क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है

स्विंग ट्रेडिंग के बारे में और अधिक विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे लिखे पोस्ट को पढ़ें.
एक दिन का आदेश क्या है? | What is a Day Order
एक दिन का आदेश एक दलाल को एक विशिष्ट मूल्य पर एक व्यापार निष्पादित करने के लिए एक आदेश पर रखा गया है जो व्यापार के दिन के अंत में समाप्त हो जाता है यदि यह पूरा नहीं होता है। एक दिन का आदेश एक सुरक्षा खरीदने या बेचने के लिए एक सीमित आदेश हो सकता है, लेकिन इसकी अवधि उस व्यापारिक दिन के शेष भाग तक सीमित होती है।
- दिन के आदेश प्रतिभूतियों को खरीदने या बेचने के सीमित आदेश हैं जो केवल शेष व्यापारिक दिन के लिए अच्छे होते हैं, जिस पर उन्हें रखा जाता है।
- यदि व्यापार शुरू नहीं होता है, तो आदेश पूरा नहीं होता है और सत्र के अंत में रद्द कर दिया जाता है।
- व्यापारियों के पास अन्य अवधियों का उपयोग करने का विकल्प होता है, लेकिन अधिकांश सीमा आदेश दिन के आदेश होते हैं।
Day Order क्या है? |
दिन के आदेशों को समझना | Understanding Key Order
एक दिन का ऑर्डर कई अलग-अलग ऑर्डर अवधि प्रकारों में से एक है जो यह निर्धारित करता है कि ऑर्डर रद्द होने से पहले बाजार में कितना समय है। दिन के आदेश के मामले में, वह अवधि एक ट्रेडिंग सत्र है। दूसरे शब्दों में, यदि ट्रेडर के ऑर्डर को निष्पादित नहीं किया जाता है या ऑर्डर देने के दिन ट्रिगर किया जाता है, तो ऑर्डर रद्द हो जाता है। अन्य अवधि-आधारित ऑर्डर के दो उदाहरण हैं अच्छा 'टिल कैंसिल (जीटीसी) ऑर्डर जो तब तक सक्रिय रहता है जब क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है तक कि इसे मैन्युअल रूप से रद्द नहीं किया जाता है, और तत्काल या रद्द (आईओसी) ऑर्डर, जो ऑर्डर के सभी या हिस्से को क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है तुरंत भर देता है और शेष को रद्द कर देता है। आदेश का हिस्सा अगर इसे पूरा नहीं किया जा सकता है।
डे ऑर्डर अक्सर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर डिफ़ॉल्ट ऑर्डर अवधि के रूप में कार्य करता है। इसलिए, व्यापारी को आदेश की समाप्ति के लिए एक अलग समय सीमा निर्दिष्ट करनी चाहिए, या यह स्वचालित रूप से एक दिन का आदेश होगा। उस ने कहा, ट्रेड करते समय दिन के व्यापारी कई अलग-अलग प्रकार के ऑर्डर का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, डिफ़ॉल्ट होने के कारण, अधिकांश बाजार आदेश वास्तव में दिन के आदेश हैं।
दिन के आदेशों का उपयोग करना | Utilization of Day order
दिन के आदेश विशेष रूप से उपयोगी हो सकते हैं जब एक विशिष्ट मूल्य बिंदु पर सुरक्षा का आदेश देने के लिए उपयोग किया जाता है ताकि व्यापारी को आदेश को निष्पादित करने के लिए सही समय की प्रतीक्षा में शेष दिन के लिए सुरक्षा की निगरानी करने की आवश्यकता न हो। यह इंट्राडे व्यापारियों को एक समय में कई प्रतिभूतियों की निगरानी और व्यापार करने में मदद करता है, जो कि आम बात है। बाजार खुलने से पहले, व्यापारी प्रत्येक व्यक्तिगत सुरक्षा का विश्लेषण करते हैं जो वे व्यापार करते हैं और फिर अपनी रणनीतियों के अनुसार ऑर्डर देते हैं। व्यक्तिगत आदेश निष्पादित होते ही व्यापारी व्यापारिक दिन के दौरान आगे की कार्रवाई करता है।
इंट्राडे ट्रेडर अक्सर ऐसी रणनीतियों का उपयोग करते हैं जो बाजार बंद होने से पहले बाहर निकलने की स्थिति को निर्धारित करती हैं। इस प्रकार, यदि कोई आदेश दिन के अंत तक नहीं भरा जाता है, तो व्यापारी इसे रद्द कर देगा। क्योंकि यह दिन के ऑर्डर के लिए स्वचालित रूप से होता है, इंट्राडे क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है ट्रेडर उनका पक्ष लेते हैं।
Stock Market में Trading कैसे करे, ट्रेडिंग कैसे करें, ट्रेडिंग करना सीखे
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान है लेकिन स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी होना चाहिए. अगर आपके पास स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी नहीं है तो आप स्टॉक मार्केट में पैसे कमाने की जगह पैसे गवा सकते है.
