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डिविडेंड कौन देता है

डिविडेंड कौन देता है
बोनस शेयर के लाभ —

कंपनी कब देती है बोनस शेयर और इससे निवेशक (investor ) को क्या लाभ होता है?

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आप देखते होंगे की कंपनी अपने निवेशको को लुभाने के लिए कभी कभी बोनस डिविडेंड कौन देता है शेयर इशू करती है । आज मै आपको इसी बोनस शेयर के बारे मे बताऊँगी की कंपनी डिविडेंड कौन देता है बोनस शेयर कब इशू करती है । कौन सी कंपनी बोनस शेयर इशू कर सकती है। इससे क्या डिविडेंड कौन देता है लाभ होगा । इसको विस्तार से जानने के लिए डिविडेंड कौन देता है आप इसको पूरा पढे ।

बोनस शेयर क्या है —

बोनस शेयर नए या अतिरिक्त शेयरों के रूप में कंपनी के द्वारा नि: शुल्क एवं शेयरधारक द्वारा आयोजित शेयरों और डिविडेंड के अनुपात में जारी किए जाते हैं। जब भी कंपनी बोनस शेयर जारी करती हैतब डिविडेंड कौन देता है कंपनी के मुनाफे या भंडार को शेयर पूंजी में परिवर्तित किया जाता है और मुनाफे का ‘पूंजीकरण’ होता है।

रेग्युलर मंथली इनकम के ये शानदार 5 विकल्प, जिनसे आपको होगी नियमित आय

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रेग्युलर मंथली इनकम के ये शानदार पांच विकल्प आप जरूर आजमाना चाहेंगे. (प्रतीकात्मक फोटो)

रिटायरमेंट ले चुके लोगों के लिए अपने निवेश से नियमित आय प्राप्त करना उनकी टॉप प्रायोरिटी होता है. यहां तक कि जो पार्ट टाइम काम कर रहे हों, वे भी यह कोशिश करते ही हैं डिविडेंड कौन देता है कि रेग्युलर इनकम का सोर्स जरूर हो ताकि आमद बनी रही. ऐसे में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) डिविडेंड कौन देता है बेहतरीन ऑप्शन माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पास पारंपरिक एफडी से इतर भी कई शानदार विकल्प मौजूद हैं. ये हैं- पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) और वे म्यूचुअल फंड्स, जिनसे वक्त-जरूरत पर नियम के दायरे में विदड्रॉल का ऑप्शन दिया जा रहा हो.

एक जैसे नामों से दिग्भ्रमित न हों

म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में कुछ ऐसे नाम एवं शब्दावलियां होती हैं जिनमें भिन्नता होते हुए भी कई वजहों से एकरूपता दिखती है। इसकी वजह से निवेशकों के लिए काफी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उदाहरण के तौर पर आप ग्रोथ फंड एवं ग्रोथ ऑप्शन को ही देखिए, इसमें नामकरण के स्तर पर कितनी समानता दिखती है। उसी तरह ज्यादातर निवेशक डिविडेंड एवं डिविडेंड यील्ड फंड के आधारभूत अंतर को समझ नहीं पाते एवं दोनों को एक ही जैसा मानते हैं। निवेशकों को इस शब्द के वास्तविक अर्थ एवं नामों के बीच के अंतर को ठीक से समझना होगा। आइए इस पहलू पर विस्तार से चर्चा करते हैं-

इक्विटी फंड्स में डिविडेंड एवं ग्रोथ ऑप्शन

म्यूचुअल फंड बाजार में इस समय कई प्रकार के फंड मौजूद हैं जिनमें काफी समानता दिखती है परंतु उनके बीच के अंतर को पता करने के लिए उनके एसेट क्लास (जहां निवेश किया जा रहा है) पर नजर रखी जा सकती है। मतलब ये कि इक्विटी ओरियेंटेड फंड, इक्विटीज में एवं डेट ओरिएंटेड फंड, डेट में ही अपने पैसै लगाते हैं। एक बार जब फंड विशेष का चुनाव कर लिया जाता है फिर उसके बाद इस बात की रूप-रेखा भी तैयार हो जाती है कि वह किस तरह से प्रदर्शन करेगा। फंड के अंतर्गत इस तरह के कई सब-ऑप्शन हैं जो ग्रोथ एवं डिविडेंड ऑप्शन के रूप में कमाई का प्रबंधन करते हैं।

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म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में कुछ ऐसे नाम एवं शब्दावलियां होती हैं जिनमें भिन्नता होते हुए भी कई वजहों से एकरूपता दिखती है। इसकी वजह से निवेशकों के लिए काफी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उदाहरण के तौर पर आप ग्रोथ फंड एवं ग्रोथ ऑप्शन को ही देखिए, इसमें नामकरण के स्तर पर कितनी समानता दिखती है। उसी तरह ज्यादातर निवेशक डिविडेंड एवं डिविडेंड यील्ड फंड के आधारभूत अंतर को समझ नहीं पाते एवं दोनों को एक ही जैसा मानते हैं। निवेशकों को इस शब्द के वास्तविक अर्थ एवं नामों के बीच के अंतर को ठीक से समझना होगा। आइए इस पहलू पर विस्तार से चर्चा करते हैं-

इक्विटी फंड्स में डिविडेंड एवं ग्रोथ ऑप्शन

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