व्यापार के लिए शर्तें

बताना चाहेंगे कि दोनों ही देशों के बीच साझा नोटिफिकेशन जारी होने के एक महीने के बाद दोनों ही देशों के बीच नई शर्तों पर कारोबार शुरू जाएगा। दरअसल, पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज के बीच बाली में G20 की बैठक के दौरान इस पर वार्ता हुई जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
पूर्व अनुमोदित माइक्रो पीएल
यह उत्पाद ऑफलाइन (पीओएस) एवं ऑनलाइन (ऑनलाइन ई-कॉमर्स एग्रीग्रेटर्स) रु. 50,000/- तक व्यापार के लिए शर्तें की खरीद को 9,12,15 और 18 माह की आसान ईएमआई में परिवर्तित करने का विकल्प अथवा मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशन (बॉब वर्ल्ड) के माध्यम से तत्काल रु. 50,000/- की क्रेडिट की सुविधा प्रदान करता है. ग्राहक इस योजना के तहत नियमों और शर्तों के अधीन ब्रांडों से कैश बैक (यदि कोई हो) के लिए पात्र हैं.
- Pre-approved limit of up to Rs. 50,000 only available on bob World app
- Avail loan on purchase up to Rs. 50,000 on e-commerce websites
- Purchases should be processed through Debit Card EMI
- Flexible loan repayment period ranging from 9 - 18 months
- SMS*or an email will be sent to eligible customers for awareness
- Documentation not required
- Zero processing charges
- No Pre-closure charges
पूर्व अनुमोदित माइक्रो पीएल : पात्रता
इस योजना के अंतर्गत कौन पात्र है?
व्यक्तिगत बचत बैंक खाता धारक, जो बैंक के पूर्व-निर्धारित आंतरिक नियमों के अनुसार पात्रता रखते हैं.
इस योजना के अंतर्गत पात्र होने के लिए ग्राहक की न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए?
इस योजना के अंतर्गत पात्र होने के लिए ग्राहक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए.
मुझे मेरी पात्रता की जानकारी कैसे प्राप्त होगी ?
पात्र ग्राहकों को एसएमएस/ ई-मेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा. विकल्प के तौर पर ग्राहक अपनी पात्रता एवं सीमा के संबंध अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर “पीएपीएल” टाइप करके 8422009988 पर मैसेज भेजकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
पूर्व अनुमोदित माइक्रो पीएल : ब्याज दर और प्रभार
सभी अवधियों के लिए लागू ब्याज दर @16% प्रति वर्ष है.
Read the terms and conditions
Read the terms and conditions of the loan, carefully, like the rate of interest before proceeding to click on ‘I accept terms and conditions’ checkbox.
Check the particulars
Carefully select the loan period and the amount you wish to avail.
Maintain sufficient balance
Maintain व्यापार के लिए शर्तें sufficient balance or schedule monthly reminders to ensure that you do not miss even a single payment. Your payment history is a major part of your credit score, missing payments can negatively impact your credit report and reduce your credit score.
Don’ts
Don’t disclose your credentials
क्या है मुक्त व्यापार समझौता ?
आसान शब्दों में कहें तो जब हमारे देश से कोई भी सामान दूसरे देश में भेजा जाता है या निर्यात किया जाता है तो वहां की सरकार उन सामानों या उन सर्विसेज पर कुछ टैक्स लगाती है जिन्हें ‘इम्पोर्ट ड्यूटी’ के तौर पर वसूला जाता है। इसे टेक्निकल व्यापार के लिए शर्तें भाषा में ‘टैरिफ’ कहा जाता है, लेकिन मुक्त व्यापार समझौते में व्यापार करने वाले देशों के बीच एक ऐसी लिस्ट तैयार की जाती है जिसमें कि उन सामानों पर या कुछ वस्तुओं पर शुल्क में छूट दी जाती है और अगर कोई ऐसा समझौता हो जिसमें कि शुल्क बिलकुल भी न लिया जाए तो उसे ‘मुक्त व्यापार समझौता’ कहा जाता है। हाल ही में ऐसा मुक्त व्यापार समझौता भारत और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार के लिए शर्तें बीच हुआ है।
उल्लेखनीय है कि बीते एक दशक में ऐसा पहली बार है जब भारत ने किसी विकसित देश के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) किया है। इससे पहले जापान के साथ यह समझौता हुआ था जो विकसित राष्ट्र है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में यह पहली बार है कि उसने किसी देश के लिए 100 प्रतिशत टैरिफ लाइन खोलने का फैसला लिया है। ऐसे में इस फैसले से भारत को बड़ा लाभ मिलने वाला है। आइए विस्तार से जानते हैं कैसे…?
