डिजिटल सिग्नल

Uttarakhand News : डिजिटल दौर में उत्तराखंड के सात सौ गांवों में नहीं आता है सिग्नल
कैशलेस के दौर में तकनीक और इंटरनेट का होना बहुत जरूरी हो गया है। लेकिन प्रदेश के 700 गांव अब भी ऐसे हैं जहां लोग अब भी सिग्नल के लिए तरस रहे हैं। जबकि 3500 गांव ऐसे हैं जहां लोग अब डिजिटल सिग्नल भी 2जी सर्विस से आगे नहीं बढ़ पाए हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कैशलेस के दौर में तकनीक और इंटरनेट का होना बहुत जरूरी हो गया है। लेकिन प्रदेश के 700 गांव अब भी ऐसे हैं, जहां लोग अब भी सिग्नल के लिए तरस रहे हैं। जबकि 3500 गांव ऐसे हैं, जहां लोग अब भी 2जी सर्विस से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। यह स्थिति तब है जब डिजिटल इंडिया का नारा दिया जा रहा है और सरकार की ओर से कई योजनाओं का लाभ डिजिटल सिग्नल आनलाइन माध्यम से दिया जा रहा है।
मार्च 2022 में जारी भारतीय विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 83.80 लाख लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। जिनमें से शहरी क्षेत्रों के 44.90 और ग्रामीण क्षेत्र के 38.90 लाख लोग शामिल हैं। पहाड़ी क्षेत्र की दुर्गम और पिछड़ी पंचायतों में लाखों ग्रामीण डिजिटल क्रांति से आधुनिकीकरण के दावों से दूर आज भी अपने क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क को तरस रहे हैं।
ये ग्रामीण इंटरनेट चलाना तो दूर फोन पर बात भी नहीं कर पाते हैं। इस कारण कहीं दूर जाकर जहां किसी टावर की रेंज आती है, वहां से अपनों से संपर्क साधना पड़ता है। ऐसे में अगर आपातकालीन स्थिति में किसी सहायता की जरूरत पड़ जाए तो मोबाइल सहायता भी नहीं मांगी जा सकती। बच्चों को भी पढ़ाई के लिए इंटरनेट उपलब्ध नहीं हो पाता है।
कैशलेस का चलन तेज, लाखों ग्रामीण अब भी वंचित
डिजिटल क्रांति से लोगों के बीच नकदी के बजाय कैशलेस का चलन तेज हो गया है। आज दुकानों से कोई सामान खरीदना हो या कहीं यात्रा करना हो। सभी कामों में लोग फोन में पेमेंट एप से भुगतान कर रहे हैं। परंतु ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अब भी इन सुविधाओं से वंचित हैं। जहां नेटवर्क आते हैं तो सिर्फ फोन पर बात हो पाती है। पेमेंट करने या योजनाओं की जानकारी लोग इंटरनेट का प्रयोग नहीं कर पाते।
बीएसएनएल भी नेटवर्क देने में पीछे
प्रदेश में दो हजार से अधिक टावरों से लाखों उपभोक्ता बीएसएनएल सेवा का उपयोग करते हैं। बावजूद कंपनी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इंटरनेट का लाभ नहीं दे पा रही है। अब बीएसएनएल समेत अन्य कंपनियों के 1202 टावर लगने हैं। जिससे उम्मीद है कि यह समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने भी दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को संचार सुविधा दुरुस्त करने को लेकर प्रयास करने का आश्वासन दिया है।
Digital Signal Processing
Sign डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग डिजिटल सिग्नल पर सिग्नल प्रोसेसिंग करने के लिए कंप्यूटर एल्गोरिदम का उपयोग है। डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग के उपश्रेणी या क्षेत्र के रूप में, डिजिटल छवि प्रसंस्करण के अनुरूप एनालॉग छवि प्रसंस्करण पर कई फायदे हैं। यह इनपुट डेटा पर एल्गोरिदम की एक विस्तृत श्रृंखला लागू करने की अनुमति देता है और प्रसंस्करण के दौरान शोर के निर्माण और सिग्नल विरूपण जैसी समस्याओं से बच सकता है। चूंकि छवियों को दो आयामों (शायद अधिक) पर परिभाषित किया गया है, इसलिए डिजिटल छवि डिजिटल सिग्नल प्रसंस्करण को बहुआयामी प्रणालियों के रूप में मॉडलिंग किया जा सकता है। ✴
► यह ऐप ई एंड टीसी, इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए है। इसके अलावा, यह किसी भी उत्साही पाठक के लिए उपयोगी होना चाहिए जो विभिन्न सिग्नल, सिस्टम और डिजिटल सिग्नल को संसाधित करने के तरीकों के बारे में और अधिक समझना चाहता है।
उत्पाद वर्णन
रोजमाउंट 3051T इन-लाइन प्रेशर ट्रांसमीटर गेज और एब्सोल्यूट प्रेशर मेजरमेंट के लिए उद्योग मानक हैं।इन-लाइन, कॉम्पैक्ट डिज़ाइन ट्रांसमीटर को त्वरित, आसान और लागत प्रभावी स्थापना के लिए सीधे एक प्रक्रिया से जोड़ने की अनुमति देता है।
क्षमताओं में शामिल हैं:
- पावर एडवाइजरी अवक्रमित विद्युत लूप अखंडता मुद्दों का सक्रिय रूप से पता लगा सकती है (विकल्प कोड DA0)
- सीधे मेनू और अंतर्निर्मित कॉन्फ़िगरेशन बटन के साथ स्थानीय ऑपरेटर इंटरफ़ेस (विकल्प कोड M4)
- सुरक्षा प्रमाणन (विकल्प कोड डिजिटल सिग्नल क्यूटी)
विनिर्देश
ब्रांड का नाम | इमर्सन रोज़माउंट |
नमूना | 3051TG3A2B21AB4 |
शुद्धता | 0.5% एफएस;1% एफएस |
दबाव प्रकार | इन-लाइन प्रेशर ट्रांसमीटर |
दबाव की श्रेणी | 1-600बार |
ट्रांसमीटर आउटपुट | 4-20 एमए |
तापमान संचालित करें | -20 ~ 80 डिग्री सेल्सियस |
दबाव प्रकार | जी - गेज |
एमर्सन 3051TG इन-लाइन डिजिटल सिग्नल प्रेशर ट्रांसमीटर निर्दिष्टीकरण:
150:1 . तक रेंजडाउन
संचार प्रोटोकॉल 4-20 एमए हार्ट, वायरलेसहार्ट®, फाउंडेशन फील्डबस, प्रोफिबस, 1-5 वी लो पावर हार्ट
मापन रेंज 20000 psig (1378,95 बार) तक गेज, 20000 psia तक (1378,95 बार) निरपेक्ष
प्रक्रिया गीली सामग्री 316L SST, मिश्र धातु C-276
डायग्नोस्टिक्स बेसिक डायग्नोस्टिक्स, लूप इंटीग्रिटी
प्रमाणन/अनुमोदन एसआईएल 2/3 आईईसी 61508 को एक स्वतंत्र तृतीय पक्ष, एनएसएफ, एनएसीई®, खतरनाक स्थान द्वारा प्रमाणित, प्रमाणन की पूरी सूची के लिए पूर्ण चश्मा देखें
3051T दबाव ट्रांसमीटर 0.3 से 10,000 साई तक पूर्ण और गेज दबाव माप के लिए एकल आइसोलेटर डिजाइन के साथ सिद्ध सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकियों को जोड़ता है।3051 टी प्रेशर ट्रांसमीटर रग्ड, विश्वसनीय प्रदर्शन के साथ निरपेक्ष या गेज दबाव को मापने के लिए एक बेहतर विकल्प प्रदान करता है जो दबाव ट्रांसमीटरों की विशेषता है।
प्रक्रिया कनेक्शन: फिक्सिंग थ्रेड के साथ निकला हुआ किनारा डिजिटल सिग्नल डिजिटल सिग्नल 7/16-20 UNF और 1/4-18 NPT महिला धागा दोनों तरफ।
विद्युत कनेक्शन: विद्युत कनेक्शन केबल प्रविष्टि M20x1.5 के माध्यम से किया जाता है।
वर्किंग प्रेशर लिमिट्स: मैक्सिमम वर्किंग प्रेशर: 16MPa, 25MPa, 40MPa।
3051TG3A2B21AB4 |रोज़माउंट 3051T इन-लाइन प्रेशर ट्रांसमीटर
HART प्रोटोकॉल पर आधारित डिजिटल सिग्नल के साथ 4–20 mA, HART प्रोटोकॉल पर आधारित डिजिटल सिग्नल के साथ लो-पावर 1-5 Vdc।
कुल प्रदर्शन संदर्भ सटीकता, परिवेश तापमान प्रभाव, और सामान्य परिचालन स्थितियों पर स्थिर दबाव प्रभाव की संयुक्त त्रुटियों पर आधारित है (70% अवधि सामान्य रीडिंग, 740 साई (51,02 बार) लाइन दबाव)।
कुल प्रदर्शन संदर्भ सटीकता, परिवेश के तापमान प्रभाव, और सामान्य परिचालन स्थितियों पर स्थिर दबाव प्रभाव की संयुक्त त्रुटियों पर आधारित है (स्पैन विशिष्ट रीडिंग का 70%, 740 साई (51,02 बार) लाइन दबाव)।
एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल क्या हैं ? (2022)
शायद एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल क्या हैं ? यह सवाल आपके भी मन मे होगा तभी आप यहाँ तक आए हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हमने एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल के बारे मे संबंधित सभी जानकारी संक्षिप्त मे देने की कोशिश की हैं, अगर आप एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल को सरल भाषा मे विस्तार से समझना चाहते हैं तो यह लेख आपकी कॉफी मदद कर सकता हैं।
टेक्नोलॉजी इतना विकसित होने के पीछे भौतिक विज्ञान का बहुत बड़ा योगदान रहा हैं, जिसके अंतर्गत हम सभी प्रकार की डिजिटल टेक्नोलॉजी और मशीन इत्यादि के Concepts को समझते हैं। अगर आप एक भौतिक विज्ञान के छात्र हैं तो आपको यह तो अवश्य पता होगा की सिग्नल भी भौतिक विज्ञान का ही Concepts हैं।
जिसके अंतर्गत एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल आते हैं, यह दोनों सिग्नल इलेक्ट्रिसिटी की इस दुनिया बहुत ही महत्वपूर्ण हैं जिनके बारे मे टेक्नोलॉजी मे इन्टरेस्ट रखने वाले हर एक व्यक्ति को जानना चाहिए और यह Concepts उन छात्र छात्राओ के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं जो की टेक्नोलॉजी के क्षेत्र मे अपना करिअर बनाना चाहते हैं।
तो चलिए अब विस्तारपूर्ण What is Analog Signal and Digital signal in Hindi के बारे मे जानते हैं और यह सीखते हैं की आखिर एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल क्या होता हैं।
एनालॉग सिग्नल क्या हैं – What is Analog Signal in Hindi
समय के साथ लगातार परिवर्तन की क्रिया करने वाले सिग्नल यानी संकेत को हम एनालॉग सिग्नल कहते हैं, यह सिग्नल समय के साथ किसी भी Value मे परिवर्तित होने मे सक्षम होता हैं। इसके अंतर्गत ध्वनि, तापमान, थर्मामीटर इत्यादि आती हैं व यह सब एक एनालॉग सिग्नल के उदाहरण हैं। एक एनालॉग सिग्नल मे Noise (Unwanted signal) का प्रभाव अधिक होता हैं।
एनालॉग सिग्नल को Sine wave के द्वारा परिभाषित (Represent) किया जाता हैं, इस सिग्नल का इस्तेमाल जहां पर बैंडविड्थ कम होता हैं वहाँ पर किया जाता है, एक एनालॉग सिग्नल का हार्डवेयर Non Flexible होता हैं व साथ मे एनालॉग सिग्नल का कोई भी निश्चित सीमा नहीं होता हैं जिसकी वजह से एनालॉग सिग्नल किसी भी Value मे परिवर्तित हो जाता हैं।
एनालॉग सिग्नल के फायदे – Advantages of Analog signal
एनालॉग सिग्नल मे Noise का प्रभाव अधिक हैं लेकिन इसके कुछ बहुत ही अधिक फायदे जो की निम्नलिखित हैं।
- एनालॉग सिग्नल समय के साथ परिवर्तित डिजिटल सिग्नल होता हैं इसीलिए यह प्रोसेस करने मे आसान होते हैं।
- एनालॉग सिग्नल ध्वनि और वीडियो को प्रसारण करने के लिए सबसे अच्छे और बेहतर होते हैं।
- एनालॉग सिग्नल अधिक घनत्व वाले सिग्नल होने के कारण यह अधिक से अधिक परिष्कृत जानकारी को प्रस्तुत करने मे सक्षम होते हैं।
- एनालॉग सिग्नल डिजिटल सिग्नल के मुकाबले कम बैंडविड्थ उपयोग मे लाता हैं जिसकी वजह से कम बैंडविड्थ जैसे कामों मे एनालॉग सिग्नल का उपयोग किया जाता हैं।
- एनालॉग सिग्नल पोर्टेबल होता हैं व एनालॉग सिग्नल साउन्ड को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करता हैं जो की एनालॉग सिग्नल को और बेहतर बनाता हैं।
एनालॉग सिग्नल के नुकसान – Disadvantages of Analog signal
जिस तरह एनालॉग सिग्नल के फायदे अधिक हैं उसी तरह एनालॉग सिग्नल के कुछ नुकसान भी जो की निम्नलिखित हैं।
- डिजिटल सिग्नल के मुकाबले एनालॉग सिग्नल बहुत कम गुणवत्ता के होते हैं।
- एनालॉग डिजिटल सिग्नल सिग्नल के तार कॉफी महंगे होते हैं जिन्हे आसानी से पोर्टेबल भी नहीं किया जा सकता हैं।
- एनालॉग सिग्नल मे डिजिटल Models की कमी अधिक होती हैं।
- एनालॉग सिग्नल खराब Quality के Multi यूजर इंटरफेस होते हैं जो वाकई मे इतने अच्छे नहीं होते हैं।
- एनालॉग सिग्नल मे मे un wanted सिग्नल का प्रभाव अधिक पड़ता हैं जिसकी वजह से Volt थोड़ा अधिक होता हैं।
डिजिटल सिग्नल क्या हैं – What is Digital Signal in hindi
डिजिटल सिग्नल ऐसा संकेत हैं जो असतत् (discrete) मूल्यों के डिजिटल सिग्नल क्रम के हिसाब से डेटा को प्रदर्शित करता हैं मतलब यह एक ऐसा संकेत हैं जिसमे समय के साथ असतत् स्तर होते हैं, इसमे लगातार Values परिवर्तित नहीं होता हैं इसकी Values एक निश्चित सीमा पर होती हैं, जिसकी वजह से एक डिजिटल सिग्नल मे बाइनरी नंबर सिस्टम का उपयोग किया जाता हैं ।
डिजिटल सिग्नल के अतर्गत कंप्युटर डेटा, डिजिटल घड़ी, CD’s, DVD’s इत्यादि एक डिजिटल सिग्नल के उदाहरण हैं। डिजिटल सिग्नल मे किसी भी प्रकार के values को नहीं ले सकते हैं यह एक निर्धारित values को ही Accept करता हैं जिसके कारण इसमे Noise का प्रभाव भी बहुत कम होता है व डिजिटल सिग्नल को Squire wave मे परिभाषित (Represent) किया जाता हैं।
डिजिटल सिग्नल के फायदे – Advantages of Digital signal
वर्तमान का समय पूरी तरह से डिजिटल हैं इसीलिए डिजिटल सिग्नल के फायदे बहुत सारे हैं जो नीचे दिए गए हैं।
- डिजिटल सिग्नल मे Unwanted सिग्नल का प्रभाव बहुत कम पड़ता हैं जिसकी वजह डिजिटल सिग्नल हस्तक्षेप के साथ Provide कर सकते हैं।
- डिजिटल सिग्नल को कम खर्चे के साथ पुनः Present कर सकते हैं।
- डिजिटल सिग्नल के डिजिटल डेटा को आसानी से Compress कर सकते हैं।
- डिजिटल सिग्नल को अधिक दूरी तक बड़ी ही आसानी के साथ प्रेषित किया जा सकता हैं।
- डिजिटल सिग्नल के सिस्टम बेहद सटीक होते हैं जिसकी वजह से Errors बहुत ही कम होते हैं।
डिजिटल सिग्नल के नुकसान – Disadvantages of digital signal
जिस तरह एनालॉग सिग्नल के फायदे और नुकसान दोनों हैं उसी तरह डिजिटल सिग्नल के भी फ़ायदों के साथ नुकसान भी जो की नीचे दिए गए हैं।
- डिजिटल सिग्नल के प्रोसेस की गति सीमित होती हैं।
- एनालॉग सिग्नल के मुकाबले डिजिटल सिग्नल मे अधिक बैंडविड्थ की आवश्यकता होती हैं।
- डिजिटल सिग्नल के डिजिटल सिस्टम और प्रोसेस अधिक कठिन हैं।
इस लेख से क्या सिखा ?
अब आपने एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल के बारे मे विस्तारपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली होगी। उम्मीद हैं की इस लेख को पढ़कर आपने यह जान और सिख लिया होगा की एनालॉग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल क्या हैं ? अगर आपके मन मे इंटरनेट, टेक्नोलॉजी से संबंधित कोई भी सवाल हैं तो आप उस सवाल को नीचे कमेन्ट मे लिखकर पूछ सकते हैं।
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एनालॉग और डिजिटल सिग्नल क्या है पूरी जानकारी
किसी वस्तु को चित्रित करने के लिए रंगों की एक अनंत राशि होती है अनंत संख्या में स्वर हैं जिन्हें हम सुन सकते हैं और अनंत संख्या में गंध हैं जिन्हें हम सूंघ सकते हैं.
इन सभी अनुरूप संकेतों के बीच आम विषय उनकी अनंत संभावनाएं हैं. डिजिटल सिग्नल और ऑब्जेक्ट परिमित एनालॉग सिग्नल के दायरे में आते हैं जिसका अर्थ है कि वे उन माध्यमों का एक सीमित सेट हैं जो वे हो सकते हैं वास्तविक दुनिया की वस्तुएं डेटा प्रदर्शित कर सकती हैं. एनालॉग या डिजिटल माध्यमों से इनपुट एकत्र किया जाता है
इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ काम करने का मतलब है एनालॉग और डिजिटल सिग्नल इनपुट और आउटपुट दोनों से निपटना यानी हमारी इलेक्ट्रॉनिक्स परियोजनाओं में किसी न किसी तरह से वास्तविक एनालॉग दुनिया के साथ जुड़ाव है
लेकिन हमारे अधिकांश माइक्रोप्रोसेसर, कंप्यूटर और तर्क इकाइयां विशुद्ध रूप से Digital components हैं ये दो प्रकार के संकेत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक भाषाओं की तरह हैं.
कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स Components द्विभाषी हैं और अन्य Components केवल दो में डिजिटल सिग्नल से एक को समझ और बोल सकते हैं. तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे एनालॉग सिग्नल क्या है तो चलिए बिना देरी करे जानते हैं
एनालॉग सिग्नल क्या है – What is Analog Signal in Hindi
आगे जाने से पहले हमें इस बारे में थोड़ी बात करनी चाहिए कि वास्तव में एक Signal क्या है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं विशेष रूप से Signal संचार के लिए एक सामान्य साधन है. जो किसी प्रकार की जानकारी को व्यक्त करते हैं.
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एनालॉग सिग्नल भिन्न-भिन्न है जो समय-समय पर बदलता है. आमतौर पर वोल्टेज की तरह इन्हें आप मान सकते हैं इसलिए जब हम संकेतों के बारे में बात करते हैं तो बस उन्हें एक वोल्टेज के रूप में सोचें जो समय के साथ बदल रहा है.
अगर इसी प्रकार हम एनालॉग सिग्नल की बात करें तो सूचना भेजने और प्राप्त करने के लिए उपकरणों के बीच एनालॉग सिग्नल पास किए जाते हैं. जो कि वीडियो, ऑडियो या किसी प्रकार का Encoding data हो सकता है.
आमतौर पर संकेतों को तारों के माध्यम से प्रेषित किया जाता है. लेकिन वे रेडियो आवृत्ति तरंगों के माध्यम से हवा में भी गुजर सकते हैं. एनालॉग सिग्नल का ग्राफ हमेशा निरंतर बढ़ता रहता है.
उदाहरण के लिए- आपके कंप्यूटर के ऑडियो कार्ड और स्पीकर के बीच ऑडियो सिग्नल ट्रांसफर किए जा सकते हैं. जबकि Data signal को Tablet और Wi-fi के बीच हवा से गुजारा जा सकता है.
डिजिटल सिग्नल क्या है – What is Digital Signal in Hindi
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें डिजिटल सिगनल कुछ मायने में एनालॉग सिग्नल की तरह ही होते हैं. डिजिटल सिग्नल द्वारा Binary फॉर्म में डाटा और सूचनाओं का परिवहन किया जाता है यानी कि डिजिटल सिग्नल Bits के रूप में सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं.
डिजिटल सिग्नल को सरल साइन तरंगों के रूप में विभाजित किया जा सकता है जिन्हें की Harmonics कहा जाता है डिजिटल सिग्नल डिजिट के रूप में डाटा को प्रदर्शित करते हैं.
सरल तरंग में विभिन्न प्रकार के आवृत्ति, आयाम और चरण हो सकते हैं डिजिटल सिग्नल के संबंध में हम 2 शब्दों का उपयोग किया करते हैं जिनमें की पहला है Bit Rate और दूसरा है Bit Interval किसी भी प्रकार के 1 Bit को भेजने में लगा हुआ समय बिट अंतराल के नाम से जाना जाता है.
उदाहरण के लिए यदि हम एक सेकंड में 9 Bit डाटा को भेजते हैं तो बीच अंतराल 1/9 होगा अर्थात 0.11111 समय होगा
Analog Signal और Digital Signal Image
क्योंकि एक Signal समय के साथ बदलता रहता है. यह एक ग्राफ पर उसे Plot करने में मददगार होता है. जहां समय क्षैतिज, X-अक्ष पर और Plot ऊर्ध्वाधर, Y-अक्ष पर स्थित होता है. सिग्नल के ग्राफ को देखना आमतौर पर यह पहचानने का सबसे आसान तरीका है कि क्या यह एनालॉग या डिजिटल सिग्नल है
Analog Signal का Time-vs-voltage ग्राफ सुचारू और निरंतर होना चाहिए. हालांकि ये संकेत अधिकतम और न्यूनतम मूल्यों की सीमा तक सीमित हो सकते हैं. फिर भी उस सीमा के भीतर संभावित मूल्यों की एक अनंत संख्या है.
एनालॉग सिग्नल की जानकारी
दोस्तों जैसा कि हमने ऊपर जाना सूचना भेजने और प्राप्त करने के लिए उपकरणों के बीच एनालॉग सिग्नल पास किए जाते हैं. जो कि वीडियो, ऑडियो या किसी प्रकार का Encoding data हो सकता है.
वीडियो और ऑडियो प्रसारण अक्सर एनालॉग सिग्नल का उपयोग करके स्थानांतरित या रिकॉर्ड किए जाते हैं. उदाहरण के लिए- एक पुराने RCA jack से निकलने वाला मिश्रित वीडियो आमतौर पर 0 और 1.073V के बीच कोडित एनालॉग सिग्नल होता है. सिग्नल में छोटे बदलाव वीडियो के रंग या स्थान पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं.
एक एनालॉग सिग्नल जो समग्र वीडियो, डेटा की एक पंक्ति का प्रतिनिधित्व करता है. शुद्ध ऑडियो सिग्नल भी एनालॉग सिग्नल हैं. माइक्रोफ़ोन से निकलने वाला संकेत एनालॉग सिग्नल आवृत्तियों और हार्मोनिक्स से भरा होता है. जो सुंदर संगीत बनाने के लिए गठबंधन करता है.