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निवेशकों पर क्या होगा असर

निवेशकों पर क्या होगा असर
Cryptocurrency पर GST लगाने की तैयारी में सरकार, जानें-क्या होगा निवेशकों पर असर, कितना लगेगा टेक्स?

योर मनीः बड़े एनएवी का निवेश पर क्या होगा असर!

चाहे बाजार की गिरावट हो या निवेश पर कोई कंफ्यूजन योर मनी उसे हमेशा दूर करता है।

चाहे बाजार की गिरावट हो या निवेश पर कोई कंफ्यूजन योर मनी की कोशिश है कि आपको फाइनेंशियल प्लानिंग में ना हो कोई भी उलझन। आपकी उलझन को दूर करने और आपके सवालों का जवाब देने के लिए हमारे साथ मौजूद हैं बजाज कैपिटल के ग्रुप डायरेक्टर अनिल चोपड़ा।

सवालः किसी म्यूचुअल फंड का एनएवी क्या होता है ?क्या अच्छे रिटर्न का मतलब एनएवी बढ़ना है?25-30 साल के लिए निवेश करना है। क्या निवेशकों की संख्या बढ़ने से एनएवी बढ़ेगा?क्या एनएवी घटने से रिटर्न निवेशकों पर क्या होगा असर पर असर पड़ता है?

अनिल चोपड़ाः एनएवी यानि नेट एसेट वैल्यू। नेट एसेट वैल्यू फंड के एयूएम पर निर्भर करता है। फंड की यूनिट के हिसाब से एनएवी होता है। स्कीम से जुड़े निवेशकों की संख्या से एनएवी पर असर नहीं होता है। स्कीम से और निवेशकों के जुड़ने पर एयूएम बढ़ेगा। संख्या बढ़ने से फंड हाउस को ज्यादा यूनिट खरीदनी होगी। म्यूचुअल फंड में निवेशकों का रुझान बढ़ने से बाजार में मांग बढ़ेगी। म्यूचुअल फंड निवेशकों की तरफ से निवेश बाजार के लिए अच्छा होता है। अगले 10-15 साल में 11-12 फीसदी ग्रोथ मुमकिन है।

सवालः मेरी उम्र 45 साल है और सालाना आय 5.5 लाख रुपये है और मेरी पत्नी की सालाना आय 7 लाख रुपये है। मेरे परिवार में 2 बच्चे है। रिटायरमेंट के लिए 2 करोड़ रुपये चाहिए। फिलहाल हर महीने 25,000 की एसआईपी करनी है। फैमिली फ्लोटर मेडिक्लेम है, जिसमें 23 लाख का कवरेज है। एलआईसी टर्म प्लान में 20 लाख, एलआईसीएन्डॉमेंट प्लान में 5 लाख कवरेज है। निवेश के लिए फंड बताएं।

अनिल चोपड़ाः 15 साल में 2 करोड़ रुपये के लिए हर महीने 40,000 एसआईपी जरूरी है। 12 फीसदी रिटर्न पर 40,000 एसआईपी से जुटा पाएंगे 2 करोड़ रुपये जुटाना संभव है।

America में हर महीने 1.75 लाख लोग होंगे बेरोजगार, अगले साल मंदी के साथ आएगा भयंकर बेरोजगारी संकट! India पर क्या होगा असर?

बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल अमेरिका भयंकर मंदी की चपेट में आ सकता है. देश में हर महीने 1.75 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं.

अमेरिका में आ सकती भयंकर मंदी

अमेरिका में आ सकती भयंकर मंदी

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2022,
  • (Updated 11 अक्टूबर 2022, 5:32 PM IST)

जॉब ग्रोथ घटकर आधी रह सकती है

अमेरिका में अगर 40 साल की सबसे ज्यादा महंगाई

बीता हुआ सितंबर माह अमेरिका के जॉब मार्केट के लिए मील का पत्थर साबित हुआ था. 40 साल में सबसे ज्यादा महंगाई, बढ़ती ब्याज दरों के बीच मंडराते मंदी के खतरे के बावजूद अमेरिका में बेरोजगारी दर 53 साल के न्यूनतम स्तर पर लुढ़क गई थी. सितंबर में 2.63 लाख नौकरियों के मिलने से बेरोजगारी दर 3.5 फीसदी पर लुढ़क गई थी, जो 1969 के बाद का सबसे निचला स्तर है. लेकिन अब बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट में एक डराने वाली आशंका जाहिर की है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल की पहली छमाही यानी जनवरी-जून में अमेरिका मंदी की गिरफ्त में आ सकता निवेशकों पर क्या होगा असर है. जिसके बाद देश में हर महीने 1.75 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं. बैंक ऑफ अमेरिका में यूएस इकनॉमिक्स के हेड माइकल गैपन ने अगले एक साल में अमेरिका में बेरोजगारी दर 5 से 5.5 फीसदी होने का अनुमान लगाया है. ये अनुमान इसलिए ज्यादा खतरनाक नजर आता है क्योंकि फेड ने अगले साल बेरोजगारी दर का अनुमान 4.4 फीसदी लगाया है.

ब्याज दरों में बढ़ोतरी से फैलेगी मंदी-बेरोजगारी!

अमेरिका में महंगाई का हाल दुनिया के दूसरे विकसित देशों के जैसे ही नाजुक बने हुए हैं. 4 दशकों की सबसे ज्यादा महंगाई को थामने के लिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व लगातार ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है. बढ़ती निवेशकों पर क्या होगा असर निवेशकों पर क्या होगा असर ब्याज के इस चक्र से केवल अमेरिका ही नहीं दुनियाभर पर असर पड़ता है. निवेशकों निवेशकों पर क्या होगा असर के फैसले रातों रात फेड रिजर्व के एक निर्णय से बदल जाते हैं.

दुनियाभर के शेयर बाजारों में उथल-पुथल मच जाती है. इसकी वजह है कि अमेरिका की इकॉनमी का ग्लोबल अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ता है. फिलहाल अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था की बात करें तो बैंक ऑफ अमेरिका का कहना है कि ब्याज दरों में इजाफे का असर 2023 की शुरुआत से दिखाई देने लगेगा. हालात इतने भयानक हो सकते हैं कि हर महीने करीब पौने 2 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं. बैंक ऑफ अमेरिका के अनुसार फेड रिजर्व जिस आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है, उससे जल्दी ही हर सामान की डिमांड घट सकती है.

सबसे पहले गैर-कृषि क्षेत्रों में होगी छंटनी!

बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेशकों पर क्या होगा असर अक्टूबर-दिसंबर यानी मौजूदा तिमाही में जॉब ग्रोथ घटकर आधी रह सकती है. इसके बाद 2023 की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च में महंगाई को रोकने के लिए जारी फेड रिजर्व की ब्याज दरों को बढ़ाने समेत दूसरी मुहिम के नतीजे आने शुरु हो जाएंगे. इसके असर से 2023 की शुरुआत में गौर कृषि क्षेत्रों की नौकरियों पर संकट मंडरा सकता है. इससे पहली तिमाही में कुल सवा 5 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं. यही नहीं ये सिलसिला 2023 में पूरे साल जारी रहने की भी आशंका है. यानी करीब 21 लाख लोग 2023 में अपनी नौकरियां गंवा सकते हैं.

मंदी से डर नहीं महंगाई रोकना प्राथमिकता

अमेरिका में अगर 40 साल की सबसे ज्यादा महंगाई है तो फिर इसे कंट्रोल करने के लिए फेड रिजर्व ने भी ब्याज दरों को बीते चार दशक में सबसे तेजी से बढ़ाया है. फेड रिजर्व के मुताबिक फिलहाल उनका टारगेट महंगाई को कंट्रोल करना है. इसके असर से अर्थव्यवस्था के मंदी में आने का जोखिम भी लेना मजबूरी है.

बैंक ऑफ अमेरिका में यूएस इकनॉमिक्स के हेड माइकल गैपन के मुताबिक लेबर मार्केट में 6 महीनों तक कमजोरी बनी रह सकती है. लेकिन ये कमजोरी 2008 या हाल में कोरोना के दौरान 2020 में बढ़ी बेरोजगारी दर जैसी नहीं होगी. अगर अभी बेरोजगारी दर से 5.5 फीसदी तक पहुंचने की आशंका है तो इसकी तुलना अप्रैल 2020 से करने पर डर का साया कुछ कम हो जाएगा. क्योंकि ढाई साल पहले अप्रैल 2020 में अमेरिका में बेरोजगारी दर 15 फीसदी पर पहुंच गई थी.

Cryptocurrency पर GST लगाने की तैयारी में सरकार, जानें-क्या होगा निवेशकों पर असर, कितना लगेगा टेक्स?

Cryptocurrency पर GST लगाने की तैयारी में सरकार, जानें-क्या होगा निवेशकों पर असर, कितना लगेगा टेक्स?

सरकार अब क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को भी वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। सरकार जीएसटी कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत करने पर काम कर रही है, ताकि लेनदेन के पूरे मूल्य पर टैक्स लगाया जा सके। फिलहाल सिर्फ क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा दी जाने वाली सेवा पर 18 फीसद जीएसटी लगाया जाता है। इसे वित्तीय सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। जीएसटी अधिकारियों का विचार है कि क्रिप्टो किसी लॉटरी, कैसीनो, सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़ के समान हैं, जिनके पूरे मूल्य पर 28 फीसद जीएसटी लागू है। इसके अलावा सोने के मामले में पूरे लेनदेन मूल्य पर तीन फीसदी जीएसटी लगाया जाता है।

क्या पूरे लेनदेन पर लगेगा GST?
एक अधिकारी ने कहा, “क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने के संबंध में स्पष्टता जरूरी है और हम विचार कर रहे हैं कि क्या इसे पूरे मूल्य पर लगाया जाना चाहिए, और क्या क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।” एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी के पूरे लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाता है, तो यह दर 0.1 से एक फीसद के बीच हो सकती है।

शुरुआती चरण में है दरों पर चर्चा
अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, “टैक्स की दर पर चर्चा शुरुआती चरण में है, चाहे यह 0.1 फीसद हो या एक फीसद। पहले वर्गीकरण पर निर्णय को अंतिम रूप देना होगा और फिर दर पर चर्चा की जाएगी।”

बरतनी होगी बड़ी सावधानी
जीएसटी कानून क्रिप्टोकरेंसी के वर्गीकरण के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताता है और ऐसी वर्चुअल डिजिटल मुद्राओं को विनियमित करने के लिए कानून के अभाव में वर्गीकरण करते समय यह भी ध्यान रखना होगा कि कानूनी ढांचा इसे अनुयोज्य दावे के रूप में वर्गीकृत करता है या नहीं। अनुयोज्य दावा एक ऐसा दावा है, जो न्यायालय में कार्रवाई के योग्य हो।

अलग कानून पर काम कर रही सरकार
आम बजट 2022-23 में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में कुछ स्पष्टता लाई गई है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए अलग से एक कानून पर काम कर रही है, लेकिन अभी तक कोई मसौदा सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है।

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