उपयोगी लेख

ट्रेडर कौन होते है?

ट्रेडर कौन होते है?

Twitter Virtual Jail: गलत ट्वीट करने पर अब ट्विटर यूजर्स को जाना पड़ सकता है जेल, जानें क्या है मामला

Twitter New ट्रेडर कौन होते है? Feature: अगर कोई ट्विटर यूजर, ट्विटर की पालिसी का उलंघन करता पाया जाता है. तो ट्विटर की तरफ से उसकी प्रोफाइल पिक्चर पर जेल का आइकॉन बन जायेगा. जिसके बाद वह यूजर कोई ट्वीट नहीं कर पायेगा.

By: ABP Live | Updated at : 26 Nov 2022 06:09 AM (IST)

ट्विटर वर्चुअल जेल.

Twitter jail: ट्विटर के नए मुखिया एलन मस्क के ट्विटर के सीईओ बनने के बाद से, एक के बाद एक बदलाव करते चले जा रहे हैं. मस्क अभी तक कंपनी के स्टाफ में 50% तक की कमीं कर चुके हैं. साथ ही साथ वह ट्विटर में कुछ नए फीचर भी जोड़ रहे हैं. ऐसी उम्मीद की जा रही है, कि मस्क ट्विटर पर गलत और भड़काऊ ट्वीट करने वालो के लिए वर्चुअल जेल का फीचर ला सकते हैं. आइये बताते हैं कैसी होगी वर्चुअल जेल.

वर्चुअल जेल

दरअसल, वर्चुअल जेल का आईडिया एक यूजर ने एलन मस्क को दिया है. जिस पर एलन ने हामी भरी है. अगर कोई ट्विटर यूजर, ट्विटर की पॉलिसी का उल्लंघन करता पाया जाता है. तो ट्विटर की तरफ से उसकी प्रोफाइल पिक्चर पर जेल का आइकॉन बन जायेगा. जिसके बाद वह यूजर कोई ट्वीट नहीं कर पायेगा. न ही किसी की पोस्ट पर लाइक और कमेंट कर पायेगा. साथ ही यूजर को ये भी बताया जायेगा, कि अकाउंट को जेल से कब फ्री किया जायेगा. अगर ऐसा वर्चुअल फीचर आता है तो. अभी यह केवल एक ट्विटर यूजर की तरफ से सुझाव है. जिसके लिए एलन मस्क ने हामी भर दी है.

ट्विटर पर भी क्रिएटर्स को मिलेगा रेवेन्यू

News Reels

ट्विटर पर डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या ज्यादा है. इसे देखते हुए ही एलन मस्क ने इस पर भी यूट्यूब जैसी वीडियो सर्विस शुरू करने के संकेत दिए हैं. जिस पर क्रिएटर्स अच्छी-अच्छी वीडियो देखने को मिलेंगी और इसके बदले क्रिएटर्स को अच्छा खासा रेवेन्यू भी दिया जायेगा. एलन मस्क की अगुआई वाले ट्विटर में फर्ज़ीवाड़े को रोकने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है. खुद एलन मस्क फर्जीवाड़े को लेकर सख्त रुख रखते हैं और इसी को रोकने के लिए मस्क ने ट्विटर की ब्लू टिक पालिसी में भी बदलाव कर डाला.

Published at : 26 Nov 2022 06:05 AM (IST) Tags: Technology Tech news Twitter Jail हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Technology News in Hindi

पुट ऑप्शन – पुट ऑप्शन की खरीद, बिक्री, फॉर्मूला और ट्रेडिंग

आइए हम पुट ऑप्शन के बेसिक्स पर चर्चा करते हैं और फिर हम पुट ऑप्शन प्रीमियम और ट्रेडिंग के लिए आगे बढ़ेंगे:

Put Options क्या है?

