निवेश पर वापसी

(अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक) सचिव
एचएलएल लाइफ़केयर लिमिटेड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय विभाग
तिरुवनंतपुरम, केरल नई दिल्ली
एम ओ यु
कॉर्पोरेट निवेश पर वापसी दृष्टिकोण पूरा करने की ओर, एचएलएल लाइफ़केयर लिमिटेड ने निम्नलिखित दौत्य उल्लिखित किया है जो छः प्रमुख क्षेत्रों पर संकेन्द्रित हैं :
· अंतर्राष्ट्रीय मानक निवेश पर वापसी पूरा करने वाले गुणवत्तावाले उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करना।
· उत्तम प्रौद्योगिकियों और पद्धतियों को अपनाने से निरंतर सुधार के द्वारा उत्कृष्टता।
· नवाचार, अनुसंधान एवं विकास, लागत प्रबंधन और उपभोक्ता रक्षा के द्वारा उपभोक्ता आनंद और मूल्य सृजन।
· निवेश पर वापसी चुनौतीपूर्ण व्यवसाय वातावरण की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मानव संसाधन विकास पर केंद्रित करना।
· कॉर्पोरेट अभिशासन और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के उच्चतम मानक बनाए रखने के द्वारा सामाजिक रूप से प्रतिबद्ध कॉर्पोरेट बन जाना।
· हरी पहल और धारणीय विकास के प्रोन्नमन के ज़रिए पृथ्वी माँ की भलाई और भविष्य पीढियों के लिए प्रतिबद्ध रहना।
निवेश पर वापसी
अमेरिकी विदेश विभाग
प्रवक्ता का कार्यालय
तत्काल जारी करने के लिए
फरवरी 04, 2020
विदेश विभाग ने 3 फरवरी को नाइजीरिया के लोगों को 308 मिलियन डॉलर से अधिक की परिसंपत्तियों की वापसी निवेश पर वापसी के बारे में अमेरिका सरकार, जर्सी प्रशासन और नाइजीरिया सरकार के बीच हुए समझौते पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह की मेज़बानी की। पूर्व सैन्य तानाशाह सानी अबाचा ने 1990 के दशक में इन परिसंपत्तियों को चुराकर विदेशों में जमा किया था। करीब 20 वर्षों के बाद ये परिसंपत्तियां नाइजीरिया की जनता को वापस की जा रही हैं।
इस धन का उपयोग नाइजीरियाई स्वतंत्र संप्रभु प्राधिकरण द्वारा पूरे नाइजीरिया के महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में स्थित तीन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में किया जाएगा। इस धन का उत्तरदायित्व के साथ और राष्ट्रहित में इस्तेमाल हो, ये सुनिश्चित करने के लिए समझौते में इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर निगरानी और बाह्य निरीक्षण की व्यवस्था को भी शामिल किया गया है; और यदि इन योजनाओं में भ्रष्टाचार या धोखाधड़ी का कोई नया मामला सामने आता है तो समझौते के अनुसार नाइजीरिया को गायब राशि उस खाते में जमा करानी पड़ेगी जोकि वापस की जा रही निधियों के लिए स्थापित किया जा रहा है। धन की यह वापसी निरंतर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय आम सहमति को दर्शाता है कि चोरी की परिसंपत्तियों की पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से वापसी के लिए देशों को मिलकर काम करना चाहिए। यह कदम अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा संयुक्त रूप से 2017 में आयोजित ग्लोबल फ़ोरम ऑन एसेट रिकवरी में तय सिद्धांतों के प्रति अमेरिका और नाइजीरिया की प्रतिबद्धताओं के भी अनुरूप है।
Investment in Indian Equity Market: FPI की वापसी से भारतीय इक्विटी में लगभग 8,000 करोड़ का निवेश
Published: June 7, 2021 8:10 AM IST
Investment in Indian Equity Market: चौथी तिमाही की मजबूत आय और कोविड-19 के दैनिक मामलों में गिरावट निवेश पर वापसी के बीच, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जून में वापसी कर 31 मई से 4 जून के दौरान भारतीय इक्विटी में लगभग 8,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
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एनएसडीएल (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने सप्ताह के दौरान 7,967 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया.
विदेशी फंडों में उछाल ने भी भारतीय शेयर बाजार को नई ऊंचाईयों निवेश पर वापसी को छूने के लिए प्रेरित किया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में निफ्टी 50 ने सप्ताह के दौरान 15,733.60 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई दर्ज की.
इनफ्लो लगातार दो महीने के आउटफ्लो के बाद आता है.
अप्रैल और मई में भारतीय शेयर बाजारों में एफपीआई की शुद्ध बिक्री क्रमश: 9,659 करोड़ रुपये और 2,954 करोड़ रुपये रही.
2021 में अब तक भारतीय इक्विटी में एफपीआई का कुल निवेश 51,096 करोड़ रुपये है.
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उप्र में हो रहा निवेश सपा की सत्ता में वापसी के प्रति यकीन की निशानी: अखिलेश
यूपी के सीएम अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में चंद महीने बाकी रहने के बावजूद सूबे में बड़े पैमाने पर हो रहे निवेश को उनकी सरकार की सत्ता में दोबारा वापसी के प्रति निवेशकों के विश्वास की निशानी करार देते हुए शुक्रवार (2 सितंबर) को कहा कि सूबे में साल 2012 जैसे हालात फिर पैदा हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे परियोजना से जुड़े अधिकारियों के सम्मान समारोह में कहा ‘व्यापारियों को सबसे पहले मालूम हो जाता है कि प्रदेश में किसकी सरकार बनने जा रही है। प्रदेश के विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं, इसके बावजूद सूबे में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। यह सपा सरकार की वापसी के प्रति व्यवसायियों के विश्वास को दर्शाता है।’ उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले तीन दशक से भी ज्यादा समय से कोई भी सरकार दोबारा नहीं लौटी है। लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं। राज्य में वर्ष 2012 जैसी स्थितियां फिर पैदा हो रही हैं, जब सपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।