बाइनरी ऑप्शन्स

कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम

कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम

टैक्स चोरी के शक में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कंपनियों पर DGGI की रेड

DGGI यानी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस ने शनिवार, 1 जनवरी को देश की कुछ बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की. जांच एजेंसी को अंदेशा था कि इन कंपनियों ने टैक्स चोरी की है, इसी कारण से इन कंपनियों के दफ्तरों और परिसरों पर छापे मारे गए. इसके साथ ही DGGI इस समय CoinSwitch Kuber, CoinDCX, BuyUCoin और UnoCoin जैसे ब्रांड नाम से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (Cryptocurrency Exchange) चलाने वाली कंपनियों की जांच कर रही है.

करोड़ों की टैक्स चोरी का अंदेशा!

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने WazirX नाम की एक कंपनी पर आधा दर्जन दफ्तरों पर छापे मारे हैं. WazirX एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है. DGGI के मुताबिक इस कंपनी ने बड़े स्तर पर टैक्स चोरी की, इस कारण से कंपनी पर 49.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. जीएसटी विभाग की मुंबई टीम (CGST Mumbai) भी लंबे समय से WazirX की कारोबारी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थी, उस वक्त मुंबई टीम ने इस कंपनी की 40.5 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी थी. जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जुर्माना और ब्याज के रूप में WazirX से कुल 49.20 करोड़ रुपये की वसूली की गई है. इसके अलावा भी DGGI ने कई और क्रिप्टोकरेंसी सर्विस प्रोवाइडर्स कंपनियों के करीब आधा दर्जन दफ्तरों पर छापे मारे हैं. सूत्रों का मानना है कि टैक्स की ये कथित चोरी करीब 70 करोड़ रुपये तक की हो सकती है. ANI के मुताबिक ये सर्विस प्रोवाइडर्स क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और एक्सचेंज प्लेटफॉर्म की सुविधा देते हैं. जहां ट्रेडर्स, मर्चेंट और आम लोग Bitcoin, Ethereum, Ripple जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी जैसे अन्य डिजिटल एसेट में ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बनी एक सुरक्षित क्रिप्टोग्राफी होती है, जो असल में एक काफी जटिल सॉफ्टवेयर कोडिंग होती है.

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर कसेगा सरकार का शिकंजा

पिछले कुछ सालों में युवाओं का रुझान क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर काफी बढ़ा है. फिलहाल देश का क्रिप्टोकरेंसी मार्केट सरकार के रेग्युलेशन के दायरों से बाहर है. सरकार इसके रेग्युलेशन के लिए बिल तैयार कर रही है. भारत सरकार ने देश में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को रेग्युलेट करने के इस फैसले के कुछ महीनों बाद ही DGGI ने क्रिप्टोकरेंसी सर्विस प्रोवाइडर्स (Cryptocurrency Service Providers) के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई की है. वीडियो:इनकम टैक्स और GST राउंड अप 2021: टैक्स ढांचे और दरों के वो 21 बदलाव जो पूरे साल चर्चा में रहे

जानिए फेसबुक की क्रिप्टोकरेंसी 'लिब्रा' के बारे में सब कुछ

​क्या है लिब्रा?

फेसबुक ने इस साल जून में अपनी नई क्रिप्टोकरेंसी करेंसी 'लिब्रा' लॉन्च करने का ऐलान किया था. मगर दुनियाभर के नियामकों के बीच क्रिप्टोरकरेंसी को लेकर असमंजस के चलते इस योजना पर तलवार लटक गई. फेसबुक साल 2020 की पहली छमाही में लिब्रा को लॉन्च करने की योजना बना रही है.

फ्रांस और जर्मनी ने लिब्रा को यूरोप में ब्लॉक करने का फैसला किया है. वे इसके बजाय एक सर्वमान्य क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने के पक्ष में हैं. बताया जा रहा है कि लिब्रा को कॉर्पोरट निवेशकों और गैर-मुनाफा वाले सदस्यों द्वारा चलाया जाएगा. जानिए इससे जुड़ी हर जानकारी.

