वितीय समर्थनों को भी जन्म दिया है, जैसे कि घंटाघर (पीछे की सेल्फी) या कंघी भी उन लोगों की तस्वीरें हैं जो आपके बालों को सही समर्थन क्या है होने के लिए कंघी करने का अवसर देते हैं।
उपरोक्त सभी के अलावा, हम या तो अनदेखी नहीं कर सकते हैं कि हेरलड्री में शब्द समर्थन का भी उपयोग किया जाता है। आपके मामले में, इसका उपयोग प्रत्येक अलग-अलग आकृतियों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो एक ढाल पकड़े हुए दिखाई देते हैं।
समर्थन के विचार का उपयोग उन उपकरणों को नाम देने के लिए भी किया जाता है जो डेटा के भंडारण या संचरण की अनुमति देते हैं: "कृपया, मुझे एक अतिरिक्त रसीद प्राप्त करने के लिए कंप्यूटर से जानकारी को भौतिक समर्थन में पारित करने की आवश्यकता है" ।
दूसरी ओर, इसे तकनीकी सहायता के रूप में जाना जाता है, जो किसी कंपनी द्वारा अपने उत्पादों या सेवाओं से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए प्रदान की गई सहायता के लिए है । इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करने वाली कंपनी की तकनीकी सहायता उपयोगकर्ताओं को कनेक्शन को कॉन्फ़िगर करने और उन दोषों को हल करने में मदद कर सकती है जो उन्हें सामान्य रूप से सेवा का आनंद लेने से रोकते हैं।
संगीत में, इसे समर्थन बैंड या समूह समर्थन के रूप में जाना जाता है, जो एक संगीत कार्यक्रम में मुख्य संख्या से पहले दिखाता है। समर्थन जो करता है वह शो खुला है जबकि दर्शक जगह पर पहुंचते हैं और शाम के सबसे महत्वपूर्ण शो का आनंद लेने के लिए तैयार होते हैं: "एक स्वीडिश समूह रोलिंग स्टोन्स का समर्थन होगा", "अमेरिकन बैंड दौरे के साथ प्रदर्शन करेगा गुंडा शैली का समर्थन " ।
किसानों के लिए खुशखबरी : 25 सौ से बढ़कर 2800 रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा धान का समर्थन मूल्य
paddy purchasing in chhattisgarh: गोवर्धन पूजा के अवसर पर सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान, 2800 रुपए प्रति क्विंटल (Government will Purchase Paddy on 2800 Rs Per Quintal) मिलेगा धान का दाम.
paddy purchasing in chhattisgarh: रायपुर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में आते ही किसानों का कर्जमाफी करने वाली भूपेश सरकार ने किसानों के लिए एक बार फिर बड़ी बात कही है। रायपुर सीएम हाउस में आज गोवर्धन पूजा के अवसर पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा चुनाव आते-आते धान का दाम 2800 रुपए (Government will Purchase Paddy on 2800 Rs Per Quintal) मिलेगा। अभी किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक मिल रहा है, अगले साल इससे ज्यादा दाम मिलेगा।
बता दें देशभर में धान का समर्थन मूल्य सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को दे रही है। ऐसे में प्रति क्विंटल 500 रुपये की बढ़ोतरी इस महंगाई में किसानों को राहत प्रदान करेगी ।
पेट्रोल डीज़ल के घटे दाम पर कसा तंज
सीएम भूपेश बघेल ने पेट्रोल-डीजल के दाम पर केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी हटाए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र दाम कम कर वाहवाही लूट रही है। केंद्र एक्साइज ड्यूटी 9 रुपए तक लाए, एक चुनाव हारने से 5 रुपए कम हुआ है। 5 चुनाव हारने के बाद दाम और कम होगा। महंगाई पर जनता ने केंद्र को सबक सिखाया है।
ज्ञात हो छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव वर्ष 2023 में होने है, जिसे दो साल बाकी है। इस दौरान केन्द्र सरकार भी धान समेत अन्य फसलों का एमएसपी प्रति वर्ष बढ़ाएगी। इस स्थिति में चुनाव आते-आते छत्तीसगढ़ के किसानों का धान का दाम केन्द्र की एमएसपी और किसान न्याय योजना की राशि जुड़कर 27-28 सौ रुपए तक मिलने लगेगा।
Latest MSP for Kharif Crops: धान समेत 14 खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी, चेक करें अब क्या है सरकारी भाव
Latest MSP for Kharif Crops: केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 के लिए धान समेत कई खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की है.
धान की एमएसपी में 100 रुपये की समर्थन क्या है बढ़ोतरी की गई है और अब इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल वर्ष 2022-23 के लिए 2040 रुपये प्रति कुंतल है. (Image- Pixabay)
Latest MSP for Kharif Crops: केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 के लिए धान समेत कई खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की है. यह फैसला पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने लिया है. धान की एमएसपी में 100 रुपये की बढ़ोतरी की गई है और अब इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल वर्ष 2022-23 के लिए 2040 रुपये प्रति कुंतल है. सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी कि आज की कैबिनेट बैठक में 14 खरीफ फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई.