क्योंकि स्टॉक मार्केट एक ऐसा बाजार है जो की पूरी तरह जोख़िम से भरा है. यहां अगर आपको पूरी जानकारी होती है तो आप बहुत पैसे कमा सकते हैं लेकिन अगर आपको जानकारी नहीं है तो आप कुछ ही मिनट के अंदर कंगाल भी हो सकते हैं. तो चलिए सबसे पहले स्टॉक मार्केट और ट्रेडिंग के बारे में जानते है .
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Stock Market Me Trading Kaise Kare
Stock Market में आप Intraday, Scalping और Swing आदि Trading कर सकते है यह सब स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के तरीके है जिनका उपयोग कर के आप स्टॉक मार्केट में शेयर को खरीद व बैच कर मुनाफा कामते है. जिसके लिए आपको एक किसी ट्रेडिंग Technique को चुनना होता है जैसे की इंट्राडे, स्काल्पिंग और स्विंग फिर इन ट्रेडिंग के नियमों का पालन करना होता है.
अगर आप सभी नियमों का पालन करते है और Technique को Follow करते है तो आप रोज स्टॉक मार्केट से मुनाफा कमा सकते है इन ट्रेडिंग की Technique का उपयोग कर के बस आपके पास एक Demat Account और Trading Account होना चाहिए जिनकी मदद से आप Stock Exchange में से शेयर को खरीद सके और बेचने का काम कर सके.
Demat Account Kya Hai
डीमेट अकाउंट, हमारे बैंक क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है के सेविंग अकाउंट की तरह ही होता है. जैसे सेविंग अकाउंट का उपयोग पैसों को रखने के लिए करते हैं. ठीक उसी तरह डिमैट अकाउंट का उपयोग शेयर को रखने के लिए किया जाता है. अपना खुद का डिमैट अकाउंट कैसे खोलें यह जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़.
Trading Kaise Kare
ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान होता है. ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है. क्योंकि इनके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते. अगर आपके पास ये है तो अब आपको ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से शेयर मार्केट से शेयर को कम दामों में खरीदना है और उस शेयर की कीमत बढ़ जाने पर उसे ज्यादा दाम में बेच कर मुनाफा कमाना है इसी तरह हम ट्रेडिंग करते हैं. ट्रेडिंग कैसे करें इसके बारे में और विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
शेयर मार्केट में मुख्य रूप से तीन प्रकार की ट्रेडिंग ज्यादा होती हैं.
- Intraday Trading
- Scalping Trading
- Swing Trading
Intraday Trading Kya Hai
इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग एक ही दिन के अंदर की जाने वाली ट्रेडिंग होती है. इसमें आम शेयर मार्केट के खुलने से बंद होने के बीच में शेयर को खरीद और बेच कर ट्रेडिंग करते हैं.
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है, Scalping Trading Kya hai
जब कोई निवेशक स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करता है तो वह एक ही दिन के भीतर मार्केट के खुलने और बंद होने के मध्य शेयर को खरीदता और बेचता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह नियम है की इंट्राडे ट्रेडिंग में निवेशक कम दाम में शेयर खरीदता है और अधिक दामों में बेचकर प्रॉफिट कमाता है।
लेकिन इसके लिए उसे अपनी पोजीशन को काफी देर तक होल्ड करके रखनी पड़ती है और कभी कभी यह काम जल्दी भी हो जाता है। लेकिन निवेशक को को कम दाम पर शेयर खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ता है। लेकिन स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में ऐसा नहीं है।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है? – स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा उछाल वाले स्टॉक्स को चुना जाता है, इसके बाद पूरी मार्जिन मनी के साथ स्टॉक्स को खरीद लिया जाता है, और फिर जैसे ही उस स्टॉक्स की थोड़ी सी कीमत बढ़ जाती हैं तो उसे सेल कर दिया जाता है। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है आमतौर पर 1 मिनट से 25 मिनट के अंदर अंदर होती है।
Scalping Trading Kaise Kare