​नया डिजिटल सिक्का

​नया डिजिटल सिक्का

लिब्रा एक डिजिटल करेंसी होगी, जिसे रीयल वर्ल्ड एसेट्स का समर्थन हासिल होगा. इसमें बैंक और शॉर्ट टर्म सरकारी सिक्योरिटीज शामिल होगी. इसके जरिए निवेशकों का भरोसा जीतना और कीमतों को स्थिर रखने की चुनौती होगी.

लिब्रा भले ही हमेशा दूसरे एसेट्स के साथ कदमताल न करे, मगर करेंसी के धारकों को 'पूरी तरह आश्वस्त' किया जाएगा कि वे इसे एक्सचेंज रेट के आधार पर पारंपारिक करेंसी में बदल सकते हैं. लिब्रा की खरीद-फरोख्त एक्सचेजों के नेटवर्क पर होगी.

​तकनीक का इस्तेमाल

​तकनीक का इस्तेमाल

लिब्रा के जरिए लेनदेन को ब्लॉकचेन द्वारा चलाया और पूरा किया जाएगा. इसका हिसाब भी यही तकनीक रखेगी. इसके लिए कंप्यूटर का एक पूरा नेटवर्क खड़ा किया जाएगा. लिब्रा की ब्लॉकचेन तकनीक को स्वीकृति दी जाएगी. बिटकॉइन के साथ ऐसा नहीं है.

इसका अर्थ है कि सरकारी संगठनों से मान्यता प्राप्त इकाइया हैं कंप्यूटर चला सकती हैं. यह सॉफ्टवेयर एक 'ओपन सोर्स होगा' यानी कि संगठन से बाहर की कंपनियां इसके ऊपर ऐप बना सकी हैं. संगठन पांच साल के बाद स्वीकृति के बिना ब्लॉकचेन पेश करने की योजना कर सकता है.

​कौन होगा एसोसिएशन में?

​कौन होगा एसोसिएशन में?

लिब्रा के एसोसिएशन में 21 गैर-मुनाफा स्वतंत्र सदस्य होंगे. इसका बेस स्विट्जरलैंड के जेनेवा में होगा. यह इस डिजिटल सिक्के से जुड़े प्रमुख फैसलों की देख-रेख करेंगे. इन सदस्यों में ऊबर टेक्नोलॉजीज, वोडाफोन ग्रुप के साथ-साथ थ्राइव कैपिटल और एंड्रीसीन होरोविट्ज जैसी वेंचर कैपिटल फर्म भी जुड़ेंगी.

हालांकि, इस समूह को बड़ा झटका अक्टूबर में ही लगा, जब मास्टरकार्ड, वीजे और पेपैल जैसी दिग्गज वित्तीय कंपनियों ने इससे कन्नी काट ली. इस समूह में शामिल होने के लिए कम से कम $1 करोड़ का निवेश करने होगा. लॉन्च से पहले सदस्यों की संख्या 100 तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

हर सदस्य के पास एक वोट होगा. फेसबुक कैलिब्रा के जरिए इससे जुड़ेगा. कैलिब्रा को वह डिजिटल कंपनी है, जो लिब्रा को रखने के लिए डिजिटल वॉलेट देगी.

​वॉलेट की खास बातें

​वॉलेट की खास बातें

निवेशकों और मर्चेंट कैलिब्रा के जरिए लिब्रा को रखने, लेने और देने के लिए इस्तेमाल करेंगे. यह स्मार्टफोन में बतौर अलग एप के रूप में दी जाएगी. साथ ही फेसबुक मैसेंजर, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप पर भी इसकी मौजूदगी होगी. फेसबुक अपने हर प्रोडक्ट पर लिब्रा को उपलब्ध कराना चाहती है.

कंपनी मैसेजिंग सेवा पर लेन-देन और भुगतान के जरिए रेवेन्यू बढ़ाने का प्रयास कर रही है. चीन की सोशल मीडिया एप वीचैट पर ऐसा ही हो रहा है. ग्राहक बैंक खातों और फिजिकल स्टोर्स पर नकदी देकर लिब्रा को खरीद पाएंगे. कैलिब्रा का इंजीनियर्स ब्लॉकचेन तैयार कर रहे हैं.

फेसबुक का कहना है कि वे करेंसी और वॉलेट से जुड़े मामलों को अलग रखने वाली है. कैलिब्रा में भी 100 कर्मचारी है और सभी कैलिफोर्निया में फेसबुक के मुख्यालय और तल अविव में है. कैलिब्रा के कार्यकारी ने रॉयटर्स से कहा कर्मचारियों की संख्या बढ़ने के अलावा इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.