लागत समर्थन क्या है पर 85 फीसदी तक मुनाफे का दावा
एमएसपी में प्रति कुंतल 92 रुपये से लेकर 523 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है. सरकार के दावे के मुताबिक जो एमएसपी तय की गई है, उससे किसानों को लागत पर लागत पर 50 से 85 फीसदी तक मुनाफा हासिल होगा. सरकार ने लागत के आकलन में लेबर चार्ज, बैल या मशीन चार्ज, पट्टे के किराए, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई चार्ज, समर्थन क्या है मशीनरी व फार्म बिल्डिंग के डेप्रिशिएशन, वर्किंग कैपिटल पर ब्याज, तेल या बिजली पर खर्च, अन्य खर्च और फैमिली लेबर को शामिल किया है. नीचे सभी फसलों की एमएसपी, लागत और लागत के मुनाफे के बारे में जानकारी दी जा रही है.
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फसल | MSP 2014-15 | MSP 2021-22 (रुपये) | MSP 2022-23 (रुपये) | उत्पादन लागत 2022-23 (रुपये) | MSP में बढ़ोतरी (रुपये) | उत्पादन लागत पर मुनाफा (%) |
धान (सामान्य) | 1360 | 1940 | 2040 | 1360 | 100 | 50 |
धान (ग्रेड ए) | 1400 | 1960 | 2060 | – | 100 | – |
ज्वार (हाईब्रीड) | 1530 | 2738 | 2970 | 1977 | 232 | 50 |
ज्वार (मालदंडी) | 1550 | 2758 | 2990 | – | 232 | – |
बाजरा | 1250 | 2250 | 2350 | 1268 | 100 | 85 |
रागी | 1550 | 3377 | 3578 | 2385 | 201 | 50 |
मक्का | 1310 | 1870 | 1962 | 1308 | 92 | 50 |
तूर (अरहर) | 4350 | 6300 | 6600 | 4131 | 300 | 60 |
मूंग | 4600 | 7275 | 7755 | 5167 | 480 | 50 |
उड़द | 4350 | 6300 | 6600 | 4155 | 300 | 59 |
मूंगफली | 4000 | 5550 | 5850 | 3873 | 300 | 51 |
सूरजमुखी बीज | 3750 | 6015 | 6400 | 4113 | 385 | 56 |
सोयाबीन (पीला) | 2560 | 3950 | 4300 | 2805 | 350 | 53 |
तिल | 4600 | 7307 | 7830 | 5220 | 523 | 50 |
रामतिल | 3600 | 6930 | 7287 | 4858 | 357 | 50 |
कपास (मध्यम रेशा) | 3750 | 5726 | 6080 | 4053 | 354 | 50 |
कपास (लंबा रेशा) | 4050 | 6025 | 6380 | – | 355 | – |
रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान
2021-22 के तीसरे एडवांस एस्टीमेट के अनुसार देश में खाद्यान्न का उत्पादन रिकॉर्ड 31.45 करोड़ टन होने का अनुमान है जो कि 2020-21 के खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 37.7 लाख टन अधिक है. 2021-22 के दौरान उत्पादन पिछले पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21) के औसत खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2.38 करोड़ टन अधिक है.
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समर्थन मूल्य में धान खरीदी के नए नियम से किसानों में मचा हड़कंप, किसानों का पंजीयन हुआ जटिल..जानिए क्या है नया नियम?
भाटापारा। किसानों के धान को न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदने के लिए सरकार के नये आदेश से किसानों मे खलबली मच गई समर्थन क्या है है। अब किसानों के खेतों में पहॅुच कर पटवारी किसानों का पंजीयन करेंगे। वहीं अब धान के रकबे का सत्यापन करवाने सोसायटी के चक्कर लगाने पड़ेगें।
सरकार ने अब किसानों के धान को न्यूनतम मूल्य में खरीदने के लिए पंजीयन की प्रक्रिया को जटिल कर दिया है। जिला सहकारी बैंक रायपुर द्वारा जारी किये गए एक आदेश से किसानों के बीच दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है। आदेश की जटिलता को लेकर किसानों में खलबली मची हुई है। पहले की स्थिति में किसान अपने धान को सोसायटी में बेचने के लिए अपनी परची को दिखा कर कृषि भूमि एवं अन्य भूमि का पंजीयन करा कर आसान प्रक्रिया के माध्यम से पंजीयन कराके सरकार को धान बेच देते थे।
अब नये आदेश के अनुसार अब किसानों को बोये गए कुल रकबा का खसरा नंबर दर्ज कराना होगा एवं इसके साथ ही पटवारी द्वारा सत्यापित सूची के अनुसार रकबे का संशोधन कर मिलान करने के बाद पटवारी के हस्ताक्षरित सूची अपलोड की जाएगी । वहीं इस नियम से पटवारियों की मनमानी एवं भ्रष्टाचार के अंदेशे से भी इन्कार नही किया जा सकता। अपने खेतों के रकबे व पंजीयन कराने के लिए अब सोसायटी के चक्कर किसानों को काटना पड़ेगा।
सत्यापित सूची बनाने पटवारी किसानों के खेतों में जाकर निरीक्षण करेंगे। जिसके लिए पटवारी के आने के इंतजार में किसान परेशान होंगे। वहीं पटवारी के द्वारा निरीक्षण की प्रकिया करने से एक दिन मे 2 से 3 एकड़ ही पटवारी खेतों के रकबे का सत्यापन कर सकता है जिसके कारण समय के साथ साथ इस प्रक्रिया को जटिल बना दिया है जिससे किसानों का मानना है कि पहले की प्रक्रिया पंजीयन के सही एवं किसान के हितों वाली थी।