खास टिप्स

बिटकॉइन से होने वाले नुकसान

बिटकॉइन से होने वाले नुकसान
नवभारत टाइम्स 24-11-2021

प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 14 अगस्त 2019 | 14 Aug 2019 | प्रारंभिक परीक्षा

चीन में क्रिप्टोकरेंसी

एक चीनी आधिकारिक जानकारी के अनुसार, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (People’s Bank of China- PBoC) अपनी क्रिप्टोकरेंसी जारी कर सकता है।

  • चीन के वित्त 40 फोरम द्वारा सप्ताहांत में आयोजित एक कार्यक्रम में दी गई जानकारी के अनुसार, चीन बैंक के शोधकर्त्ता पिछले साल से इस पर गहनता से काम कर रहे हैं।
  • यह क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल बिटकॉइन से होने वाले नुकसान मुद्रा) युआन के संचालन एवं अंतर्राष्ट्रीयकरण का समर्थन करेगी।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)

  • यह एक डिज़िटल या क्रिप्टोकरेंसी है जिसमें सुरक्षा के लिये क्रिप्टोग्राफी तकनीक उपयोग में लाई जाती है। इसकी सुरक्षा वैशिष्ट्य के कारण इसका जाली रूप बिटकॉइन से होने वाले नुकसान बनाना मुश्किल है।
  • इसे किसी केंद्रीय या सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है। अतः सैद्धांतिक रूप से यह सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त है।
  • वर्ष 2009 में किसी समूह या व्यक्ति ने सतोशी नाकामोतो के छद्म नाम से ‘बिटकॉइन’ के नाम से पहली क्रिप्टोकरेंसी बनाई।

स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम

(Smart Meter National Programme)

एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (Energy Efficiency Services Limited- EESL) ने स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम के तहत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, बिहार एवं आंध्र प्रदेश में 5 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर स्थापित किये हैं।

  • इन राज्यों में स्मार्ट मीटर का संचालन उपभोक्ता सुविधा को बढ़ाने तथा बिजली की खपत को तर्कसंगत बनाने के लिये किया बिटकॉइन से होने वाले नुकसान गया है।
  • स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य स्मार्ट वेरिएंट के साथ 25 करोड़ पारंपरिक मीटर बदलना तथा बिलिंग दक्षता में 80-100 प्रतिशत तक सुधार करना है।

स्मार्ट मीटर

  • स्मार्ट मीटर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्थापित किये गए हैं।
  • यह समग्र उन्नत इंफ्रास्ट्रक्चर समाधान (एएमआई) का हिस्सा हैं।
  • यह दिन के विभिन्न समयों पर उपभोक्ताओं द्वारा किये गए बिजली के उपयोग को मापता है तथा GPRS प्रौद्योगिकी के माध्यम से ऊर्जा आपूर्तिकर्त्ता को इसकी सूचना भेजता है।
  • यह उपभोक्ताओं को सूचना तक बेहतर पहुँच प्रदान करता है जिससे उपभोक्ता अपने घरों में बिजली के उपयोग को लेकर निर्णय लेने में सक्षम हो सकें।
  • बिटकॉइन से होने वाले नुकसान बिटकॉइन से होने वाले नुकसान
  • इससे बिजली की खराबी, मीटर खराब होना या मीटर रीडिंग में गड़बड़ी के कारण होने वाले नुकसान को तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है।

नैनो प्रौद्योगिकी-आधारित उत्पाद

तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (Tamil Nadu Agricultural University- TNAU) ने नैनो प्रौद्योगिकी-आधारित दो उत्पादों को जारी किया है।

  • इसका उद्देश्य बागवानी उत्पादों के भंडारण एवं उपयोग होने तक की अवधि का विस्तार (शेल्फ लाइफ) करना है।
  • इस प्रौद्योगिकी के तहत ‘नैनो उत्पादों का व्यवसायीकरण एवं बाज़ार संचालित नैनो अनुसंधान को बढ़ावा देना’ सुनिश्चित किया जा सकेगा।
  • नैनो प्रौद्योगिकी-आधारित उत्पादों जैसे- फ्रूटी फ्रेश, नैनो स्टीकर और नैनो पेलेट्स (Nano Stickers and Nano Pellets) के प्रयोग से फलों एवं सब्जियों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाएगी, साथ ही फसल उत्पादों को सड़ने-गलने एवं अन्य रोगों से से भी बचाया जा सकेगा।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, फ्रूटी फ्रेश का उपयोग करके फसलों एवं सब्जियों की शेल्फ लाइफ 10 - 15 दिनों के लिये बढ़ाई जा सकती है।
  • वहीं बिटकॉइन से होने वाले नुकसान नैनो स्टीकर और नैनो पेलेट्स को विक्रेता या निर्यातक द्वारा शिपमेंट के लिये उपयोग किये गए बक्से के अंदर रखकर वस्तुओं की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सकती है।

ऑपरेशन नंबर प्लेट

(Operation Number Plate)

भारतीय रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force- RPF) ने रेलवे परिसर में स्थित सभी वाहनों की पहचान करने तथा उनका सत्यापन करने के लिये एक विशेष अभियान ‘ ऑपरेशन नंबर प्लेट ’ लॉन्च किया है।

  • इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सभी रेलवे परिसरों में लावारिस वाहनों के खिलाफ कार्यवाही करना है जो लंबी अवधि के लिये 'नो पार्किंग' क्षेत्रों में भी मौजूद रहते हैं।
  • इसे स्थानीय पुलिस एवं रेलवे के वाणिज्यिक विभाग के सक्रिय सहयोग से लॉन्च किया गया है।
  • अज्ञात वाहनों को यात्रियों तथा रेलवे के अन्य हितधारकों की सुरक्षा के लिये एक गंभीर खतरा माना जाता है।
  • यह अभियान ( ‘ऑपरेशन नंबर प्लेट’ ) विशेष रूप से 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनज़र आयोजित किया गया है।
  • यह 9 अगस्त से 11 अगस्त तक भारतीय रेलवे के 466 रेलवे स्टेशनों पर एक विशेष अभियान के रूप में चलाया गया था जिसके दौरान चोरी हुए वाहन, 5 दिन से अधिक अवधि से खड़े वाहन, लावारिस वाहन, संदिग्ध वाहन आदि पाए गए।
  • इस दौरान अनधिकृत पार्किंग के लिये लगभग 59,000 रुपए शुल्क के रूप में वसूल किये गए।

बिधाननगर नगर निगम (साल्ट लेक सिटी)

बिधाननगर नगर निगम (साल्ट लेक सिटी) की अध्यक्ष कृष्णा चक्रवर्ती को हाल ही में निगम के महापौर के रूप में शपथ दिलाई गई।

  • उल्लेखनीय है कि विधाननगर नगर निगम वर्ष 2015 में बना था और इसके पहले महापौर सब्यसाची दत्त बने थे लेकिन पार्टी में अविश्वास के चलते इन्होंने 18 जुलाई को महापौर पद से इस्तीफा दे दिया था।
  • बिधाननगर नगर निगम (साल्ट लेक सिटी) कोलकाता शहर के केंद्र से 8.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक उपनगरीय क़स्बा है जहाँ हाल ही में नए वाणिज्यिक विकास एवं IT केंद्रों का तेज़ी से विकास हुआ है।
  • यहाँ पर एक साल्ट लेक भी है।
  • साल्ट लेक सिटी में आवासीय संपत्तियों की मांग पिछले एक दशक में बहुत अधिक बढ़ी है, साथ ही निवेश में भी बहुत तीव्र वृद्धि हुई है।
  • निवेश का प्रमुख कारण आईटी कंपनियों का कार्यालय जैसे- विप्रो, TCS, एक्सेंचर, IBM, टेक महिंद्रा, जेनपैक्ट, HCL टेक्नोलॉजीज़, NIIT टेक्नोलॉजीज़, सीमेंस, डेलॉयट एवं लेक्समार्क आदि यहाँ पर स्थित हैं।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2020

Swachh Survekshan 2020

हाल ही में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) द्वारा संचालित पाँचवें वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ की शुरुआत की गई।

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है जो इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करने में सक्षम बनाएगा और इस प्रकार डिजिटल रूप में मुद्रा को शामिल करने के लिये 'बैंक नोट' की परिभाषा का दायरा बढ़ाएगा।

बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है? | What Is Bitcoin In Hindi

