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जैविक खाद को घर पर बनाने की प्रक्रिया :

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जेईई एडवांस परीक्षा पैटर्न 2022 (JEE Advanced Exam Pattern 2022) - अंकन योजना, प्रश्न, कुल अंक यहाँ देखें

जेईई एडवांस परीक्षा पैटर्न 2022- आईआईटी बॉम्बे ने जेईई एडवांस 2022 विकल्प प्रकार परीक्षा पैटर्न ब्रोशर के साथ jeeadv.ac.in पर जारी किया है। जेईई एडवांस 2022 का परीक्षा का तरीका, प्रश्नों की संख्या, प्रश्नों के प्रकार, अंकन योजना आदि विवरण प्रदान करता है। जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को जेईई एडवांस्ड पेपर पैटर्न 2022 से परिचित होना चाहिए जो नीचे दिया गया है। देश के सबसे प्रतिष्ठत प्रौद्योगिकी संस्थानों में प्रवेश के लिए जेईई एडवांस्ड का आयोजन किया जाता है। जेईई मेन 2022 के टॉप 2,50,000 उम्मीदवारों को ही इसमें भाग लेने का मौका विकल्प प्रकार मिलता है। सफलता पाने के लिए जेईई एडवांस्ड परीक्षा पैटर्न 2022 परिचित होना आवश्यक है।

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जोसा काउंसलिंग 2022 राउंड 2 आवंटन जारी कर दिया गया है, चेक करें आवंटित संस्थान, फीस और डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन सेंटर।

जेईई एडवांस्ड रिजल्ट 2022 के हर पल विकल्प प्रकार की लाइव अपडेट उपलब्ध है, अपडेट के लिए लिंक पर क्लिक करें।

जेईई एडवांस परीक्षा पैटर्न 2022 (JEE Advanced Exam Pattern 2022) - अंकन योजना, प्रश्न, कुल अंक यहाँ देखें

जेईई एडवांस परीक्षा पैटर्न (JEE Advanced Exam Pattern) के अनुसार, परीक्षा कंप्यूटर आधारित परीक्षा के रूप में आयोजित की जाएगी। जेईई एडवांस्ड पेपर में तीन खंड होंगे- भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित। परीक्षा पैटर्न को बेहतर तरीके से समझने के लिए उम्मीदवार इस लेख में दिए गए पिछले वर्ष के जेईई एडवांस प्रश्न पत्र भी देख सकते हैं। जेईई एडवांस 2022 परीक्षा 28 अगस्त को आयोजित की जाएगी। जेईई एडवांस्ड परीक्षा पैटर्न 2022 (JEE Advanced Exam Pattern 2022), पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र, पाठ्यक्रम और अन्य जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें।

जेईई एडवांस्ड 2022 परीक्षा पैटर्न

जेईई एडवांस परीक्षा पैटर्न 2022 के अनुसार, परीक्षा ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाएगी जिसमें दो पेपर होंगे- पेपर 1 और पेपर 2। दोनों पेपर 3 घंटे के होंगे। जेईई एडवांस्ड 2022 प्रश्न पत्र में एक ही उत्तर के साथ बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे; एकाधिक उत्तरों वाले प्रश्न, न्यूमेरिकल वैल्यू वाले प्रश्न और मिलान प्रकार के प्रश्न। जेईई एडवांस 2022 मार्किंग स्कीम में पूर्ण, आंशिक और शून्य अंकों की कांसेप्ट है। जेईई एडवांस्ड 2022 परीक्षा पैटर्न (JEE Advanced Exam Pattern 2022) को समझने के लिए उम्मीदवार नीचे दी गई तालिका का उल्लेख कर सकते हैं।

जैविक खाद बनाने का भरोसेमंद एवं सस्ता विकल्प है ‘प्रोम’ (PROM) Reading Time : 7 minutes -->