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले निवेशकों को एक Strategy बनानी होती है ताकि निवेशक उसी स्ट्रेटेजी के अनुसार ट्रेडिंग फील्ड में कार्य कर सकें। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं इससे हम एक उदाहरण के माध्यम से समझेंगे –
मान लीजिए किसी निवेशक ने एक स्कैल्प शेयर चुना और उस शेयर की कीमत में बहुत ज्यादा उछाल आता है। कहने क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है का मतलब हर 15:20 मिनट में 25 पैसे से लेकर ₹1.50 तक वोलैटिलिटी होती है। अब निवेशको को सबसे पहले अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जाकर उस कंपनी के शेयर को खरीदना है।
अब जैसा की आप सबको पता है कि निवेशक स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उन्हें जितना पैसा है उसके शेयर खरीदना है। यहां पर आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट का लगभग 90% मार्जिन उपयोग में ले सकते हैं, यहां पर आपको 5 गुना मार्जिन मिलता है अब निवेशक ने मान लेते हैं ₹110 प्रति शेयर के हिसाब से शेयर खरीद लिए।
Scalping Trading के मुख्य बिंदु
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है के कुछ टिप्स है जिनका आपको पालन करना है।
- कभी भी पूरी मार्जिन मनी का इस्तेमाल नहीं करें।
- हमेशा रिसर्च करके की ट्रेड ले अनुमान के हिसाब से ना चले।
- हमेशा स्टॉप लॉस लेकर चलें ताकि आपको बड़ा जोखिम ना उठाना पड़े।
- बिल्कुल लालच ना करें जितना आप का टारगेट क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है है बस वही रखें।
- मार्केट से फाइट नहीं करें और बार-बार ट्रेड नहीं ले।
- एक ही कंपनी के शेयर बार-बार ट्रेड ना करें।
LIC के शेयरों में दूसरे दिन दिखी तेजी, अभी खरीदें, बेचें या होल्ड करें, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
LIC share price: जीवन बीमा निगम (LIC) के शेयर की कीमत बुधवार सुबह शुरुआती कारोबार में उच्च स्तर पर पहुंच गई। एलआईसी स्टॉक लगभग ₹10 प्रति शेयर के भाव से ऊपरी अंतर के साथ खुले और एनएसई पर ₹890 के स्तर के इंट्रा डे उच्च स्तर पर पहुंच गए। हालांकि, बुधवार के उच्च स्तर पर प्रॉफिट बुकिंग बाद एलआईसी के शेयर जल्द ही इंट्राडे उच्च से नीचे आ गए। बाद में LIC शेयर महज 0.80 रुपये या 0.09% की बढ़त के साथ 876.25 रुपये पर बंद हुए। बता दें मंगलवार को एलआईसी शेयर 8 प्रतिशत से अधिक की छूट पर लिस्ट हुआ था।
स्टॉक एनालिसिस करने के तीन तरीके-
- फंडामेंटल एनालिसिस
- टेक्निकल एनालिसिस
- क्वालिटेटिव एनालिसिस
Stock Trading या Investment के लिए आप को उपर्युक्त तीनो तरीकों से स्टॉक एनालिसिस करना आना चाहिए। आप चाहें तो तीनों तरीके से Stock A nalysis कर सकते है।
ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट के लिए शेयर चुनने तथा स्टॉक एनालिसिस का कोई स्टैंडर्ड फार्मूला नहीं है क्योंकि जब स्टॉक मार्केट में ट्रेड होता है, तब कोई आदमी शेयर बेच रहा होता है तथा कोई उसी कीमत पर खरीद रहा होता है, तभी ट्रेड होता है। इसका मतलब दोनों की इन्वेस्टमेंट पर राय तथा इन्वेस्टमेंट एनालिसिस करने का तरीका अलग-अलग है। इसलिए Stock Analysis करने का कोई फिक्स-फॉर्मूला नहीं है। आगे स्टॉक एनालिसिस के तरीको के बारे में विस्तार से समझिये।
फंडामेंटल एनालिसिस:
Stock Analysis करते समय फंडामेंटल एनालिसिस के द्वारा शेयर की सही कीमत पता करने की कोशिश की जाती है शेयर की कीमत पता करने के लिए, कम्पनी वर्तमान में जो कारोबार रही है। वह अगले दो, पांच या दस सालों में कितना बढ़ सकता है।
मान लीजिये, आज कम्पनी को 500 करोड़ क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है का प्रॉफिट हो रहा है, तो अगले साल कितना प्रॉफिट हो सकता है। इस तरह हम जितने साल के लिए कम्पनी में इन्वेस्ट करना चाहते है, उतने साल तक का अनुमान Fundamental Analysis में लगाया जाता है।
फंडामेंटल एनालिसिस में ये भी देखा है कि अगले दो , पांच या दस साल में कंपनी के कैशफ्लो कैसे रह सकते है। कैशफ्लो की आज की तरीख में नेट प्रजेंट वैल्यू निकलने की कोशिश की जाती है। ऐसी आधार पर कम्पनी के प्रत्येक शेयर की प्रजेंट वैल्यु निकली जाती है।
