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बाजार में शिवलिंग

बाजार में शिवलिंग
हिंदू पक्ष की याचिका के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने 7/11 के तहत याचिका खारिज करने की मांग की थी। लेकिन पिछली सुनवाई पर फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज महेंद्र पांडे ने इस मामले को सुनवाई के योग्‍य मान लिया। इसके बाद कोर्ट ने इस केस में 2 दिसंबर की तारीख दी थी।

दूध चढ़ाने पर इस शिवलिंग का बदल जाता है रंग, कोई नहीं जाना पाया रहस्य

शिवलिंग तोड़ने से लोग आक्रोशित, रांची अपर बाजार में तनाव, दुकानें बंद

रांची.ऑनलाइन टीम : झारखंड की राजधानी रांची में तनाव के कारण दुकानें बंद हो गईं। वहां स्थित औद्योगिक मंडी अपर बाजार में शिवलिंग बाजार के रंगरेज गली में स्थापित 25 साल पुराने इस शिव मंदिर में गुरुवार की सुबह 6 बजे पुजारी ने पूजा और आरती की। इसके बाद वे चैनल गेट लगाकर कहीं निकल गये थे। बाजार में शिवलिंग लौटने पर देखा कि शिवलिंग टूटा हुआ है। घटना की जानकारी जंगल में आग की तरह पूरे बाजार में शिवलिंग शहर में फैल गई। लोगों की भीड़ जुटने लगी। लोगों के आक्रोश को देखते हुए मौके पर पुलिस पहुंची।

किसी तरह मामले को शांत कराया ही जा रहा था कि कुछ लोगों के हस्तक्षेप से माहौल बिगड़ गया। स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने जमकर हल्ला किया। विरोध में अपनी-अपनी दुकानों को बंद कर दिया है। स्थानीय युवक घटना पर विरोध जता रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, निश्चित तौर किसी बाजार में शिवलिंग असामाजिक तत्व ने मंदिर में घुसकर बदमाशी की है।

बिशनपुर बाजार में शिवलिंग के स्थापना के साथ ही भगवान गणेश, माता पार्वती, राम, लक्ष्मण व जानकी की प्रतिमा स्थापित

संपादक- आर. कुमार
प्रखंड क्षेत्र के बिशनपुर बाजार स्थित वार्ड नंबर 12 में नवनिर्मित शिव मंदिर में शुक्रवार को शिवलिंग के साथ भगवान गणेश, माता पार्वती, राम, लक्ष्मण व जानकी की प्रतिमा स्थापित की गई । इससे पहले शिवलिंग स्थापना को लेकर 151 कुंवारी कन्याओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गयी। मौके पर जमीन दाता पूर्व फौजी परमेश्वरी मेहता के सौजन्य से शिवलिंग व अन्य देवी देवताओं की बाजार में शिवलिंग प्रतिमा में विधि-विधान पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा दिया गया। कलश शोभा यात्रा में रंग बिरंगी पितांम्बरी वस्त्र धारण कर कुंवारी कन्या मंदिर प्रांगण से कलश उठाकर सुरसर नदी के भतनी घाट पर पहुंची। वहां कलश में जल भरकर नगर भ्रमण करते हुए शिव मंदिर में कलश स्थापना किया गया। कलश शोभायात्रा में मुखिया प्रतिनिधि अमित कुमार अमन, जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र मंडल, वार्ड सदस्य राम बहादुर साह, सेवानिवृत्त शिक्षक रामचंद्र मेहता, पृथ्वी मेहता, पूर्व मुखिया जिनसी मेहता, बिंदेश्वरी मेहता, झबर मेहता, नरेंद्र मेहता, संतोष कुमार, पप्पू कुमार एवं आयोजन समिति के सदस्य सहित सैकडों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में आज कोर्ट में सुनवाई, हिंदू पक्ष शिवलिंग की पूजा करने मांग रहे है अधिकार, पढ़ें

Gyanvapi Case: बाजार में शिवलिंग ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज (शुक्रवार) मस्जित के वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा करने के अधिकार, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाई हैं और ज्ञानवापी परिसर में बने अवैध ढांचे को हटाने संबंधी मामले बाजार में शिवलिंग बाजार में शिवलिंग पर सुनवाई होनी है।

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज (शुक्रवार) मस्जित के वजूखाने में मिले शिवलिंग बाजार में शिवलिंग की पूजा करने के अधिकार, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाई हैं और ज्ञानवापी परिसर में बने अवैध ढांचे को हटाने संबंधी मामले पर सुनवाई होनी है।

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इससे पहले 17 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इसे सुनवाई के योग्‍य माना था। मुस्लिम पक्ष ने इसकी पोषणीयता पर बहस की अर्जी दाखिल की थी।

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 'शिवलिंग' की पूजा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगी वाराणसी अदालत

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में

फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने 17 नवंबर को ज्ञानवापी मस्जिद समिति की उस याचिका पर आपत्ति को खारिज कर दिया था, जिसमें मस्जिद परिसर में पाए गए 'शिवलिंग' की पूजा के अधिकार की मांग की गई थी और मामले की सुनवाई के लिए 2 दिसंबर की तारीख तय की थी।

फास्ट-ट्रैक कोर्ट के जज महेंद्र कुमार पांडे ने किरण सिंह द्वारा दायर याचिका को सुनवाई के लायक पाया और मामले को लेने के लिए 2 दिसंबर की तारीख तय की।

अदालत ने सिंह की याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर आपत्ति को खारिज कर दिया।

मस्जिद समिति ने उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 का हवाला देते हुए याचिका पर आपत्ति जताई थी। अधिनियम में कहा गया है कि 15 अगस्त, 1947 को बाजार में शिवलिंग मौजूद किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बनाए रखा जाना चाहिए।

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ये मंदिर तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कीजापोरूमपल्लम में स्थित है। ये मंदिर नागनाथस्वामी के केति स्थल के नाम से जाना जाता है। ये मंदिर कावेरी नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर के शिवलिंग पर जब भी श्रद्धालु दूध चढ़ाते हैं तो इस शिवलिंग का रंग देखते ही देखते नीला हो जाता है। हालांकि, बाजार में शिवलिंग अक्सर ऐसा नजारा देखने को नहीं मिलता है।

मान्यता है कि जो लोग केतु ग्रह के दोष से पीड़ित होते हैं, सिर्फ उनके द्वारा चढ़ाए गए दूध से ही रंग नीला हो जाता है। बाद बाजार में शिवलिंग में ये रंग फिर से सफेद हो जाता है। हैरानी की बात है कि कोई भी आज तक ये नहीं जान पाया है कि ऐसा क्यों होता है। इस मंदिर में दूध के रंग बदलने को लोग चमत्कार कहते हैं। इस शिवलिंग के दर्शन करने के लिए काफी दूर-दूर से लोग आते हैं।

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