ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं

इन्वेस्टमेंट की बात करें तो यह भी एक तरह से ट्रेडिंग का ही एक अगला चरण हैं लेकिन इसे ट्रेडिंग के प्रकारों में ना लेकर इन्वेस्टिंग में ले लिया जाता है। इसमें समय अवधि महीनो से ना रहकर सालों में आ जाती हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि आपकी पोजीशनल ट्रेडिंग की अवधि एक वर्ष को पार कर जाती है तो वह ट्रेडिंग से निकल कर इन्वेस्टिंग में आ जाती है।
शेअर मार्केट,
जैसे और भी कई चींजों में ज्यादातर लोग ट्रेडिंग करते हैं।
शेअर मार्केट को कई लोग आज भी गैमलींग की तरह देखते हैं लेकिन शेअर मार्केट कोई गैमलिंग नहीं होती अगर आप उसका पुरा अभ्यास करके उसमें रिसर्च करके वह करते हैं तो।
कुछ साल में हमारे देश में इंटरनेट गतिविधियों में काफी इजाफा हुआ है ऊपर से बीच बीच में लाॅकडाऊन लगता रहता है वैसे में बहुत सारे वर्क फ्राॅम होम भी कर रहे हैं इस दौरान Demat Account निकालने वालो कि संख्या बहुत बढ़ गई है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में पहला सवाल यही आता है कि Share Market Shikhe Kahase ? तो ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं आज हम आपको इसी के जवाब देंगे।
- अच्छी जगह से ट्रेंडिंग कोर्स करना:
शेयर मार्केट के ऊपर आपको ऑनलाईन और ऑफलाईन हजारो ट्रेडिंग कोर्सेस मिल जायेंगे जहां से आप इसे सीख सकते हों। यह बिल्कुल भी कोई राॅकेट सायंन्स नहीं हैं ना हि बहुत आसान हैं। अगर आप ट्रेडिंग कोर्स करना चाहते हैं तो पहले जिसी भी इंस्टिट्यूट या जिसी भी व्यक्ती से आप यह सिखना चाहतें हैं इसका इतिहास यानी वह व्यक्ती या इंस्टिट्यूट कितने प्रोफिटेबल है यह जान लें, उनकी Rating और Review आपको मिल जायेंगे वह देखकर आप एक अच्छा सा Trading Course Complete कर सकते हों। यह तरिका बहुत सीधा सीधा है और ज्यादातर लोग यही करते हैं।
इंट्राडे के क्या-क्या फायदे हैं?
इसमें ट्रेडिंग अवधी होने के बाद आपका कोई पैसा मार्केट में अटका नहीं रहता इसलिये क्लियारिटी आती है और फियर भी कम रहता ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं हैं।
इंट्राडे में आपको कई ब्रोकर द्वारा कई गुना मार्जिन अथवा लिवरेज दिया जाता है इससे आप कम पैसों में भी ज्यादा शेयर खरिद अथवा बेच सकते हों।
इंट्राडे में आप ऊपर जाते वक्त और साथ ही नीचे आते वक्त भी दोनों तरफ भी पैसा बना सकते हों।
इंट्राडे के क्या-क्या नुकसान हैं?
इसे आप जब चाहें सीख तो सकते हैं लेकिन इसे रियल टाईम यानी मार्केट चालु रहने के समय ही कर सकते हैं, इसलिये इसे समय कि मांग चाहियें।
यह काफी नुकसान देह भी होता है कई लोगों ने पहले भी इसमें अकांउट के अकाउंट खाली करा दिये हैं इसलिये आप पहले पेपर ट्रेंडिंग करके प्रॅक्टिस करें तो जाके ही आप इंट्राडे सीख कर पैसा बना सकते हैं।
अगर आप ट्रेंड करते समय थोड़ी राशी गवाते हैं और वह रिकवर करने के चक्कर में आप अगर बार बार ट्रेंड लेने जाते हैं तो आप जल्दी ही अपना अकांउट खाली करा सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में दो चीज़ें कभी नहीं चलती भय और लालच, आपको ट्रेडिंग में मनी मैनेजमेंट और रिस्क मैनेजमेंट सही तरिके से नहीं आता तो भी एक न एक दिन आप इससे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।
कॉल ऑप्शन (CE)
अगर कॉल ऑप्शन को हम आपको सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करें तो, अगर आपका मार्केट व्यु या आपको लगता है किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस ऊपर जाने को है तब आप उसका कॉल ऑप्शन खरीदते हैं, जिसमें की आप कम कैपिटल के साथ अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है।
पुट ऑप्शन (PE)
अगर पुट ऑप्शन को हम आपको सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करें तो, अगर आपको लगता है किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस नीचे जाने वाली है तब आप उसका पुट ऑप्शन खरीदते हैं, जिसमें की आप कम कैपिटल के साथ अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है।
कॉल और पुट दोनों को एक साथ समझाने का प्रयास करे तो अगर आप मार्केट में किसी भी शेर इंडेक्स जैसे की निफ़्टी आज की तारीख में शेयर की कीमत 17000 रुपए हैं लेकिन आप इसे ऑप्शन ट्रेडिंग में ₹5 से लेकर ₹1000 तक खरीद सकते हैं इसलिए कम पैसों में ऑप्शन ट्रेडिंग में ज्यादा शेयर खरीदे जा सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं? How to do Option Trading in hindi?