क्या आप जानते हैं फसल के उत्पादन में फॉस्फेट तत्व का प्रमुख योगदान होता है! रासायनिक उर्वरकों के लगातार उपयोग करने से खेती की लागत भी बढ़ती जा रही है, जमीन सख्त हो रही है, भूमि में पानी सोखने की क्षमता घटती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ भूमि तथा उपभोक्ताओं के स्वास्थ पर प्रतिकूल असर भी पड़ रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नया उत्पाद विकसित किया गया है, जिसमें कार्बनिक खाद के साथ-साथ रॉक फॉस्फेट की मौजूदगी भी होती है। जिसे हम प्रोम के नाम से जानते हैं।

‘प्रोम’ को विस्तार पूर्वक समझते हैं

प्रोम (फॉस्फोरस रिच आर्गेनिक मैन्योर) तकनीक से जैविक खाद घर पर भी तैयार की जा सकती है। प्रोम, जैविक खाद बनाने की एक नई तकनीक है। जैविक खाद बनाने के लिए गोबर तथा रॉक फॉस्फेट को प्रयोग में लाया जाता है। रॉक फॉस्फेट की मदद से रासायनिक क्रिया करके सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) तथा डाई अमोनियम फॉस्फेट (DAP) रासायनिक उर्वरक तैयार किए जाते हैं।

प्रोम में विभिन्न फॉस्फोरस युक्त कार्बनिक पदार्थों जैसे- गोबर खाद, फसल अपशिष्ट, चीनी मिल का प्रेस मड, जूस उद्योग का अपशिष्ट पदार्थ, विभिन्न प्रकार की खली और ऊन के कारखानों का अपशिष्ट पदार्थ आदि को रॉक फॉस्फेट के साथ कम्पोस्टिंग करके बनाया जाता है। प्रोम मिनरल उर्वरक एवं जैविक खाद का मिश्रण है जो केवल कृषि में उपयोग के लिये काम में लाया जाता है। प्रोम का उपयोग पौधों को फॉस्फोरस (फॉस्फोरस पादप पोषक तत्व) उर्वरक प्रदान करने के लिए किया जाता है। जीवाणु राॅक फोसफोरस को पचा कर उसे गोबर में उपलब्ध करते हेै इस कारण प्रोम शुद्व रुप से जैविक है।

प्रोम से क्या-क्या फायदे हैं :

  • जैविक खाद से अनाज, दालें, सब्जी व फलों की गुणवत्ता बढ़ाने से अच्छा स्वाद मिलता है।
  • रोगों में रोधकता आने से मानव के स्वास्थ्य पर बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
  • प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाने की विधि बहुत ही सरल है।
  • प्रत्येक किसान, जिसके यहां गोबर उपलब्ध है, आसानी से अपने घर पर जैविक खाद बनाकर तैयार कर सकता है।
  • किसान DAP व SSP खरीदने पर जितने पैसा खर्च करता है उससे कम पैसे में प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाकर भरपूर फसल पैदा कर सकता है।
  • प्रोम मिट्टी को नरम बनाने के साथ-साथ पोषक तत्वों की उपलब्धता लंबे समय तक बनाये रखता है।
  • प्रोम लवणीय व क्षारिय भूमि में भी प्रभावी रूप में काम करता है जबकि DAP ऐसी भूमि मे काम नहीं करता है।

जैविक खाद को घर पर बनाने की प्रक्रिया :

‘फॉस्फोरस रिच जैविक खाद’ घर पर भी रॉक फॉस्फेट के द्वारा बनाई जा सकती विकल्प प्रकार है। रॉक फॉस्फेट के अलग-अलग रंग होते हैं, रॉक फॉस्फेट एक तरह का पत्थर है जिसके अंदर 22 फीसदी फॉस्फोरस मौजूद है जो कि फिक्स फोम में होता है। प्रोम बनाने के लिए कमर्शियल में 10 फीसदी के आसपास फॉस्फोरस मेंटेन किया जाता है लेकिन हम घर पर बनाने के लिए 18%,19% या 20 फीसदी तक फॉस्फोरस इस्तेमाल में ले सकते हैं। इसे बनाने के लिए किसी भी जानवर का गोबर ले सकते हैं, घर में मौजूद कूड़ा-कर्कट या फिर फसलों के अवशेष जिससे खाद बनाते हैं (प्लांट बेस्ड) वो भी ले सकते हैं।