दोस्तों आज का समय इंटरनेट का समय है। हम अपने हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े काम जो इंटरनेट के माध्यम से हो सकता है उसे करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। पैसों का लेनदेन हमारे जीवन में हमेशा से ही होता है, हमें कुछ खरीदने के लिए पैसा देना होता है एवं हमसे कुछ खरीदे जाने पर हमें पैसा मिलता है। दोस्तों पैसों के रूप में हम दुनिया भर के विभिन्न देशों में उपयोग होने वाले मुद्राएं जैसे रुपया, डॉलर, पाउंड, आदि को जानते हैं। हम मुद्राओं का लेन देन इन्हीं के रूप में करते हैं।

आज के ऐसे इंटरनेट के समय में हम ऑनलाइन खरीदी, ऑनलाइन पेमेंट, आदि जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल बड़े स्तर पर कर रहे हैं। इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के मुद्राओं का लेनदेन करने के लिए हमें Bank जैसी संस्थाओं के प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। परंतु आज के समय में इसका एक दूसरा विकल्प भी है जिसमें नाम आता है क्रिप्टोकरंसी (crypoto currency) का।

आसान नाम में इसे डिजिटल करेंसी (digital currency) या वर्चुअल करेंसी (virtual currency) भी कहा जाता है। और डिजिटल या वर्चुअल करेंसी में सबसे लोकप्रिय नाम है बिटकॉइन (Bitcoin)।

दोस्तों हर वह शख्स जो टेक्नोलॉजी रुचि रखता है एवं इंटरनेट से जुड़ा है उसने बिटकॉइन का नाम जरूर सुना होगा। अगर आप से कहा जाए कि अगर आपने आज से 10 साल पहले ₹10000 कहीं इन्वेस्ट किए होते और आज वही 10000, करोड़ों बन जाते हैं तो शायद आप इस पर विश्वास नहीं करेंगे लेकिन बिटकॉइन से यह संभव हुआ है। आज के समय में बिटकॉइन बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है। बहुत से लोगों को यह जानने इच्छा होती है कि बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करता है? आदि।

दोस्तों आज इस लेख में हम मुख्यत: इसी से संबंधित सवालों पर चर्चा करेंगे।

बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है? (Bitcoin kya hai)

दोस्तों बिटकॉइन से होने वाले नुकसान अगर सीधे-सीधे कहें की बिटकॉइन क्या है तो Bitcoin एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है इसका मतलब है की अन्य मुद्राओं की तरह आप इसे छू या पकड़ नहीं सकते यह मुद्रा केवल इंटरनेट पर ही रहती है एवं वही से इसे प्राप्त व इसका भुगतान किया जा सकता है। इंटरनेट की भाषा में इसे क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है।

Bitcoin एक विकेंद्रीकृत मुद्रा है, इसे अंग्रेजी मे इसे डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी (decentrilised currency) कहा जाता है जिसका मतलब है किस मुद्रा का संचालन मुद्राओं की तरह कोई केंद्रीय बैंक या सरकार नहीं कर सकती है। हम जिस दिन मुद्रा का इस्तेमाल किसी प्रकार की खरीद बिक्री के लिए करते हैं उसका संचालन किसी ना किसी बैंक द्वारा किया जाता है मतलब भुगतान करने या पेमेंट लेने के लिए आपको बैंक की आवश्यकता पढ़ती ही पढ़ती है।

परंतु विकेंद्रीकृत मुद्रा होने के कारण बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी पर किसी की केंद्रीय बैंक का संचालन नहीं होता, अगर आप कंप्यूटर नेटवर्किंग पर कुछ खरीदने या बेचने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं तो आप सीधा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बिना किसी संस्था बिटकॉइन से होने वाले नुकसान के बीच में आए भुगतान कर सकते हैं या भुगतान ले सकते हैं।

Bitcoin का इस्तेमाल इंटरनेट पर कोई भी व्यक्ति कर सकता है, जिस प्रकार इंटरनेट का एक्सेस हर किसी के पास है उसी प्रकार बिटकॉन को भी कोई भी व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है क्योंकि इसका कोई मालिक नहीं होता।

बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया?

दोस्त अगर बात करें बिटकॉइन के आविष्कार की तो रिपोर्ट के अनुसार बिटकॉइन का आविष्कार सतोशी नाकामोतो ने वर्ष 2009 में किया था और उस समय 1 बिटकॉइन की जो वैल्यू थी वह आज के समय में काफी ज्यादा बढ़ चुकी है।

भारत में 1 बिटकॉइन का मूल्य कितना है?

आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009 में एक बिट कॉइन की वैल्यू 0.008 डॉलर्स थी, वही आज के समय में अगर आप गूगल पर जाकर 1 बिटकॉइन की वैल्यू चेक करें तो यह 37476. 60 यूएस dollars है जो की इंडियन रुपीस में 27 लाख 47 हजार 700 रुपए के आसपास की हो जाती है।

विकेंद्रीकृत मुद्रा होने के कारण बिटकॉइन को किसी बैंक में जमा नहीं कराया जा सकता बिटकॉइन को हम सिर्फ ऑनलाइन वॉलेट (online wallet) में ही रख सकते हैं।

बिटकॉइन कैसे खरीदें?

अगर आप भी बिटकॉइन खरीद कर रखना चाहते हैं तो आप इसे ऑनलाइन खरीद सकते हैं। जेबपे (zebpay), Unocoin, आदि जैसी अन्य और कई ऐसी वेबसाइट पर जाकर आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं।

इसमें आपको पहले कुछ डाक्यूमेंट्स सबमिट करने होते हैं जिनमें आपका वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड पैन कार्ड आदि एवं बैंक डिटेल्स लिया जाता है। उसके बाद आप अपनी इच्छा अनुसार जितनी भी रुपए जैसे हजार, 10 हज़ार, के बिटकॉइन खरीद बिटकॉइन से होने वाले नुकसान सकते हैं एवं उनका इस्तेमाल इंटरनेट पर लेन देन में कर सकते हैं।

अगर बात करें बिटकॉइन कमाने की तो आप पैसे देकर उसके बदले बिटकॉइन खरीद सकते हैं या फिर अगर आपने किसी को कुछ बेचा है तो आप पैसों के बदले उससे बिटकॉइन के रूप में पेमेंट ले लेकर उसे अपने वॉलेट में रख सकते हैं।

बिटकॉइन के फायदे और नुकसान? (Bitcoin ke fayde aur nuksaan)

दोस्तों बिटकॉइन पर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण ना होने के कारण बहुत से लोग इंटरनेट पर लेनदेन के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं। परंतु कोई नियंत्रण ना होने के कारण बिटकॉइन में होने वाले फ्रॉड के भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

पेमेंट करने के लिए बिटकॉइन peer to peer नेटवर्क पर काम करता है मतलब लोग एक दूसरे के साथ सीधा सीधा बिना किसी भी बैंक या क्रेडिट कार्ड या किसी भी अन्य कंपनी के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।

बिटकॉइन को अन्य मुद्राओं की तरह ट्रैक नहीं किया जा सकता अर्थात इसका भुगतान कब,कहां,किसको किया गया है इसका पता लगाना संभव नहीं होता इसी कारण ज्यादातर ऐसे लोग जो इन जानकारियों को गुप्त रखना चाहते हैं पेमेंट करने या पेमेंट रिसीव करने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं।

बिटकॉइन का ट्रांजैक्शन एक पब्लिक लेजर (ledger) यानी खाते में रिकॉर्ड होकर रहता है जिससे बिटकॉइन ब्लॉकचेन (blockchain) कहते हैं।

इंटरनेट में आज के समय में 21 मिलीयन बिटकॉइन ही है जिनमें से लगभग 25% खो चुके हैं जिसका मतलब है कि यह किसी के पास भी नहीं है। बिटकॉइन को एक्सेस करने के लिए एक पब्लिक की (key) होती है, एवं उस की के खो जाने पर आप उस बिटकॉइन को एक्सेस नहीं कर सकते।

क्या हमें बिटकॉइन खरीदना चाहिए?