आप्शन ट्रेडिंग आप एक ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (ब्रोकरेज खाते) के माध्यम से कर सकते हैं जो स्व – निर्देशित ट्रेडिंग करने की अनुमति देता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक डीमैट अकाउंट खोलना होगा। डीमेट अकाउंट खोलने के पश्चात आप स्टॉकब्रोकर द्वारा प्रोवाइड किए गए ट्रेडिंग एप का इस्तेमाल कर आसानी से ऑप्शन में ट्रेड कर सकते है।
ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले आपको कुछ बातें जरूर जानी चाहिए जिससे कि आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करने में आसानी हो।
- सिंबल – स्टॉक सिंबल का मतलब है कि एक ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट से जुड़ी किसी स्टॉक या इंडेक्स की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे – Nifty 17500 CE, Bank Nifty 38000 CE
- स्ट्राइक ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं प्राइस – स्ट्राइक प्राइस जिस पर आप ऑप्शन का प्रयोग करने में सक्षम होते हैं,
- प्रीमियम – ऑप्शन को खरीदने की लागत को प्रीमियम कहते है।
- एक्सपायरी डेट – एक्सपायरी डेट पर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बिल्कुल शून्य हो जाता है कहने का मतलब समाप्त हो जाता है उसे हम एक्सपायरी डेट कहते हैं
ऑप्शन ट्रेडिंग में ध्यान रखने वाले टिप्स
- सही स्ट्राइक प्राइस का चयन करें
- रिस्क को मैनेज करके चले
- समय मूल्य व्यवहार का ध्यान रखें
- ऑप्शन ग्रीक को समझने का प्रयास करें और इसे हंड्रेड परसेंट सीखें
- ऑप्शन ट्रेडिंग में अपने फाइनैंशल गोल बनाएं
- यह ट्रेडिंग फ्लैक्सिबिलिटी के साथ – साथ लिक्विडिटी भी प्रदान करता है।
- अन्य प्रकार की ट्रेडिंग विकल्पों की तुलना में, आप यहां पर कम कैपिटल के साथ ट्रेड करने में सक्षम होते हैं।
- डिअर पाठक यह तो आपको पता ही है ऑप्शंस का उपयोग हेंजिग के लिए भी क्या जाता है हेंजिग से क्या होता है कि आप अपने पोर्टफोलिओं को मार्केट में आने वाले उतार – चढ़ाव की वजह से होने वाले नुकसान से बच सकते है।
- आपको बता दें कि ऑप्शंस में आप कोई भी मार्केट कंडीशन को अप्लाई कर सकते हैं जबकि अन्य ट्रेडिंग विकल्प में यह पॉसिबल नहीं है।
ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान!
- ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ही रिस्की होता है यहां पर व्यक्तिगत स्टॉक, ईटीएफ या बांड खरीदने की तुलना में ऑप्शन ट्रेडिंग में ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं बहुत ही ज्यादा जोखिम उठाना पड़ सकता है इसलिए ऑप्शन ट्रेडिंग का यह एक नेगेटिव पॉइंट्स है।
- डिअर पाठक स्टॉक प्राइस के मूवमेंट की भविष्यवाणी करना मुश्किल हो सकता है इसलिए यहां पर मार्केट के सेंटीमेंट को समझना थोड़ा सा अधिक कठिन है क्योंकि यदि आपका अनुमान गलत हो जाता है, तो ऑप्शन ट्रेडिंग आपको बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए स्टॉक या इंडेक्स का विश्लेषण करना इक्विटी स्टॉक से अलग होता है इसलिए ज़रूरी है की आप ऑप्शन ट्रेडिंग को अच्छे से समझने के बाद ही इसमें ट्रेड करें।
देखिए ऑप्शन ट्रेडिंग करना नए लोगों के लिए बहुत ही मुश्किल हैं पर वह कहते हैं ना नामुमकिन जैसी कोई चीज नहीं इसलिए पहले आप ट्रेडिंग को अच्छे से सीख जाइए फिर ऑप्शन के अंदर आइए ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए वैसे तो कई ट्रेनर दावे करते हैं कि हम आपको ऑप्शन ट्रेडिंग सिखा देंगे लेकिन उनको सिर्फ अपना कोर्स सेल करना है और आप अंदर के राज कभी नहीं जान पाएंगे इसलिए अगर आपको फ्री में ऑप्शन ट्रेडिंग सीखनी है तो स्टॉक पत्रिका जल्द ही आपके लिए एक यूट्यूब चैनल शुरू कर रहा है जिसमें आपको बिल्कुल मुफ्त में ऑप्शन ट्रेडिंग सिखाई जाएगी तो आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं
ट्रेडिंग क्या है | What is Trading In Hindi
अब तक आप यह तो जान ही गए कि ट्रेडिंग कहते किसे हैं लेकिन ट्रेडिंग में किस चीज़ का आदान-प्रदान होता है, इसके बारे में जानना भी आवश्यक है। ट्रेडिंग में किसी वस्तु का लेनदेन ना होकर शेयर का लेनदेन होता है। हर बड़ी कंपनी के अपने शेयर होते है और उनका कुछ मूल्य होता है।
ट्रेडिंग में व्यक्ति किसी कंपनी के कुछ शेयर खरीदता हैं और उसे कुछ ज्यादा दाम में कुछ समय के बाद किसी और को बेच देता है। ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं इस तरह ट्रेडिंग का व्यापार किया जाता है और लाभ कमाया जाता है।
उदाहरण के तौर पर आप रिलायंस कंपनी के शेयर ले लीजिए। रिलायंस के एक शेयर का मूल्य 2300 रुपए के आसपास होता है। यह प्रतिदिन ऊपर-नीचे होता है। अब यदि किसी दिन रिलायंस का एक शेयर 2310 रुपए का है और आपने इसके 100 शेयर खरीद लिए। अगले दिन यही शेयर 2320 रुपए का हो जाता है और आपने यह शेयर बेच दिए तो इस तरह आपने एक दिन में 1000 रुपए कमा लिए।