उलटा निवेश

टीबी, दुनिया में सबसे जानलेवा बीमारियों में से है. हर दिन, चार हज़ार से अधिक लोगों की तपेदिक के कारण मौत होती है और 30 हज़ार से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित होते हैं.
बजट पर सरकार में ही असहमति के सुर, निवेश पर चोट पड़ने की आशंका
बजट पेश करने के दौरान केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (file pic)
सन्नी वर्मा, अनिल सासी
बजट में अमीरों पर ज्यादा सरचार्ज लगाने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार का एक धड़ा ही सहमत नजर नहीं आ रहा। उनका मानना है कि सरकार के इस कदम से नए निवेशक हतोत्साहित होंगे और ज्यादा संपत्ति वाले लोगों के भारत छोड़ने का ट्रेंड और बढ़ जाएगा। बता दें कि हालिया बजट का फोकस इस बात पर है कि देश में सुस्त पड़ते निवेश को निजी भागेदारी के जरिए रफ्तार दी जाए। हालांकि, अमीरों पर सरचार्ज के इस प्रस्ताव को इससे ठीक उलट कदम माना जा रहा है।
प्रगति की धीमी रफ़्तार
वर्ष 2018-2020 तक, दो करोड़ लोगों तक टीबी उपचार सेवाओं को पहुँचाया गया, मगर यह 2018-2022 के लिये स्थापित पाँच वर्षीय लक्ष्य (चार करोड़) की आधी संख्या है.
इसी अवधि में 87 लाख लोगों को टीबी की रोकथाम के लिये सेवाएँ मुहैया कराई गईं, जोकि 2018-2022 के लिये पाँच वर्षीय लक्ष्य (तीन करोड़) का 29 प्रतिशत है.
बच्चों और किशोरों के लिये हालात और भी ख़राब बताए गए हैं. वर्ष 2020 में, टीबी से ग्रस्त 15 वर्ष से कम उम्र के 63 प्रतिशत बच्चों और किशोरों तक, जीवनरक्षक टीबी निदान व उपचार सेवाओं को सुनिश्चित नहीं किया जा सका.
पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये यह आँकड़ा और भी अधिक चिन्ताजनक – 72 प्रतिशत है.
रोकथाम व इलाज सम्भव
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़, टीबी की रोकथाम व पूर्ण रूप से इलाज सम्भव है, और इस चुनौती पर विराम लगाने के लिये सभी सैक्टरों द्वारा समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता होगी.
टीबी के निदान, उपचार और रोकथाम सेवाओं के लिये 2022 तक वार्षिक 13 अरब डॉलर के ख़र्च का लक्ष्य रखा गया है, मगर 2020 के दौरान, इस लक्षित व्यय की आधे से भी कम रक़म का इस्तेमाल हुआ है.
शोध और विकास कार्यों के लिये अतिरिक्त एक अरब 100 करोड़ डॉलर की आवश्यकता बताई गई है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “टीबी की रोकथाम, पता लगाने, और उपचार के लिये सर्वाधिक नवाचारी सेवाओं व औज़ारों के विकास और उनकी सुलभता में विस्तार के लिये तत्काल निवेशों की आवश्यकता है.
"ताकि हर साल लाखों लोगों की जीवन रक्षा की जा सके, विषमताओं को कम किया जा सके और व्यापक आर्थिक हानि को टाला जा सके.”
कोविड-19 से उत्पन्न व्यवधान
कोविड-19 महामारी का उन बच्चों और किशोरों पर विषमतापूर्ण व नकारात्मक प्रभाव हुआ है, जोकि या तो टीबी से पीड़ित उलटा निवेश हैं या फिर उसके जोखिम का सामना कर रहे हैं.
घर-परिवारों में टीबी का फैलाव बढ़ा है, जबकि देखभाल और स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता कम हुई है.
इसके मद्देनज़र, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने विश्व तपेदिक दिवस पर सदस्य देशों से टीबी सेवाओं की सुलभता फिर से बहाल करने, और वैश्विक महामारी के कारण आए व्यवधान से निपटने का आहवान किया है, विशेष रूप से बच्चों व किशोरों उलटा निवेश के लिये.
स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि टीबी कार्यक्रमों में निवेश का लाभ ना सिर्फ़ व्यक्तियों तक पहुँचता है, बल्कि स्वास्थ्य प्रणालियाँ पुख़्ता होती हैं और महामारी की तैयारियों को भी मज़बूती मिलती है.
कोविड-19 महामारी से सबक़ लेते हुए, निवेश में स्फूर्ति लाने और नए औज़ारों, जैसेकि टीबी वैक्सीन, को विकसित करने की प्रक्रिया को अहम बताया गया है.
खर्चों में कटौती करें
महंगाई अपने उच्च स्तर पर हो तो ऐसे में गैर जरुरी चीजों पर खर्च करने से बचना चाहिए. यही सबसे बढ़िया तरीका भी है. अगर आप इस चीज को बखूबी समझना चाहते हैं तो इसके लिए आप अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट को देख सकते हैं
महंगाई चरम पर हो तो खर्चों में कटौती के लिए आप काफी चर्चित 50:20:30 नियम भी अपना सकते हैं. इस नियम के तहत टैक्स देने के बाद बचे कुल कमाई का 50 फीसदी भाग जरुरी चीजों पर खर्च करने, 30 फीसदी भाग अपनी इच्छाओं को पूरा करने और 20 फीसदी हिस्सा बचाना चाहिए. इसके आलावा कई अहम नियम जिसे अपनाकर आप अपने खर्चों में कटौती कर सकते हैं.
रियल रिटर्न देने वाली स्कीम में निवेश करें
महंगाई चरम पर हो तो ऐसे समय में रियल रिटर्न तभी मिलता है जब आप अपनी बचत (सेविंग) से इनफ्लेशन रेट के प्रभाव में कटौती करते हैं. हालांकि आपको फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और इसके जैसी अन्य स्कीम पर बेहतर रिटर्न का लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में आपको उन्ही स्कीम पर अपनी सेविंग खर्च करनी चाहिए जो आपको रियल रिटर्न की गारंटी दें.
महंगाई अपने चरम पर होती है तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया उसे कंट्रोल करने के लिए ब्याज दरों में फेरबदल करता है. जिससे बिजनेस और अन्य सेक्टर प्रभावित होते हैं. ऐसे में स्टॉक मार्केट / कंपनियों में अपने बचत को निवेश करने से पहले चेक कर लें कि कंपनी का कारोबार कैसा चल रहा है. कई बार महंगाई के कारण कुछ कंपनियां से निकले प्रोडक्ट या ब्रांड में गिरावट देखने को मिलती है.
बजट पर सरकार में ही असहमति के सुर, निवेश पर चोट पड़ने की आशंका
बजट पेश करने के दौरान केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (file pic)
सन्नी वर्मा, अनिल सासी
बजट में अमीरों पर ज्यादा सरचार्ज लगाने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार का एक धड़ा ही सहमत नजर नहीं आ रहा। उनका मानना है कि सरकार के इस कदम से नए निवेशक हतोत्साहित होंगे और ज्यादा संपत्ति वाले लोगों के भारत छोड़ने का ट्रेंड और बढ़ जाएगा। बता दें कि हालिया बजट का फोकस इस बात पर है कि देश में सुस्त पड़ते निवेश को निजी भागेदारी के जरिए रफ्तार दी जाए। हालांकि, अमीरों पर सरचार्ज के इस प्रस्ताव को इससे ठीक उलट कदम माना जा रहा उलटा निवेश है।
EPFO सदस्यों के लिए बड़ी खबर, अलग हो सकता है PF और पेंशन खाता
करीब 6 करोड़ ईपीपीएफओ सदस्यों के लिए बड़ी खबर है। मोदी सरकार मासिक पेंशन भुगतान की सुरक्षा के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा कवर किए गए औपचारिक क्षेत्र के कर्मचारियों के भविष्य निधि और.
Mon, 21 Jun 2021 10:54 AM
वाराणसी में क्या रहा सोना और चांदी का रेट
वाराणसी में 21 जून को सोने की कीमत 47,840.0 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी का भाव 69,200.0 रुपये प्रति किलोग्राम रहा।वाराणसी के सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतों में कल के मुकाबले बदलाव आया है।.
Mon, 21 Jun 2021 10:01 AM
पुणे में सोना 240.0 रुपये गिरा, चांदी की दर समान है
पुणे सर्राफा बाजार में 21 जून को सोने की कीमत में गिरावट रही। सोना 240.0 रुपये की गिरावट के साथ 47,820.0 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। 20 जून को भाव 48,060.0 रुपये पर बंद हुआ.
Mon, 21 Jun 2021 10:00 AM