Bitcoin की वैल्यू इंटरनेट पर हमेशा एक समान नहीं रहती वह घटती और बढ़ती रहती है। इसलिए अगर आपने कभी कम कीमत पर बिटकॉइन खरीदी और कुछ समय बाद उसकी कीमत बढ़ने पर अगर आपको लगता है कि आपको उस बिटकॉइन को बेचकर बहुत फायदा होगा तो आप उसे उस समय की कीमत के अनुसार बेचकर मुद्राएं ले सकते हैं। बिटकॉइन का लेनदेन आप पूरे दुनिया भर में किसी से भी और कहीं भी कर सकते हैं।

बिटकॉइन, सबसे बड़ी क्रिप्‍टोकरेंसी में से एक बिटकॉइन $20,000 के नीचे आ गई। बिटकॉइन के मूल्य का पूर्वानुमान

बिटकॉइन, सबसे बड़ी क्रिप्‍टोकरेंसी में से एक बिटकॉइन $20,000 के नीचे आ गई। बिटकॉइन के मूल्य का पूर्वानुमान

  • Date : 03/08/2022
  • Read: 3 mins Rating : -->
  • Read in English: One of the largest Cryptocurrencies, Bitcoin, hits below $20,000. What lies ahead for Bitcoin?

दुनिया भर में क्रिप्‍टोकरेंसी में लगातार गिरावट आ रही है। अन्‍य की तरह, बिटकॉइन जो सबसे महत्‍वपूर्ण विकेंद्रीकृत करेंसीज में से है, वह भी $20,000 तक की गिरावट का सामना कर रही है।

बिटकॉइन सबसे बड़ी क्रिप्‍टोकरेंसी में से एक बिटकॉइन 20000 के नीचे आ गई

बिटकॉइन

बिटकॉइन क्रिप्टो मार्केट में मजबूत स्थिति के साथ दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे विकेन्द्रीकृत डिजिटल करेंसी है। ये करेंसीज बिटकॉइन के विशेष नेटवर्क पर पियर टू पियर ट्रांसफर की जा सकती हैं। ये सभी ट्रांजैक्‍शंस नेटवर्क के नोड्स द्वारा क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से सुरक्षित और वेरिफाइड होते हैं। बिटकॉइन का आविष्कार सतोशी नाकामोतो नाम के एक अज्ञात व्यक्ति ने किया था। इस आविष्कार के पीछे कोई एक व्यक्ति या समूह हो सकता है। रहस्य आज भी अनसुलझा है। इसका इस्‍तेमाल 2009 में शुरू हुआ था। अब, यह दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की सूची में पहले स्थान पर है।

बिटकॉइन के मूल्‍य में गिरावट

हाल ही में, बिटकॉइन का मूल्य $20,000 यानी लगभग 15,85,885.00 रूपए से नीचे गिर गया। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन, कम रेट पर ट्रेड कर रही थी। CoinMetrics के अनुसार, यह $20,359.2 यानी सिर्फ 1% पर ट्रेड कर रही थी। बिटकॉइन का मूल्य भी हाल ही में 19 डॉलर से भी नीचे गिर गया है। CoinDesk के डेटा के अनुसार, बिटकॉइन पिछली बार नवंबर 2020 में इस स्तर पर था। अपने पीक पर पहुंचने के बाद, दुनिया की इस सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ने अपने मूल्य का लगभग 70% खो दिया है। हालाँकि, इथेरियम जैसी अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट आई है।

ऐसी परिस्थितियों में, बिटकॉइन घाटे को दूर करने के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठा सकता है। हाल के सालों में बिटकॉइन में 53% की गिरावट आने की उम्मीद है। दूसरी ओर, इथेरियम में 73% की गिरावट आई है। विजय अय्यर ने कहा कि बिटकॉइन का मूल्य कुछ समय के लिए $ 17,000 से $ 22,000 के बीच रहेगा। इसलिए, बिटकॉइन को केवल इस मूल्य पर डील करना होगा। फ्रैकासी के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट काफी उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है। क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में गिरावट के मुख्य कारणों में से एक ब्याज दर में लगातार वृद्धि होना है। इसके अलावा, कई निवेशक बाजार में विश्वास न होने के कारण अपने एसेट्स बेच रहे हैं।

इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी सेक्‍टर को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जेमिनी, कॉइनबेस आदि जैसी कई कंपनियों ने अपने हजारों कर्मचारियों को हटा दिया है। कॉइनबेस की घोषणा के अनुसार, यह आने वाले समय में अपने कुल कर्मचारियों में से 18% को हटा देंगे।

बिटकॉइन के मूल्‍य में गिरावट के बारे में और ज्‍यादा जानने के लिए, इसलिंक पर विजिट करें

