मुद्राएं अलग

अगर कोई बैंक अधिकारी मुद्रा लोन देने से मना करता है, तो इसकी शिकायत उस बैंक के उच्च अधिकारी से की जा सकती है.
शीर्ष मुद्राओं लाभार्थी और नुकसान
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मुद्रा ऋण लेकर शुरू करें अपना कारोबार
छोटे और मझोले कारोबार शुरू करने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना चल रही है। इसके तहत युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए छोटी रकम का ऋण दिया जाता है।
किसको मिल सकता है मुद्रा योजना के तहत ऋण : ऐसे युवा जो पूंजी की समस्या का सामना कर रहे हैं और अपना कारोबार आगे बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपए तक का ऋण देने का प्रावधान है। इस योजना के अंतर्गत तीन श्रेणी में ऋण दिया जाता है। शिशु श्रेणी के 50,000 रुपए तक का ऋण दिया जाता है। किशोर श्रेणी में 50,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का ऋण मिलता है।तरुण श्रेणी में 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का ऋण दिया दिया जाता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभ : मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के ऋण दिया जाता है। इसके अलावा ऋण के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है। मुद्रा योजना में ऋण चुकाने की अवधि को पांच साल तक बढ़ाई जा सकती है।
मुद्रा योजना की ब्याज दरें : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत कोई निश्चित ब्याज दर मुद्राएं अलग नहीं हैं। विभिन्न बैंक मुद्रा लोन के लिए अलग ब्याज दर वसूल सकते मुद्राएं अलग हैं। ऋण लेने वाले के कारोबार की प्रकृति और उससे जुड़े जोखिम के आधार पर भी ब्याज दर निर्भर करती है। आम तौर पर न्यूनतम ब्याज दर 12 फीसद होती है।
इस तरह मिलेगा ऋण
सबसे पहले मुद्रा ऋण की वेबसाइट पर जा कर ऋण आवेदन फार्म डाउनलोड करें। शिशु श्रेणी के लिए फार्म अलग है, जबकि तरुण और किशोर श्रेणी के लिए फार्म एक ही है। ऋण आवेदन फार्म में मोबाइल नंबर, आधार नंबर, नाम, पता आदि की जानकारी देनी होगी मुद्राएं अलग और इसमें दो पासपोर्ट फोटो लगाने होंगे। फार्म भरने के बाद किसी भी सार्वजनिक या निजी बैंक में जाएं और सभी प्रक्रियाओं को पूरा करें। बैंक का शाखा प्रबंधक आपसे कामकाज से बारे में जानकारी लेगा और उस आधार पर आपको पीएमएमवाई ऋण मंजूर करेगा।
कम वक्त में असर दिखाती है मुद्रा चिकित्सा, जानें इसके मुद्राएं अलग बारे में
ओशोधारा के संस्थापक, जियोलॉजिस्ट और भारतीय योग व प्रबंध संस्थान के भी संस्थापक वीरेन्द्र कुमार सिंह ने कई नई मुद्राओं के माध्यम से मुद्रा चिकित्सा को विस्तार तथा वैज्ञानिक रूप दिया है। ओशोधारा में त्रिदिवसीय मुद्रा चिकित्सा कार्यक्रम नियमित रूप से चलाया जाता है।
मुद्रा चिकित्सा क्या है?
संतों के अनुसार स्वस्थ रहने के लिए हमारे शरीर में सभी जरूरी तत्त्वों के स्त्रोत हैं जिन्हें अंगुलियों मुद्राएं अलग के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। मुद्रा-चिकित्सा का आधार यही है जिसमें कुछ मुद्राएं 45 मिनट में शरीर के तत्त्वों को बदल देती हैं और कुछ मिनट में ही असर दिखाने लगती हैं। घर बैठकर भी लगभग 45 मुद्राएं अलग मुद्राएं अलग मिनट इसे रोजाना करने से पुराने रोगों में राहत मिलती है।
मुद्रा लोन
क्या आप कारोबारी हैं और अपना कारोबार बढ़ाना चाहते हैं? क्या आप प्रोफेशनल हैं और स्टार्टअप शुरू करने की योजना बना रहे हैं? अगर आप पूंजी के अभाव में अपने सपने पूरे नहीं कर पा रहे हैं, तो मुद्रा योजना के तहत आज ही लोन के लिए आवेदन करें और बिना गारंटी, 10 लाख तक का लोन पाएं.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) छोटे कारोबारियों को बैंक से लोन दिलाने के लिए भारत सरकार की लोकप्रिय योजना है. इसे मुद्रा लोन भी कहा जाता है. वित्त वर्ष 2019-2020 में 6 करोड़ 22 लाख से ज़्यादा कारोबारियों ने इस योजना का लाभ उठाया है.
एनएसएसओ सर्वे (2013) के मुताबिक भारत में 5.77 करोड़ छोटे कारोबार चल रहे हैं. यह सेक्टर 10 करोड़ लोगों को रोजगार देता है. मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इस सेक्टर को मजबूत बनाना जरूरी है.
मुद्रा योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है. इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए नन बैंकिंग फायनांस कंपनी (NBFC) और माइक्रोफाइनांस इंस्टिच्यूट (MFIs) को 25 बीपीएस कम ब्याज दर पर लोन देने की व्यवस्था की गई है.
मुद्रा योजना के तहत 3 कैटगरी में लोन दिए जाते हैं:
- शिशु: ₹50,000 तक
- किशोर: ₹50,000 से ₹5 लाख
- तरुण: ₹5 लाख से ₹10 लाख
आमतौर पर कारोबार बढ़ाने के लिए, तरूण कैटगरी के तहत लोन दिए जाते हैं. वहीं कम पूंजी से शुरू होने वाले कारोबारों के लिए शिशु कैटगरी के तहत लोन दिए जाते हैं.
मुद्रा लोन पर ब्याज की दर और नियम अलग-अलग बैंकों के लिए बदल सकते हैं. एसबीआई की ब्याज दर कम से कम 9.75 फीसदी है. वहीं, पीएनबी की दर 9.60 फीसदी से ज़्यादा है. लोन को तीन से पांच साल में ईएमआई के रूप में बैंकों को लौटाना होता है. कारोबारी के पिछले क्रेडिट और कारोबार के टर्नओवर के हिसाब से ब्याज दर या ईएमआई की अवधि तय की जाती है.
(यहां पर अलग-अलग बैंक में लगने वाले ब्याज दर और अन्य शर्तें का मुद्राएं अलग टेबल दे सकते हैं)
किस तरह के कारोबार के लिए मुद्रा लोन मिलता है?
कृषि और कॉरपोरेट को छोड़कर सभी सेक्टर के कारोबारी मुद्रा लोन का फायदा ले सकते हैं. यह योजना रोजगार देने वाले सभी तरह के कारोबारों के लिए है.
मुद्रा योजना के तहत आप किराए पर गाड़ी चलाने के लिए लोन ले सकते हैं. इनमें लोगों की सवारी या सामान ढ़ोने के लिए इस्तेमाल होने वाली गाड़ियां शामिल हैं. आप लोन लेकर व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, टैक्सी या बाइक खरीद सकते हैं.
- सैलून, ब्युटी पार्लर या दुकान खोलने के लिए लोन
- कारोबार का प्लान
- पूरी तरह से भरा गया आवेदन फॉर्म
- आवेदक की फ़ोटो
- पहचान का प्रमाण (आधार, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज)
- निवास का प्रमाण (आधार, मतदाता पहचान पत्र, टेलीफोन बिल, बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज)
- आय का प्रमाण (मुद्राएं अलग आईटीआर, सेल्स टैक्स रिटर्न जैसे दस्तावेज)
- केवाईसी
अगर आप ब्यूटीशियन हैं और अपना ब्युटी पार्लर या सैलून खोलना चाहते हैं, तो मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही, आप जिम, टेलरिंग, ड्राई क्लिनिंग, साइकिल और मोटरसाइकिल मरम्मत की दुकान, डीटीपी और फोटोकॉपी की दुकान, मेडीसीन की दुकान और कूरियर सेवा जैसे काम शुरू करने के लिए भी मुद्रा लोन ले सकते हैं.
मुद्रा लोन के लिए आवेदन कैसे करें?
सरकारी, प्राइवेट, विदेशी, सहकारी, और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ ही NBFC या MFIs की नजदीकी शाखा में लोन के लिए आवेदन दिए जा सकते हैं. आप चाहें तो, ऑनलाइन आवदेन भी कर सकते हैं. जिस बैंक में पहले से खाता हो वहीं लोन के लिए आवेदन करना चाहिए. आप मुद्रा लोन की वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं.
(ऑनलाइन आवेदन का तरीका जानें- नई स्टोरी लिख सकते हैं)
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
आवेदन के लिए अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है. बैंक अधिकारी आपसे इन दस्तावेजों की मांग कर सकते हैं.
फॉरेन ट्रैवल के लिए विदेशी मुद्रा खरीदने का क्या तरीका है?
कितनी करेंसी खरीद सकते हैं आप?
आरबीआई ने विदेशी करेंसी की खरीद को लेकर सीमा तय कर रखी है. नोटों और सिक्कों के रूप में विदेशी मुद्रा की खरीद पर प्रति विजिट 3,000 डॉलर की ऊपरी सीमा है. फॉरेक्स कार्ड के रूप में अधिकतम 10,000 डॉलर के बराबर खरीद की जा सकती है. किसी भारतीय नागरिक के लिए लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत इसकी कुल सीमा 2,50,000 डॉलर प्रति वित्तीय वर्ष है.
कैसे करना पड़ता है आवदेन?
विदेशी मुद्रा के लिए बैंकों में एक अलग फॉर्म हो सकता है. आरबीआई ने इसके लिए फॉर्म ए2 और एलआरएस डेक्लेरेशन को निर्धारित किया है. इन्हें आवेदन के समय भरकर जमा करने की जरूरत होती है.