​निजता और सुरक्षा

​निजता और सुरक्षा

केलिब्रा का इस्तेमाल करने वाले हर शख्स को केवायसी करवाना होगा. इससे उसकी पहचान की पुष्टि होगी और वित्तीय क्राइम कम हो पाएगा. साइन-अप करने वाले हर यूजर्क को सरकारी आईडी के साथ निजी जानकारी भी देनी होगी. फोन खोने पर कैलिब्र हर संभव मदद प्रदान करेगा.

इसके अलावा, फेसबुक ने कहा कि जिन ग्राहकों को लिब्रा फ्रॉड के जरिए चोरी होंगे, उन्हें रिफंड भी दिया जाएगा. कैलिब्रा सिर्फ फेसबुक के साथ डेटा शेयर करेगी और ग्राहक की स्वीकृति से ही थर्ड पार्टी के साथ इसे साझा किया जाएगा. कानूनी मसलों पर भी इसे साझा किया जा सकता है.

फेसबुक ने शपथ ली है कि वह एड टार्गेट के लिए केलिब्रा के डेटा का इस्तेमाल नहीं करेगी. रॉयटर्स की जानकारी के अनुसार, लिब्रा के प्रयोग पर बिजनेस को ग्राहकों की वही जानकारी दिखाई जाएगी, जो उन्हें क्रेडिट कार्ड के जरिए लेन-देन पर दिखाई जाती है.

​नियम व कानून

​नियम व कानून

लिब्रा के लॉन्च के ऐलान के बाद से दुनिया भर के नियामक इसपर सवाल उठा रहे हैं. वे वित्तीय तंत्र पर इसके दुष्प्रभाव को लेकर चिंतित हैं. साथ ही उन्हें निजता और पैसे के दुरुपयोग होने का भी भय है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल भी कई 'गंभीर चिंताएं' जता चुके हैं.

सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह ने जुलाई चेतावनी दी थी कि वे लिब्रा को तब तक इजाजत नहीं देंगे, जब तक सभी मसलों का हल नहीं निकल जाता. फ्रांस और जर्मनी के वित्त मंत्रियों के अनुसार, वर्चुअल करेंसी से ग्राहकों, वित्तीय स्थिरता और यूरोपीय देशों को खतरा है.

फेसबुक ने इस बाबत अपना रुख साफ कर दिया है. कंपनी का कहना है कि जब तक अमेरिकी नियामक संतुष्ट हैं, वह लिब्रा को पूरी दुनिया में स्थापित करने वाली है.

Web Title : all-you-need-to-know-about-facebooks-cryptocurrency-libra
Hindi News from Economic Times, TIL Network

Cryptocurrency: थम नहीं रहा क्रिप्टो मार्केट में आया भूचाल, ब्लॉकचेन ने 25 फीसद कर्मचरियों को नौकरी से निकाला

Cryptocurrency हेज फंड थ्री एरो कैपिटल के दिवालिया होने की खबरों के बाद क्रिप्टो बाजार में कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम उठा तूफान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक क्रिप्टो एक्सचेंज अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (Cryptocurrency exchange) ब्लॉकचेन डॉट कॉम (Blockchain.com) ने वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच अपने 25 प्रतिशत कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। कंपनी ने लगभग 150 कर्मचारियों की छंटनी की है। डिजिटल एसेट ट्रेडिंग फर्म ब्लॉकचैन ने कहा कि वह अपने अर्जेंटीना स्थित कार्यालयों को बंद कर देगी। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह वैश्विक स्तर पर विस्तार की अपनी योजना पर फिलहाल विराम लगा रही है।

Mcap of BSE listed firms at all time high

कॉइनडेस्क (CoinDesk) की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टो प्लेटफॉर्म ने कहा है कि जिन लोगों को नौकरी से निकला गया है, उन्हें चार सप्ताह से लेकर 12 सप्ताह तक के लाभ प्रदान किए जाएंगे। बता दें कि कंपनी ने हाल ही में दिवालिया हुए हेज फंड (Hedge Fund) को उधार देने के चलते 270 मिलियन डॉलर के नुकसान का खुलासा किया था। कर्मचारियों की संख्या में कटौती का निर्णय बाजार की स्थितियों और वित्तीय नुकसान को सहन करने की जरूरत के अनुसार लिया गया है।