वैश्विक कारोबार को लेकर बदला भारत का नजरिया
बदलते दौर के साथ वैश्विक कारोबार को लेकर भारत का नजरिया अब बदल चुका है। भारत अब द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों पर ज्यादा जोर दे रहा है। यूएई (UAE) के साथ ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते के बाद अब ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते को अमलीजामा पहनाने का वक्त आ गया है।
गौरतलब हो, भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए इस ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बीते दिनों ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक ट्वीट करके यह जानकारी दी थी कि ऑस्ट्रेलियाई संसद ने इसे मंजूरी दे दी है। बीते मंगलवार को उन्होंने ट्वीट में लिखा ”भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है।”
भारत में भी इस समझौते को कैबिनेट व्यापार के लिए शर्तें की मिल चुकी है मंजूरी
वहीं भारत में भी इस समझौते को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है और इसे राष्ट्रपति की अनुशंसा के लिए भेजा गया है। भारत ने इस समझौते को ऐतिहासिक करार दिया है। पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के ट्वीट के जवाब में ट्वीट करते हुए कहा, आपका बहुत धन्यवाद। ये जो समझौता लागू होगा उसका दोनों ही देशों की बिजनेस कम्यूनिटी द्वारा स्वागत किया जा रहा है और यह भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस समझौते के संबंध में मीडिया को बताया कि आईटी क्षेत्र भारत-ऑस्ट्रेलिया FTA का सबसे बड़ा लाभार्थी होगा क्योंकि इस तरह के व्यापार समझौते में सेवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आगे जोड़ते हुए उन्होंने व्यापार के लिए शर्तें यह भी कहा कि “आज सेवाएं अर्थव्यवस्थाओं का एक प्रमुख हिस्सा हैं। बातचीत के दौरान हमारा ध्यान माल और सेवा दोनों पर है। उन्होंने आगे कहा “मुझे यकीन है कि हमारा आईटी उद्योग फॉर्म में इस बड़ी उपलब्धि से बेहद खुश होगा। केवल इतना ही नहीं पहली बार, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता भारतीय शेफ और योग प्रशिक्षकों को भी वीजा प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एफटीए के तहत हर बच्चे के प्रति प्रतिबद्धता है जो भारत से ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के लिए जाता है, उसे वहां काम करने का अवसर मिलेगा, जो उसके शिक्षा के स्तर पर निर्भर करता है। एफटीए भारत में दवा उद्योग को भी बड़ा बढ़ावा देगा।
भारत की व्यापार के लिए चीन पर निर्भरता देश की सुरक्षा के लिए खतरा : मित्रा
मित्रा ने ट्वीट में कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी शासन का व्यापार के लिए शर्तें ‘चीन पर निर्भरता’ यहां की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। चीन से आयात पर हमारी निर्भरता 2014 के 60 अरब डॉलर से दोगुनी व्यापार के लिए शर्तें होकर 2022 में 120 अरब डॉलर हो जाएगी।’’
चीनी सीमा शुल्क द्वारा जारी व्यापार आंकड़ों के अनुसार, दोनों देशों की सीमाओं पर तनाव के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार में तेजी जारी है। यह 2022 के पहले नौ महीनों (जनवरी-सितंबर) में लगातार दूसरे साल 100 अरब डॉलर को पार कर गया है। वहीं भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 75 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।
व्यापार के लिए शर्तें
" प्रतिबद्धता की जिम्मेदारी और परिणाम देने की विश्वसनीयता- स्टेक होल्डरों का सच्चा एवं परिणाम देने वाला साथी "
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित को जन सामान्य "मार्कफेड" लोकप्रिय नाम से जानते है । प्रदेश की सहकारी व्यापार के लिए शर्तें विपणन समितियों की यह राज्य स्तरीय लोकप्रिय शीर्ष संस्था है, जिसका गठन सन 1956 में किया गया। "मार्कफेड" मध्यप्रदेश सहकारी समितियां अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पंजीकृत सहकारी संस्था है । प्रदेश स्तरीय शीर्ष सहकारी संस्था होने के नाते मार्कफेड सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर रहा है जिसके फलस्वरूप संस्था की प्रार्थमिकता, लाभप्रदता के बजाय कृषि क्षेत्र में अपनी साख एवं बेहतर सेवायें बनाये रखने की है । इसके विनिमय से संस्था व्यापार के लिए शर्तें को प्रदेश के किसानों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिलती है। और पढ़ें