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क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं

क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं
जिंजिवाइटिस
लंबे समय तक दांतों पर प्लाक व टार्टर के जमने से मुंह में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है जिससे मसूढ़ों में संक्रमण होता है। इससे मसूढ़े फूल कर लाल हो जाते हैं व जलन के साथ खून आता है। यह जिंजिवाइटिस समस्या है। सफाई के अभाव में यह रोग गंभीर हो जाता है जिसके इलाज के लिए डेंटिस्ट की मदद लेनी होती है। इस रोग में दांतों को पकड़कर रखने वाली हड्डी व ऊत्तकों पर फर्क नहीं पड़ता।

क्या दांतों की स्केलिंग जरूरी है?

Dr. Vibha Jain Extracting decayed teeth and replacing them with dentures were the prime areas of focus for dentists and their patients in India until a few decades ago. As these treatment methods prevailed for the longest time, so have the myths surrounding them. Today I would like to clarify some of the myths surrounding […]

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डॉ विभा जैन कुछ समय पहले तक सड़े हुए दाँतों को निकालना और उनकी जगह नक़ली दाँत लगवाना हमारे देश में डेंटिस्ट के पास जाने के मुख्य कारण हुआ करते थे। इस क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं इलाज के साथ साथ इससे जुड़े कई मिथ्य लम्बे समय से चलते आ रहे हैं। आज मैं दाँत निकालने और अक़्ल दाढ़ से […]

स्केलिंग और निगेटिव मार्किंग पर BPSC लेगा अभ्यर्थियों की राय, आवेदन करते समय दे सकते हैं फीडबैक

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बीपीएससी 68वीं प्रारंभिक परीक्षा के लिए पंजीयन की प्रक्रिया 25 नवंबर से शुरू हो जाएगी। अभ्यर्थी 20 दिसंबर तक पंजीयन करा सकते हैं।बीपीएससी 68वीं सीएसई प्रारंभिक परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। उम्मीदवार ये जानकारी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर भी देख सकते हैं। उम्मीदवार नए विज्ञापन में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आयोग से निकाले गए विज्ञापन के हिसाब से 281 पद निकाले गए हैं। इसमें सबसे अधिक पद कल्याण पदाधिकारी के लिए 60, राजस्व अधिकारी के लिए 39, प्रखंड पंचायत राज पदाधकारी 40 और अवर निरीक्षक का 20 पद सहित 22 विभागों के लिए रिक्तियां निकाली गई हैं। बीपीएससी की 68वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा 12 फरवरी 2022 को आयोजित की जाएगी।

नियमित ब्रशिंग-फ्लॉसिंग से दांत-मसूढ़े स्वस्थ

dental care

खानपान की गलत आदतों से मुंह में पनपे बैक्टीरिया की नियमित सफाई न हो तो दांतों में सड़न, सांस की बदबू और ओरल कैंसर की आशंका रहती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की 95 फीसदी आबादी मसूढ़ों के रोगों से पीड़ित है। स्कूल में पढ़ने क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं वालों में मुख्यत: दांत व मसूढ़े से जुड़े रोग सामने आने लगे हैं। हाल ही फिनलैंड की यूनि. ऑफ हेलिन्सकी में हुए शोध के अनुसार एक या अधिक दांतों की जड़ों में संक्रमण से हृदय रोगों का जोखिम 2.7 गुणा बढ़ जाता है। इसकी वजह संक्रमण के कारण पूरे शरीर में सूजन व जलन का होना है।

स्केलिंग है इलाज
संक्रमण को नियंत्रित कर मसूढ़ों के रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। गहराई से सफाई करने की प्रक्रिया को स्केलिंग व रूट प्लानिंग कहते हैं, जिसमें प्लाक को हटाते हैं।स्केलिंग में मसूढ़ों की लाइन से टार्टर हटाते हैं जबकि रूट प्लानिंग में दांतों की जड़ों पर एकत्रित बैक्टीरिया को साफ करते हैं। यही बैक्टीरिया कई रोगों का कारक होते हैं।कई बार लेजर तकनीक से भी प्लाक और टार्टर का हटाया जाता है। इसमें दर्द और सूजन कम होने के साथ ही रक्तस्त्राव भी कम होता है।

नियमित ब्रशिंग-फ्लॉसिंग से दांत-मसूढ़े स्वस्थ

dental care

खानपान की गलत आदतों से मुंह में पनपे बैक्टीरिया की नियमित सफाई न हो तो दांतों में सड़न, सांस की बदबू और ओरल कैंसर की आशंका रहती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की 95 फीसदी आबादी मसूढ़ों के रोगों से पीड़ित है। स्कूल में पढ़ने वालों में मुख्यत: दांत व मसूढ़े से जुड़े रोग सामने आने लगे हैं। हाल ही फिनलैंड की यूनि. ऑफ हेलिन्सकी में हुए शोध के अनुसार एक या अधिक दांतों की जड़ों में संक्रमण से हृदय रोगों का जोखिम 2.7 गुणा बढ़ जाता है। इसकी वजह संक्रमण के कारण पूरे शरीर में सूजन व जलन का होना है।

