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क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, ऑनलाइन कमाई तथा यात्रा एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तथा रोचक जानकारी आप तक लेकर आते हैं। आज इस लेख में हम बात करेंगे क्रिप्टोकरेंसी की, जानेंगे यह क्या है? (What is Cryptocurrency in Hindi) क्रिप्टोकरेंसी किस प्रकार कार्य करती है और अंत में देखेंगे क्यों अधिकांश देशों की सरकारें इसके इस्तेमाल को कानूनी मान्यता देने से बचती आई हैं।

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क्रिप्टोकरेंसी क्या है? | Cryptocurrency In Hindi | What Is Cryptocurrency Kya Hai

इस पोस्ट मे आप क्रिप्टोकरेंसी क्या है (Cryptocurrency kya hai) के बारे मे जानेंगे, आप मे से कई लोग अक्सर What is Cryptocurrency In Hindi के बारे मे इंटरनेट पर ढूँढ़ते होंगे पर क्या आपको क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार सरी जानकारी सही मिल पाती है। नहीं, क्योंकि हर कोई आपको हर जानकारी सही नहीं दे पाता है।

इस कारण मैने यह पोस्ट तैयार की है, जिसका उद्देश्य है आपको क्रिप्टो करेंसी भारत के बारे मे जानकारी देना। जिसके द्वारा आप जान सकें की What Is Cryptocurrency In Hindi यानी cryptoccurrency kya क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार hota hai और यह किस प्रकार कार्य करता है। तो चलिए जानते है क्रिप्टो करेंसी क्या है के बारे मे विस्तार से।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है – Cryptocurrency In Hindi

यह एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा यानी वर्चुअल करेंसी का प्रकार है। क्रिप्टोकरेंसी का प्रयोग आप वास्तविक रूप मे न करके digital माध्यम से कर सकते है। इसका उपयोग वस्तु तथा सेवाओं को खरीदने आदि के लिए प्रयोग होता है। इस प्रकार क्रिप्टो करेंसी एक विकेन्द्री मुद्रा है जो कि ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक मुद्रा का प्रकार है। तो क्रिप्टो करेंसी क्या है के बारे मे आप जान गए होंगे।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है Cryptocurrency In Hindi Cryptocurrency kya hai

ब्लॉकचैन क्या है

क्रिप्टोकरेंसी की बातो हो रही है तो ब्लॉकचैन का नाम बार-बार आएगा तो इसके बारे मे भी जानना आपके लिए जरूरी है। यह एक प्रकार का डिजिटल लेजर क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार है जिसके अंदर सभी क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा के रिकार्ड्स को सुरक्षित रखा जाता है।

ब्लॉकचैन मे डाटा तो रहता है यानी Cryptocurrency के लेन-देन की जानकारी होती तो है पर उसको कोई देख नहीं पाता और न ही पता कर पाएगा। क्योंकि इसको हैक करना सबसे कठिन होता है। इस कारण भविष्य मे ब्लॉकचैन Cryptocurrency के साथ-साथ अन्य कई जगह भी कार्य करेगा।

क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत

2009 मे डेवलपर सातोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) के अथक प्रया के बाद पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी जिसका नाम बिचकॉइन (BITCOIN) है को जारी किया, यह SHA-256 हैश फंक्शन पर आधारित एक मुद्रा है। वर्तमान समय मे यह मुद्रा दुनिया की सबसे महंगी मुद्रा है।

दुनिया की प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी – क्रिप्टो करेंसी के नाम

Cryptocurrency Kya Hai Cryptocurrency In Hindi

जैसा मैने ऊपर बताया है क्रिप्टोकरेंसी की संख्या हजारो मे है पर कुछ ऐसी Cryptocurrency है जो अभी के समय मे पूरी दुनिया मे फेमस है अपने प्राइस तथा अपने विस्तार के आधार पर जो इस प्रकार है।

  • 1 Bitcoin = $50,000
  • 1 Ethereum = $4000
  • 1 Binance Coin = $540
  • 1 Ripel = .99
  • Dogecoin = .12
  • Litecoin Etc.

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बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार क्या है इन हिंदी

Bitcoin सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है, जिसको सातोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) ने 2009 मे बनाया था। अगर आप बिटकॉइन का प्रयोग करते है किसी भी प्रकार के लेन देन मे तो इसकी जानकारी कोई भी सरकार नहीं पा सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है?

किसी भी देश की मुद्रा जैसे भारतीय रुपया, अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड आदि उनके केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी तथा समर्थित होती हैं। यह भौतिक मुद्रा होती हैं जिसे आप देख अथवा छू सकते हैं और नियमानुसार किसी भी स्थान या देश में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) एक प्रकार की डिजिटल या आभासी करेंसी (मुद्रा) होती है जिसे आप देख या छू नहीं सकते।

पहली क्रिप्टोकरेंसी जिसे बिटकॉइन के नाम से जाना जाता है कि शुरुआत साल 2009 में सतोषी नकामोटो नामक व्यक्ति द्वारा की गई। इन्हीं ने सर्वप्रथम ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इस मुद्रा का निर्माण किया। 2008 में जारी अपने एक रिसर्च पेपर में उन्होंने बताया कि किस प्रकार किसी विकेन्द्रीकृत मुद्रा के प्रयोग से बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थाओं को मध्यस्थ की भूमिका से बाहर किया जा सकता है। वर्तमान में दुनियाँ भर में तकरीबन 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। जिनमें बिटकॉइन, लाइटकॉइन, ईथर, डैशकॉइन, रिपल आदि शामिल हैं।

क्रिप्टोकरेंसी की कार्यप्रणाली

क्रिप्टोकरेंसी एक बेहद महत्वपूर्ण तकनीक ब्लॉकचेन पर आधारित है। इस तकनीक की सहायता से किसी भी प्रकार की सूचना का एक विकेन्द्रीकृत बहीखाता या Ledger तैयार किया जा सकता है। इस नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के पास सूचना का यह बहीखाता मौज़ूद होता है। वर्तमान में इस तकनीक का इस्तेमाल मुख्यतः क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में किया जा रहा है।

सामान्य बैंकिंग प्रक्रिया में लेन-देन का विवरण बैंकों द्वारा सत्यापित किया जाता है जबकि क्रिप्टोकरेंसी में किये गए विनिमय को ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़े कुछ लोगों जिन्हें माइनर्स कहा जाता है द्वारा सत्यापित किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार क्रिप्टोकरेंसी के किसी लेन-देन को सत्यापित कर उसे सूचना के एक ब्लॉक रूप में परिवर्तित करना बेहद जटिल गणितीय कार्य होता है जिसके लिए अत्यधिक कंप्यूटर क्षमता, विद्युत आपूर्ति तथा हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता होती है।

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

  1. चूँकि क्रिप्टोकरेंसी किसी देश या सरकार के नियंत्रण में नहीं है अतः किसी देश की आर्थिक स्थिति या आर्थिक निर्णयों जैसे नोटबंदी या घरेलू मुद्रा के अवमूल्यन का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
  2. जहाँ बैंकों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर लेन-देन करने में अधिक शुल्क तथा समय लगता है वहीं क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन त्वरित तथा अत्यंत कम शुल्क में हो जाता है।
  3. इसमें लेन-देन करने के लिए किसी पहचान पत्र आदि की आवश्यकता नहीं होती अतः किन्हीं दो व्यक्तियों के मध्य होने वाला लेन-देन गुप्त रहता है।
  1. क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वाले व्यक्तियों की जानकारी पूर्णतः गोपनीय होती है अतः इसका प्रयोग गैर-कानूनी गतिविधियों जैसे किसी के निजी डेटा को बेचना, फिरौती, गैर-कानूनी वस्तुओं का व्यापार तथा मानव तस्करी आदि करने में भी किया जाता है।
  2. इसके इस्तेमाल में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। किसी गलत पते पर क्रिप्टोकरेंसी के हस्तांतरण हो जाने की स्थिति में उसे पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता न ही उस व्यक्ति की पहचान करना संभव है।
  3. चूँकि क्रिप्टोकरेंसी पूर्णतः बाजार के नियंत्रण में है अतः यह बहुत अस्थिर है। इसकी कीमतों में अचानक गिरावट आने की संभावना बनी रहती है जिससे ऐसी मुद्राओं में निवेश करने वाले निवेशकों की पूँजी डूब सकती है। उदाहरण के तौर पर साल 2013 में बिटकॉइन में एक ही दिन में 70 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
  4. क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में अत्यधिक मात्रा में कंप्यूटर क्षमता की आवश्यकता होती है जो ऊर्जा अपव्यय का एक मुख्य कारण है।
  5. सरकारों तथा केन्द्रीय बैंकों के नियंत्रण में न होने के चलते इसके प्रयोग से कर चोरी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का रुख

साल 2018 में रिजर्व बैंक ने अपने द्वारा विनियमित सभी बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार से स्वयं को अलग करने के निर्देश दिये तथा भारत मे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की सुविधा उपलब्ध कराने वाली विभिन्न कंपनियों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध न कराने का निर्णय लिया। इसके विरोध में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

4 मार्च 2020 को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक के फैसले को खारिज़ करते हुए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के पक्ष में फैसला सुनाया। वर्तमान परिदृश्य में भारत मे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना गैरकानूनी नहीं है हालाँकि इनकी अस्थिरता को देखते हुए सरकार इनमें निवेश करने से बचने की सलाह देती रही है। भारत मे क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनियों में Unocoin, ZebPay आदि प्रमुख हैं।

Cryptocurrency के प्रकार

Bitcoin को 2009 में एक व्यक्ति या समूह द्वारा बनाया गया था, जिसे pseudonym नाम “Satoshi Nakamoto” के नाम से जाना जाता है। 1 नवंबर 2021 तक, 18.8 मिलियन से अधिक bitcoins प्रचलन में थे, जिनका कुल market cap लगभग 1.2 ट्रिलियन डॉलर था, जिसमें यह आंकड़ा बार-बार Update होता था। inflation and manipulation दोनों को रोकने के लिए केवल 21 मिलियन बिटकॉइन मौजूद रहेंगे।

Bitcoin की सफलता से उत्पन्न कुछ competing क्रिप्टोकरेंसी, जिन्हें “altcoins” के नाम से जाना जाता है, में Solana, Litecoin, Ethereum, Cardano, और EOS. शामिल हैं। नवंबर 2021 तक, मौजूद सभी cryptocurrencies का कुल मूल्य 2.4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है—Bitcoin वर्तमान समय में कुल मूल्य का लगभग 42% है।

Cryptocurrency के फायदे

किसी बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी जैसे किसी तीसरे पक्ष की आवश्यकता के बिना, Cryptocurrencies दो पक्षों के बीच सीधे फंड ट्रांसफर करना आसान तरीका है। इसके बजाय इन transfers को public keys और private keys और विभिन्न प्रकार की incentive systems, जैसे कार्य का proof या हिस्सेदारी का proof के उपयोग द्वारा सुरक्षित किया जाता है।

आज के समय में cryptocurrency systems में, उपयोगकर्ता के “wallet,” या खाते के address में एक public key होती है, जबकि private keys केवल user के लिए जानी जाती है और transactions पर हस्ताक्षर करने के लिए उपयोग की जाती है। फंड ट्रांसफर मिनिमम processing fees के साथ पूरा किया जाता है, जिससे user वायर ट्रांसफर के लिए बैंकों और financial शाखाओं द्वारा लगाए जाने वाले भारी charges से बच सकते हैं।

Cryptocurrency के नुकसान

क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन की semi-anonymous प्रकृति उन्हें कई अवैध गतिविधियों, जैसे कि money laundering और tax evasion के लिए अच्छी तरह से अनुकूल बनाती है। हालांकि, Cryptocurrency advocates ज्यादा कर अपनी गुमनामी को ज्यादा महत्व देते हैं, गोपनीयता के लाभों का हवाला देते हुए जैसे कि whistleblowers क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार या दमनकारी सरकारों के तहत रहने वाले कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षा। कुछ क्रिप्टोकरेंसी दूसरों की तुलना में अधिक private हैं।

उदाहरण के लिए, बिटकॉइन illegal trading ऑनलाइन करने के लिए अपेक्षाकृत खराब ऑप्शन है, क्योंकि bitcoin ब्लॉकचैन के फोरेंसिक विश्लेषण ने अधिकारियों को अपराधियों को गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने में मदद की है। हालांकि, अधिक privacy-oriented coins मौजूद हैं, जैसे Dash, Monero, या ZCash, जिसे ट्रेस करना कहीं अधिक कठिन है।

Cryptocurrency कैसे खरीदे?

क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार लिए, आपको एक wallet की आवश्यकता होगी, एक ऑनलाइन ऐप जो आपकी currency को रख सकता है। आम तौर पर, आप एक exchange पर एक खाता बनाते हैं, और फिर आप bitcoin या ethereum जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए money transfer कर सकते हैं। Coinbase एक लोकप्रिय क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग एक्सचेंज है जहां आप एक wallet बना सकते हैं और बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं। इसके अलावा, online brokers की बढ़ती संख्या ईटोरो, ट्रेडस्टेशन और सोफी एक्टिव इन्वेस्टिंग जैसी क्रिप्टोकरेंसी की पेशकश करती है। कुछ क्रिप्टोकरेंसी, bitcoin सहित, यू.एस. डॉलर से खरीद के लिए उपलब्ध हैं, अन्य के लिए आवश्यक है कि आप बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी के साथ भुगतान करें।

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दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है.

Investing in Crypto Currencies: भारत समेत दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. पिछले कुछ वर्षों में इसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है जिसे कंप्यूटर पर जटिल समीकरणों को हल कर माइन किया जाता है. इसे माइन करने वाले यानी माइनर्स को रिवार्ड के तौर पर क्रिप्टो करेंसी मिलती है लेकिन जिन्हें तकनीकी समझ नहीं है, वे भी क्रिप्टो हासिल कर सकते हैं. जिस प्रकार कंपनी के शेयरों की बीएसई और एनएसई जैसे एक्सचेंजों पर खरीद-बिक्री होती है, वैसे ही क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बिटक्वाइन जैसे क्रिप्टो की खरीद-बिक्री होती है यानी कि आपको अगर बिटक्वाइन में निवेश करना है तो किसी एक्सचेंज पर जाकर आसानी से इसमें पैसे लगा सकते हैं.

इस प्रकार कर सकते हैं क्रिप्टो में निवेश

क्रिप्टों में निवेश के लिए वजीरएक्स (WazirX), क्वाइनडेक्स (Coindex), जेबपे Zebpay, क्वाइनस्विच कुबेर (Coin Switch Kuber) और यूनोकॉइन UnoCoin जैसे एक्सचेंज हैं. क्रिप्टो में निवेश के लिए पहले आपको एक्सचेंज की साइट पर जाकर पर्सनल डिटेल्स के जरिए रजिस्ट्रेशन करना होगा.

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क्रिप्टो ट्रेडिंग पर ये हैं चार्जेज

  • एक्सचेंज फीस: क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है. फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
  • नेटवर्क फीस: क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है. आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए यह फीस दी जाती है.
  • वॉलेट फीस: क्रिप्टो करेंसी को ऑनलाइन बैंक खाते के समान एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.

डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? | Where can you store Digital Currency in Hindi?

यदि आप क्रिप्टोकरेंसी खरीदते हैं, तो आप इसे क्रिप्टो एक्सचेंज पर या क्रिप्टो डिजिटल वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं। कई अलग-अलग प्रकार के वॉलेट हैं, प्रत्येक के अपने फायदे और सुरक्षा हैं।

इसमें कोई शक नहीं कि सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। बिटकॉइन (Bitcoin) अब तक की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है, इसके बाद एथेरियम(Ethereum), लाइटकॉइन (Litecoin) और टीथर (Tether) जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी हैं।

bitcoin

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क्रिप्टो करेंसी के नाम | Cryptocurrency Names in Hindi

Bitcoinबिटकॉइन
Ethereumएथेरियम
Litecoinलाइटकॉइन
Binance Coinबिनेंस कॉइन
Cardanoकार्डानो
Dogecoinडॉगकॉइन
Polka Dotपोल्का डॉट
Uniswapयूनिस्वैप
Rippleरिपल
Dashडैश
Tetherटीथर
Crypto Currency Names in Hindi

Popular Crypto Currency

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भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? | Cryptocurrency legal in India in Hindi?क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

अभी भारत में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी गैर कानूनी नहीं हैं, लेकिन रेगुलेटेड भी नहीं हैं इसका मतलब अगर क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में कुछ भी गलत होता हैं तो आप किसी अथॉरिटी, बैंक और सरकार के पास नहीं जा सकते।

भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन सरकार के क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार पास कोई आधिकारिक डेटा नहीं है। और सरकार के पास इन एक्सचेंजों से जुड़े निवेशकों की संख्या के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।

Question for you?

टेक्नोलॉजी हमेशा ही जन मानस की उत्सुकता को बढ़ाती रही है आप क्या कहते है की क्रिप्टोकरेंसी के साथ कैसे आगे बढ़ना चाहिए। कमेंट करिये-

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