पुट ऑप्शन एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट है जो खरीदार को अधिकार देता है, लेकिन अंडरलाइंग एसेट को एक विशेष प्राइस, जिसे स्ट्राइक प्राइस के रूप में भी जाना जाता है, पर बेचने की बाध्यता नहीं देता है׀

पुट ऑप्शन को कई अंडरलाइंग एसेट्स जैसे स्टॉक, करेंसी, और कमोडिटी पर भी ट्रेड किया जा सकता है।

वे एक विशेष प्राइस से नीचे के एसेट की प्राइस में गिरावट के खिलाफ हमारे ट्रेडों की रक्षा करने में हमारी सहायता करते हैं׀

प्रत्येक पुट कॉन्ट्रैक्ट में अंडरलाइंग सिक्योरिटी के 100 शेयर शामिल होते हैं।

ट्रेडर्स को पुट खरीदने या बेचने के लिए अंडरलाइंग एसेट का मालिक होना आवश्यक नहीं है।

एक निश्चित पीरियड में, किसी विशेष प्राइस पर एसेट बेचने के लिए, पुट खरीदार के पास अधिकार है, लेकिन बाध्यता नहीं।

जबकि, विक्रेता के पास स्ट्राइक प्राइस पर एसेट खरीदने की बाध्यता होती है यदि ऑप्शन के मालिक ने उनके पुट ऑप्शन का उपयोग किया है।

Put Options खरीदने से क्या तात्पर्य है?

पुट खरीदी पुट ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए सबसे सरल तरीकों में से एक है।

जब ऑप्शन ट्रेडर के पास किसी विशेष स्टॉक पर बेयरिश व्यू होता है, तो वह एसेट की प्राइस में गिरावट से प्रॉफिट के लिए पुट ऑप्शन की खरीदी कर सकता है।

प्रॉफिट कमाने की इस स्ट्रेटेजी के लिए एसेट का प्राइस एक्सपायरेशन डेट से पहले पुट ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस से नीचे मूव करनी चाहिए।

उदाहरण:

मान लीजिए कि शेयर 4900 रूपये पर ट्रेड कर रहा है और एक महीने के समय में एक्सपायर होने वाला 70 रूपये की स्ट्राइक प्राइस के साथ पुट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट है।

आप उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले सप्ताहों में उनकी अर्निंग रिपोर्ट के बाद स्टॉक की प्राइस में तेजी से गिरावट आएगी।

दिए गए उदाहरणों का पे-ऑफ चित्र नीचे दिए गए चित्र जैसा होगा:

अगर कीमतें उम्मीद के अनुसार गिरती हैं तो हम अनलिमिटेड प्रॉफिट कमा सकते हैं।

लेकिन अगर हमारा ट्रेड हमारी उम्मीदों के अनुसार नहीं होता है, तो हमारा लॉस केवल प्रीमियम प्राइस तक लिमिटेड होगा जिसका हमने भुगतान किया था।

आप Elearnoptions का उपयोग करके लॉन्ग पुट ऑप्शन स्ट्रेटेजीज का अभ्यास कर सकते हैं׀

पुट ऑप्शन बेचने से क्या तात्पर्य है?

पुट विक्रेता ऑप्शन के लिए प्राप्त प्रीमियम से लाभ के लिए वैल्यू गंवाने की उम्मीद के साथ ऑप्शन बेचते हैं।

एक बार जब पुट एक खरीदार को बेच दिया जाता है, तो विक्रेता को स्ट्राइक प्राइस पर अंडरलाइंग एसेट को खरीदने की बाध्यता होती है, यदि ऑप्शन का प्रयोग किया जाता है।

लाभ कमाने के लिए स्टॉक प्राइस को स्ट्राइक प्राइस से ऊपर होना चाहिए।

यदि एक्सपायरेशन डेट से पहले अंडरलाइंग स्टॉक की कीमत स्ट्राइक प्राइस से कम हो जाती है, तो खरीदार को बिक्री करने पर प्रॉफिट होता है।

खरीदार को पुट बेचने का अधिकार है, जबकि विक्रेता को इसके लिए बाध्यता है और वह स्पेसिफिक स्ट्राइक प्राइस पर पुट खरीदता है।

हालांकि, यदि पुट स्ट्राइक प्राइस से ऊपर है, तो खरीदार नुकसान उठाने के लिए खड़ा होता है।

उपरोक्त चित्र से हम यह कह सकते हैं कि प्रॉफिट प्रीमियम तक लिमिटेड है जबकि यदि प्राइस हमारी अपेक्षा के विपरीत मूव करते हैं तो हमें अनलिमिटेड लॉस हो सकता है।

पुट ऑप्शन फार्मूला:

यदि आप पुट ऑप्शन की वैल्यू की गणना करना चाहते हैं, तो हमें 2 पैरामीटर की आवश्यकता होगी:

• एक्सरसाइज प्राइस
• अंडरलाइंग एसेट की करंट मार्केट प्राइस

यदि ऑप्शन का उपयोग किया जाता है, तो हम नीचे दिए गए सूत्र द्वारा, पुट ऑप्शन की वैल्यू का पता लगा सकते हैं:

वैल्यू= एक्सरसाइज प्राइस – अंडरलाइंग एसेट की मार्केट प्राइस

यदि ऑप्शन का उपयोग नहीं किया जाता, तो इसकी कोई वैल्यू नहीं होती हैं׀

पुट ऑप्शन प्रीमियम:

पुट ऑप्शन प्रीमियम की गणना करने के लिए, आपको आवश्यकता होगी:

• इन्ट्रिन्सिक वैल्यू
• टाइम वैल्यू

इन्ट्रिन्सिक वैल्यू की गणना करने के लिए, आपको अंडरलाइंग स्टॉक के करंट मार्केट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस की आवश्यकता होती है।

इन दोनों के बीच अंतर को इन्ट्रिन्सिक वैल्यू के रूप में जाना जाता है।

टाइम वैल्यू इस बात पर निर्भर करती है कि करंट डेट से एक्सपायरेशन डेट कितनी दूर है। साथ ही, वोलेटाइलिटी जितनी अधिक होगी, टाइम वैल्यू भी उतनी ही अधिक होगी׀

Put Options ट्रेडिंग:

एक पुट ऑप्शन का उपयोग स्पेकुलेशन, इंकम जनरेशन और टैक्स मैनेजमेंट के लिए किया जा सकता है:

1. स्पेकुलेशन:

पुट ऑप्शन का व्यापक रूप से ट्रेडर द्वारा तब उपयोग किया जाता है जब अंडरलाइंग स्टॉक के प्राइस में आपेक्षित गिरावट होती है׀

2. इंकम जनरेशन:

ट्रेडर्स सिक्योरिटी को होल्ड करने के स्थान पर शेयरों पर पुट ऑप्शन को बेच भी सकते हैं׀

3. टैक्स मैनेजमेंट:

ट्रेडर्स केवल पुट ऑप्शन पर टैक्स का भुगतान करके स्टॉक पर होने वाले कैपिटल लाभ पर भारी टैक्स का भुगतान करना कम कर सकते हैं।

आप StockEdge वेब वर्जन का उपयोग करके अगले दिन ट्रेडिंग करने के लिए स्टॉक फ़िल्टर करने के लिए ऑप्शन स्कैन का उपयोग भी कर सकते हैं׀

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • पुट ऑप्शन एक कॉन्ट्रैक्ट है जो खरीदार को अधिकार देता है, लेकिन अंडरलाइंग एसेट को एक विशिष्ट प्राइस, जिसे स्ट्राइक प्राइस भी कहा जाता है, पर बेचने की कोई बाध्यता नहीं देता है।
  • पुट खरीदी पुट ऑप्शन की ट्रेडिंग के लिए सबसे सरल तरीकों में से एक है।
  • पुट विक्रेता ऑप्शन के लिए प्राप्त प्रीमियम से लाभ के लिए वैल्यू खोने की उम्मीद के साथ ऑप्शन बेचते हैं।
  • एक पुट ऑप्शन का उपयोग स्पेकुलेशन, इंकम जनरेशन, और टैक्स मैनेजमेंट के लिए किया जा सकता है।

Subscribe To Updates On Telegram Subscribe To Updates On Telegram Subscribe To Updates On Telegram

Forward Contract Meaning – उदाहरण, बेसिक्स, और रिस्क

Earning Per Share – Formula, Factors, & Importance

Elearnmarkets

Elearnmarkets (ELM) is a complete financial market portal where the market experts have taken the onus to spread financial education. ELM constantly experiments with new education methodologies and technologies to make financial education effective, affordable and accessible to all. You can connect with us on Twitter @elearnmarkets.

शेयर बाजार में कैसे काम करता है बुल मार्केट, जानें स्टाक पर क्या होता है इसका प्रभाव

