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प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार

प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार
उपरोक्त चारों विकारों से मुक्ति प्राप्त कीजिये। स्वच्छन्द जीवन ही वास्तविक जीवन है। आत्म संयम द्वारा ही वह प्राप्त हो सकता है।

World News: इस देश में अब बेवफाई की मिलेगी सजा, नाजायज संबंध पर जाना पड़ेगा जेल

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Gayatri Pariwar

मनुष्य एक उन्नत, अधिक विकसित एवं परिष्कृत पशु है। अपने संघर्ष एवं संयम के बल पर वह प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार निरन्तर ऊँचा उठा है और अब भी उठता जा रहा है। इस उन्नति का मूल कारण निम्न प्रकार की दुष्प्रवृत्तियों को दबा कर या तो उन्हें बिल्कुल ही विनष्ट कर देना है अथवा उनके प्रकट होने का नवीन उत्पादक मार्ग प्रदान कर देना है।

मनुष्य और पशु में सामान्यतः चार आदिम प्रवृत्तियाँ बहुत बलवान हैं। प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार सर्वप्रथम काम है। काम का मूल अभिप्राय आत्म-प्रभुत्व, अहं का विस्तार और अपने आपको दूसरे में उड़ेल कर अमर रखने की भावना है। काम की प्रवृत्ति अत्यन्त शक्तिशाली है किन्तु यदि ठीक देखभाल न की आप तो यह मनुष्य को उन्मत्त कर देती है। उसे भले बुरे, उचित अनुचित का विवेक नहीं रहता। इच्छा शक्ति क्षीण हो जाती है यदि यह प्रवृत्ति वासना के रूप में प्रकट होने लगे तो मनुष्य व्यभिचार की ओर अग्रसर हो जाता है। अर्थ, धर्म समाज का आदर, इज्जत सब कुछ खो बैठता है, कहीं का नहीं रहता। अनेक मानसिक तथा शारीरिक रोगों का शिकार होकर वह मृत्यु को प्राप्त होता है। मृत्यु का कारण काम वासना की मौजूदगी नहीं है, नाश का कारण तो उसका दुरुपयोग है। अच्छी चीज का भी ठीक तरह उपयोग न किया जाय, तो वह विष बन जाती है। इसी प्रकार काम वासना अनुचित उपयोग दीन धर्म, इज्जत -आबरू स्वास्थ्य सब को नष्ट करने प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार वाला है।

भारत की नई FDI नीति विश्व व्यापार संगठन के गैर-भेदभावकारी सिद्धांतों का उल्लंघन : चीन

भारत की नई FDI नीति विश्व व्यापार संगठन के गैर-भेदभावकारी सिद्धांतों का उल्लंघन : चीन

चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा कि विशिष्ट देशों के निवेशकों के लिए भारत के नए एफडीआई मानदंड डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं। सोमवार को दिए गए इस बयान में कहा गया है कि भारत के नए एफडीआई मानदंड व्यापार और निवेश की सुविधा और उदारीकरण की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं। अधिकारी ने कहा कि नई नीति "अतिरिक्त बाधाओं" को लागू करने के लिए भी थी, जो कि G20 समूह में निवेश के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी वातावरण का एहसास कराने के लिए आम सहमति के खिलाफ थी।

चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब स्वत: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मार्ग के माध्यम से COVID-19 महामारी के बीच तनावग्रस्त फर्मों के प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार अधिग्रहण को रोकने के लिए भारत ने अपनी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में संशोधन किया है। इससे पहले, चीन ने भारत के कदम का जवाब देते हुए कहा था कि उसने एक 'जिम्मेदार देश' के रूप में कुछ नहीं किया है और अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोग को साबित किया है। भारत में चीनी राजदूत सुन वेइदॉन्ग ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा कि चीन दुनिया में महामारी के बारे में अलर्ट करने वाला पहला देश था।

प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार

अल सल्वाडोर ने थाईवान के साथ तथाकथित "मुक्त व्यापार समझौता" समाप्त कर दिया। इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 10 नवंबर को आयोजित नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबंधित सवालों के जवाब देते हुए कहा कि चीन अल सल्वाडोर के इतिहास के उचित पक्ष में खड़े होने और दोनों पक्षों के मौलिक और दीर्घकालिक हितों के अनुरूप निर्णय लेने की बहुत सराहना करता है। यह एक बार फिर दिखाता है कि एक चीन सिद्धांत का पालन करना एक अंतरराष्ट्रीय न्याय-सामान्य प्रवृत्ति और लोगों की आकांक्षा है, और कोई भी ताकत इसे रोक नहीं सकती है।

स्थानीय समयानुसार 7 नवंबर की शाम को, अल सल्वाडोर के सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक न्यायालय प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार ने अल सल्वाडोर और थाईवान के बीच तथाकथित "मुक्त व्यापार समझौते" के खिलाफ किए गए सुरक्षात्मक उपायों को अमान्य करार करते हुए एक आधिकारिक घोषणा जारी की। यह कदम अल सल्वाडोर और थाईवान के बीच तथाकथित "मुक्त व्यापार समझौते" के पूर्ण उन्मूलन का प्रतीक है।

Court News Indore: सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए गैर जरूरी आवेदन दायर करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, इसे रोकना जरूरी

Court News Indore: सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए गैर जरूरी आवेदन दायर करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, इसे रोकना जरूरी

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Court News Indore। सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए बगैर किसी मतलब के गैरजरूरी आवेदन प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है। मकान मालिक-किराएदार के बीच चल रहे जिस केस में अंतिम प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार बहस चुकी है और सिर्फ फैसला आना बाकी है उसकी सुनवाई किसी दूसरे केस के साथ करने के लिए आवेदन देना इसी का उदाहरण है। ऐसा करके आवेदन सिर्फ किराएदारी को लेकर चल रहे केस का फैसला टालना चाहता है। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट आवेदन पर दो लाख रुपये हर्जाना लगाती प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार है। इसमें से एक लाख रुपये मकान मालिक को प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार और एक लाख रुपये अधिवक्ता कल्याण निधि में जमा कराना होंगे।

Trade War- ट्रेड वॉर

क्या होता है ट्रेड वॉर?प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार
ट्रेड वॉर (Trade War) या व्यापार युद्ध तब होता है, जब एक देश आयात शुल्क बढ़ाकर या दूसरे देश के आयात पर अन्य प्रतिबंध लगाकर दूसरे देश के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है। ट्रेड वॉर तब शुरु हो सकता है जब कोई देश को लगता है कि उसके प्रतिस्पर्धी देश में अनुचित व्यापारिक प्रथाएं हैं। घरेलू ट्रेड यूनियन या इंडस्ट्री लाबीस्ट राजनीतिज्ञों पर आयातित वस्तुओं को उपभोक्ताओ के लिए कम आकर्षक बनाने के लिए दबाव डाल सकते हैं जिससे कि अंतरराष्ट्रीय प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार नीति को ट्रेड वार की दिशा में धकेला जा सके। इसके अतिरिक्त, ट्रेड वार अक्सर मुक्त व्यापार के व्यापक लाभों की गलतफहमी के परिणामस्वरूप भी होते हैं।

मुख्य प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार बातें
- ट्रेड वॉर तब होता है जब एक देश आयात शुल्क बढ़ाकर या दूसरे देश के आयात पर अन्य प्रतिबंध लगाकर दूसरे देश के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है।

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