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डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है

डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है
अगर आप डीमैट अकाउंट होल्डर हैं और इसके ज़रिए स्टॉक मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है.

Demat aur डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है Trading account kya hota hai?

आइए इसे उदाहरण से समझते हैं | मान लीजिए – आप ने अपने पर्स से कुछ पैसे निकाल कर दुकानदार को दिए | तो अब आप देखेंगे कि आपका पर्स एक डीमैट अकाउंट की तरह काम कर रहा है, और आपने पैसे दिए इसलिए आप एक ट्रेडिंग अकाउंट की तरह काम कर रहे हैं | अब इसी में अगर हम दुकानदार को देखें तो दुकानदार एक ट्रेडिंग अकाउंट जैसा काम कर रहा है, क्योंकि वह पैसे ले रहा है | वही दुकानदार का गल्ला डिमैट अकाउंट की तरह काम कर रहा है |

demat

Demat अकाउंट कहां ओपन होता है?

जैसे बैंक अकाउंट बैंक में ओपन होता है | उसी तरह डिमैट अकाउंट डिपॉजिटरी कंपनी में ओपन होता है | भारत में दो ही डिपॉजिटरी कंपनी है | सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) |
ध्यान दें – हम बैंक अकाउंट की तरह डायरेक्टली डिपॉजिटरी में अकाउंट, नहीं ओपन कर सकते | डिमैट अकाउंट किसी ब्रोकरेज फर्म के द्वारा ही ओपन होता हैं | भारत में हजारों ब्रोकरेज फर्म है, जैसे – Zerodha, Groww आदि | जो किसी-न-किसी डिपॉजिटरी कंपनी से लिंक होते है |

ब्रोकरेज फर्म क्या होता है?

खरीदार और बेचने वाले के बीच में ब्रोकरेज फर्म मिडिल मैन (बिचौलिया) का काम करते डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है हैं |

ब्रोकरेज फर्म के प्रकार?

ब्रोकरेज फर्म के तीन प्रकार होते हैं –

फुल सर्विस ब्रोकरेज फॉर्मबैंकडिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म
फुल सर्विस ब्रोकरेज फॉर्म इन्हें कहा जाता है, क्योंकि यह बहुत सारी सर्विस देते हैं | जैसे रिलेशनशिप मैनेजर, कॉल एंड ट्रेड, रिकमेंडेशन टिप्स आदि | जिसके बदले में ये फर्म ज्यादा फीस चार्ज करते हैं | उदाहरण के लिए – Sharekhan, Motilal Oswal आदि |बैंक बेसिकली 3-इन-1 अकाउंट खोलते हैं | लेकिन बैंक के ब्रोकरेज चार्ज बहुत ही ज्यादा होते हैं |डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म में कोई रिलेशनशिप मैनेजर और रिकमेंडेशन टिप्स नहीं मिलती | अगर आपको कोई परेशानी आती है, तो फिर आप को उनके सर्विस सेंटर या डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है फिर उनको ईमेल करना होगा | इसलिए डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म के ब्रोकरेज चार्ज कम होते हैं | उदाहरण के लिए – 5paisa, Upstox, Zerodha आदि | ज्यादातर डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म कॉल एंड ट्रेड करने का भी चार्ज लेते हैं |

ध्यान दें – फुल सर्विस ब्रोकरेज फर्म और डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म दो अकाउंट खोलते हैं डीमैट और ट्रेडिंग |

मेरी राय से हमें अपना डिमैट अकाउंट डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म में ही खोलना चाहिए |

DP चार्ज क्या होता है?

DP चार्ज का फुल फॉर्म डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट चार्ज होता है | मान लीजिए – हम जब भी ब्रोकर के जरिए शेयर्स को खरीदते और बेचते हैं | अगर उस ब्रोकर का बिजनेस बंद हो गया, तो हम डायरेक्टली CDSL या NSDL से अपने शेयर को एक्सेस कर सकते हैं | इस तरह डिपॉजिटरी हमारी इन्वेस्टमेंट को सेफ रखने का काम करती है | जिसके बदले में डिपॉजिटरी छोटी सी फीस लेती है, जिसे डीपी चार्ज कहते हैं |

ध्यान दें – ब्रोकरेज फर्म भी DP चार्ज ले सकते हैं | क्योंकि उन्हें भी डिपॉजिटरी को कई तरह के चार्ज देने होते हैं |

CDSL vs NSDL?

