बाइनरी ऑप्शन्स

ग्रोथ या डिविडेंड?

ग्रोथ या डिविडेंड?
अगर आप अपनी यूनिट्स को 3 वर्ष के बाद बेचते हैं, तो आपको मुनाफे 20% (indexation के बाद) टैक्स देना होगा|

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव : कहां करें निवेश?

इन दिनों शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। लेकिन इस उतार-चढ़ाव के दौर में भी निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बाजार में निवेश का एक ऐसा भी विकल्प है, जहां उतार-चढ़ाव का इस्तेमाल प्रतिफल हासिल करने के लिए किया जाता है। यह विकल्प है आर्बिट्राज फंड।

क्या है आर्बिट्राज फंड?

बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए आर्बिट्राज फंड निवेश का एक बेहतर विकल्प है। ये इक्विटी म्युचुअल फंड की श्रेणी में आते हैं। मतलब इसमें कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है। जबकि बाकी निवेश डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में किया जाता है। आर्बिट्राज फंड इक्विटी मार्केट के कैश और फ्यूचर (डेरिवेटिव) सेगमेंट में किसी शेयर की कीमत में अंतर का फायदा उठाकर प्रतिफल देते हैं। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव वाले दौर में दोनों सेगमेंट के बीच कीमतों का अंतर बढ़ जाता है। जब बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ता है, तब ये फंड ज्यादा प्रतिफल देते हैं, लेकिन जब उतार-चढ़ाव कम होता है ग्रोथ या डिविडेंड? तो प्रतिफल में भी कमी आती है।

ग्रोथ या डिविडेंड किस विकल्प में निवेश करें?

ग्रोथ विकल्प में आपके पास पैसा केवल यूनिट्स बेचें पर आता है| ऐसे में आपको कैपिटल गेन्स हो सकते हैं और उस पर आपको टैक्स देना होगा|

डिविडेंड विकल्प में आपके dividend पर DDT (डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स) लगता है|

इसलिए आपका निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा की आपको किस पर कम टैक्स देना होगा|

Capital gain पर या Dividend पर?

अगर कैपिटल gain पर कम टैक्स देना होगा, तो Growth option बेहतर है|

अगर dividend पर कम टैक्स देना होगा, तो Dividend विकल्प बेहतर है|

म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर या dividend मिलने पर कितना टैक्स देना होता है?

इस बारे में मैंने इस पोस्ट में विस्तार से चर्चा करी है|

संक्षिप्त में जानकारी के लिए नीचे देख सकते हैं|

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड (Equity Mutual Fund) में क्या करना चाहिए?

देखिये इक्विटी म्यूच्यूअल फंड में कम अवधि के लिए निवेश करना अच्छा विचार नहीं है|

अगर आप एक वर्ष से अधिक के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको capital gain पर 10.4% टैक्स देना होगा| यहीं आपको dividend पर तकरीबन 11.5% का टैक्स देना होगा|

इसलिए ग्रोथ option बेहतर है|

अगर आप इक्विटी फण्ड में निवेश कर रहे हैं, तो ग्रोथ विकल्प (Growth option) में ही निवेश करें|

कुछ निवेशकों नियमित आय के लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के विकल्प में निवेश करते हैं| यह एक बुरा आईडिया है| पहले तो dividend की कोई गारंटी नहीं है| दूसरी बात आप Growth option के यूनिट्स बेचकर भी अपनी ज़रुरत पूरी कर सकते हैं| टैक्स भी कम लगेगा| मैंने इस विषय पर दूसरे पोस्ट में विस्तार से चर्चा करी है|

Mutual Fund में पैसा लगाने वालों को ग्रोथ ऑप्शन चुनना चाहिए या डिविडेंड, जानिए नफा-नुकसान

 Mutual Funds में निवेश के लिए एसआईपी एक बेहतर विकल्प माना जाता है.

Mutual Funds में निवेश के लिए एसआईपी एक बेहतर विकल्प माना जाता है.

म्यूचुअल फंड के निवेशक ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प को लेकर अक्सर उलझन में रहते हैं. हम यहां आपको ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प के बारे में बता रहै हैं. इससे आपको स्कीम में निवेश करते वक्त सही फैसला लेने में मदद मिलेगी. निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए सही निवेश रणनीति सबसे जरूरी चीज है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 10, 2021, 07:36 IST

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोग हमेशा उन तरीकों को अपनाना चाहते हैं जिस पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके. इसी तरह म्यूचुअल फंड के निवेशक ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प को लेकर अक्सर उलझन में रहते हैं. हम यहां आपको ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प के बारे में बता रहै हैं. इससे आपको स्कीम में निवेश करते वक्त सही फैसला लेने में मदद मिलेगी.

ग्रोथ ऑप्शन
आइए समझते हैं कि ग्रोथ ऑप्शन में क्या होता है. मान लीजिए किसी ने 10 रुपये की एनएवी प्राइस पर 100 यूनिट खरीदी. उसने कुल 1 हजार रुपये इन्वेस्ट किए. 5 साल बाद उस एनएवी की वैल्यू 30 रुपये हो गई तो उसे एक एनएवी पर 20 रुपये का फायदा हुए. यानी अब उसे कुल फायदा 2 हजार रुपये का हुआ.