निष्‍कर्ष

लगभग सभी क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट आ रही है। इसी तरह, दुनिया की सबसे बड़ी बिटकॉइन से होने वाले नुकसान क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन हाल ही में $20,000 से नीचे गिर गया है। इसका मूल्‍य भी घटकर 19 हजार डॉलर रह गया है। क्रिप्टो मार्केट में इस लगातार उतार-चढ़ाव और गिरावट से निवेशकों का भी विश्वास कम हो गया है। वे मार्केट में अपनी एसेट्स बेचने की कोशिश कर रहे हैं। कई कंपनियों को मार्केट की स्थिति के साथ बने रहने के लिए अपने कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी। बिटकॉइन करेंसी के इतने कम मूल्य के कारण, कंपनी स्थिति से उबरने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा सकती है।

अस्वीकरण

यह लेख केवल सामान्य वित्तीय उद्देश्यों के लिए है। आपको इसे किसी भी कानूनी या टैक्सेशन या निवेश या इंश्‍योरेंस संबंधी सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। वित्तीय निर्णय लेते समय आपको अलग से स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए।

बिटकॉइन

बिटकॉइन क्रिप्टो मार्केट में मजबूत स्थिति के साथ दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे विकेन्द्रीकृत डिजिटल करेंसी है। ये करेंसीज बिटकॉइन के विशेष नेटवर्क पर पियर टू पियर ट्रांसफर की जा सकती हैं। ये सभी ट्रांजैक्‍शंस नेटवर्क के नोड्स द्वारा क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से सुरक्षित और वेरिफाइड होते हैं। बिटकॉइन का आविष्कार सतोशी नाकामोतो नाम के एक अज्ञात व्यक्ति ने किया था। इस आविष्कार के पीछे कोई एक व्यक्ति या समूह हो सकता है। रहस्य आज भी अनसुलझा है। इसका इस्‍तेमाल 2009 में शुरू हुआ था। अब, यह दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की सूची में पहले स्थान पर है।

बिटकॉइन के मूल्‍य में गिरावट

हाल ही में, बिटकॉइन का मूल्य $20,000 यानी लगभग 15,85,885.00 रूपए से नीचे गिर गया। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन, कम रेट पर ट्रेड कर रही थी। CoinMetrics के अनुसार, यह $20,359.2 यानी सिर्फ 1% पर ट्रेड कर रही थी। बिटकॉइन का मूल्य भी हाल ही में 19 डॉलर से भी नीचे गिर गया है। CoinDesk के डेटा के अनुसार, बिटकॉइन पिछली बार नवंबर 2020 में इस स्तर पर था। अपने पीक पर पहुंचने के बाद, दुनिया की इस सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ने अपने मूल्य का लगभग 70% खो दिया है। हालाँकि, इथेरियम जैसी अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट आई है।

ऐसी परिस्थितियों में, बिटकॉइन घाटे को दूर करने के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठा सकता है। हाल के सालों में बिटकॉइन में 53% की गिरावट आने की उम्मीद है। दूसरी ओर, इथेरियम में 73% की गिरावट आई है। विजय अय्यर ने कहा कि बिटकॉइन का मूल्य कुछ समय के लिए $ 17,000 से $ 22,000 के बीच रहेगा। इसलिए, बिटकॉइन को केवल इस मूल्य पर डील करना होगा। फ्रैकासी के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट काफी उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है। क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में गिरावट के मुख्य कारणों में से एक ब्याज दर में लगातार वृद्धि होना है। इसके अलावा, कई निवेशक बाजार में विश्वास न होने के कारण अपने एसेट्स बेच रहे हैं।

इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी सेक्‍टर को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जेमिनी, कॉइनबेस आदि जैसी कई कंपनियों ने अपने हजारों कर्मचारियों को हटा दिया है। कॉइनबेस की घोषणा के अनुसार, यह आने वाले समय में अपने कुल कर्मचारियों में से 18% को हटा देंगे।

बिटकॉइन के मूल्‍य में गिरावट के बारे में और ज्‍यादा जानने के लिए, इसलिंक पर विजिट करें

निष्‍कर्ष

लगभग सभी क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट आ रही है। इसी तरह, दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन हाल ही में $20,000 से नीचे गिर गया है। इसका मूल्‍य भी घटकर 19 हजार डॉलर रह गया है। क्रिप्टो मार्केट में इस लगातार बिटकॉइन से होने वाले नुकसान उतार-चढ़ाव और गिरावट से निवेशकों का भी विश्वास कम हो गया है। वे मार्केट में अपनी एसेट्स बेचने की कोशिश कर रहे हैं। कई कंपनियों को मार्केट की स्थिति के साथ बने रहने के लिए अपने कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी। बिटकॉइन करेंसी के इतने कम मूल्य के कारण, कंपनी स्थिति से उबरने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा सकती है।

अस्वीकरण

यह लेख केवल सामान्य वित्तीय उद्देश्यों के लिए है। आपको इसे किसी भी कानूनी या टैक्सेशन या निवेश या इंश्‍योरेंस संबंधी सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। वित्तीय निर्णय लेते समय आपको अलग से स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए।

Crypto को बैन कर RBI लाएगा अपना 'बिटकॉइन', आखिरी कैसी होगी यह करेंसी, जानिए

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 24-11-2021

नई दिल्ली

Crypto News: भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में अपनी डिजिटल करेंसी लाने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल में कहा है कि आरबीआई दिसंबर तक अपने डिजिटल करेंसी के लिए पायलट प्रोजेक्ट लांच कर सकता है।

दास ने कहा कि आरबीआई चरणबद्ध तरीके से देश में डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत सचेत है। यह इसका नया प्रोडक्ट है और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं छोड़ी जा सकती।

दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और भारत में भी इसके निवेशकों की संख्या लाखों में पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल में ही साल 2018 के आरबीआई के एक सर्कुलर को खारिज कर दिया था। इसमें आरबीआई ने बैंक और वित्तीय संस्थाओं पर क्रिप्टो करेंसी में डील करने या उसके लिए फाइनेंस उपलब्ध कराने से बैन लगा दिया था।

RBI के CBDC में क्या होगा खास?

भारतीय रिजर्व बैंक का सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) एक लीगल टेंडर होगा। सीबीडीसी के पीछे भारत के केंद्रीय बैंक का बैकअप होगा। यह आम मुद्रा की तरह ही होगा, लेकिन डिजिटल फॉर्मेट में होगा। जैसे लोग सामान या सेवाओं के बदले करेंसी देते हैं, उसी तरह CBCD से भी आप लेनदेन कर सकेंगे। करेंसी नोट की तुलना में इसमें एक अंतर सिर्फ यह होगा कि यह डिजिटल फॉर्मेट में होगा।

डिजिटल करेंसी का आइडिया नया नहीं

यह भी कहा जा रहा है कि डिजिटल करेंसी लाने का आइडिया नया नहीं है। हाल में ही कई विशेषज्ञों ने कहा है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का आइडिया अमेरिकन अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जेम्स टोबिन से लिया गया है। उन्होंने साल 1980 में पेमेंट करने के डिजिटल फॉर्मट का प्रस्ताव किया था।

CBCD की जरूरत क्यों है?

पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का क्रेज बढ़ने के पीछे तीन मुख्य वजह हैं। केंद्रीय बैंक पेपर करेंसी की तुलना में आसान फॉर्मेट, मुद्रा का आसान इलेक्ट्रिक फॉर्म जिसे लोकप्रिय बनाना संभव है, फिजिकल कैश के उपयोग और उसे लोकप्रिय बनाना आसान है और इसे जारी करना या इस पर रोक लगाना भी आसान है। सेंट्रल बैंक वास्तव में लोगों की डिजिटल करेंसी की जरूरत के लिए सीबीडीसी लाना चाहती है। देश में प्राइवेट वर्चुअल करेंसी का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है और इस तरह के प्राइवेट करेंसी की वजह से होने वाले नुकसान को टालने के लिए सीबीडीसी की शुरुआत की जा रही है।

Cypto और CBDC में क्या फर्क होगा?

बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी डिजिटल इंक्रिप्टेड है, डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी आम मुद्रा का ही डिजिटल वर्जन होगा जिसकी गारंटी सरकार देगी। क्रिप्टो करेंसी स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करती है जबकि CBDC आम मुद्रा देश के सेंट्रल बैंक की मुद्रा है। सेंट्रल बैंक के डिजिटल करेंसी को ट्रांसफर करने के लिए इंटरमीडियरीज की जरूरत होगी।

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