स्केलिंग है इलाज
संक्रमण को नियंत्रित कर मसूढ़ों के रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। गहराई से सफाई करने की प्रक्रिया को स्केलिंग व रूट प्लानिंग कहते हैं, जिसमें प्लाक को हटाते हैं।स्केलिंग में मसूढ़ों की लाइन से टार्टर हटाते हैं जबकि रूट प्लानिंग में दांतों की जड़ों पर एकत्रित बैक्टीरिया को साफ करते हैं। यही बैक्टीरिया कई रोगों का कारक होते हैं।कई बार लेजर तकनीक से भी प्लाक और टार्टर का हटाया जाता है। इसमें दर्द और सूजन कम होने के साथ ही रक्तस्त्राव भी कम होता है।

दांतो की सफाई और पॉलिशिंग के लिए नवीनतम उपकरण ही क्यों आवश्यक है?

हांलाकि दांतो की सफाई और पॉलिशिंग में नयी तकनीक और उपकरणों का उपयोग आपकी जेब का बोझ बड़ा सकता है लेकिन एक अच्छा इलाज़ ही हर लिहाज़ से बेहतर है |
दांतो की सफाई और पॉलिशिंग में नए उपकरणों के उपयोग के कई फायदे है | जिनमे से कुछ निम्न्लिखित है:

  • नयी तकनीकों का उपयोग करके समय की बचत कई महत्वपूर्ण लाभों में से एक है, क्योंकि इनके उपयोग से दांतो की सफाई में कम समय की आवश्यकता होती है|
  • नवीनतम उपकरण इस तरह से डिजाइन किए गए हैं जिससे क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं आपके दांतों के हर कोने को पूरी तरह से साफ किया जाता है, जिसका अर्थ है साफ़ एवं स्वस्थ दांत।
  • दांतों की सफाई या पॉलिश करते समय कम दर्द या असुविधा
  • उज्ज्वल चमक
  • बैक्टीरिया जमावट से संक्रमण के जोखिम को कम करता है और दांतो को उत्तम एवं स्वस्थ्य बनाये रखता है ।

दांतों को पॉलिश और साफ करने में कितना समय लगता है?

दांत की पॉलिशिंग और सफाई एक ही बार में पूरी तरह से हो जाती है| हालांकि, परामर्श और सफाई के लिए आपको एक बार दन्त चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता होती है।सफाई और पॉलिशिंग कुछ घंटों के भीतर हो जाती है जबकि कुछ मामलों में,दन्त चिकित्सकों को थोड़े अतिरिक्त समय की आवश्यकता पड़ सकती है।

दिल्ली-एनसीआर में दांतों की सफाई और पॉलिशिंग की लागत बहुत ज्यादा नहीं है। पूरी प्रक्रिया 2000-3000 INR की कीमत में पूरी हो जाती है| हालांकि, वास्तविक लागत को जानने क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं के लिए, आपको एक दन्त चिकित्सक से परामर्श करने और अपने दांतों की जांच कराने की आवश्यकता होती है। कुछ क्लिनिक दांतों की पॉलिश क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं और सफाई पर छूट और प्रचार प्रदान करते हैं। आप उनके पास जाकर कुछ और पैसे बचा सकते हैं।

क्या करे और क्या न करे?

दांत चमकाना और सफाई एक साधारण प्रक्रिया है। लेकिन इसके लिए कुछ चीज़ो का ख्याल रखना जरुरी है:

क्या करे:

ठंडा खाना खाये
दांतो में ब्रश ठीक से करे
अपने दांतों को दिन में दो बार फ़्लॉस करें क्या आप स्केलिंग से बच सकते हैं
स्वस्थ मौखिक आदतों का पालन करें

क्या ना करे:

उन खाद्य पदार्थों को खाने से बचें जो दाग पैदा कर सकते हैं
दांतो को बहुत अधिक चमकीला और सफ़ेद न कराये प्राकृतिक रहने दे

कुछ आम तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1.दांत चमकाने के दौरान कितना दर्द होता है?
दांत चमकाने में कोई दर्द नहीं होता है। आपको कुछ असुविधा का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आपको सफाई प्रक्रिया में लगातार अपना मुंह खोले रहनां होता है।

2.क्या सफाई करते समय रक्त स्राव होता है?
रक्तस्राव इस उपचार से जुड़ा नहीं है। हालांकि, कुछ मामलों में, सफाई करते समय रोगियों को अपने मसूड़ों पर कुछ खरोंच लग सकती है।

3.क्या हर साल दांतों को पॉलिश करना जरूरी है?
नहीं, नियमित अंतराल पर दांतों को साफ और पॉलिश करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। इसके लिए आवश्यक होने पर ही जाना होता है|

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