Money Guru: क्या हो मुनाफे की स्ट्रैटेजी? वैल्यू या ग्रोथ, एक्सपर्ट से यहां समझें क्या है सही

Investment strategy of profit: मुनाफे की स्ट्रैटेजी क्या हो, यह समझना भी बेहद जरूरी है. यह वैल्यू के एंगल से या ग्रोथ के एंगल से महत्वपूर्ण हो सकता है, ताकि आपका पोर्टफोलियो और मजबूत बन सके.

Investment strategy of profit: किसी भी निवेश में एक सही और सटीक स्ट्रैटेजी बड़ी भूमिका निभाते हैं. इसकी दम पर आप सही समय पर बेहतर मुनाफा ग्रोथ या डिविडेंड? हासिल कर लेते हैं. अब मुनाफे की स्ट्रैटेजी (investment strategy) क्या हो, यह समझना भी बेहद जरूरी है. यह वैल्यू के एंगल से या ग्रोथ के एंगल से महत्वपूर्ण हो सकता है, ताकि आपका पोर्टफोलियो और मजबूत बन सके. इसी बात को लेकर क्रिडेन्स वेल्थ एडवायजर्स के सीईओ कीर्तन शाह यहां इसकी चर्चा कर रहे हैं. आइए समझते हैं.

Dividend Paying Stocks in Sep: ये कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को देंगी डबल मुनाफा, समझिए डिविडेंड का फंडा

डिविडेंड का मतलब होता है कंपनियों की कमाई के लाभ के कुछ हिस्से को शेयरहोल्डर्स के बीच बांटा जाता है. हिंदी में इसे लाभांश कहते हैं. यह लाभांश कंपनी के बोर्ड के डायरेक्टर तय करते हैं कि कंपनी के नेट प्रॉफिट का कितना प्रतिशत डिविडेंड में बांटा जाए.

शेयर बाजार में निवेश करने पर निवेशकों को एक तो शेयरों के वैल्यू पर कमाई होती है, वहीं एक और रास्ता होता है, जिससे उन्हें निवेश का फायदा मिलता है. शेयर बाजार में डिविडेंड एक टर्म होता है, जो निवेशकों को डबल फायदा दिलवा सकता है. डिविडेंड का मतलब होता है कंपनियों की कमाई के लाभ के कुछ हिस्से को शेयरहोल्डर्स के बीच बांटा जाता है. हिंदी में इसे लाभांश कहते हैं. वित्त वर्ष के अंत में कंपनियां अपने मुनाफे में से टैक्स और दूसरे खर्चों का पैसा अलग करने के बाद जो शुद्ध मुनाफा बनता है, उसमें से लाभांश अपने शेयरहोल्डर्स को देती हैं. यह लाभांश कंपनी के बोर्ड के डायरेक्टर तय करते हैं कि कंपनी के नेट प्रॉफिट का कितना प्रतिशत डिविडेंड में बांटा जाए.

डिविडेंड से जुड़ी कुछ अहम बातें जो आपको जाननी चाहिए

- कंपनियों के प्रॉफिट के कुछ हिस्से को पात्र शेयरहोल्डर्स के साथ शेयर करना डिविडेंड का डिस्ट्रीब्यूशन है. डिविडेंड का पेमेंट और अमाउंट कंपनी के बोर्ड डायरेक्टर तय करते हैं.

- प्रति शेयर पर मिलने वाले डिविडेंड या लाभांश को डिविडेंड यील्ड कहते हैं.

- ये डिविडेंड देना या न देना किसी भी कंपनी का अपना फैसला होता है. ये अनिवार्य नियम नहीं है. पब्लिक सेक्टर की अधिकतर कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड ग्रोथ या डिविडेंड? देती हैं. कुछ प्राइवेट कंपनियां भी डिविडेंड यील्ड देती हैं.

- यह डिविडेंड हर तिमाही के नतीजे के साथ दिया जाता है. कुछ कंपनियां साल की आखिरी तिमाही में एक बार ही डिविडेंड देती है, जिसे फाइनल डिविडेंड कहा जाता है.

- यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वो डिविडेंड कब देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. कुछ कंपनियां साल में एक बार तो कुछ दो-तीन बार भी दे सकती हैं.

इस महीने आ सकते हैं कुछ चर्चित कंपनियों के डिविडेंड

LIC Housing Finance

फाइनेंशियल सेक्टर की बड़ी पीएसयू कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस इस महीने अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड यील्ड दे सकती हैं. BSE के मुताबिक, कंपनी ने प्रति शेयर पर 8.50 रुपये का डिविडेंड देने की घोषणा की है. कंपनी के शेयर 13 सितंबर को दोपहर 3.ग्रोथ या डिविडेंड? 30 बजे 436.50 रुपये पर बंद हुए. इसमें 1.05 अंक या 0.24% की तेजी दर्ज हुई थी. इसका एक्स-डेट 19 सितंबर, 2022 है.

Zee Entertainment

मीडिया कॉन्गलोमरेट ज़ी एंटरटेनमेंट प्रति शेयर 3 रुपये का डिविडेंड देगी. इसका एक्स डेट 15 सितंबर और रिकॉर्ड डेट 16 सितंबर है. इसका शेयर इस दौरान 0.24% या 0.65 अंक की तेजी के साथ 271 रुपये प्रति शेयर पर दर्ज हुआ.

Southern Gas Limited

सदर्न गैस लिमिटेड प्रति शेयर 50 रुपये का डिविडेंड यील्ड देगा. इसका एक्स और रिकॉर्ड डेट दोनों ही 15 सितंबर हैं.

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