जब स्टॉक की प्राइस 20-20 प्रतिशत की दो अवधियों की गिरावट के बाद भी 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। वहीं ट्रेडर बुल मार्केट का लाभ उठाने के लिए खरीद में बढ़ोतरी होल्ड या ट्रेडर कौन होते है? रिट्रेसमेंट जैसी कई रणनीतियों को अपना लेता हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बुल मार्केट (Bull Market) किसी फाइनेंशियल मार्केट की वह स्थिति होती है जिसमें किसी एसेट या सिक्योरिटी की प्राइस बढ़ रही होती है या बढ़ने की उम्मीद होती है। ‘बुल मार्केट' शब्द का उपयोग अक्सर स्टॉक मार्केट के लिए किया जाता है लेकिन इसे किसी भी चीज के लिए प्रयोग किया जा सकता है जिसे ट्रेड किया जा सकता है जैसे कि बॉन्ड्स, रियल एस्टेट, करेंसी और कमोडिटीज। हालांकि, ट्रेडिंग के दौरान सिक्योरिटीज की प्राइस अनिवार्य रूप से घटती और बढ़ती रहती हैं। बुल मार्केट' को विशेष रूप से विस्तारित अवधि के लिए उपयोग में लाया जाता है जिसमें सिक्योरिटी मूल्यों का बड़ा हिस्सा बढ़ रहा होता है।

Mutual Fund SIP Stock Market Investments Equity Linked Saving Scheme

5paisa के साथ शुरू करें निवेश का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhX

बता दें कि बुल मार्केट महीनों तक यहां तक कि वर्षों तक बने रह सकते हैं। आम तौर पर बुल मार्केट तब होता है जब स्टॉक की प्राइस 20-20 प्रतिशत की दो अवधियों की गिरावट के बाद भी 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। वहीं, ट्रेडर बुल मार्केट का लाभ उठाने के लिए खरीद में बढ़ोतरी, होल्ड या रिट्रेसमेंट जैसी कई रणनीतियों को अपना लेता हैं।

Stock Market Investment : Know all about Share Market Portfolio

बुल मार्केट के लक्षण

बुल मार्केट इन्वेस्टर के आत्मविश्वास और उम्मीदें को लंबे समय तक बनाए रखता है। साथ ही, इसका अनुमान लगाना मुश्किल होता है कि मार्केट में ट्रेंड में कब बदलाव आएगा।हाल के वर्षों में बुल मार्केट 2003 और 2007 की अवधि के दौरान देखा गया था जब एसएंडपी 500 में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई थी। आम तौर पर यह तब होता है जब अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही होती है या पहले से ही मजबूत होती है।

Investing in Exchange Traded Fund (ETF) can give you more profit

बुल मार्केट का लाभ कैसे उठाएं?

जो इन्वेस्टर बुल मार्केट का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें बढ़ती प्राइस का लाभ उठाने के लिए आरंभ में ही खरीद कर लेनी चाहिए और जब वे अपनी पीक पर पहुंच जाएं तो उन्हें बेच डालना चाहिए। हालांकि यह तय करना मुश्किल और रिस्क भरा होता है कि कब गिरावट आएगी और कब पीक पर जाएगा, अधिकांश नुकसान कम मात्रा में होते हैं और अस्थायी होते हैं।

अगर आप भी किसी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं तो आज ही 5paisa.com पर जाएं और अपने निवेश के सफर को और भी बेहतर बनाएं। साथ ही DJ2100 - Coupon Code के साथ बनाइये अपना Demat Account 5paisa.com पर और पाएं ऑफर्स का लाभ।

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या होता है? Positional Trading Kya Hota Hai

शेयर बाजार में एक महीने से ज्यादा और एक साल के अंदर किया जाने बाला ट्रेडिंग को पोजिशनल ट्रेडिंग कहते है। शेयर बाजार में समय के आधार पर 3 तहर के ट्रेडिंग होते जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग ( 1 दिन के अंदर) , स्विंग ट्रेडिंग ( < 1 महीना ) और पोजिशनल ट्रेडिंग ( > 1 महीना ) । आप पोजिशनल ट्रेडिंग कैश में ट्रेडर कौन होते है? शेयर की डिलीवरी ले कर कर सकते है अथवा आप डेरिवेटिव्स में फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रक्ट ख़रीद कर कर सकते है।आपको अच्छे से फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानने केलिए नीच दिए गए लेक को पढ़े।

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या होता है?

इक्विटी बाजार में ट्रेडिंग 2 सेगमेंट होते है

1) कैश ट्रेडिंग

इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।

2) डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग

इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप ब्रोकर मॉर्निज पैसों के साथ आपके ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) की दिलीविरी लिए बिना खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत ज्यादा रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम बहोत ज्यादा होता है। शेयर बाजार में पेशेदार ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग करते है ।

डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है

a) फ्यूचर ट्रेडिंग

शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।

b) ऑप्शन ट्रेडिंग

शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।

ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।

1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक

रेटिंग: 4.19
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 312
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *