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आवर्स ट्रेडिंग क्या है?

आवर्स ट्रेडिंग क्या है?
Photo:INDIA TV Gold ETF vs sovereign gold bond

ईडीआई समर्थन और डेटा मानचित्रण

यही कारण है कि Aptude 24/7/365 EDI सपोर्ट प्रदान करता है। चाहे आपके पास 1 साथी या 1,000+ हो, आप वास्तविक समय, स्प्लिट-सेकंड ईडीआई प्राप्त कर सकते हैं जो आपको तेजी से आगे बढ़ते रहने की आवश्यकता है। EDI के सही ढंग से काम करने के लिए, आवर्स ट्रेडिंग क्या है? कई चीजें हैं जो सही समय पर सही क्रम में होनी चाहिए। यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई अलग-अलग डेटा स्रोतों से पूर्ण विभाजन-दूसरे समय की आवश्यकता होती है। इसलिए हम वास्तविक समय में अपने ग्राहकों के लिए सभी ईडीआई लेनदेन की निगरानी करते हैं, किसी भी अनुवाद त्रुटियों का तुरंत जवाब देते हैं, और ईडीआई सिस्टम को हिट करने से पहले कई अनुवाद त्रुटियों के लिए स्थायी समाधान डालते हैं।

अपने ईडीआई प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में आप्ट्यूड के साथ, आप…

  • अपने आदेशों का तुरंत जवाब देने और 24/7/365 को तुरंत हल करने के लिए मन की शांति का अनुभव करें
  • पहचानें कि अनुवाद त्रुटियां क्यों होती हैं - और उन्हें दीर्घकालिक रूप से ठीक करने में विशेषज्ञ सहायता प्राप्त करें
  • कभी-कभी बदलते विक्रेता और भागीदार आवश्यकताओं पर अद्यतित रहें
  • सुनिश्चित करें कि आपका आवेदन महीने दर महीने बना रहे, इसलिए कोड कभी आउट ऑफ डेट न हो या पीक आवर्स के दौरान काम करना बंद कर दे
  • नए ट्रेडिंग साझेदारों को जल्दी से जहाज पर, कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके मौजूदा सॉफ़्टवेयर सेटअप कितने क्लिंकी हैं
  • मांग और बजट के आवर्स ट्रेडिंग क्या है? आधार पर अपनी ईडीआई टीम को ऊपर या नीचे रखें
  • नियमित रूप से प्रति दिन कई बार स्वास्थ्य जांच के मुद्दों के लिए अपने सिस्टम की निगरानी करें, न कि आपदा की प्रतीक्षा करने और बड़े पैमाने पर मंदी का कारण बनने के बजाय

Aptude's EDI सेवा कैटलॉग

- B2B SI सर्वर एडमिनिस्ट्रेशन, माइग्रेशन, और अपग्रेड
- ट्रेडिंग पार्टनर्स प्रबंधित करें
- FTP, SFTP, AS2 और VAN लिफाफा निर्माण, मानचित्र विकास, मेलबॉक्स निर्माण जैसे संचार सेटअपों का अंत
- AS2 संदेशों का आदान-प्रदान - AS2 एन्कोडिंग और AS2 डिकोडिंग
- ट्रेडिंग पार्टनर्स को बैचों में ईडीआई संदेश भेजें और प्राप्त करें
- फ्लैट फाइल, एक्सएमएल आदि की प्रोसेसिंग करना।
- XML ​​ट्रांसफ़ॉर्म के लिए मैप्स जोड़ना
- परीक्षण, तैनाती और निगरानी

आईबीएम ईकामर्स - व्यापार के लिए खुला

एक ऑनलाइन कैटलॉग और एक शॉपिंग कार्ट से अधिक, आपको आवश्यक ई-कॉमर्स सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होती है जो सभी टचपॉइंटों पर एक सहज, क्रॉस-चैनल, मल्टी-टियर शॉपिंग अनुभव प्रदान करता है। कुछ आसानी से उपलब्ध विकल्पों के साथ, सही को चुनना मुश्किल हो सकता है। Shopify, Big Commerce, WooCommerce और Drupal सभी में अद्वितीय बुनियादी क्षमताएं हैं। यदि आप पूरी तरह से व्यापक समाधान चाहते हैं, तो आईबीएम वेबस्फेयर कॉमर्स एक ई-कॉमर्स कार्यान्वयन के माध्यम से बी 2 सी, बी 2 बी, और बी 2 सी सहित सभी विक्रय व्यवसाय मॉडल का समर्थन करता है।

आईबीएम से ईकॉमर्स सॉफ्टवेयर व्यक्तिगत, सुरुचिपूर्ण और निर्बाध खरीदारी का अनुभव प्रदान करता है, चाहे आपके ग्राहक वेब, मोबाइल उपकरणों, सोशल मीडिया, कॉल सेंटर या इन-स्टोर टचपॉइंट के माध्यम से बातचीत करते हों।

जद एडवर्ड्स विकास और सहायता

एक ठोस टीम होना जरूरी है जो जेडी एडवर्ड्स सॉफ्टवेयर को अंदर-बाहर समझे। हमारी जानकार टीम आपके मौजूदा कर्मचारियों को उच्च स्तर की वृद्धि प्रदान कर सकती है। हम आवश्यकतानुसार सहायता के लिए सहायता समाधान भी प्रदान करते हैं, जो आपके वरिष्ठ आईटी कर्मचारियों को दिन-प्रतिदिन के रखरखाव मुद्दों के भारी बोझ से मुक्त कर सकता है। आपकी टीम अंततः नई परियोजनाओं और नए अनुप्रयोग विकास में भाग ले सकती है, जबकि हमारे तकनीकी कर्मचारी रक्षा प्रणाली की समस्या का निवारण करते हैं।

जेडी एडवर्ड्स आपके संगठन को एक डिजिटल अर्थव्यवस्था में नया करने का अधिकार देता है। अपने संगठनों के वांछित व्यावसायिक परिणामों को प्राप्त करने के लिए उत्तोलन स्वचालन, डेटा-निर्देशित निर्णय लेने और डिजिटल उत्पादों या सेवाओं।

24/7/365 ईडीआई समर्थन

आप्ट्यूड की निगरानी और समर्थन आपको होने से पहले समस्याओं का पूर्वानुमान और निवारण करने की शक्ति देता है। एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठना चाहिए, Aptude अपनी टीम को बढ़ाने के लिए, मुद्दों को जल्दी और कुशलता से हल करने के लिए है। हम आपकी तकनीक और आवश्यक समर्थन स्तर के आधार पर सेवा के विभिन्न स्तरों की पेशकश करते हैं।

मैपिंग डोन राइट

ईडीआई / एसआई सिस्टम और डेटाबेस को बेहतर बनाने के लिए हमारे पास प्रदर्शन को बेहतर बनाने की विशेषज्ञता है। हमारी टीम यह सुनिश्चित करेगी कि क्या यह ग्राहक से इनबाउंड 204 ऑर्डर है या एक आउटगोइंग 210 चालान है, यह समय पर संसाधित हो जाता है और लेनदेन चक्र पूरा करने के लिए पावती वापस भेज दी जाती है।

Gold ETF बेहतर या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, निवेश से पहले ये जानकारी आएगी बहुत काम

Gold ETF बेहतर या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, निवेश से पहले ये जानकारी आएगी बहुत काम Gold ETF is better or sovereign gold bond know very useful information before investing

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: August 18, 2022 16:46 IST

Gold ETF vs sovereign gold bond - India TV Hindi

Photo:INDIA TV Gold ETF vs sovereign gold bond

Gold ETF और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लेकर निवेशकों में हमेशा कनफ्यूजन की स्थिति होती है। एक बार फिर से RBI आवर्स ट्रेडिंग क्या है? सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की दूसरी सीरीज 22 अगस्त से शुरू करने जा रहा है। इसमें निवेशक 26 अगस्त तक निवेश कर पाएंगे। अब सवाल उठता है कि गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना बेहतर होगा या सॉवरेन बॉन्ड? अगर आपके मन में भी यह सवाल हैं तो हम उसका पूरा समाधान यहां दे रहे हैं।

दोनों उत्पाद में निवेश की सीमा

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ, दोनो में निवेशकों प्रति 1 ग्राम गोल्ड की कीमत से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। वहीं, गोल्ड ईटीएफ में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। यानी आप अपनी मर्जी के अनुसार निवेश कर सकते हैं, जबकि सॉवरेन बॉन्ड में एक व्यक्ति एक वित्त वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर ही निवेश कर सकता है।

किसे खरीदना-बेचना आसान

गोल्ड ईटीएफ को आप स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कैश ट्रेडिंग के लिए निर्धारित समय के दौरान कभी भी खरीद या बेच सकते हैं। लेकिन सॉवरे गोल्ड बॉन्ड सरकार की तरफ से आरबीआई समय-समय पर जारी करती है। ऐसे में जब चाहें इसे बेच नहीं सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड आठ वर्ष की है। लेकिन पांचवें, छठे और सातवें वर्ष में बॉन्ड को बेचने का विकल्प यानी एग्जिट ऑप्शन है। वहीं, डीमैट फॉर्म में इस बॉन्ड को लेने वाले इसे स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग आवर्स के दौरान कभी भी बेच सकते हैं। ऐसे में अगर आप वैसे निवेशक हैं जो कभी भी अपना पैसा निकालने में यकीन रखते हैं तो आपके लिए गोल्ड ईटीएफ बेहतर होगा।

डीमैट अकाउंट की जरूरत?

गोल्ड ईटीएफ के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। वहीं, साॅवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी नहीं है। हां, अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको बॉन्ड को डीमैट फॉर्म में लेना होगा, जिसके लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है। सबस्क्रिप्शन के दौरान ही आपको सॉवरिन बॉन्ड फिजिकल फॉर्म (सर्टिफिकेट) के अतिरिक्त डीमैट फार्म में भी लेने का विकल्प मिलता है।

निवेश पर किसमें ज्यादा जोखिम

साॅवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार की तरफ से आरबीआई जारी करती है। इसलिए इसमें आवर्स ट्रेडिंग क्या है? डिफॉल्ट का कोई जोखिम नहीं है। वहीं, गोल्ड ईटीएफ म्यूचुअल फंड हाउस कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है। ऐसे में इसमें डिफॉल्ट का खतरा होता है लेकिन वह काफी कम होता है।

किस पर कितना ब्याज

साॅवरेन बॉन्ड पर 2.5 फीसदी की दर से सालाना ब्याज मिलता है। यह हर 6 महीने में देय होता है। अंतिम ब्याज मैच्योरिटी पर मूलधन के आवर्स ट्रेडिंग क्या है? साथ दिया जाता है। ब्याज की रकम टैक्सेबल होती है। वहीं, गोल्ड ईटीएफ पर आपको कुछ भी ब्याज नहीं मिलता। यानी आप ब्याज से इनकम चाहते हैं और सोने की आवर्स ट्रेडिंग क्या है? बढ़ी कीमत का लाभ तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक बेहतर उत्पाद है।

ब्रोकरेज चार्ज

गोल्ड ईटीएफ मैनेज करने के एवज में म्यूचुअल फंड हाउस निवेशक से टोटल एक्सपेंस रेश्यो (टीईआर) चार्ज वसूलते हैं। जब भी आप यूनिट खरीदते या बेचते हो ब्रोकर को ब्रोकरेज चार्ज देना होता है। जबकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इस तरह का कोई अतिरिक्त एक्सपेंस नहीं है। हां, अगर आप सॉवरिन बॉन्ड को एक्सचेंज पर खरीदोगे या बेचोगे तो आपको ब्रोकरेज चार्ज देना होगा। जरूरत पड़ने पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के एवज में बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। वहीं, गोल्ड ईटीएफ पर यह सुविधा नहीं है।

टैक्स का बोझ

अगर सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी के बाद रिडीम करते हैं तो आपको रिटर्न पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन गोल्ड ईटीएफ पर इस तरह का टैक्स बेनिफिट नहीं है। गोल्ड ईटीएफ पर टैक्स डेट फंड की तरह लगता है। अगर तरलता की बात करें तो गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज पर कभी भी खरीदा बेचा जा सकता है। मतलब लिक्विडिटी की समस्या यहां नहीं है। लेकिन सॉवरेन बॉन्ड को कम से कम 5 साल के बाद ही रिडीम किया आवर्स ट्रेडिंग क्या है? जा सकता है। लेकिन मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने पर टैक्स बेनिफिट से हाथ धोना पड़ेगा।

निवेशक नए हों या पुराने, फाइनेंशियल पोर्टफोलियो बनाते समय जरूर ध्यान रखें ये 5 बातें

Investment Tips: वित्तीय सलाहकार प्रत्येक एसेट क्लास के रिस्क रिटर्न प्रोफाइल और निवेशक के लक्ष्य व रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखते हैं.

निवेशक नए हों या पुराने, फाइनेंशियल पोर्टफोलियो बनाते समय जरूर ध्यान रखें ये 5 बातें

निवेश संबंधी पोर्टफोलियो बनाने के जरूरी ​प्वाइंट

जब भी कोई निवेशक अपना फाइनेंशियल पोर्टफोलियो बनाने की बात करता है, तब फाइनेंशियल एक्सपर्ट और मार्केट एक्सपर्ट हमेशा रिस्क को कम रखने की सलाह देते हैं. निवेशक पुराने हों या नए, लोग निवेश करने के लिए सबसे बेहतर विकल्प को लेकर असमंजस में रहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हर निवेश विकल्प का एक अलग रिस्क रिटर्न प्रोफाइल है. ऐसे में निवेश को लेकर पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन एक अनिवार्य पहलू है. आमतौर पर वित्तीय सलाहकार हरेक एसेट क्लास के रिस्क रिटर्न प्रोफाइल और निवेशक के लक्ष्य और रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखते हैं. निवेशक के रिस्क प्रोफाइल के आधार पर वित्तीय सलाहकार कम जोखिम में अधिक रिटर्न के उद्देश्य से एक असेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी की सलाह देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि निवेश अपना फाइनेंशियल पोर्टफोलियो बनाते समय कुछ अहम बातों को ध्यान में रखे, जिससे कि निवेश के लक्ष्य को हासिल किया जा सकते है. आइए जानते हैं 5 अहम बातें….

घरेलू इक्विटी में निवेश करना

घरेलू इक्विटी एक फाइनेंशियल असेट है, जिससे अमूमन हम सभी वाकिफ रहते हैं. क्योंकि शेयर बाजार सूचकांक और उन पर लिस्टेड कंपनियों की कारोबारी और आर्थिक गतिविधियों की जानकारी न्यूज पब्लिकेशंस के जरिए मिलती रहती हैं. आमतौर पर निवेशक ट्रेडिंग आवर्स में शेयरों को खरीद-बिक्री के लिए डायरेक्ट इक्विटी को चुनते हैं. इसी तरह, म्यूचुअल फंड के माध्यम से भी निवेश किया जा सकता है, जो लंबी अवधि में रिटर्न प्रदान करता है. म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करना आमतौर पर एक सुरक्षित दांव माना जाता है क्योंकि दिए गए सीधे इक्विटी की तुलना में यह माना जाता है कि फंड आमतौर पर 25-50 शेयरों की एक टोकरी में निवेश करते हैं जो जोखिम को कम करते हैं. साथ ही फंड का प्रबंधन एक पेशेवर फंड मैनेजर करता है.

फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज

ऐसे निवेशक जो ज्यादा जोखिम वाले विकल्पों में निवेश नहीं करना चाहते हैं, उनके लिए निश्चित आय का विकल्प बेहतर साबित हो सकता है. फिक्स्ड ब्याज दरें इक्विटी की तुलना में अधिक अनुमानित रिटर्न सुनिश्चित करती हैं. निश्चित आय वाले निवेशकों के पास सरकार और कॉरपोरेट बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट, फिक्स्ड इनकम म्यूचुअल फंड आदि चुनने के लिए कई विकल्प हैं. कॉरपोरेट बॉन्ड के मामले में, सुरक्षित बॉन्डहोल्डर्स को अन्य शेयरधारकों के मुकाबले कंपनी के बैंकरप्ट होने पर पहले भुगतान करना होता है. सरकारी बॉन्ड के माध्यम से निवेश में विविधता लाना फायदेमंद और विश्वसनीय हो सकता है, क्योंकि उनकी सॉवरेट गारंटी होती हैं और डिफॉल्ट रूप से जोखिम लगभग नकारात्मक होता है.

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अनिश्चितता में सोने का निवेश

सुरक्षित एसेट क्लास के रूप में सोना हमेशा आवर्स ट्रेडिंग क्या है? भारतीय निवेशकों को आकर्षित करता रहा है. सोना खरीदने की पुरानी परंपरा आज भी जारी है. कई परिवार पीढ़ियों से सोने की संपत्ति को बनाए रखते हैं. दिलचस्प है कि समय के साथ कीमती धातुओं में निवेश के विकल्प बढ़ गए हैं. अब हमारे पास गोल्ड बांड के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप में गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ, सोने के सिक्के, बार, आदि में निवेश का विकल्प है. गोल्ड ईटीएफ का अब डिजिटल पेमेंट गेटवे पर भी कारोबार किया जा रहा है और वे शुद्धता का वही मूल्य रखते हैं जो सोने का शुद्ध रूप है. इसके अलावा, शुरुआत के लिए सोने के एक ग्राम से भी कम का व्यापार कर सकते हैं. सोना महंगाई के खिलाफ एक सेफ्टी के रूप में कार्य करता है आवर्स ट्रेडिंग क्या है? और वैश्विक आर्थिक संकट या वर्तमान कोविड-19 महामारी जैसी आर्थिक अनिश्चितताओं के समय में एक विकल्प माना जाता है.

अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश

यह सामान्य ज्ञान है कि अमेरिका में नैस्डैक 100, एनवायएसई, डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज आदि जैसे सूचकांकों डायवर्सिफिकेशन का अवसर रहता है. साथ ही साथ भारतीय सूचकांकों की तुलना में समान या बेहतर रिटर्न प्रदान करते हैं. उदाहरण के लिए, यदि हम डाउ जोन्स और बीएसई सेंसेक्स की तुलना 2010 से 2020 तक की अवधि में करते हैं, तो डाउ जोन्स ने 196% का रिटर्न दिया, जबकि बीएसई सेंसेक्स ने इस अवधि में 150% का रिटर्न दिया. हालांकि, आम तौर पर औसत भारतीय निवेशक के लिए पहुंच से बाहर टॉप शेयरों के बारे में सवाल उठते रहे हैं. ऐसी स्थिति में रिटेल निवेशकों के लिए भी फ्रेक्शनल ट्रेडिंग एक विकल्प है, जिसमें, एक निवेशक एक शेयर के कुछ हिस्से का मालिक हो सकता है. आरबीआई की ओर से निर्धारित $250,आवर्स ट्रेडिंग क्या है? 000 की ऊपरी सीमा के साथ 1 डॉलर और उससे अधिक निवेश करके वह यह कर सकता है.

सुरक्षित भविष्य के लिए बीमा जरूरी

वित्तीय पोर्टफोलियो के प्रबंधन की जब भी बात होती है उसमें बीमा में निवेश करना सबसे सुरक्षित दांव में से एक है. किसी भी अप्रिय घटना या जान के लिए खतरा होने वाले स्वास्थ्य रोगों से सुरक्षित रूप से निपटा जा सकता है, क्योंकि बीमा लोगों को उच्च चिकित्सा खर्चों से बचाता है. टैक्स के संदर्भ में भी बीमा में निवेश एक वरदान हो सकता है, क्योंकि उनसे होने वाले लाभ पर टैक्स नहीं लगता है. बीमा या स्वास्थ्य बीमा, दीर्घकाल में व्यक्ति और उसके परिवार दोनों के लिए मददगार होता है, क्योंकि आजीविका के लिए इसे पूरा किया जाता है. इसके अलावा, विभिन्न इंश्योरेंस सर्विस प्रोवाइडर की ओर से कई योजनाएं पेश की जाती हैं, और समय के साथ काम करने वाले पेशेवरों के लिए मासिक प्रीमियम अक्सर सस्ता होता है.

(लेख: ज्योति रॉय- डीवीपी- इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट, एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड)

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Investment Tips : धनतेरस पर यहां लगाएं पैसा, बाजार भी देगा सोने जैसा भरोसा

News18 हिंदी लोगो

News18 हिंदी 22-10-2022 News18 Hindi

© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "Investment Tips : धनतेरस पर यहां लगाएं पैसा, बाजार भी देगा सोने जैसा भरोसा"

नई दिल्‍ली. शुभ अवसरों पर सोना खरीदना हमेशा से भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है और इस फेस्टिव सीजन में लोगों ने सोने के गहने खरीदने की तैयारी कर ली है. एक निवेशक के रूप में आप कई प्रकार के सोने के प्रोडक्ट खरीदकर इसमें निवेश कर सकते हैं. बदलते माहौल के साथ फिजिकल सोने में पैसे लगाने से ज्‍यादा बेहतर ऑप्‍शन आवर्स ट्रेडिंग क्या है? बन रहा है गोल्‍ड ईटीएफ. इसमें आपको सोने जैसा खरा भरोसा मिलता है तो शेयर बाजार का बंपर रिटर्न भी रहता है.

दरअसल, गोल्ड ईटीएफ भी आपके पैसों को फिजिकल गोल्ड में निवेश करते हैं और इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स की तरह रखा जाता है, जो एक डीमैट खाते में जमा रहते हैं. गोल्ड ईटीएफ की प्रत्येक यूनिट बहुत आवर्स ट्रेडिंग क्या है? उच्च शुद्धता (high purity) के फिजिकल गोल्ड जैसी होती है. हर दूसरे ईटीएफ की तरह, गोल्ड ईटीएफ की भी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है. इसलिए, कोई भी व्यक्ति किसी भी समय गोल्ड ईटीएफ को आसानी से खरीद और बेच सकता है. तो, इस दिवाली आप भी गोल्‍ड ईटीएफ में पैसे लगाकर दोहरा लाभ कमाने का मौका बना सकते हैं.

गोल्ड ईटीएफ की खूबियां

छोटी मात्रा में निवेश : निवेशक गोल्ड ईटीएफ में कम से कम 45 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं, जो कि (20 अक्टूबर, 2022 तक) आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ की 1 यूनिट की कीमत है. ऐसे में देखा जाए तो एक निवेशक को गोल्‍ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए बड़ी रकम की जरूरत नहीं है, जबकि फिज़िकल सोना खरीदने के लिए ज्‍यादा पैसे चाहिए.

अफोर्डेबिलिटी : फिज़िकल सोने की खरीद, स्टोरेज और बीमा की तुलना में ईटीएफ में निवेश की लागत बहुत कम है.

विश्वसनीयता : गोल्ड ईटीएफ का लक्ष्य 99.5% शुद्धता या इससे अधिक शुद्धता वाला सोना खरीदना है, जिससे ग्राहक किसी भी तरह की मिलावट से बचे रहते हैं.

कम खर्च : फिज़िकल सोने के निवेश की तुलना में ईटीएफ गोल्ड से जुड़े खर्च काफी कम हैं, क्योंकि इसमें कोई मेकिंग चार्ज नहीं रहता. उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ का एक्सपेन्स रेशियो 0.5% है जो गोल्ड ईटीएफ में सबसे सस्ता है.

लिक्विडिटी : गोल्ड ईटीएफ को किसी भी समय एक्सचेंज पर रीयल टाइम एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) पर ट्रेडिंग आवर्स के दौरान 1 यूनिट से बेचा (liquidated) जा सकता है. नतीजतन, यह आभूषणों, सिक्कों या बारों को बेचने की तुलना में अधिक आसान है.

कोलेटरल : ईटीएफ लोन के लिए कोलेटरल के रूप में स्वीकार किए जाते हैं, तो आपको जब भी इमरजेंसी में पैसे की जरूरत हो आप ईटीएफ के जरिये लोन ले सकते हैं.

टैक्स की बचत : गोल्ड ईटीएफ को यदि 3 साल से अधिक समय तक रखा जाता है तो इससे अर्जित आय को लॉंग टर्म कैपिटल गेन के रूप में माना जाता है. यह सोना रखने के लिए एक टैक्स बचाने का कुशल तरीका है.

डाइवर्सिटी : किसी के पोर्टफोलियो में विविधता (diversification) लाने के लिए एक टूल के रूप में गोल्‍ड ईटीएफ को भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

ये जानकारी है जरूरी

ईटीएफ की कीमतें फिज़िकल गोल्ड की कीमतों की तरह बढ़ती या घटती हैं. नतीजतन, गोल्ड ईटीएफ को सोने की कीमत से लाभ उठाने के लिए एक टूल के रूप में उपयोग किया जाता है. यानी निवेशक वास्तविक संपत्ति खरीदे बिना सोने में निवेश के लाभ हासिल कर सकते हैं. इसे बेचने (redemption) पर निवेशक को नकद प्राप्त होता है न कि फिज़िकल गोल्ड. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते समय, एक निवेशक के पास सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश करने या एकमुश्त निवेश का विकल्प होता है.

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