प्रोम बनाने के लिए सबसे पहले गाय या भैंस का 500 किलो गोबर लीजिए, इसके ऊपर से सूखी पत्तियां डाल दीजिए, बाद में ऊपर से 500 किलो रॉक फॉस्फेट का (पाउडर फोम में) छिड़काव करें, फिर वेस्ट डी कंपोजर का छिड़काव करें और इसे कम से कम 30 से 35 दिनों तक ढ़ककर रखें, जिसके बाद जैविक खाद तैयार हो जाएगी।

प्रोम को DAP और SSP के पूरक के तौर पर किसान अपनी फसल के लिए खेत में प्रयोग कर सकते हैं और प्रोम खेत की उर्वरा शक्ति को बनाये रखते हैं। जिससे वह आने वाली नई पीढ़ी के किसानों को स्वस्थ भूमि प्रदान कर सकें।

वेस्ट डी कंपोजर क्या है ?

वेस्ट डी-कंपोजर जैविक खेती कर रहे किसानों के लिए जैविक खाद का बेहतर विकल्प है। कम खर्च में किसान इसकी मदद से स्वयं खाद बना सकते हैं। इसके उपयोग के बाद किसान को फसल में रासायनिक कीटनाशक और उर्वरक देने की जरूरत नहीं रहती है। खास बात है कि यह जड़ और तना संबंधी बीमारियों के नियंत्रण में उपयोगी पाया गया है।

निर्णयन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, महत्व एवं प्रक्रिया

निर्णयन का शाब्दिक अर्थ, किसी निष्कर्ष पर पहुचने से लगाया जाता है। व्यवसाय में प्रवर्तन से समापन तक निर्णय ही लेने पड़ते हैं। प्रबन्धकों को उपलब्ध विभिन्न विकल्पों में से श्रेष्ठतम विकल्प का चयन करना पड़ता है जिससे न्यूनतम लागत पर, कम समय में, कुशलतापूर्वक कार्यों को सम्पन्न किया जा सके। पीटर एफ. ड्रकर के शब्दों में, ‘‘एक प्रबन्धक जो भी क्रिया करता है वह निर्णय पर आधारित होती है।उसे निर्णय लेकर ही अपने कर्तव्यों का निष्पादन करना पड़ता है। कब व्यवसाय प्रारम्भ करें? कितने लोगों को काम पर लगायें? किस वस्तु का उत्पादन करें? कच्चा माल कहॉं से क्रय करें? निर्मित माल की बिक्री कहाँ करें? आदि निर्णयन ही तो है।

निर्णयन परिभाषा

  1. आर.एस.डाबर के शब्दों में ‘‘निर्णयन को दो या अधिक विकल्पों में से एक आचरण विकल्प का किसी सिद्धान्त के आधार विकल्प प्रकार पर चुनाव करने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।निर्णय लेने का आशय काम समाप्त करना या व्यावहारिक भाषा में किसी निष्कर्ष पर पहुँचना ।
  2. कून्टज एवं ओडोनेल के अनुसार, ‘‘शब्दों एक क्रिया को करने के विभिन्न विकल्पों में से किसी एक का वास्तविक चयन है। यह नियोजन की आत्मा है।’’
  3. जी.एल.एस. शेकैल के अनुसार, ‘‘निणर्य लेना रचनात्मक मानसिक क्रिया का वह केन्द्र बिन्दु होता है जहॉं ज्ञान विचार भावना तथा कल्पना कार्यपूर्ति के लिए एकत्र किये जाते हैं।
  4. अर्नेस्ट डेल - ‘‘प्रबधंकीय निर्णयों से आशय उन निर्णयों से है जो प्रबंध संबंधी प्रत्येक क्रिया नियोजन, संगठन, स्टाकिंग, नियंत्रण, नव प्रवर्तन तथा प्रतिनिधित्व करना आदि के निश्पादन के विकल्प प्रकार लिए आवश्यक होते हैं।’’
  5. जार्ज टैटी - ‘‘निर्णयन मापदण्डों पर आधारित दो या दो से अधिक संभावित विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चयन है।’’
  6. हर्बर्ट साइमन - ‘‘निर्णयन के अन्तर्गत तीन प्रमुख अवस्थायें समाहित होती हैं - कार्य करने के अवसरों का पता लगाना, कार्य के सम्भावित क्रमों का पता लगाना तथा कार्य के सम्भावित क्रमों में से चयन करना।
  7. हाज एवं जॉनसन -’’उपलब्ध विभिन्न विकल्पों में से एक विशेष विकल्प का चयन करना ही निर्णयन कहलाता है।’’

निर्णयन के प्रकार

  1. प्रमुख व गौण निर्णय
  2. अनियोजित एवं नियोजित निर्णय
  3. संगठनात्मक एवं व्यक्तिगत निर्णय
  4. नैतिक एवं व्यूह रचना संबंधी निर्णय
  5. व्यक्तिगत एवं सामूहिक निर्णय
  6. नीति विषयक निर्णय एवं संचालन संबंधी निर्णय

प्रमुख व गौण निर्णय -

जब किसी महत्वपूर्ण विष्ज्ञय पर निणर्य लिये जाते हैं तो इसे प्रमुख निर्णय कहते हैं। इसे आधारभूत निर्णय या महत्वपूर्ण निर्णय भी कहते हैं। भूमि क्रय करना, संयंत्र क्रय करना, वस्तु का मूल्य निर्धारित करना आदि निर्णय इस वर्ग में आते हैं। ऐसे निर्णयों के लिये अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। जब सामान्य मामलों के संबंध में निर्णय लिये जाते हैं जिसके लिए अधिक सोच विचार करने की आवश्यकता नहीं होती है तो ऐसे निर्णयों को गौण निर्णय कहते हैं। इनमें स्टेशनरी क्रय करना, फोन के बिलों का भुगतान करना आदि आते हैं।

अनियोजित एवं नियोजित निर्णय -

ऐसे निर्णय जो किसी परिस्थिति विशेष पर अकस्मात लेने पड़ते हैं जिसके लिए कोई पूर्व योजना नहीं होती है अनियोजित निर्णय कहलाते हैं। इसके विपरीत ऐसे निर्णय जो किसी पूर्व येाजना पर आधारित होते हैं, नियोजित निर्णय कहलाते हैं। नियोजित निर्णय ठोस तथ्यों पर आधारित होते हैं क्योंकि यह पूर्व निर्धारित योजना पर आधारित होते हैं।

संगठनात्मक एवं व्यक्तिगत निर्णय -

ऎसे निणर्य जो संगठन को प्रत्यक्षत: प्रभावित करते हैं। यह संगठन के पदाधिकारी के रूप में लिये गये होते हैं तो ऐसे निर्णय को संगठनात्मक निर्णय कहते हैं। दूसरे शब्दों में किसी संगठन में कार्यरत व्यक्ति द्वारा अपने पद के कारण जो निर्णय लेने पड़ते हैं जिससे संगठन प्रभावित होता है संगठनात्मक निर्णय कहलाते हैं। इसके विपरीत व्यक्ति द्वारा लिये गये ऐसे निर्णय जिससे व्यक्ति का व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होता है व्यक्तिगत निर्णय कहलाते हैं। माल कब क्रय करना है? कितना क्रय करना है? आदि संगठनात्मक विकल्प प्रकार निर्णय है। आज कहॉं जाना है किस मित्र से मिलना है? आदि व्यक्तिगत निर्णय है।

नैतिक एवं व्यूह रचना संबंधी निर्णय -

ऐसे निर्णय जो दिन प्रतिदिन के कार्यों से सम्बन्धित होते हैं नैतिक निर्णय कहलाते हैं। इन्हें सामान्य निर्णय भी कहते हैं। जैसे दिहाड़ी मजदूर को किया जाने वाला मजदूरी भुगतान। व्यूह रचना संबंधी निर्णय लेना व्यवसाय के लिए कठिन होता है। यह व्यवसाय के भविष्य को प्रभावित करते हैं तथा सम्पूर्ण संगठन को प्रभावित करता है। ऐसे निर्णय प्रतिद्वन्दियों को पराजित करने तथा व्यावसाय विषम परिस्थितियों में भी सफलता से संचालित करने हेतु किये जाते हैं।

व्यक्तिगत एवं सामूहिक निर्णय -

ऐसे निर्णय जो केवल एक व्यक्ति द्वारा लिये जाते हैं व्यक्तिगत निर्णय कहलाते हैं। एकल स्वामित्व व्यवसाय में लिये जाने वाले निर्णय व्यक्तिगत निर्णय कहलाते हैं। ऐसे निर्णय जो एक समूह द्वारा जैसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के समूह, द्वारा लिये जाते हैं, सामूहिक निर्णय कहलाते हैं।

नीति विषयक निर्णय एवं संचालन संबंधी निर्णय -

नीति विषयक निर्णय संगठन के शीर्ष प्रबंध द्वारा लिये जाते हैं । यह संगठन की आधारभूत नीतियों से संबंधित होते हैं। लाभाशं की दर निर्धारित करना? कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना आदि नीति विषयक निर्णयों की श्रेणी में आते हैं। संचालन संबंधी निर्णय निम्नस्तरीय प्रबंधकों द्वारा लिये जाते हैं। किस व्यक्ति को कौन सा काम करना है? कितना काम आज हो जाना चाहिए? आदि संचालन संबंधी निर्णय ही हैं।

निर्णयन का महत्व

सभी क्षेत्रों में निर्णयन की आवश्यकता पड़ती है। प्रत्येक परिस्थिति में प्रबंधकों द्वारा लिये गये निर्णय सही होने चाहिए तथा जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु निर्णय लिये गये हैं उनकी पूर्ति होनी चाहिए। एक गलत निर्णय जीवन को संकट में ला सकता है। सही निर्णयन क्षमता ही व्यावसायिक सफलता का आधार होती है। लिये गये सटीक निर्णय प्रगति के पथ पर ले जाते हैं ।

निर्णयन प्रक्रिया

  1. समस्या को परिभाषित करना
  2. समस्या का विश्लेषण करना
  3. वैकल्पिक हलों पर विचार करना
  4. सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चयन करना

समस्या को परिभाषित करना -

निर्णयन का प्रथम चरण समस्या को परिभाषित करना है। समस्या की प्रकृति कैसी है? इसका स्वरूप कैसा है? यह कितनी मात्रा में संगठन को प्रभावित करती है? आदि प्रमुख बिन्दु पर विचार किया जाता है। समस्या को परिभाषित करना ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार किसी विकल्प प्रकार बीमारी को पता लगाने हेतु चिकित्सकीय परीक्षण किये जाते हैं और बीमारी का सही सही पता लगाया जाता है। इसके पश्चात ही बीमारी के उपचार हेतु औषधि दी जाती है। इसी प्रकार निर्णयन के प्रथम चरण में समस्या को सुपरिभाषित किया जाता है जिससे समस्या के सम्बन्ध में सही सही निर्णय लिये जा सकें।

RSCIT Assessment 15

आपके कम्प्युटर का प्रबंधन (Managing Your Computer) | RKCL | VMOU kota | MyRKCL

यहाँ पर RS-CIT के ilearn Assessment में जो प्रश्न पूछे जाते वो सभी 14 प्रश्न यहाँ पर दिए गए है | ilearn Assessment में आपसे 10 प्रश् ही पूछे जाते है | जिनके उत्तर आप इन प्रश्नो को देख कर दे सकते हो जिससे आपके असेसमेंट में 2 नंबर में से पुरे के पुरे दो नंबर प्राप्त कर सकते हो | यहाँ पर आपको 15 Assessmnet दिया गया है | इस पहला Lesson - 15 आपके कम्प्युटर का प्रबंधन (Managing Your Computer) के नाम से भी जाना जाता है |

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