क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का है इरादा, आगे बढ़ने से पहले पांच जरूरी बातें
नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) लगातार सुर्खियों में है। इससे जुड़े फायदे नुकसान पर चर्चा तेजी से जारी है। इस बीच लोग अचानक क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency) में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहे हैं, क्रिप्टो से जुड़े स्कैम होने की संभावनाएं भी जताई जाती रही है। क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को रेग्यूलेट करने के लिए फिलहाल भारत में कोई बड़ा फैसला नहीं हुआ है। हालांकि एडवर्टाइजिंग काउँसिल ने अपने स्तर पर गाइडलाइन जारी की है। जिसमें कहा गया है कि 1 अप्रैल 2022 के बाद क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापनों में डिस्क्लेमर देने जरूरी कर दिया गया है। जिसमें विज्ञापन देने वालों को ये साफ साफ लिखना होगा क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी कि क्रिप्टो करेंसी भारत में रेग्युलेटेड नहीं है, इसमें निवश करना जोखिम भरा हो सकता है।
जोखिमों की जानकारी के बावजूद लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहे हैं। ऐसे में क्रिप्टो करेंसी के कुछ जानकारों ने इसमें निवेश से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है।
पूरी जानकारी लें
क्रिप्टो करेंसी में निवेश से पहले पूरी रिसर्च करना जरूरी है, निवेश का फैसला करने से पहले क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में पूरी जानकारी लेना सही होता है। रिसर्च के दौरान कई फैक्टर्स पर ध्यान देना क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी चाहिए कि निवेश कब किया जाना चाहिए, निवेश से आपको कितना फायदा होगा। कीमतों को कौन कौन से फेक्टर्स प्रभावित करेंगे।
क्रिप्टो एक्सचेंज से निवेश
अपनी रिसर्च के आधार पर ही क्रिप्टोकरेंसी का सिलेक्शन करें। ज्यादा संख्या में अलग अलग डिजिटल करेंसी तलाशने की जगह जिसकी जानकारी अच्छे से मिले उसी में निवेश करें। निवेश के बाद किसी भी नुकसान से बचने के लिए किसी जाने माने क्रिप्टो एक्सचेंज से निवेश की सलाह दी जाती है।
संचालक को जानें
निवेश से पहले ये जरूर जान लें कि जिस भी क्रिप्टो करेंसी में आप पैसा डाल रहे हैं, उसका संचालन कौन कर रहा है। टीम की जानकारी मिलते ही अलग अलग सोशल मीडिया पर उस टीम से जुड़ी सारी जानकारी जरूर हासिल करें।
गणित समझें
क्रिप्टोकरेंसी का गणित जरूर समझ लें, इसे टोकोनॉमिक्स कहा जाता है। टोकोनॉमिक्स यानि कि क्रिप्टो करेंसी की इकोनॉमिक्स, जिसे समझ कर आप ये जान सकते हैं कि डिमांड और सप्लाई का तरीका और सही समय क्या है, ये पूरा खेल समझने के बाद ही आगे बढ़ें।
जोखिम की तैयारी
विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों को उतना ही पैसा इसमें लगाना चाहिए जिसका घाटा वो बर्दाश्त कर सकें। पूरी तैयारी से निवेश करने के बावजूद नुकसान की संभावना हमेशा बनी ही रहेगी।
*Disclaimer :- इसमें निवेश करने से पहले सही से जानकारी प्राप्त कर लें, तभी निवेश करने में दिलचस्पी लें, MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।
क्रिप्टोकरेंसी के जन्म की कहानी (A dive into the birth of a Cryptocurrency)
आजकल बहुत से लोगों की रुचि क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ी है। क्रिप्टोकरेंसी में रुचि अब तक के उच्चतम स्तर पर है, चाहे वह लोकप्रिय टोकन की तकनीक की जिज्ञासा के कारण हो या बस उनसे लाभ उठाने की इच्छा के कारण हो।
हम में से कई लोग लाभ के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदते और बेचते हैं, उसी तरह जैसे हम पारंपरिक शेयरों के साथ करते हैं, पर ये थोड़े अलग हैं। जब आप स्टॉक खरीदते हैं, तो आप एक कंपनी में स्वामित्व का एक अंश खरीद रहे होते हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी के साथ, आपके पास एक्सचेंज का माध्यम होता है और ‘कंपनी’ में खरीदारी नहीं करते हैं जब तक कि आप आईसीओ में भाग नहीं लेते। इसके अलावा, ब्लॉकचेन की विकेंद्रीकृत प्रकृति, इसकी अंतर्निहित तकनीक के कारण क्रिप्टो को स्टॉक के रूप में विनियमित नहीं किया जाता है। इसी कारण इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है।
हालांकि, बिटक्वाइन और ईथर जैसे लोकप्रिय टोकन के आंतरिक कामकाज के बारे में जिज्ञासा इस रुचि के कारण होती है। हम में से कई, विशेष रूप से, क्रिप्टोकरेंसी की उत्पत्ति के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं। यह देखते हुए कि क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से डिजिटल क्षेत्र में मौजूद है और केंद्रीय बैंक द्वारा जारी नहीं की जाती, गैर-तकनीकी लोगों के लिए यह समझना मुश्किल हो सकता है कि बिटक्वाइन कहां से उत्पन्न होता है और यह कैसे कार्य करता है।
हालांकि बिटक्वाइन जटिल है, इसकी आंतरिक कार्यप्रणाली उतनी हैरान करने वाली नहीं है जितनी लोग सोचते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी किस प्रकार बनाई जाती है?
यदि आपने कोई क्रिप्टो या ब्लॉकचेन से संबंधित साहित्य पढ़ा है, तो आप शायद “माइनिंग” शब्द के बारे में जानते होंगे। माइनिंग क्रिप्टोकरेंसी उद्योग में अक्सर उपयोग किया जाने वाला शब्द है क्योंकि यह वो तरीका है जिसके द्वारा क्रिप्टोकरेंसी वितरित की जाती है।
एक बात का ध्यान रखें कि सभी क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन पर बनी हैं और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सारे लेनदेन ब्लॉकचेन पर होते हैं। ब्लॉकचेन पर लेनदेन पूरा करने से पहले इसका अनुरोध या इसकी पहल की जानी चाहिए। सत्यापन पुष्टि की प्रक्रिया होती है और इसे प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए नियमित रूप से ब्लॉकचेन नेटवर्क (जैसे बिटक्वाइन नेटवर्क) पर किया जाना चाहिए।
ये सत्यापन कंप्यूटर के नेटवर्क द्वारा किए जाते हैं, और जो लोग लेनदेन को मान्य करने के लिए अपने कंप्यूटर को इस्तेमाल करने देते हैं उन्हें नेटवर्क के मूल टोकन से पुरस्कृत किया जाता है। इस प्रकार की गतिविधि को माइनिंग कहते हैं।
हालांकि, माइनिंग का तरीका अलग-अलग होता है और ऐसा करने के लिए दो ब्लॉकचेन सिस्टम का उपयोग किया जा सकता है: प्रूफ-ऑफ-वर्क और प्रूफ-ऑफ-स्टेक। दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि सत्यापन किस प्रकार पूरा किया जाता है। प्रूफ-ऑफ़-वर्क सिस्टम में सत्यापनकर्ताओं को एक जटिल गणितीय पहेली को हल करने के लिए अपने कंप्यूटर का उपयोग करना होता है।
माइनिंग प्रक्रिया में शामिल लोगों को लेन-देन के एक समूह (एक ब्लॉक) के मान्य होने के बाद टोकन की एक पूर्वनिर्धारित मात्रा के साथ पुरस्कृत किया जाता है और इस तरह से बाजार में अधिक क्वाइंस/टोकन आते हैं। बिटक्वाइन नेटवर्क प्रूफ-ऑफ-वर्क सिस्टम का एक उदाहरण है जो बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग करता है।
प्रूफ-ऑफ-स्टेक नेटवर्क में सत्यापनकर्ता केवल वे लोग नहीं होते जो जटिल गणितीय पहेली को हल करने का निर्णय लेते हैं। इसके बजाए सत्यापनकर्ताओं को इस आधार पर चुना जाता है कि उनके पास पहले से कितने टोकन हैं, यानी उनके पास नेटवर्क में कितनी बड़ी हिस्सेदारी है। इसके अलावा, प्रूफ-ऑफ-वर्क के क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी विपरीत, प्रूफ-ऑफ-स्टेक सिस्टम में बहुत कम ऊर्जा की खपत होती है; उदाहरणों में पोल्काडॉट, EOSIO और कार्डानो शामिल हैं, इथेरियम जल्द ही इस प्रणाली में माइग्रेट करने की योजना बना रहा है, इससे इसके वर्तमान ऊर्जा उपयोग का 95% तक कम हो जाएगा।
क्रिप्टो की कीमत किस प्रकार तय की जाती है?
आज कल हजारों क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में हैं, लेकिन कुछ की कीमत दसियों हज़ार डॉलर है जबकि अन्य की कीमत काफी कम हैं। इसका कारण क्या है? और कुछ क्रिप्टोकरेंसी दूसरों की तुलना में अधिक मूल्यवान क्यों हैं?
माइनिंग के माध्यम से बनाए गए सारे बिटक्वाइन (या क्वाइन) माइनर के पास नहीं होते। इसके बजाए कई क्वाइंस को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म और अन्य साइटों को खरीदने के लिए बेच दिया जाता है, इस तरह वे पूरे बाजार में फैल जाते हैं। जिस कीमत पर टोकन आम जनता को बेचा जाएगा, उसे विभिन्न मानदंडों द्वारा निर्धारित किया जाता है।
इसके साथ ही माइनिंग की लागत का मुद्दा होता है। माइनिंग उपकरण और बिजली की लागत को कवर करने के लायक राशि के लिए प्रूफ-ऑफ-वर्क टोकन बेचा जाना चाहिए। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी की कीमत निर्धारित करने में मांग और आपूर्ति सबसे महत्वपूर्ण कारक होते हैं।
कुल मिलाकर, कुछ के लिए क्रिप्टोकरेंसी पैसा है, और पैसे का मूल्य प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए, डॉजकोइन को लें, जो अधिकांश समय एक अल्पविकसित क्रिप्टोकरेंसी के रूप में जाना गया। हालांकि, जब एलोन मस्क ने टोकन के बारे में ट्वीट करना शुरू किया, तो इसकी कीमत आसमान छूने लगी।
सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत में विभिन्न कारकों के कारण उतार-चढ़ाव होती रहती है। प्रतिबंधित आपूर्ति के कारण (प्रत्येक ब्लॉक के लिए वितरित टोकन की संख्या में गिरावट) हर बार इसकी कीमत बढ़ जाती है। हर बार एक नया विकास होता है जो बिटक्वाइन की मांग को बढ़ाता है जिससे आपूर्ति और मांग के पुराने स्थापित नियम के अनुसार कीमत बढ़ जाती है।
निष्कर्ष
जबकि हम में से बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी से अपरिचित हैं, उनके आंतरिक कामकाज और बुनियादी सिद्धांतों को आसानी से वर्णित किया जा सकता है, जिससे हमें इस नवीन अवधारणा की बेहतर समझ मिलती है।
अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का है इरादा, आगे बढ़ने से पहले पांच जरूरी बातें
नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) लगातार सुर्खियों में है। इससे जुड़े फायदे नुकसान पर चर्चा तेजी से जारी है। इस बीच लोग अचानक क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency) में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहे हैं, क्रिप्टो से जुड़े स्कैम होने की संभावनाएं भी जताई जाती रही है। क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को रेग्यूलेट करने के लिए फिलहाल भारत में कोई बड़ा फैसला नहीं हुआ है। हालांकि एडवर्टाइजिंग काउँसिल ने अपने स्तर पर गाइडलाइन जारी की है। जिसमें कहा गया है कि 1 अप्रैल 2022 के बाद क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापनों में डिस्क्लेमर देने जरूरी कर दिया गया है। जिसमें विज्ञापन देने वालों को ये साफ साफ लिखना होगा कि क्रिप्टो करेंसी भारत में रेग्युलेटेड नहीं है, इसमें निवश करना जोखिम भरा हो सकता है।
जोखिमों की जानकारी के बावजूद लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहे हैं। ऐसे में क्रिप्टो करेंसी के कुछ जानकारों ने इसमें निवेश से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है।
पूरी जानकारी लें
क्रिप्टो करेंसी में निवेश से पहले पूरी रिसर्च करना जरूरी है, निवेश का फैसला करने से पहले क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में पूरी जानकारी लेना सही होता है। रिसर्च के दौरान कई फैक्टर्स पर ध्यान देना चाहिए कि निवेश कब किया जाना चाहिए, निवेश से आपको कितना फायदा होगा। कीमतों को कौन कौन से फेक्टर्स प्रभावित करेंगे।
क्रिप्टो एक्सचेंज से निवेश
अपनी रिसर्च के आधार पर ही क्रिप्टोकरेंसी का सिलेक्शन करें। ज्यादा संख्या में अलग अलग डिजिटल करेंसी तलाशने की जगह जिसकी जानकारी अच्छे से मिले उसी में निवेश करें। निवेश के बाद किसी भी नुकसान से बचने के लिए किसी जाने माने क्रिप्टो एक्सचेंज से निवेश की सलाह दी जाती है।
संचालक को जानें
निवेश से पहले ये जरूर जान लें कि जिस भी क्रिप्टो करेंसी में आप पैसा डाल रहे हैं, उसका संचालन कौन कर रहा है। टीम की जानकारी मिलते ही अलग अलग सोशल मीडिया पर उस टीम से जुड़ी सारी जानकारी जरूर हासिल करें।
गणित समझें
क्रिप्टोकरेंसी का गणित जरूर समझ लें, इसे टोकोनॉमिक्स कहा जाता है। टोकोनॉमिक्स यानि कि क्रिप्टो करेंसी की इकोनॉमिक्स, जिसे समझ कर आप ये जान सकते हैं कि डिमांड और सप्लाई का तरीका और सही समय क्या है, ये पूरा खेल समझने के बाद ही आगे बढ़ें।
जोखिम की तैयारी
विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों को उतना ही पैसा इसमें लगाना चाहिए जिसका घाटा वो बर्दाश्त कर सकें। पूरी तैयारी से निवेश करने के बावजूद नुकसान की संभावना हमेशा बनी ही रहेगी।
*Disclaimer :- इसमें निवेश करने से पहले सही से जानकारी प्राप्त कर लें, तभी निवेश करने में दिलचस्पी लें, MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी ? कैसे होता है क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन ? जानिए पूरी प्रोसेस
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What is Cryptocurrency and How to invest in cryptocurrency in hindi –
क्रिप्टोकरेंसी आज हर तरफ लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. आज हमारे आसपास मौजूद हर कोई ना केवल इस क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी चाहता है बल्कि साथ ही क्रिप्टोकरेंसी में इंवेट भी करना चाहता है. क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सबसे पहले तो आपको यह बता दें कि यह एक डिजिटल करेंसी है जिसके माध्यम से आप किसी वस्तु को खरीदने और बेचने का काम भी कर सकते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी का अब तक कई देशों में होता है तो वहीँ भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency in India) का चलन शुरू किए जाने को लेकर सरकार बातें कर रही हैं. जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि भारत भी जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट में कदम रख सकता है.
वैसे तो कई लोग इस बारे में जानकारी रखते हैं की क्रिप्टोकरेंसी क्या है (What is cryptocurrency) ? लेकिन इसके बावजूद भी आज कई लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं क्रिप्टोकरेंसी क्या है ? क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है ? क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे किया जाता है ? क्रिप्टोकरेंसी को कैसे खरीदते बेचते हैं ? आदि.
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क्या है क्रिप्टोकरेंसी ? What is cryptocurrency ?
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी यानि डिजिटल पैसा है. क्रिप्टोकरेंसी को दो वर्ड्स क्रिप्टो और करेंसी से मिलकर बनाया गया है. क्रिप्टो का मतलब होता है छुपा हुआ और करेंसी यानि पैसा यानि क्रिप्टोकरेंसी का मतलब होता है छुपा हुआ पैसा या डिजिटल पैसा या फिर डिजिटल पैसा. इस पैसा को हम अपने पास तो रख सकते हैं लेकिन हाथ नहीं लगा सकते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी ऐसा डिजिटल पैसा है जो पूरी तरह से ऑनलाइन ही मौजूद होता है जोकि क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी मुद्रा के एक डिजिटल फॉर्म में काम करता है. इसकी मदद से किसी वस्तु को खरीदा या बेचा जा सकता है लेकिन इसे ठोस रूप में हम अपनी जेब में नहीं रख सकते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण किसने और क्यों किया ? Who created cryptocurrency?
सबसे पहले यूनाइटेड स्टेट के द्वारा साल 1996 में इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड का निर्माण किया गया था. इस गोल्ड को हम छू नहीं सकते थे और ना ही हमारे पास रख सकते थे लेकिन इस गोल्ड से किसी भी दूसरी वस्तु को ख़रीदा जरुर जा सकता था. इसे साल 2008 में बैन कर दिया गया था. कुछ लोग क्रिप्टोकरेंसी के बारे में यह मानते हैं कि साल 2009 के दौरान सतोशी नाकामोतो ने इसकी शुरुआत की थी. लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि इससे कई साल पहले ही क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हो चुकी थी.
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है ? How does cryptocurrency work ?
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के जरिए किया जाता है. दरअसल क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है जोकि पूरी तरह से कोडेड या इनक्रिप्टेड रहती हैं. इन्हें डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम मैनेज करता है और इस सिस्टम के द्वारा ही डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जाता है और हर लेनदेन पर ध्यान रखा जाता है. इस पूरे रिकॉर्ड को क्रिप्टोग्राफी के जरिए सेव किया जाता है.
जब क्रिप्टोकरेंसी से किसी वस्तु को खरीदा जाता है तो इसे क्रिप्टो माइनिंग कहते हैं. जबकि हर डिटेल के बारे में जानकारी रखने के लिए डेटाबेस तैयार करने वाले को माइनर्स कहते हैं. यानि यह कहा जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टोग्राफी से ही सुरक्षित रखा जाता है.
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क्रिप्टोकरेंसी से लेनदेन कैसे होता है ? How to transact with cryptocurrency ?
जब हम क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से कोई भी ट्रांजेक्शन करते हैं तो इस ट्रांजेक्शन की जानकारी को सबसे पहले ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड किया जाता है. यहाँ से इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी माइनर्स के पास चली जाती है. जिसके बाद क्रिप्टोग्राफिक के माध्यम से प्रत्येक ब्लाक के लिए एक हैश कॉड को खोजा जाता है. हैश कॉड को खोजने के बाद उसे ब्लॉकचेन से जोड़ा जाता है और नेटवर्क में कंप्यूटर के जरिए वेरिफाई किया जाता है. जैसे ही यह वेरीफाई हो जाता है इसके मतलब है कि ब्लाक सिक्योर है.
क्रिप्टोकरेंसी को कैसे खरीदें और बेचें ? How to Buy and Sell Cryptocurrencies?
आज क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसकी पूरी जानकारी कई ऐसी एप्लीकेशन या प्लेटफ़ॉर्म आ गए हैं जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं. इन एप्लीकेशन की सहायता से आप क्रिप्टोकरेंसी को खरीद और बेच भी सकते हैं जोकि एक काफी आसान प्रोसेस बन गई है. इन एप्लीकेशन या प्लेटफ़ॉर्म में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber, CoinDCX GO आदि के नाम शामिल हैं.
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में एक खास बात यह भी है कि आप इन एप्लीकेशन के माध्यम से दिन के किसी भी समय इनको खरीद या बेच सकते हैं. बस इस इसके लिए आपको अपने पसंदीदा एप्लीकेशन पर अकाउंट बनाना होगा और KYC पूरा करके अमाउंट के साथ खरीदना और बेचना शुरू करना होगा.
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क्रिप्टोकरेंसी मार्केट क्या है ? what is cryptocurrency market ?
जिस तरह हम किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए शेयर मार्केट का रुख करते हैं और अलग-अलग एप्लीकेशन की सहायता से शेयर खरीदते हैं. ठीक उसी तरीके से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट भी काम करता है. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट वह जगह हैं जहाँ से क्रिप्टोकरेंसी को खरीदा और बेचा जाता है. इसे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, डिजिटल करेंसी एक्सचेंज, कॉइन मार्केट या क्रिप्टो मार्केट भी कहा जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ किया जा सकता है ? Where can cryptocurrencies be used?
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल आप वस्तुओं को खरीदने और बेचने में कर सकते हैं. इसका उदाहरण आप इस रूप में भी देख सकते हैं कि दुनिया का सबसे महंगा हीरा भी क्रिप्टोकरेंसी के द्वारा ही खरीदा गया है. क्रिप्टोकरेंसी की एक तय वेल्यु होती है और इसके अनुसार आप वस्तु को खरीदने में सक्षम होते हैं. क्रिप्टोकरेंसी से आप किसी सामान को खरीद सकते हैं और इन्वेस्टमेंट में में भी क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल हो सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य : Future of Cryptocurrency :
हम आए दिन यह देख रहे हैं कि लोगों का रुख क्रिप्टोकरेंसी की तरफ बढ़ते ही जा रहा है. और इसे देखते हुई ही अब कई देशों के द्वारा भी अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाए जाने पर विचार किया जा रहा है. जब कोई देश अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने के बारे में विचार कर रहा है तो इसपर भरोसा करना बनता है. क्योंकि कुछ समय पहले जहाँ सरकार इसे बैन कर रही थीं तो वहीँ अब वे भी क्रिप्टोकरेंसी के सपोर्ट में आते दिखाई दे रहे हैं.
क्रिप्टोकरेंसी और भारत सरकार : Cryptocurrency and the Government of India :
कहा जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को इंडिया में भी कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी जा सकती है. इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक को कई बार क्रिप्टो करेंसी के साथ जुड़े कई लोगों के साथ बैठक करते हुए भी देखा जा चूका है जिसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत में भी कुछ नियमों में साथ इसे मंजूरी दी जा सकती है.