इक्विटी निवेश

समिति, जिसका गठन मूल रूप से इस साल के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित किया गया था, को नियामक नीति और कराधान से ‘एंड-टू-एंड घर्षण’ और ‘संभावित त्वरक’ का व्यापक व्यवस्थित अध्ययन करने का कार्य सौंपा गया है। भारत में निवेश को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ ‘निवेश में आसानी’ की सुविधा के लिए। पैनल को अपने विचार-विमर्श और हितधारकों के साथ बातचीत के दौरान किसी भी अन्य क्षेत्रों के अलावा स्टार्ट-अप और सूर्योदय क्षेत्रों में निवेश को तेज करने के उपायों का सुझाव देने के लिए भी कहा गया है। वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करने का भी आग्रह किया गया है ताकि सिफारिश की जा सके कि उन्हें ‘भविष्य के उपायों और भविष्य के लिए तैयार नियामक प्रथाओं’ के साथ कैसे अनुकरण किया जाए।
इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश का बेहतर तरीक़ा
इक्विटी फंड एक म्यूचुअल फंड है, जो मुख्य इक्विटी निवेश रूप से शेयरों में निवेश करता है। इक्विटी फंड को स्टॉक फंड के रूप में इक्विटी निवेश भी जाना जाता है। इक्विटी फंड विभिन्न बाजार पूंजीकरण की कंपनियों के शेयरों में निवेश करके उच्च रिटर्न उत्पन्न करता है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश
वे डेट फंड्स और फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा रिटर्न देने की श्रमता रखते हैं, कंपनी का प्रदर्शन ही निवेशकों के रिटर्न को तय करता है। इक्विटी फंड में निवेश करने का प्राथमिक लाभ यह है कि आपको निवेश करने के लिए शेयरों और क्षेत्रों को चुनने के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है।
पोर्टफोलियो विविधीकरण ( portfolio diversification ) जब आप इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते हैं तो आपको विभिन्न शेयरों में एक्सपोज़र मिलता है। म्यूचुअल फंड स्कीम में आपको छोटे रूप में निवेश करने ओर विविध पोर्टफोलियो बनाने की अनुमति मिलती है। डायरेक्ट शेयरों में निवेश की तुलना में पोर्टफोलियो विविधीकरण जोखिम इक्विटी निवेश को कम करने में मदद करता है| इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाएं निवेश के लिए सस्ती ओर विविध मॉडल हैं।
EQUITY MUTUAL FUND: इक्विटी म्यूचुअल फंड को फरवरी में मिला 19,705 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश
Published: March 9, 2022 4:16 PM IST
EQUITY MUTUAL FUND: इक्विटी म्यूचुअल फंड (EQUITY MUTUAL FUND) में फरवरी, 2022 में 19,705 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया है. यह लगातार 12वां महीना है जब शुद्ध रूप से मासिक प्रवाह बढ़ा है वह भी शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव तथा विदेश संस्थागत निवेशकों द्वारा बिकवाली जारी रहने के बीच.
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म्यूचुअल फंड कंपनियों के निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा जनवरी, 2022 में 14,888 करोड़ रुपये और दिसंबर, 2021 में 25,077 रुपये था.
इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी योजनाओं में शुद्ध रूप से प्रवाह मार्च, 2021 से लगातार जारी है और इस दौरान शुद्ध रूप से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का पूंजी निवेश हुआ. यह म्यूचुअल फंड की इक्विटी से जुड़ी योजनाओं के प्रति निवेशकों के सकारात्मक रुझान को दर्शाता है.
इससे पहले इस तरह की योजनाओं से लगातार आठ माह जुलाई, 2020 से फरवरी 2021 के बीच 46,791 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी.
उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) फरवरी के अंत में घटकर 37.56 लाख करोड़ रुपये रह गईं, जो जनवरी के अंत में 38.01 लाख करोड़ रुपये थीं.
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एम. दामोदरन उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी निवेश पर पैनल का नेतृत्व करेंगे
सरकार ने 13 सितंबर को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार वीसी/पीई निवेश को बढ़ाने के तरीके सुझाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। छह सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता सेबी के पूर्व अध्यक्ष एम दामोदरन करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि विशेषज्ञ समिति जांच करेगी और नियामक और अन्य मुद्दों के समाधान के लिए उचित उपाय सुझाएगी ताकि वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टमेंट द्वारा निवेश बढ़ाया जा सके।
क्या आप चेन्नई सुपर किंग्स इक्विटी निवेश और रिलायंस रिटेल में निवेश करना चाहते हैं? जानिए कैसे!
नए जमाने के ब्रोकर और क्रांतिकारी तकनीकी प्लेटफार्मों के माध्यम से रिटेल निवेशकों (आपके और हमारे जैसो) के लिए शेयर बाजारों में निवेश करना बहुत आसान हो गया है। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है, कि आप ओयो रूम्स, चेन्नई सुपर किंग्स और रिलायंस रिटेल जैसी निजी कंपनियों में कैसे निवेश कर सकते हैं?
आपने मशहूर निवेशक राकेश झुनझुनवाला इक्विटी निवेश पर प्री-आईपीओ कंपनियों में निवेश करके करोड़ों कमाने पर लेख पढ़ा होगा। दशकों तक, निजी इक्विटी बाजार केवल हाई -नेटवर्थ वाले व्यक्तियों (high net-worth individuals) और उनके जैसे उद्यम पूंजीपतियों के लिए ही सुलभ थे। लेकिन आज चीजें बदल रही हैं! इस लेख में, भारत के निजी इक्विटी बाजार और शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने से पहले आप फर्मों में कैसे निवेश कर सकते हैं, इसके बारे में अधिक जानेंगे।
निजी इक्विटी क्या है?
भारत में हम अक्सर प्रमुख उद्यम पूंजीपतियों और हाई -नेटवर्थ वाले व्यक्तियों द्वारा निजी स्वामित्व वाली कंपनियों( privately-owned companies) या स्टार्टअप में निवेश करने की खबरें सुनते हैं। इन निवेशों को बाजार के संदर्भ में निजी इक्विटी (private equity) के रूप में उल्लेखित किया जाता है। यह, फर्मों को अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों को चलाने, नए उत्पादों या प्रौद्योगिकी पर काम करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। इस तरह के निजी निवेश का उपयोग विस्तार, विविधीकरण या अधिग्रहण के लिए भी किया जाता है। अपनी व्यापक वित्तीय संसाधन के साथ, संस्थानों को आकर्षक व्यवसाय मॉडल तक पहली पहुंच मिलती है। जैसे-जैसे कंपनियां बढ़ती हैं और सार्वजनिक हो जाती हैं, ये शुरुआती निवेशक और प्रमोटर अपने शेयर बहुत अधिक मूल्य पर बेचते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, भारत इक्विटी निवेश में स्थित निजी कंपनियां और स्टार्टअप अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करके फले-फूले हैं। 2020 में, निजी बाजार में निवेश सार्वजनिक बाजार की तुलना में 2.5 गुना अधिक था। EY रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फर्मों में PE और उद्यम पूंजी निवेश इक्विटी निवेश 2021 में 77 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, 2020 की तुलना में 62% की वृद्धि। हमारे देश में ई-कॉमर्स, फिनटेक और एड-टेक सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र हैं। ऐसेमे भारतीय व्यवसायों में कौन निवेश नहीं करना चाहेगा।
मैं निजी कंपनियों में कैसे निवेश कर सकता हूं?
रिटेल निवेशकों के रूप में, हम अक्सर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए नए तरीकों की तलाश इक्विटी निवेश करते हैं। इस प्रकार, निजी कंपनियों की इक्विटी में निवेश करने से हम उनकी विकास के सफ़रका हिस्सा बन सकते हैं। इस तरह के निवेश अब लीडऑफ (Leadoff) इक्विटी निवेश नामक एक नए मंच के माध्यम से संभव हैं, जिसका उद्देश्य भारतीयों के लिए निजी इक्विटी का लोकतंत्रीकरण करना है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म अनिवार्य रूप से प्रवेश की बाधा को तोड़ता है और आपको प्रमुख निजी कंपनियों में निवेश करने की अनुमति देता है। यह एक सहज एवं सरल निवेश मंच प्रदान करने के लिए बिचौलियों और समय लेने वाली प्रलेखन प्रक्रियाओं को कम करता है। आप इसकी मदत से चेन्नई सुपर किंग्स, जल्द ही सार्वजनिक होने वाली Oyo Rooms, PharmEasy, और Reliance Retail जैसी कंपनियों में निवेश कर इक्विटी निवेश सकते हैं, जिसकी न्यूनतम राशि केवल 10,000 रुपये है! इन उच्च-विकास फर्मों की वित्तीय रिपोर्टों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों के माध्यम से कोई भी तर्कसंगत निवेश का निर्णय ले सकते है। निवेशकों को निवेश करने से पहले हमेशा इन रिपोर्टों को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए।
यह कैसे काम करता है?
लीडऑफ़ ने निजी स्वामित्व वाली कंपनियों के शुरुआती निवेशकों, संस्थापकों और अन्य शेयरधारकों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया है। इस प्रकार, वे विभिन्न संस्थाओं से शेयर प्राप्त करते हैं और उन्हें सीधे अपने प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं को हस्तांतरित करते हैं। शेयर की कीमतों का मूल्यांकन संबंधित कंपनियों और उनकी ऑडिटिंग फर्मों द्वारा किया जाता है। और जब आप ऑर्डर देते हैं, तो लीडऑफ़ इक्विटी निवेश शेयरों को सीधे आपके मौजूदा डीमैट खाते में स्थानांतरित कर देता है!
प्लेटफ़ॉर्म बैंक-स्तरीय सुरक्षा और उपयोगकर्ता के अनुकूल डैशबोर्ड प्रदान करता है ताकि आप अपने लेनदेन पर नज़र रख सकें। पोजीशन/होल्डिंग्स को कंपनी शेयर बायबैक के माध्यम से या सार्वजनिक लिस्टिंग के समय बाहर निकाला जा सकता है। साथ ही, भारत में निजी इक्विटी शेयरों में किए गए सभी लेनदेन कानूनी हैं!
निवेश करने का निर्णय लेने से लेकर वास्तव में शेयर प्राप्त करने तक, आप 3 आसान चरणों में लेनदेन करने के लिए सक्षम होंगे: