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क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध

क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध

Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी

अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?

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क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल या डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी कई तरह की होती है। इसमें से बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की तरह ही कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होती है, क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध लेकिन काम वैसे ही करती है। इस करेंसी को वर्चुअल स्पेस में भी रखा जा सकता है। हालांकि, यह अभी भारत में लीगल नहीं है। सरकार ने ऐसी मुद्रा को मंजूरी नहीं दी है।

India

इन देशों में प्रतिबंधित है बिटकॉइन

दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी का स्वागत किया जाता है। फिर भी कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें अल्जीरिया, बोलीविया, बांग्लादेश, मिनिकन गणराज्य, घाना, नेपाल, मैसेडोनिया गणराज्य, कतर, वनुआटू देश मुख्य रूप से शामिल हैं। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां क्रिप्टोकरेंसी कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं। ऐसे देशों में बिटकॉइन कुछ हद तक प्रतिबंधित है और इसका व्यापार या भुगतान के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। इनमें बहरीन, चीन, हॉगकॉग, ईरान, कजाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, टर्की और वियतनाम मुख्य देश हैं।

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वे देश जहां बिटकॉइन कानूनी है

कम से कम 111 राज्य ऐसे हैं, जहां बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे प्रमुख देश क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आम तौर पर क्रिप्टो-फ्रेंडली रवैया अपनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चिली, फिनलैंड, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, आयरलैंड, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला ऐसे देश हैं, जहां बिटकॉइन पूरी तरह से कानूनी है।

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इन देशों में ऑफिशियल लीगल टेंडर है क्रिप्टोकरेंसी

अल साल्वाडोर (El Salvador - Country in Central America) यह अब तक का एकमात्र देश है, जो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देता है। इसे निवेशकों के जोखिम के रूप में मान्यता दी गई थी। यदि भविष्य में अधिक से अधिक देश क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना शुरू करते हैं, तो अल सल्वाडोर का कदम इतिहास में एक उल्लेखनीय मिसाल हो सकता है।

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वे देश जहां बिटकॉइन न तो कानूनी है और न ही अवैध

कुछ देशों ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि बिटकॉइन का क्या किया जाए। इन देशों में कोई स्पष्ट नियम या कानूनी सुरक्षा नहीं है। ये देश अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने में लगे हुए हैं। ऐसे देशों में भारत के अलावा कई देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख देश अल्बानिया, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स, कंबोडिया, क्यूबा, पाकिस्तान और केन्या भी शामिल हैं।

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क्यों भारत में लीगल नहीं है क्रिप्टोकरेंसी?

आपने ऊपर पढ़ा कि कितने देशों में Cryptocurrency को लीगल कर दिया गया है। लेकिन, भारत सरकार का रुख इसके लिए स्पष्ट नहीं है। सरकार इसे रेगुलेट करने पर अभी विचार कर रही क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध है।

Bitcoin लीगल है या नहीं? Crypto ठगी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से किया सवाल

Bitcoin के लीगल स्टेटस का मुद्दा एक आपराधिक मामले में सामने आया है। यहां एक आरोपी पर क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में लोगों को ठगने का आरोप लगा है।

  • Mohammad Faisal
  • @itsmeFSLMohammad Faisal -->
  • Updated: February 26, 2022 11:40 AM IST

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भारत सरकार ने बजट 2022 पेश करते हुए डिजिटल ऐसेट की ट्रेडिंग से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर (tax) लगाया। इस कैटेगरी में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और NFT शामिल होंगे। टैक्स के बाद सरकार ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के वैध या अवैध होने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से देश में बिटकॉइन (Bitcoin) की कानूनी स्थिति पर स्पष्टता मांगी है। Also Read - Bitcoin की वैल्यू में एक बार फिर हुई बड़ी गिरावट, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप

Bitcoin का लीगल स्टेटस

Bitcoin के लीगल स्टेटस का मुद्दा एक आपराधिक मामले में सामने आया है। यहां एक आरोपी क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध पर क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में लोगों को ठगने का आरोप लगा है। केस सुनवाई के दौरान जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने आरोपी को अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की, लेकिन साथ ही सरकार से क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति पर अधिक स्पष्टता की मांग की। क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध Also Read - Apex Legends Mobile कर बैठा गलती, वक्त से पहले जोड़ दिया Crypto लेजेंड

ET की खबर के मुताबिक, जस्टिस सूर्य कांत ने मामले में उपस्थित एएसजी ऐश्वर्या भट्टी से कहा, “आपको कानूनी स्थिति (बिटकॉइन पर) स्पष्ट करनी चाहिए।” Also Read - Top 5 Stable Coins: Tether (USDT) से TrueUSD (TUSD) तक टॉप 5 स्टेबल Cryptocurrency, जिनकी कीमत रहती है डॉलर के बराबर

क्या है Cryptocurrency ठगी का मामला?

इस केस में दो भाइयों अमित भारद्वाज और अजय भारद्वाज पर बिटकॉइन से जुड़ा ठगी का आरोप लगा है। दोनों भाइयों ने कथित तौर पर बिटकॉइन पर भारी मुनाफे के बदले निवेशकों से धन एकत्र किया। इन्होंने आरोपों से इनकार किया है.

अमित भारद्वाज को मार्च 2018 में पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 3 अप्रैल, 2019 को शीर्ष अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था। अमित क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी, जिस दौरान इनकी दिल का दौरा पड़ने के कारण मृत्यु हो गई। एएसजी भट्टी ने कहा कि अजय भारद्वाज जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

इन्होंने कहा कि इस मामले में 87,000 बिटकॉइन शामिल हैं और आरोपी को कई नोटिस जारी किए जा चुके हैं। यह भारत की ओर से इस तरह का पहला घोटाला है। ईडी ने शुरुआती घोटाले के अनुमानों को 2,000 करोड़ से संशोधित कर 20,000 करोड़ रुपये कर दिया है।

मामले की सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आरोपी को जांच अधिकारी से मिलने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही आईओ को चार सप्ताह में मामले पर क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध एक नई स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

  • Published Date: February 26, 2022 11:39 AM IST
  • Updated Date: February 26, 2022 11:40 AM IST

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Bitcoin की कानूनी वैधता पर सरकार रुख साफ करे: सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court on Bitcoin : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बिटकॉइन (BitCoin) की कानूनी वैधता को लेकर सरकार को अपना रुख साफ करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि सरकार स्पष्ट करे कि बिटकॉइन (Bit Coin) वैध है या अवैध.

Bitcoin की कानूनी वैधता पर सरकार रुख साफ करे: सुप्रीम कोर्ट

ASG ऐश्वर्या भाटी ने आश्वस्त किया कि सरकार इस पर अपना पक्ष साफ करेगी. उच्चतम न्यायालय ने ये सवाल 20 हज़ार करोड़ की क़ीमत के (87 हज़ार बिटकॉइन्स) के घोटाले के आरोपी से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान पूछा है.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह टिप्पणी गेन-बिटकॉइन घोटाले से जुड़े एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई के दौरान की है. घोटाला बिटकॉइन की खरीद से जुड़ा है जिसमें एक प्राइवेट कंपनी ने बिटकॉइन बेचने के नाम पर निवेशकों से पैसा लिया इसका इस्तेमाल निजी तौर पर बिटकॉइन खरीदने में किया गया.

केंद्र की ओर से कोर्ट को बताया गया कि यह घोटाला लगभग 87,000 बिटकॉइन्स की खरीद से जुड़ा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वह बिटकॉइन्स की वैधता पर केंद्र का रुख साफ करें.

बता दें कि यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई से गुरुवाट को सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) में 12 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली थी. बता दें गुरुवार को सुबह बिटकॉइन 34,500 डॉलर के आस-पास कारोबार कर रहा था. गौरतलब है कि नवंबर के शुरू में बिटकॉइन की कीमत 68,000 डॉलर के पार पहुंच गई थी.

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सब पूछ रहे Crypto Tax से जुड़े ये 5 बड़े सवाल, अब खुद वित्त मंत्रालय ने दिए जवाब

Tax on Cryptocurrency in India: फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बजट में डिजिटल एसेट्स से होने वाली इनकम पर 30% का टैक्स लगाने की बात कही गई है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर अधिकारियों ने इससे जुड़े कई सवालों के जवाब दिए हैं.

डिजिटल करेंसी से होने वाली इनकम पर सरकार ने लगाया है टैक्स.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2022,
  • (अपडेटेड 05 फरवरी 2022, 5:59 PM IST)
  • टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टो को वैध करना नहीं
  • एग्री इनकम छोड़कर हर इनकम है टैक्सेबल

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बजट में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारी-भरकम टैक्स (Tax on Cryptocurrency) का ऐलान किया गया. फाइनेंस बिल 2022-23 में अन्य प्रावधानों के साथ-साथ कहा गया है कि इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन (115BBH) जोड़ा जाएगा. यह सेक्शन वर्चुअल डिजिटल करेंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स (Income Tax) की वसूली से संबंधित है. इसकी घोषणा को लेकर देशभर में क्रिप्टो के फ्यूचर और नए टैक्स को लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए.

'बिजनेस टुडे' टेलीविजन के सिद्धार्थ जराबी और साक्षी बत्रा ने इस बारे में फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर ऑफिसर्स के साथ इन विषयों पर विस्तार से चर्चा की. पेश है बातचीत का संपादित अंश

सवालः सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाकर क्या उसे वैध कर रही है?
सीबीडीटी के चेयरमैन जे.बी. महापात्र का जवाबः आपके इस सवाल क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध का जवाब है - ना. टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टो ट्रेडिंग या उससे होने वाले किसी तरह के फायदे या नुकसान को कानूनी रूप से वैध बनाना नहीं है. एक विभाग के तौर पर हम किसी बिजनेस या किसी भी सेक्टर के बिजनेस, किसी प्रोफेशन या फिर ट्रांजैक्शन की वैधता पर सवाल नहीं उठा सकते हैं. हमें ट्रेड के बाद टैक्सेशन के पहलू को देखने का अधिकार प्राप्त है.

सवालः भारत के क्रिप्टोकरेंसी का इकोसिस्टम कितना बड़ा है?
महापात्रः हमें भारत में काम कर रहे कुछ एक्सचेंज के बारे में जानकारी है. ऐसा कहा जा रहा है कि इनकी संख्या 40 है. इनमें से 10 बड़े एक्सचेंज हैं. सबसे बड़े एक्सचेंज का टर्नओवर 34,000 करोड़ रुपये है. ऐसे में कहा जा सकता है कि मार्केट का आकार काफी बड़ा है. अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 10 करोड़ लोगों ने किसी-ना-किसी रूप में क्रिप्टो में इंवेस्ट किया है. यह रकम काफी कम से काफी अधिक है. हमें यह जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है कि निवेश की रकम छोटी है या बड़ी है. हमें क्वालिटी और इंवेस्टमेंट के सोर्स को लेकर इंटरेस्ट है. हम ऐसा यह देखते हैं कि इनकम का सोर्स वैध है या अवैध. अगर अवैध सोर्स से हुई कमाई को निवेश किया गया है तो ना सिर्फ ट्रेड से होने वाले फायदे पर टैक्स लगता है बल्कि पूरे अवैध इंवेस्टमेंट पर भी टैक्स लग जाता है. इस तरह इनकम टैक्स से क्रिप्टो मार्केट में एक तरह का ऑर्डर या अनुशासन लाया जा सकता है.

सवालः वर्चुअल डिजिटल एसेट्स क्या हैं?
महापात्रः आईटी एक्ट के 247A में डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) को परिभाषित किया गया है. सिंपल शब्दों में कहा जा सकता है कि क्रिप्टोग्राफिक तरीके से जेनरेट किया गया कोई भी कोड या कोई भी इंफॉर्मेशन या कोई भी फॉर्मूला जिसमें कोई निहित मूल्य है और जिसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसमिट या स्टोर किया जा सकता है, उसे डिजिटल एसेट्स कहा जा सकता है. इसमें NFT भी शामिल है.

सवालः क्या 30 फीसदी टैक्स की दर बहुत ज्यादा नहीं है?
महापात्रः मुझे नहीं लगता है कि टैक्स की यह दर बहुत ऊंची है. कंपनियों से भी 30 फीसदी का टैक्स लिया जा रहा है. फर्म और एलएलपी से भी इसी रेट से टैक्स लिया जाता है.

सवालः कानून के बिना क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स क्यों?
वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथनः इनकम टैक्स एक्ट में कृषि से होने वाली इनकम को छोड़कर किसी भी अन्य इनकम को टैक्स के दायरे से बाहर नहीं रखा गया है. क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली इनकम इस कानून से पहले भी टैक्सेबल है, आज भी है और एक अप्रैल के बाद भी रहेगी. केवल टैक्स का रिजीम बदल रहा है. यह एक अप्रैल से पहले भी टैक्सेबल है लेकिन 30 फीसदी की दर से नहीं है. अभी यह बिजनेस इनकम या कैपिटल गेन जैसे इनकम के क्लासिफिकेशन पर बेस्ड है. ऐसे में टैक्स को लेकर स्पष्टता लाने के लिए इसमें यह बदलाव किया गया है. लीगल और अनरेग्युलेटेड इनकम दोनों टैक्सेबल है. यहां तक कि अवैध आय भी टैक्सेबल है. अगर कोई आईएएस अधिकारी रिश्वत लेता है तो वह भी टैक्सेबल है. हालांकि, क्रिप्टो अवैध नहीं है.

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