क्रिप्टो बाजार में बढ़ती उथल-पुथल

नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों में से लगभग 44 प्रतिशत अर्जेंटीना, 26 प्रतिशत अमेरिका और 16 प्रतिशत यूके और बाकी अन्य देशों में हैं। ब्लॉकचेन डॉट कॉम अपने संस्थागत ऋण व्यवसाय को भी कम कर रहा है। इसके साथ ही वह सभी प्रकार के विलय और अधिग्रहण को रोक रहा है और गेमिंग के अलावा एनएफटी के विस्तार पर रोक लगा रहा है।

बता दें कि कई क्रिप्टो एक्सचेंजों और ऋण देने वाले प्लेटफार्मों ने हाल के महीनों में अपने कर्मचारियों की संख्या को कम कर दिया है। क्रिप्टो एक्सचेंज जेमिनी (Crypto Exchange Gemini) भी लगातार अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी कर रहा है। कुछ समय पहले बाजार की अस्थिर हालात को देखते हुए जेमिनी ने लगभग 10 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। आगे भी जेमिनी में छंटनी जारी रहेगी। पिछले हफ्ते, एनएफटी मार्केटप्लेस ओपनसी के सह-संस्थापक और सीईओ डेविन फिनजर ने घोषणा की कि प्लेटफॉर्म अपने कुल का लगभग कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम 20 प्रतिशत की छंटनी कर रहा है। क्रिप्टोकरेंसी उधार देने वाली कंपनी सेल्सियस नेटवर्क (Celsius Network) ने भी हाल में ही अपने 150 कर्मचारियों की छंटनी की है। कंपनी ने इसके लिए बाजार की चरम स्थितियों और अमेरिका में बढ़ती मंदी को जिम्मेदार ठहराया है। इसकी शुरुआत लोकप्रिय क्रिप्टो टोकन जैसे बिटकॉइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) के अपने रिकॉर्ड ऊंचाई से लगभग 70 प्रतिशत नीचे आने के बाद हुई।

क्रिप्टोकरेंसी में आई भारी गिरावटः बिटकॉइन, इथेरियम समेत जानें कौन-कौनसे टोकन हुए धड़ाम

क्रिप्टोकरेंसी में आई भारी गिरावटः बिटकॉइन, इथेरियम समेत जानें कौन-कौनसे टोकन हुए धड़ाम

पिछले 24 घंटे में क्रिप्टोकरेंसी के प्राइसेज में भारी गिरावट देखने को मिली है। मंगलवार को बिटकॉइन की वैल्यू में 5.96 फीसदी की गिरावट देखी गई है, जिसके बाद यह 16,12,002 रुपये पर कारोबार कर रहा है। बिटकॉइन का मार्केट कैपिटलाइजेशन 31.0 लाख करोड़ रुपये का है। इसके अलावा इथेरियम में भी 8.25 फीसदी की कमी देखी गई है। वर्तमान में इथेरियम 1,19,980 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 14.7 लाख करोड़ रुपये का है।

BNB कॉइन 25,986 रुपये पर कारोबार कर रहा है। कल की तुलना में BNB की वैल्यू में 6.78 फीसदी की गिरावट देखी गई है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 4.2 लाख करोड़ रुपये का है। आज रिपल XRP की कीमत 35.39 रुपये (9.01 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहा है। कार्डानो और डॉजकॉइन की कीमत क्रमशः 31.27 रुपये (6.78 फीसदी नीचे) और 8.21 रुपये (14.89 फीसदी नीचे) बनी हुई है।

सोलाना 2,144.4 रुपये (19.34 फीसदी नीचे), शीबा इनु कॉइन 0.000888 रुपये (10.14 फीसदी नीचे), पोल्का डॉट 534.87 रुपये (5.63 फीसदी नीचे) और पॉलीगॉन वर्तमान में 89.7 रुपये (10.40 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं। साप्ताहिक चार्ट के आधार पर सोलाना 21.77 फीसदी नीचे और पोल्का डॉट 3.51 फीसदी नीचे है। शीबा इनु पिछले सात दिनों में अपने मूल्य से 17.65 फीसदी नीचे और पॉलीगॉन 19.89 फीसदी ऊपर है।

