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वित्तीय दलालों

वित्तीय दलालों
कानपुर ब्यूरो
Updated Wed, 30 Sep 2020 11:42 PM IST

हमें बेहतर जानने के लिए जाओ

वर्ष 2006 में अपनी स्थापना के बाद से आईएफसी मार्केट्स का लक्ष्य कारोबारियों, दलालों और वित्तीय बाजार में शामिल सभी कंपनियों के बीच विश्वास कायम करना है।.

नवाचार वित्तीय बाजारों के प्रमुख चालकों में से एक है और यह हमारा दृढ़ विश्वास है कि इसके बिना कोई प्रगति नहीं होती है.

खुलापन हमारी कंपनी में एक मार्गदर्शक मूल्य है.
शुल्क के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करना और एक खुला और स्पष्ट संचार चैनल वित्तीय दलालों होना हमारे लिए सिद्धांत का एक बिंदु है.

हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे उपयोगकर्ताओं को व्यापार में सक्षम और अच्छी तरह से वाकिफ बनने के लिए आवश्यक सभी जानकारी.
हमारे साथ वित्तीय बाजार सभी के लिए सुलभ हैं।.

हम एक सकारात्मक उपयोगकर्ता-अनुभव बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं . यह हमें अपनी सेवाओं में सुधार करने के लिए प्रेरित करता है.
यह हमारा लक्ष्य है कि हम अपने व्यापारियों के लिए एक भरोसेमंद भागीदार बनें.

हमारे जीवन में एक नज़र डालें.
उतार-चढ़ाव के साथ 16 साल की मेहनत, ज्यादातर उतार-चढ़ाव! एक नज़र डालें, हम एक खुली किताब हैं

हमारा ट्रॉफी रूम इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि हम क्या करने में सक्षम हैं और हम कितनी दूर तक आगे बढ़े हैं।

हम नई ऊंचाइयों को जीतना जारी रखेंगे
हमारी उपलब्धियां - हमारी दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक प्रगति

दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड

दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (Dalal Street Invest.) निवेश कंपनियों क्षेत्र की कंपनी है। कंपनी का कुल मूल्यांकन (मार्केट वैल्यू) ₹9 करोड़ है। कंपनी के एक शेयर की कीमत बीएसई बाजार में आज ₹283.35 है और एनएसई बाजार में आज लिस्टेड नहीं है। कंपनी की स्थापना वर्ष 1977 में की गई थी।

कंपनी द्वारा प्रदान की गई रिपोर्ट के अनुसार अंतिम वर्ष की कुल आय 0.289 करोड़ रुपये रही तथा कुल बिक्री 0.196 करोड़ रुपये रही । कंपनी वित्तीय दलालों का शुद्ध लाभ 0.037 करोड़ रुपये रहा। दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड ने चालू वर्ष में NaN करोड़ रुपये टैक्स का भुगतान किया हे।

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दलाल स्ट्रीट इंवेस्टमेंट लिमिटेड

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6500 करोड़ रुपये के घोटाले में EOW ने 100 दलालों को समन भेजा

मुंबई EOW ने इनमें से 15 से की पूछताछरिपोर्टर, मुंबई:मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मुंबई के करीब 100 शेयर, कमोडिटी और वित्तीय .

मुंबई EOW ने इनमें से 15 से की पूछताछ

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मुंबई के करीब 100 शेयर, कमोडिटी और वित्तीय दलालों को 6500 करोड़ रुपये के एनएसईएल घोटाले में 100 से ज्यादा समन भेजे हैं। इनमें से करीब 15 ब्रोकरों से मुंबई पुलिस के क्रेफर्ड मार्केट स्थित मुख्यालय में पूछताछ भी हो चुकी वित्तीय दलालों है।

गौरतलब है कि इन दलालों में कुछ नामी-गिरामी दलाल भी शामिल हैं। इन दलालों के नाम प्रतिभूति एवं एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में सामने आए हैं। इन दलालों पर आरोप है कि इन्होंने एनएसईएल में वायदा अनुबंध अधिनियम की व्यवस्थाओं का उल्लंघन करके एनएसईएल में गैरकानूनी वायदा कारोबार किया और बहुत पैसा कमाया।

इस पूछताछ के तहत एक ब्रोकर को शनिवार की सुबह 10 बजे बुलाया और शाम 6 बजे तक पूछताछ होती रही। यह पूछताछ दलाली फर्मों के निदेशकों और उच्च अधिकारियों से हो रही है, जिसमें खातों का मिलान और फॉरेंसिक ऑडिट भी शामिल है।

गौरतलब है कि जुलाई, 2013 में एनएसईएल घोटाला सामने आया था, जिसमें 13000 निवेशकों को 5600 करोड़ रुपये का नुकसान होना वित्तीय दलालों बताया गया। बाद में जांच में पता चला कि यह धन डिफॉल्टिंग ब्रोकरों ने कमाया, जो कि कमोडिटी उत्पादक और सप्लायर हैं।

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वित्तीय अनियमितता की जांच रिपोर्ट के सत्यापन को पहुंचे जोनल कमिश्नर

Kanpur Bureau

कानपुर ब्यूरो
Updated Wed, 30 Sep 2020 11:42 PM IST

एआरटीओ कार्यालय में मौजूद जोनल कमिश्नर देवेंद्र कुमार त्रिपाठी व आरटीओ कानपुर संजय सिंह

एआरटीओ कार्यालय में मौजूद जोनल कमिश्नर देवेंद्र कुमार त्रिपाठी व आरटीओ कानपुर संजय सिंह - फोटो : ETAWHA

इटावा। परिवहन विभाग में आठ वर्षों तक चली 11.79 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के मामले में लखनऊ की टीम की जांच रिपोर्ट के सत्यापन के सिलसिले में जोनल कमिश्नर ने उप संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) का निरीक्षण किया। उन्होंने अंतिम दिन राजस्व प्राप्ति लक्ष्यों को लेकर भी जानकारी की।
उप संभागीय परिवहन कार्यालय में वर्ष 2010 से लेकर 2018 तक वित्तीय अनियमितताओं में हुए 11.79 करोड़ रुपये के नुकसान को लेकर लखनऊ की टीम ने वर्ष 2018 में जांच की थी। इसी जांच रिपोर्ट के सत्यापन के लिए परिवहन के जोनल कमिश्नर देवेंद्र कुमार त्रिपाठी व आरटीओ कानपुर मंडल संजय सिंह बुधवार को यहां पहुंचे थे। जोनल कमिश्नर ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट की पुष्टि के उद्देश्य से वे निरीक्षण करने पहुंचे थे। आरटीओ कानपुर संजय सिंह ने बताया कि वित्तीय अनियमितताओं के मामले में एआरटीओ सौरभ सिंह के निलंबन के बाद से जांच रिपोर्ट के सत्यापन का कार्य लंबित था, उसी को लेकर निरीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि माह का आखिरी दिन होने के चलते राजस्व लक्ष्य प्राप्ति का निरीक्षण भी उनके दौरे का हिस्सा है।
जोनल कमिश्नर देवेंद्र कुमार ने एआरटीओ कार्यालय की सभी शाखाओं में जाकर निरीक्षण किया और जरूरी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे न होने और बिना मास्क लगाए काम कर रहे कर्मियों को चेताया। उन्होंने पूछताछ पटल, फिटनेस शाखा, प्रवर्तन शाखा, कैश शाखा, ड्राइविंग टेस्ट अनुभाग, यात्री कर व माल कर अनुभाग, नया पंजीयन व लाइसेंस अनुभाग में जाकर वहां कार्यरत कर्मचारियों से जानकारी की। उन्होंने ड्राइविंग टेस्ट अनुभाग में काम कर रहे कर्मचारियों को मास्क न लगाए होने पर चेताया और इस अनुभाग में सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही।
एआरटीओ कार्यालय में दलालों की सक्रियता के सवाल पर आरटीओ कानपुर ने कहा कि प्रदेश भर में पुलिस के सहयोग से परिवहन कार्यालयों में छापेमारी की जा रही है। प्रदेश में परिहवन संबंधी 26 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हो रही हैं। लोग जनसेवा केंद्रों से या स्वयं ऑनलाइन परिवहन विभाग की सेवाएं लेकर दलालों से बच सकते हैं और केवल तारीख मिलने पर ही एआरटीओ कार्यालय पर आएं। उन्होंने यह भी कहा कि कई लोग मोबाइल या तकनीकी रूप से सक्षम नहीं होते हैं तो वे जागरुकता के अभाव में दलालों के चक्कर में पड़ जाते हैं। जनसेवा केंद्रों से कार्य कराने पर भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यहां प्रभारी एआरटीओ के कारण कुछ दिक्कतें हो सकती हैं, स्थायी एआरटीओ की तैनाती के बाद व्यवस्थाओं में सुधार हो जाएगा।

इटावा। परिवहन विभाग में आठ वर्षों तक चली 11.79 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के मामले में लखनऊ की टीम की जांच रिपोर्ट के सत्यापन के सिलसिले में जोनल कमिश्नर ने उप संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) का निरीक्षण किया। उन्होंने अंतिम दिन राजस्व प्राप्ति लक्ष्यों को लेकर भी जानकारी की।


उप संभागीय परिवहन कार्यालय में वर्ष 2010 से लेकर 2018 तक वित्तीय अनियमितताओं में हुए 11.79 करोड़ रुपये के नुकसान को लेकर लखनऊ की टीम ने वर्ष 2018 में जांच की थी। इसी जांच रिपोर्ट के सत्यापन वित्तीय दलालों के लिए परिवहन के जोनल कमिश्नर देवेंद्र कुमार त्रिपाठी व आरटीओ कानपुर मंडल संजय सिंह बुधवार को यहां पहुंचे थे। जोनल कमिश्नर ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट की पुष्टि के उद्देश्य से वे निरीक्षण करने पहुंचे थे। आरटीओ कानपुर संजय सिंह ने बताया कि वित्तीय अनियमितताओं के मामले में एआरटीओ सौरभ सिंह के निलंबन के बाद से जांच रिपोर्ट के सत्यापन का कार्य लंबित था, उसी को लेकर निरीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि माह का आखिरी दिन होने के चलते राजस्व लक्ष्य प्राप्ति का निरीक्षण भी वित्तीय दलालों उनके दौरे का हिस्सा है।


जोनल कमिश्नर देवेंद्र कुमार ने एआरटीओ कार्यालय की सभी शाखाओं में जाकर निरीक्षण किया और जरूरी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे न होने और बिना मास्क लगाए काम कर रहे कर्मियों को चेताया। उन्होंने पूछताछ पटल, फिटनेस शाखा, प्रवर्तन शाखा, कैश शाखा, ड्राइविंग टेस्ट अनुभाग, यात्री कर व माल कर अनुभाग, नया पंजीयन व लाइसेंस अनुभाग में जाकर वित्तीय दलालों वहां कार्यरत कर्मचारियों से जानकारी की। उन्होंने ड्राइविंग टेस्ट अनुभाग में काम कर रहे कर्मचारियों को मास्क न लगाए होने पर चेताया और इस अनुभाग में सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही।
एआरटीओ कार्यालय में दलालों की सक्रियता के सवाल पर आरटीओ कानपुर ने कहा कि प्रदेश भर में पुलिस के सहयोग से परिवहन कार्यालयों में छापेमारी की जा रही वित्तीय दलालों है। प्रदेश में परिहवन संबंधी 26 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हो रही हैं। लोग जनसेवा केंद्रों से या स्वयं ऑनलाइन परिवहन विभाग की सेवाएं लेकर दलालों से बच सकते हैं और केवल तारीख मिलने पर ही एआरटीओ कार्यालय पर आएं। उन्होंने यह भी कहा कि कई लोग मोबाइल या तकनीकी रूप से सक्षम नहीं होते हैं तो वे जागरुकता के अभाव में दलालों के चक्कर में पड़ जाते हैं। जनसेवा केंद्रों से कार्य कराने पर भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यहां प्रभारी एआरटीओ के वित्तीय दलालों कारण कुछ दिक्कतें हो सकती हैं, स्थायी एआरटीओ की तैनाती के बाद व्यवस्थाओं में सुधार हो जाएगा।

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