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CDSL का फुल फॉर्म सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड होता है | यह भारत का दूसरा इलेक्ट्रॉनिक डिपॉजिटरी है | जिसकी स्थापना फरवरी 1999 में हुई थी | CDSL डिपॉजिटरी BSE के लिए काम करती है | अगर आपका डिमैट अकाउंट CDSL में है, तो आपकी ID में 16 नंबर होंगे | NSDL का फुल फॉर्म नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड होता है | यह भारत का पहला इलेक्ट्रॉनिक डिपॉजिटरी है | जिसकी स्थापना 8 नवंबर 1996 मैं हुई थी | NSDL डिपॉजिटरी NSE के लिए काम करती है | अगर आपका डिमैट अकाउंट NSDL में है, तो आपकी आईडी की शुरुआत IN से होगी और इसमें 14 नंबर होंगे | इसके साथ ही NSDL PAN कार्ड भी जारी करती है |

ध्यान दें – दोनों डिपॉजिटरी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है |

Share Market से जुड़ी जरूरी खबर: डीमैट अकाउंट ब्लॉक हो सकता है,आज ही करा लें 2FA

Two Factors Authentication: टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन ना होने पर 1 अक्टूबर से डीमैट अकाउंट लॉग इन नहीं हो पाएगा.

Share Market से जुड़ी जरूरी खबर: डीमैट अकाउंट ब्लॉक हो सकता है,आज ही करा लें 2FA

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 14 जून को सर्कुलर जारी कर तय किया था कि डिमैट अकाउंट (Demat Account) होल्डर्स को टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Two Factors Authentication) की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसकी समय सीमा 30 सितंबर है.

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन ना होने पर 1 अक्टूबर से डीमैट अकाउंट लॉग इन नहीं हो पाएगा यानी अकाउंट लॉक कर दिया जाएगा.

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी, लेकिन क्यों?

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन वेब सिक्यॉरिटी के लिए जरूरी है. जब भी कोई ट्रांजेक्शन वायरलेस या इंटरनेट पर हो रहा है उस स्थिति में यह जरूरी है. डीमैट अकाउंट होल्डर की सुरक्षा को ध्यान में रख कर इसे लागू किया जा रहा है. इस प्रक्रिया की मदद से दो बार यह जांच हो जाएगी कि डीमैट में लॉग इन करने वाला यूजर फ्रॉड नहीं है.

डीमैट में क्या है टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन?

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन में पहला है- बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन यानी फिंगरप्रिंट स्कैनिंग, चेहरे की पहचान या आवाज की पहचान का इस्तेमाल किया जा सकता है किया जाता है. लेकिन अगर इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते तो इसके अलावा नॉलेज फैक्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है जिसमें पासवर्ड या पिन का उपयोग कर सकते हैं या पोजेशन फैक्टर बी विकल्प है जिसमें ओटीपी, सिक्योरिटी टोकन का इस्तेमाल हो सकता है.

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कैसे करें टू फैक्टर ऑथेटिकेशन?

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की जरूरत होगी लेकिन एनएसई के सर्कुलर के मुताबिक अगर यह संभव नहीं होता है तो नॉलेज या पोजेशन फैक्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है.

Zerodha के लिए काइट/वेब/एप पर ऐसे करें टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल

काइट वेब के लिए zerodha वेबसाइट के अनुसार, kite.zerodha.com पर जाएं, और नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें.

-माई प्रोफाइल/सेटिंग्स पर जाएं और फिर पासवर्ड और सिक्यॉरिटी पर जाएं.

-इनेबल टू-स्टेप TOTP (टाइम बेस्ड ओटीपी) पर क्लिक करें.

-रजिस्टर्ड ई-मेल एड्रेस पर भेजे गए ओटीपी को दर्ज करें.

-मोबाइल फोन पर ऊपर दिए गए किसी भी ऑथेंटिकेटर ऐप को खोलें.

-खाता जोड़ें विकल्प के तहत स्कैन क्यूआर कोड चुनें और बेगी पर क्लिक करें.

-ऐड एन अकाउंट ऑप्शन के तहत एक क्यूआर कोड स्कैन करें और Begin पर क्लिक करें.

-फोन कैमरे तक एक्सेस की अनुमति दें, और Kite पर प्रोफाइल पेज पर दिखाए गए बार कोड को स्कैन करें. स्कैन करने पर अकाउंट ऑथेंटिकेटर एप पर जुड़ जाएगा. वैकल्पिक रूप से, 'की' को कॉपी करें (क्यूआर कोड के नीचे उपलब्ध) और इसका उपयोग काइट अकाउंट को ऑथेंटिकेटर ऐप में जोड़ने के लिए करें. Kite पर ऐप में दिख रहे ओटीपी को पासवर्ड के साथ दर्ज करें और इनेबल डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है पर क्लिक करें.

Demat login new rules: डीमैट लॉग इन के लिए ज़रूरी

1 अक्टूबर, 2022 से डीमैट अकाउंट इसके बगैर लॉग इन नहीं किया जा सकेगा

  • Date : 09/09/2022
  • Read: 3 mins Rating : -->

डीमैट खाताधारकों ने यदि ‘टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन’ विकल्प नहीं चुना (इनेबल न किया) तो इक्विटी बाजार में कारोबार करने के लिए लॉग इन नहीं कर सकेंगे।

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Demat account login new rules: भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा 14 जून, 2022 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार यदि डीमैट खाताधारकों ने अपने खाते में 30 सितंबर, 2022 तक टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प नहीं चुना (इनेबल नहीं किया) तो अब वे अपने खाते में लॉग इन नहीं डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है कर सकेंगे।

सर्कुलर के अनुसार खाताधारक द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन को एक विकल्प के रूप में प्रधानता देना बेहतर होगा। दूसरे स्टेप के लिए वे ऐसी जानकारी का विकल्प चुनें जो सिर्फ खाताधारक को ही मालूम हो जैसे कि पासवर्ड, पिन या फिर पजेशन फैक्टर।

ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर जेरोधा (Zerodha) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, “विनिमय के नए नियमों के अनुसार 30 सितंबर, 2022 तक डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए TOTP टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है का विकल्प चुनना (इनेबल करना) अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर खाताधारक काइट (Kite) में लॉग इन नहीं कर सकेंगे”। काइट (Kite), स्टॉकब्रोकिंग कंपनी का अपना कारोबारी प्लेटफॉर्म है।

TOTP का मतलब है टाइम बेस्ड वन टाइम पासवर्ड। आमतौर पर ईमेल या एसएमएस संदेशों द्वारा भेजे जाने वाले प्रचलित पासवर्ड (OTP) के स्थान पर TOTP पासवर्ड ग्राहक के फ़ोन पर मौजूद ऐप में ही उपलब्ध कराए जाते हैं। सामान्यतया इनकी वैधता भी बहुत ही कम समय के लिए होती है।

डीमैट खाते के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प कैसे चुनें (इनेबल करें)

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के साथ पासवर्ड/पिन अथवा OTP/सुरक्षा टोकन में से एक विकल्प चुन कर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल किया जा सकता है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा यदि उपलब्ध नहीं है तो उसके स्थान पर डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए पासवर्ड/पिन के साथ OTP/सुरक्षा टोकन के विकल्प चुने जा सकते हैं।

माहेश्वरी ने बताया, “हर बार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए डीमैट खाते में लॉग इन करना संभव नहीं हो सकता। खासकर जब लॉग इन डेस्कटॉप पर किया जा रहा हो। ऐसे में 1 अक्टूबर के बाद खाते में लॉग इन करने के लिए स्टॉकब्रोकरों द्वारा दोनों विकल्प, पासवर्ड के साथ ओटीपी का प्रयोग किया जा सकता है।” निवेशकों को अपने स्टॉकब्रोकर्स से इस विषय में जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए कि 1 अक्टूबर से वे किस विकल्प के साथ डीमैट खाते में लॉग इन कर सकते हैं।

जेरोधा (Zerodha) के अनुसार TOTP प्राप्त करने के लिए निवेशकों को नीचे दिए गए ऐप की सूची में से किसी एक ऐप को अपने निजी कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन पर डाउनलोड करना होगा,

  1. गूगल ऑथेंटिकेटर Google Authenticator
  2. माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटिकेटर Microsoft authenticator
  3. ऑथी Authy
  4. लास्ट पास ऑथेंटिकेटर Last Pass Authenticator
  5. बिटवॉर्डन Bitwarden

अपस्टॉक्स (Upstox) के ग्राहक को लॉग इन करने के लिए OTP/पिन देना होगा। मोबाइल द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक के साथ ओटीपी या पिन का प्रयोग किया जा सकता है।

डीमैट अकाउंट क्या होता है

Demat account login new rules: भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा 14 जून, 2022 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार यदि डीमैट खाताधारकों ने अपने खाते में 30 सितंबर, 2022 तक टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प नहीं चुना (इनेबल नहीं किया) तो अब वे अपने खाते में लॉग इन नहीं कर सकेंगे।

सर्कुलर के अनुसार खाताधारक द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन को एक विकल्प के रूप में प्रधानता देना बेहतर होगा। दूसरे स्टेप के लिए वे ऐसी जानकारी का विकल्प चुनें जो सिर्फ खाताधारक को ही मालूम हो जैसे कि पासवर्ड, पिन या फिर पजेशन फैक्टर।

ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर जेरोधा (Zerodha) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, “विनिमय के नए नियमों के अनुसार 30 सितंबर, 2022 तक डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए TOTP टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुनना (इनेबल करना) अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर खाताधारक काइट (Kite) में लॉग इन नहीं कर सकेंगे”। काइट (Kite), स्टॉकब्रोकिंग कंपनी का अपना कारोबारी प्लेटफॉर्म है।

TOTP का मतलब है टाइम बेस्ड वन टाइम पासवर्ड। आमतौर पर ईमेल या एसएमएस संदेशों द्वारा भेजे जाने वाले प्रचलित पासवर्ड (OTP) के स्थान पर TOTP पासवर्ड ग्राहक के फ़ोन पर मौजूद ऐप में ही उपलब्ध कराए जाते हैं। सामान्यतया इनकी वैधता भी बहुत ही कम समय के लिए होती है।

डीमैट खाते के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प कैसे चुनें (इनेबल करें)

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के साथ पासवर्ड/पिन अथवा OTP/सुरक्षा टोकन में से एक विकल्प चुन कर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल किया जा सकता है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा यदि उपलब्ध नहीं है तो उसके स्थान पर डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए पासवर्ड/पिन के साथ OTP/सुरक्षा टोकन के विकल्प चुने जा सकते हैं।

माहेश्वरी ने बताया, “हर बार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए डीमैट खाते में लॉग इन करना संभव नहीं हो सकता। खासकर जब लॉग इन डेस्कटॉप पर किया जा रहा हो। ऐसे में 1 अक्टूबर के बाद खाते में लॉग इन करने के लिए स्टॉकब्रोकरों द्वारा दोनों विकल्प, पासवर्ड के साथ ओटीपी का प्रयोग किया जा सकता है।” निवेशकों को अपने स्टॉकब्रोकर्स से इस विषय में जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए कि 1 अक्टूबर से वे किस विकल्प के साथ डीमैट खाते में लॉग इन कर सकते हैं।

जेरोधा (Zerodha) के अनुसार TOTP प्राप्त करने के लिए निवेशकों को नीचे दिए गए ऐप की सूची में से किसी एक ऐप को अपने निजी कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन पर डाउनलोड करना होगा,

  1. गूगल ऑथेंटिकेटर Google Authenticator
  2. माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटिकेटर Microsoft authenticator
  3. ऑथी Authy
  4. लास्ट पास ऑथेंटिकेटर Last Pass Authenticator
  5. बिटवॉर्डन Bitwarden

अपस्टॉक्स (Upstox) के ग्राहक को लॉग इन करने के लिए OTP/पिन देना होगा। मोबाइल द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक के साथ ओटीपी या पिन का प्रयोग किया जा सकता है।

Demat account में 1 अक्टूबर से नहीं कर पाएंगे लॉग-इन, अगर नहीं किया ये जरूरी काम

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा 14 जून को जारी सर्कुलर के अनुसार, डीमैट अकाउंट होल्डर्स के लिए 30 सितंबर, 2022 तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल करना जरूरी है.

Demat account में 1 अक्टूबर से नहीं कर पाएंगे लॉग-इन, अगर नहीं किया ये जरूरी काम

अगर आप डीमैट अकाउंट होल्डर हैं और इसके ज़रिए स्टॉक मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है.

Demat account: अगर आप डीमैट अकाउंट होल्डर हैं और इसके ज़रिए स्टॉक मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा 14 जून को जारी सर्कुलर के अनुसार, डीमैट अकाउंट होल्डर्स के लिए 30 सितंबर, 2022 तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल करना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर आप अपने अकाउंट में लॉग-इन नहीं कर डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है पाएंगे. ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर Zerodha ने अपनी वेबसाइट पर कहा है, “नए एक्सचेंज नियमों के अनुसार, 30 सितंबर 2022 से पहले अपने अकाउंट में TOTP 2Factor लॉगिन इनेबल करना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर आप Kite (इसके इन-हाउस ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) में लॉग इन नहीं कर पाएंगे.

NSE ने अपने सर्कुलर में क्या कहा

इस सर्कुलर में कहा गया है, “सदस्य अपने डीमैट अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए ऑथेंटिकेशन फैक्टर्स में से एक के रूप में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं.” दूसरा तरीका “नॉलेज फैक्टर” हो सकता है, जिसके तहत पासवर्ड या पिन के रूप में कुछ ऐसा होना चाहिए, जो केवल यूजर को पता हो. इसके अलावा, या एक “पोजेशन फैक्टर” भी हो सकता है. इसका एक्सेस केवल यूजर के पास होता है. जैसे- स्मार्टफोन या डेस्कटॉप पर वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी), सिक्योरिटी टोकन या ऑथेंटिकेटर ऐप्स. ग्राहकों को ईमेल और एसएमएस दोनों के माध्यम से ओटीपी होगा. ऐसे मामलों में जहां बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन संभव नहीं है, वहां सर्कुलर के मुताबिक सदस्यों को नॉलेज फैक्टर (पासवर्ड/पिन), पोजेशन फैक्टर (ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन) और यूजर आईडी का इस्तेमाल करना होगा.

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Zerodha का बयान

ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर Zerodha ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “नए एक्सचेंज नियमों के अनुसार, 30 सितंबर 2022 से पहले अपने अकाउंट में TOTP 2Factor लॉगिन इनेबल करना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर आप Kite (इसके इन-हाउस ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) में लॉग इन नहीं कर पाएंगे. TOTP का मतलब टाइम-बेस्ड वन-टाइम पासवर्ड है. Zerodha ने कहा कि यह TOTP केवल एक छोटी अवधि के लिए वैलिड होगी – आमतौर पर 30 सेकंड. हर 30 सेकंड में इसे री-जनरेट किया जा सकेगा.

डीमैट अकाउंट में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन कैसे करें इनेबल

सर्कुलर के अनुसार, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल पासवर्ड/पिन या ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन के साथ किया जाएगा. हालांकि, जहां बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन संभव नहीं है, वहां ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन के साथ पासवर्ड/पिन का उपयोग करके डीमैट खातों में लॉगिन की अनुमति दी जाएगी. Upstox के यूजर्स को ओटीपी और पिन डालना होगा. मोबाइल लॉगिन के मामले में ओटीपी या पिन के साथ बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जाएगा. Zerodha के अनुसार, TOTP प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति को अपने पीसी या मोबाइल फोन पर नीचे दिए गए ऐप्स में से एक ऐप डाउनलोड करना होगा:

  • गूगल ऑथेंटिकेटर
  • माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटिकेटर
  • Authy
  • Last Pass Authenticator
  • Bitwarden

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