दूसरा तरीका है कि कम्पनी की इंट्रिनसिक वैल्यू क्या है ? यानि की कम्पनी की सभी सम्पत्तियो तथा देनदारियों को निकालकर कम्पनी की नेट वैल्यू निकली जाती है।
कई बार लोग stock Analysis करते समय ये भी देखते है कि कम्पनी की डिविडेंट पॉलिसी क्या है ? यदि कम्पनी साल दर साल अच्छा डिविडेंड दे रही है। इसका मतलब कम्पनी कैश जेनरेशन भी कर रही है तथा Investor friendly भी है। ये सब मुददे स्टॉक एनालिसिस में देखे जाते है। उपर्यक्त सभी तरीको के द्वारा आप यह पता लगा सकते है कि कोई शेयर फंडामेंटली अच्छा है या बेकार।
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टेक्नीकल एनालिसिस:
इसमें शेयर का चार्ट देखकर भविष्य बताने की कोशिश की जाती है। पुराने डेटा के आधार पर अब तक शेयर ने कितना वॉल्यूम किया क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है तथा किस तरह का प्राइस एक्शन शेयर ने किया। शेयर कब कितना ऊपर - नीचे हुआ तथा कितन कितने वॉल्यूम पर हुआ , कितने समय में हुआ।
इस तरह Technical Analysis चार्ट पर पुराने डेटा को देखकर Stock Analysis करके किसी शेयर के भविष्य में होने वाले उतर -चढ़ाव को जानने की कोशिश को कहते है।
बहुत से लोग टेक्निकल एनालिसिस को शेयर का पोस्टमार्टम कहते है, डायग्नोसिस नहीं क्योंकि इसमें पुराने डेटा से भविष्य का अनुमान लगते है। ये भी एक stock analysis का तरीका है इसलिए लोग ऐसा करते है अतः ये गलत नहीं है।
इसमें इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि कम्पनी फंडामेंटल कैसे है, कम्पनी अच्छी है या बुरी क्योंकि इसमें सिर्फ price और volume एक्शन देखा जाता है technical analysis उन लोगों के लिए अच्छा है जो ट्रेडर हैं, intraday या short term trade करते है।
टेक्निकल एनालिसिस उन लोगो के लिए भी अच्छा है ,जो किसी शेयर में लम्बे समय तक निवेशित रहना चाहते है ,वो चार्ट के आधार पर उस लेवल का पता लगा सकते है जिस पर शेयर में लम्बे समय के लिए निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है इन्वेस्टर के लिए टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा किसी शेयर में एंट्री तथा एग्जिट के थोड़े संकेत मिलते है।ट्रेडर के लिए technical analysis सीखना आवश्यक है क्योंकि ट्रेडर को ट्रेड करने से पहले ही तय करना होता है, कि शेयर किस कीमत पर खरीदना तथा बेचना है। इसके लिए ट्रेडर को चार्ट पढ़ना आना चाहिए ,ये बात भी सही है कि जिन लोगों को चार्ट पढ़ना आता है वो शेयर बाजार में काफी पैसे कमाते है।
टेक्निकल एनालिसिस में stop loss लगाना बहुत जरूरी होता है। कई बार यह ट्रिगर भी हो जाता है ,स्टॉप लॉस ट्रेडर को बड़े नुकसान से बचता है।इसमें एक बात साफ होती है कि आपको शेयर एक निश्चित कीमत पर खरीदना होता है तथा निश्चित टार्गेट के लिए खरीदना होता है, आप टार्गेट को revise कर सकते है टार्गेट के साथ-साथ स्टॉप लॉस को भी रीवाइज करना चाहिए।
क़्वालीटेटिव एनालिसिस:
Stock analysis करने का तीसरा तरीका qualitative analysis है इसमें ये देखा जाता है कि जो लोग चला रहे हैं ( कम्पनी के प्रमोटर) उनका बैकग्राउंड कैसा है ? मान लेते हैं कि टाटा, अंबानी, वाडिया ये लोग बिज़नेस चला रहे है इन लोगों ने बड़ा एम्पायर खड़ा किया है।
आपको ये जानने का प्रयास करना चाहिए कि इनका कम्पनी खड़ी करने का पुराना रिकॉर्ड कैसा है ? गवर्नेंस तथा लेन -देन को लेकर कम्पनी के मेनेजमेंट का रिकॉर्ड कैसा है ? कोई गलत काम तो नहीं किये। मेनेजमैंट के खिलाफ रेगुलेटर के कोई एक्शन तो नहीं हुए।
यह भी जरूर जानना चाहिए कि कम्पनी का बिज़नेस मॉडल कैसा है ? क्या उसमें कुछ बेरियर ? कॉम्पिटिशन कितना आ सकता है ? उस बिज़नेस में रेवेन्यू विसिबिल्टी कैसी रह सकती है ? ये भी देखना चाहिए कि इसकी इंडस्ट्री कितना ग्रोथ कर रही है क्योंकि यदि इसकी इंडस्ट्री में ही ग्रोथ नहीं होगी, तो ये कम्पनी भी कहाँ ग्रोथ कर पायेगी ? ये कुछ फैक्टर है जिनसे qualitative analysis किया जाता है।