टॉप गेनर टोकन लिस्ट में वीचेन, टॉनकॉइन, चेनलिंक और ट्रूUSD शामिल है। ये क्रमशः 2.19 रुपये (4.48 फीसदी ऊपर), 135.55 रुपये (3.79 फीसदी ऊपर), 675.58 रुपये (0.12 फीसदी ऊपर) और 82.05 रुपये (0.12 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।

स्थिर कॉइन बिना अस्थिरता वाली क्रिप्टोकरेंसी हैं। यह इथेरियम के ही रूप की तरह हैं, लेकिन पारंपरिक मुद्रा की तरह उनका मूल्य स्थिर रहता है। इन टोकन का इस्तेमाल इथेरियम के लिए भी कर सकते हैं। लोकप्रिय टोकन में टेथर USD, USD कॉइन और बिनेंस USD क्रमशः 81.93 रुपये (0.27 फीसदी नीचे), 82 रुपये (0.20 फीसदी नीचे) और 81.97 रुपये (0.20 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।

टॉप लूजर की लिस्ट में FTX टोकन, सोलाना, ऐप्टॉस और यूनिस्वैप शामिल हैं। ये क्रमशः 1,293.06 रुपये (28.92 फीसदी नीचे), 2,148.48 रुपये (19.21 फीसदी नीचे), 505.37 रुपये (15.46 फीसदी नीचे) और 526.13 रुपये (कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम 15.09 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।

ट्रैफिक, लिक्विडिटी, ट्रेडिंग वॉल्यूम और ट्रेडिंग वॉल्यूम की वैधता में विश्वास के हिसाब से टॉप-3 क्रिप्टोकरेंसी स्पॉट एक्सचेंज में बायनेन्स, FTX और कॉइनबेस एक्सचेंज शामिल हैं। बायनेन्स और कॉइनबेस एक्सचेंज में 24 घंटे के अंदर क्रमशः 2.2 लाख करोड़ रुपये (86.74 फीसदी ऊपर) और लगभग 26,695 करोड़ रुपये (91.59 फीसदी ऊपर) वॉल्यूम पर देखा गया है। कॉइनबेस एक्सचेंज में लगभग 22,625 करोड़ रुपये (84.68 फीसदी ऊपर) वॉल्यूम पर देखा गया है।

DeFi उन शुल्कों को समाप्त करता है, जो बैंक और अन्य वित्तीय कंपनियां अपनी सेवाओं का उपयोग करने के लिए चार्ज करती हैं। इसमें लेन-देन के लिए डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल होता है। Dai, एवंलॉन्च, यूनिस्वैप, रैप्ड बिटकॉइन और चेनलिंक कुछ लोकप्रिय DeFi टोकन हैं। वे वर्तमान में क्रमशः 81.96 रुपये (0.02 फीसदी ऊपर), 1,341.65 रुपये (11.17 फीसदी नीचे), 523.20 रुपये (13.57 फीसदी नीचे), 16,13,740.45 रुपये (5.54 फीसदी नीचे) और 674.72 रुपये (0.39 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।

NFT (नॉन फंजिबल टोकन) में फंगिबिलिटी एक अर्थशास्त्र शब्द है जो कुछ सामानों की अदला-बदली को दर्शाता है। यह भी ब्लॉकचेन की तरह तकनीक पर काम करते हैं। फ्लो, चिलीज, ऐपकॉइन, तेजोस और द सैंडबॉक्स जैसे कुछ प्रमुख NFT टोकन हैं। ये वर्तमान में क्रमशः 129.40 रुपये (10.36 फीसदी नीचे), 19.70 रुपये (11.86 फीसदी ऊपर), 348.58 रुपये (9.08 फीसदी नीचे), 104.35 रुपये (8.44 फीसदी नीचे) और 63.35 रुपये (9.36 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।

मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो की मार्केट कैपिटलाइजेशन 79.6 लाख करोड़ रुपये है, जबकि पिछले 24 घंटों में कुल क्रिप्टो वॉल्यूम 9.4 लाख करोड़ रुपये है।

रेटिंग: 4.82
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 601
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *