डॉलर हुआ मजबूत

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.87 रह गया।
रुपया पांच पैसे और टूटकर 81.79 प्रति डॉलर पर
घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख और विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पांच पैसे की गिरावट के साथ 81.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
कोविड-19 के बढ़ते मामले और उसके पश्चात चीन में लगाये गये डॉलर हुआ मजबूत प्रतिबंधों के कारण सुरक्षित निवेश के रूप में मांग बढ़ने से विदेशी बाजारों में डॉलर में तेजी आई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया तेजी के साथ 81.84 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 81.74 के दिन के उच्चस्तर और 81.91 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट के साथ 81.79 प्रति डॉलर पर बंद डॉलर हुआ मजबूत हुआ।
Dollar vs Rupee: शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे बढ़कर 81 65 पर रुका
मुंबई: अमेरिकी मुद्रा में ऊपरी स्तर से गिरावट के चलते रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे बढ़कर 81.65 पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी कोषों की बिकवाली और घरेलू शेयर बाजारों में सुस्ती के चलते रुपये की बढ़त सीमित हुई.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.72 पर खुला, और फिर मजबूती के साथ 81.65 के स्तर पर पहुंच गया. इस तरह स्थानीय मुद्रा ने पिछले बंद भाव के मुकाबले 14 पैसे की बढ़त दर्ज की. रुपया सोमवार को पांच पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.79 पर बंद हुआ था. इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत गिरकर 107.57 पर आ गया. सोर्स-भाषा
जरुरी जानकारी | रुपये 30 पैसे की तेजी के साथ 81.63 प्रति डॉलर पर
मुंबई, 24 नवंबर विदेशी बाजारों में डॉलर के कमजोर होने तथा घरेलू शेयर बाजार में तेजी के बीच निवेशकों की कारोबारी धारणा मजबूत हुई जिसके चलते अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 30 पैसे की तेजी के साथ 81.63 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़े और फेडरल रिजर्व के आक्रामक रवैये में नरमी के संकेत के बाद अंतरराष्ट्रीय कारोबार में डॉलर कमजोर हो गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.72 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 81.60 के दिन के उच्चस्तर और 81.77 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 30 पैसे की तेजी के साथ 81.63 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
दुनिया भर में भारतीय उत्पादों की धूम, निर्यात के क्षेत्र में दिखा ‘न्यू इंडिया’ का सामर्थ्य
उल्लेखनीय है कि पिछले 7-8 साल में पीएम मोदी ने देश को मजबूत करने के लिए सरकारी नीतियां में कई बड़े बदलाव किए। आज उन्हीं का परिणाम है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। केवल इतना ही नहीं ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेड इन इंडिया’ पहलों के बलबूते आज भारत ने अपने उत्पादों के लिए वैश्विक पहचान बना ली है। आज भारत ही नहीं, विदेशों में भी भारतीय वस्तुओं की काफी डिमांड है।
‘उद्यमी भारत’ के रूप में उभर रहा देश
खास बात यह है कि भारत ने कोविड महामारी के दुष्रभाव और मंदी की आशंका को पीछे छोड़ते हुए ये कमाल कर दिखाया है। इसी के चलते आज उद्यमी भारत एक नए जोश के साथ आगे बढ़ रहा है। इसकी ताजा मिसाल एक्सपोर्ट यानि निर्यात के मोर्चे से सामने आई है।
यदि देश के ओवरऑल एक्सपोर्ट की बात करें तो इसमें ‘मर्चेडाइज’ (Merchandise) और ‘सर्विसेज’ (Services) दोनों ही शामिल हैं। बता दें अक्टूबर 2021 में देश का ओवरऑल एक्सपोर्ट 56.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो अक्टूबर 2022 में 4% से अधिक की ग्रोथ के साथ बढ़कर 58.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
निर्यात के क्षेत्र में बन रहे नए-नए रिकॉर्ड
वहीं अगर अप्रैल से अक्टूबर तक की अवधि को देखें तो 2021 में ओवरऑल एक्सपोर्ट करीब 372 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो कि 2022 में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 19 प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ के साथ बढ़कर करीब 445 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
इससे एक बात साफ है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत निर्यात के क्षेत्र में नए-नए रिकॉर्ड बना डॉलर हुआ मजबूत रहा है। वहीं भारत की इकोनॉमी मजबूत हो रही है और देश आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है।
याद हो, मार्च, 2022 में पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बताया था कि किस तरह भारतीय वस्तुओं की मांग विदेश में तेजी से बढ़ रही है। इस संबंध में पीएम ने कहा था कि भारत ने 400 बिलियन डॉलर, यानि करीब 30 लाख करोड़ रुपए के निर्यात का लक्ष्य हासिल किया है। पीएम मोदी ने साथ ही यह भी कहा था कि एक समय में भारत से निर्यात का आंकड़ा कभी 100 बिलियन, कभी डेढ़-सौ बिलियन, कभी 200 बिलियन तक हुआ करता था, आज भारत 400 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। इसका एक मतलब ये है कि दुनिया भर में भारत में बनी चीजों की मांग बढ़ रही है, दूसरा मतलब ये कि भारत की सप्लाई चेन दिनों-दिन और मजबूत हो रही है और इसका एक बहुत बड़ा सन्देश भी है। पीएम ने कहा कि देश के कोने-कोने से नए-नए उत्पाद अब विदेश जा रहे हैं।
WTR 77.99 डॉलर प्रति बैरल पर
कच्चा तेल 80 डॉलर के नीचे आ गया है. WTR 77.99 डॉलर प्रति बैरल पर है तो ब्रेंट क्रूड की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल है. कच्चे तेल में गिरावट आने के बाद भी भारत में कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल के कीमत में कमी नहीं हुई है. कच्चे तेल डॉलर हुआ मजबूत की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल होने के बाद भी महाराष्ट्र और मेघालय के अलावा पंश्चिम बंगाल, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई गिरावट नहीं हुई है.
देश में यहां सबसे सस्ता तेल
देश में सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल की कीमत राजस्थान के श्रीगंगानगर में है. यहां पर पेट्रोल की कीमत 113.49 रुपये और डीजल की कीमत 98.24 रुपये है. वहीं देश में सबसे सस्ता तेल पोर्ट ब्लेयर में है. यहां पर पेट्रोल की कीमत 84.10 रुपये और डीजल की कीमत 79.74 रुपये है.
इसलिए नहीं मिल रहा घटे दाम का लाभ
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद भी इसका लाभ नहीं मिल रहा है, इसके पीछे का कारण यह है कि हाल में जो कच्चे तेल की कीमत है उसका लाभ हाजिर रेट पर नहीं मिलता है. यानी अभी जो रेट कच्चे तेल की कीमत चल रही है वह जनवरी 2023 का है. जिसके चलते इस रेट पर तेल जनवरी 2023 में मिल सकता है. वर्तमान में जो कच्चा तेल देश को मिल रहा है उसके लिए सौदा सितंबर में ही हो गया होगा. आपको बता दें कि IOC, BPCL, HPCL ने लगातार सात महीने से तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है.